• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
स्पोर्ट्स

राहुल द्रविड़ की वो खास बातें, जो उन्हें एक सफल कोच बनाती है

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 27 अक्टूबर, 2021 05:57 PM
  • 27 अक्टूबर, 2021 05:57 PM
offline
BCCI लंबे समय से टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) से संपर्क में थी. लेकिन, राहुल द्रविड़ की ओर से हर बार मना कर दिया गया था. टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) के बाद टीम इंडिया (Team India) को नया हेड कोच मिलना है. और, राहुल द्रविड़ ने हेड कोच पद के लिए एप्लीकेशन फाइल कर दी है.

टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) के बाद टीम इंडिया को नया हेड कोच मिलना है. बीसीसीआई (BCCI) की ओर से नए हेड कोच से लेकर सपोर्टिंग स्टाफ तक के पदों पर आवेदन मंगाए गए थे. इस बीच खबर है कि 'द वॉल' के नाम से मशहूर पूर्व भारतीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने हेड कोच पद के लिए एप्लीकेशन फाइल कर दी है. माना जा रहा है कि टीम इंडिया के हेड कोच (Team India Coach) के लिए राहुल द्रविड़ से बढ़िया उम्मीदवार कोई नहीं मिल सकता है. वहीं, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि टीम इंडिया के हेड कोच के लिए आवेदन मंगाकर बीसीसीआई केवल खानापूर्ति कर रही है. क्योंकि, राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का कोच बनने के लिए खुद बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने एप्रोच किया था. और, बड़ी मिन्नतों के बाद राहुल द्रविड़ इस पोस्ट पर आने के लिए राजी हुए हैं.

कहा जा रहा है कि बीसीसीआई लंबे समय से राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया (Team India) का कोच बनाने की कोशिश में लगा हुआ था. लेकिन, नेशनल क्रिकेट अकादमी यानी एनसीए (NCA) के डायरेक्टर पद से हटने से मना कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि राहुल द्रविड़ ने सोरव गांगुली समेत बीसीसीआई के अधिकारियों से मुलाकात के समय इस पद के बारे में सोचने के लिए समय मांगा था. वहीं, राहुल द्रविड़ के इस पद को लेकर आवेदन करने के साथ ही माना जा सकता है कि टी20 वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया को 'द वॉल' के रूप में एक नया हेड कोच मिलने वाला है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ऐसा क्या है जो राहुल द्रविड़ को एक सफल कोच बनाता है?

राहुल द्रविड़ के आवेदन करने के साथ ही तय हो गया है कि वो टीम इंडिया के कोच बनने जा रहे हैं.

नए खिलाड़ियों के 'भरोसे' की दीवार

भारतीय टीम की 'दीवार' कहे जाने वाले राहुल...

टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) के बाद टीम इंडिया को नया हेड कोच मिलना है. बीसीसीआई (BCCI) की ओर से नए हेड कोच से लेकर सपोर्टिंग स्टाफ तक के पदों पर आवेदन मंगाए गए थे. इस बीच खबर है कि 'द वॉल' के नाम से मशहूर पूर्व भारतीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने हेड कोच पद के लिए एप्लीकेशन फाइल कर दी है. माना जा रहा है कि टीम इंडिया के हेड कोच (Team India Coach) के लिए राहुल द्रविड़ से बढ़िया उम्मीदवार कोई नहीं मिल सकता है. वहीं, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि टीम इंडिया के हेड कोच के लिए आवेदन मंगाकर बीसीसीआई केवल खानापूर्ति कर रही है. क्योंकि, राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का कोच बनने के लिए खुद बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने एप्रोच किया था. और, बड़ी मिन्नतों के बाद राहुल द्रविड़ इस पोस्ट पर आने के लिए राजी हुए हैं.

कहा जा रहा है कि बीसीसीआई लंबे समय से राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया (Team India) का कोच बनाने की कोशिश में लगा हुआ था. लेकिन, नेशनल क्रिकेट अकादमी यानी एनसीए (NCA) के डायरेक्टर पद से हटने से मना कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि राहुल द्रविड़ ने सोरव गांगुली समेत बीसीसीआई के अधिकारियों से मुलाकात के समय इस पद के बारे में सोचने के लिए समय मांगा था. वहीं, राहुल द्रविड़ के इस पद को लेकर आवेदन करने के साथ ही माना जा सकता है कि टी20 वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया को 'द वॉल' के रूप में एक नया हेड कोच मिलने वाला है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ऐसा क्या है जो राहुल द्रविड़ को एक सफल कोच बनाता है?

