जब कभी बात 6 गेंदों में 6 छक्कों की हो, तो हर भारतीय की जुबां पर पहला नाम Yuvraj Singh का ही आता है. लेकिन अब युवराज सिंह ने क्रिकेट के सभी अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. अब युवराज सिंह ने तय किया है कि वह कैंसर रोगियों की मदद करेंगे. भले ही उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो, लेकिन 2011 का क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने में उनका अहम योगदान पूरा देश कभी नहीं भूल सकता है. क्रिकेट से retirement की घोषणा करते हुए वह बोलते-बोलते इमोशनल भी हो गए.
क्रिकेट को अलविदा कहते हुए युवराज बोले- 'मैंने अपने 25 साल के करियर और खास तौर पर 22 यार्ड वाले मैदान में 17 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. मैंने अब आगे बढ़ने का फैसला ले लिया है. इस खेल ने मुझे सिखाया कि कैसे लड़ना है, कैसे गिरना है, फिर उठना है, और आगे बढ़ जाना है. मैंने इस खेल के लिए खून-पसीना बहाया है और अब मेरी प्राथमिकता कैंसर रोगियों की मदद करना होगी.' युवराज सिंह भले ही क्रिकेट से दूर जाने का मन बना चुके हों, लेकिन भारतीयों की यादों में वह कभी रिटायर नहीं हो सकते. उनका खेल कोई नहीं भूल सकता... कभी नहीं.
6 गेंदों में 6 छक्के हमेशा युवराज की याद दिलाएंगे
ये बात 2007 की है, जब इंग्लैंड और भारत के बीच टी-20 वर्ल्ड कप हो रहा था. इस मैच में ही जब युवराज सिंह मैदान पर थे, तो उनकी इंग्लैंड के खिलाड़ी एंड्र्यू फ्लिंटॉफ के साथ बहस हो गई थी. इसके बाद उनके गुस्से ने मैदान पर जो कहर बरपाया, उसे देखकर इंग्लैंड के खिलाड़ियों के साथ-साथ पूरी दुनिया हैरान रह गई. युवराज ने स्टुअर्ट ब्रॉड की लगातार 6 गेंदों पर 6 छक्के मारे. वैसे तो युवराज...
जब कभी बात 6 गेंदों में 6 छक्कों की हो, तो हर भारतीय की जुबां पर पहला नाम Yuvraj Singh का ही आता है. लेकिन अब युवराज सिंह ने क्रिकेट के सभी अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. अब युवराज सिंह ने तय किया है कि वह कैंसर रोगियों की मदद करेंगे. भले ही उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो, लेकिन 2011 का क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने में उनका अहम योगदान पूरा देश कभी नहीं भूल सकता है. क्रिकेट से retirement की घोषणा करते हुए वह बोलते-बोलते इमोशनल भी हो गए.
क्रिकेट को अलविदा कहते हुए युवराज बोले- 'मैंने अपने 25 साल के करियर और खास तौर पर 22 यार्ड वाले मैदान में 17 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. मैंने अब आगे बढ़ने का फैसला ले लिया है. इस खेल ने मुझे सिखाया कि कैसे लड़ना है, कैसे गिरना है, फिर उठना है, और आगे बढ़ जाना है. मैंने इस खेल के लिए खून-पसीना बहाया है और अब मेरी प्राथमिकता कैंसर रोगियों की मदद करना होगी.' युवराज सिंह भले ही क्रिकेट से दूर जाने का मन बना चुके हों, लेकिन भारतीयों की यादों में वह कभी रिटायर नहीं हो सकते. उनका खेल कोई नहीं भूल सकता... कभी नहीं.
