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मालदीव : इस छोटे से देश से हैं भारत को ये 5 चिंताएं

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 27 जुलाई, 2017 07:54 PM
  • 27 जुलाई, 2017 07:54 PM
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एक ऐसा देश.. जो भारत से तो काफी छोटा है. लेकिन भारत को उससे 5 बड़ी चिंताएं हैं.

मालदीव में राजनीतिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हो रहा है. हंगामा भी ऐसा कि आर्मी को बुलाना पड़ा. उन्होंने संसद की नाकाबंदी कर विपक्षी नेताओं को घुसने नहीं दे रहे हैं. मालदीव में लड़ाई तो राजनीतिक है लेकिन इसकी चिंता भारत को हो सकती है.

मालदीव के पाक से अच्छे संबंध

मालदीव और पाकिस्तान के संबंध काफी अच्छे हैं. दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 26 जुलाई, 1966 से स्थापित है. संकंट के बीच मालदीव में 52वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. समारोह के लिए पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी शरीख हुए हैं. जहां वो तीन दिन तक रहेंगे और दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर करार होगा. मालदीव और भारत में पहले अच्छे संबंध हुआ करते थे लेकिन पाकिस्तान की वजह से थोड़ी खटास आ गई है.

मालदीव के युवा बन रहे हैं आतंकी

मालदीव में बढ़ती धार्मिक कट्टरता चिंता का विषय है. इसकी वजह है, मालदीव में उच्च शिक्षा का न होना. मालदीव में प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा का इंतज़ाम तो है लेकिन उच्च शिक्षा की बेहतर सुविधा नहीं होने के कारण छात्र पढ़ने के लिए पाकिस्तान जाते हैं. पाकिस्तान स्थित मदरसों में पढ़ाई कर अतिवादी विचारधारा को अपना रहे हैं और जब यही छात्र मालदीव लौटते हैं तो उस विचारधारा को फैलाते हैं. ऐसे में वो पाकिस्तान या मालदीव में नहीं बल्कि अन्य पड़ोसी देशों में आतंकवादी घटनाएं करते हैं. जो भारत के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय है.

मालदीव में राजनीतिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हो रहा है. हंगामा भी ऐसा कि आर्मी को बुलाना पड़ा. उन्होंने संसद की नाकाबंदी कर विपक्षी नेताओं को घुसने नहीं दे रहे हैं. मालदीव में लड़ाई तो राजनीतिक है लेकिन इसकी चिंता भारत को हो सकती है.

मालदीव के पाक से अच्छे संबंध

मालदीव और पाकिस्तान के संबंध काफी अच्छे हैं. दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 26 जुलाई, 1966 से स्थापित है. संकंट के बीच मालदीव में 52वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. समारोह के लिए पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी शरीख हुए हैं. जहां वो तीन दिन तक रहेंगे और दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर करार होगा. मालदीव और भारत में पहले अच्छे संबंध हुआ करते थे लेकिन पाकिस्तान की वजह से थोड़ी खटास आ गई है.

मालदीव के युवा बन रहे हैं आतंकी

मालदीव में बढ़ती धार्मिक कट्टरता चिंता का विषय है. इसकी वजह है, मालदीव में उच्च शिक्षा का न होना. मालदीव में प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा का इंतज़ाम तो है लेकिन उच्च शिक्षा की बेहतर सुविधा नहीं होने के कारण छात्र पढ़ने के लिए पाकिस्तान जाते हैं. पाकिस्तान स्थित मदरसों में पढ़ाई कर अतिवादी विचारधारा को अपना रहे हैं और जब यही छात्र मालदीव लौटते हैं तो उस विचारधारा को फैलाते हैं. ऐसे में वो पाकिस्तान या मालदीव में नहीं बल्कि अन्य पड़ोसी देशों में आतंकवादी घटनाएं करते हैं. जो भारत के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय है.

दक्षिण एशियाई देशों में मालदीव में ISIS का सबसे बड़ा प्रभाव

मालदीव के युवा दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस से काफी प्रभावित हैं. बता दें, पिछले साल ही मालदीव से करीब 250 लोग ISIS में शामिल होने गए थे. जिसमें कुछ लोग ईराक-सीरिया में लड़ते हुए मारे गए. 35 आतंकी वापिस मालदीव लौटे हैं जो साइबर हब के जरिए भारतीय युवाओं को आकर्षित करने की कोशिश में लगे रहते हैं.

चीन और मालदीव के अच्छे संबंध

चीन के भारत से संबंध कुछ अच्छे नहीं चल रहे हैं. सीमा बॉर्डर विवाद पर खूब खींचतान चल रही है और भारत मालदीव का इसलिए समर्थन नहीं करता क्योंकि उसके चीन और पाकिस्तान से संबंध अच्छे हैं. चीन मालदीव को टूरिज्म में भी काफी सपोर्ट करता है. पैसों से लेकर आर्मी शक्ति तक मालदीव चीन के भरोसे टिका है.

ऐसे ही तनातनी रही तो प्रभावित होंगे भारतीय टूरिस्ट

मालदीव में कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स हैं. भारतीय भी घूमने के लिए मालदीव को सबसे अच्छा स्पॉट मानते हैं. अगर वहां ऐसे ही तनातनी रही तो भारतीयों का वहां घूमना खतरे की घंटी बन सकता है. कुल मिलाकर मालदीव दिखने में तो भारत से बहुत ही छोटा देश है लेकिन ये 5 चिंताएं इस देश से भारत को हो सकती हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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