6 गेंदों में 6 छक्के हमेशा युवराज की याद दिलाएंगे
ये बात 2007 की है, जब इंग्लैंड और भारत के बीच टी-20 वर्ल्ड कप हो रहा था. इस मैच में ही जब युवराज सिंह मैदान पर थे, तो उनकी इंग्लैंड के खिलाड़ी एंड्र्यू फ्लिंटॉफ के साथ बहस हो गई थी. इसके बाद उनके गुस्से ने मैदान पर जो कहर बरपाया, उसे देखकर इंग्लैंड के खिलाड़ियों के साथ-साथ पूरी दुनिया हैरान रह गई. युवराज ने स्टुअर्ट ब्रॉड की लगातार 6 गेंदों पर 6 छक्के मारे. वैसे तो युवराज सिंह के अलावा भी 5 लोगों ने ऐसा कारनामा किया है, लेकिन सभी भारत के नहीं हैं. युवराज के अलावा भारत के सिर्फ रवि शास्त्री ने 1985 में ऐसा कारनामा किया था, लेकिन 6 गेंदों में 6 छक्कों के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय युवराज सिंह ही हुए हैं. अब सोचिए जरा, ऐसे शख्स को कौन भूल सकता है.
रनों की झड़ी लगा दी
अगर युवराज सिंह की उपलब्धियों की बात करें तो उन्होंने 40 टेस्ट मैचों में 33.92 के औसत से 1900 रन बनाए, जिसमें तीन शतक और 11 अर्धशतक शामिल रहे. टेस्ट क्रिकेट में 9 विकेट भी युवी के नाम पर दर्ज हैं. वनडे इंटरनेशनल में उन्होंने 36.55 के औसत से 8701 रन बनाए, जिसमें 14 शतक और 52 अर्धशतक शामिल रहे. वनडे में युवराज ने 111 विकेट हासिल किए. टी20 इंटरनेशनल में युवराज ने 1177 रन बनाए जिसमें आठ अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने टी20 इंटरनेशनल में 28 विकेट हासिल किए.
कैंसर से भी जीत ली जंग
क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करते समय युवराज सिंह कैंसर से लड़ने वाली बात करना भी नहीं भूले. उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में साथ देने के लिए इलाज करने वाले डॉक्टरों, परिवार और फैन्स का शुक्रिया अदा किया. आपको बता दें कि युवराज सिंह को फेफड़े का कैंसर हुआ था, जिसका इलाज बोस्ट में कैंसर अनुसंधान संस्थान में कीमोथेरेपी से हुआ. युवराज कहते हैं कि C अक्षर की उनकी जिंदगी में एक अहम भूमिका है. वह चंडीगढ़ में पैदा हुए, क्रिकेटर बने. वहीं दूसरी ओर, उन्हें कैंसर भी हो गया.
आपको बता दें कि कैंसर का दंश झेल चुके युवराज सिंह अब YouWeCan नाम का क्लोदिंग ब्रांड चलाते हैं, जिसके जरिए जरिए लोगों में कैंसर को लेकर जागरुकता भी फैलाई जाती है. साथ ही, कैंसर के इलाज के लिए जिन गरीब लोगों को पैसों की जरूरत होती है, युवराज उनकी मदद भी करते हैं. एक ऐसा शख्स को कैंसर जैसी भयानक बीमारी से जूझ रहे लोगों की मदद कर रहा है, उसे ये देश चाहकर भी नहीं भूल सकेगा.
स्टाइल भी ऐसा, जिसके लोग दीवाने हो जाएं
युवराज सिंह सिर्फ क्रिकेट के हीरो ही नहीं हैं, बल्कि उनका स्टाइल भी लोगों की दीवाना कर देने के लिए काफी है. युवराज सिंह कहते हैं कि उनके लिए फैशन की दुनिया में जाना उतना ही आसान है, जितना क्रिकेट मैदान की पिच पर जाना. वह अपने ब्रांड के लिए खुद ही मॉडलिंग करते हैं. यहां तक कि जब उनसे पूछा गया कि उनके हिसाब से सबसे स्टाइलिश क्रिकेटर कौन है तो उन्होंने हंसते हुए अपना ही नाम ले लिया था. डिजाइनर शांतनु और निखिल की मदद से उन्होंने अपना ब्रांड यूवीकैन लॉन्च कर के फैशन की दुनिया में कदम रखा.
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