राहुल द्रविड़ के आवेदन करने के साथ ही तय हो गया है कि वो टीम इंडिया के कोच बनने जा रहे हैं.

नए खिलाड़ियों के 'भरोसे' की दीवार

भारतीय टीम की 'दीवार' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ का बल्लेबाज के तौर पर बेहतरीन करियर रहा. वहीं, 2015 में भारत की अंडर-19 और भारत ए टीमों के कोच बनने पर भी राहुल द्रविड़ ने बीते 6 वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है. 2018 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी राहुल द्रविड़ ने ही मार्गदर्शन किया था. आसान शब्दों में कहें, तो टीम इंडिया में खेलने वाले और भविष्य में टीम के साथ जुड़ने वाले खिलाड़ियों में से ज्यादातर का भरोसा पहले से ही राहुल द्रविड़ के साथ जुड़ा हुआ है. किसी टीम के कोच और उसके खिलाड़ियों के बीच सबसे महत्वपूर्ण चीज भरोसा होता है. द्रविड़ का क्रिकेटिंग करियर उन्हें महान बल्लेबाजों में से एक बनाता है, जो युवाओं को उनकी काबिलियत में भरोसा करने के लिए काफी कहा जा सकता है. एनसीए में 6 सालों से कोच की भूमिका निभा रहे राहुल द्रविड़ की कोचिंग से गुजरते हुए कई खिलाड़ी टीम इंडिया तक पहुंचे हैं.

तकनीक से छेड़छाड़ केवल जरूरी होने पर

टीम का कोच हमेशा ही खिलाड़ियों को उनका नेचुरल गेम खेलने के लिए कहता है. उदाहरण के तौर पर अगर पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को राहुल द्रविड़ और द्रविड़ को सहवाग की तरह खेलने को कहा जाता, तो यह असंभव सी बात नजर आती है. कोच के तौर पर खिलाड़ियों के लिए राहुल द्रविड़ की फिलॉसफी बिल्कुल स्पष्ट है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, उनकी तकनीक के साथ छेड़छाड़ न करो. वह जैसा खेलते हैं, उन्हें वैसा ही खेलने दिया जाए. अनुभवी खिलाड़ियों में गिने जाने वाले श्रेयस अय्यर से लेकर यशस्वी जायसवाल, कमलेश नागरकोटी और अन्य तमाम युवा खिलाड़ियों ने कई बार खुले तौर पर माना है कि द्रविड़ की कोचिंग के दौरान प्लेयर्स के खेल पर उनका प्रभाव पड़ा है. खिलाड़ियों का कहना है कि द्रविड़ तकनीक से ज्यादा मुश्किल हालातों में खिलाड़ी के मानसिक और रणनीतिक रूप से मजबूती की ओर ध्यान देते हैं. 

शांत व्यवहार है द्रविड़ की यूएसपी

राहुल द्रविड़ अपने क्रिकेटिंग करियर के दौरान एक शांत बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते थे. एक कोच में भी इस गुण की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. एक कोच जितने शांत तरीके से अपने खिलाड़ियों की दिक्कतों को सुनेगा, वह उतना ही अपने खिलाड़ियों के करीब होगा. भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने श्रीलंका दौरे के खत्म होने पर कहा था कि मैं उनके साथ अनुभव को लेकर उत्सुक था. हम सभी जानते हैं कि वह कितने शांत हैं और कैसे काम करते हैं, ये वैसा ही था-जब वो हमें कोचिंग देते थे. आसान शब्दों में कहा जाए, तो शांत व्यवहार राहुल द्रविड़ की यूएसपी है. कप्तान विराट कोहली के तौर पर एक आक्रामक खिलाड़ी को समझने और समझाने के लिए टीम इंडिया को एक शांत व्यवहार वाले कोच की ही जरूरत थी. वैसे, राहुल द्रविड़ के टीम इंडिया का हेड कोच बनाए जाने को लेकर काफी माहौल बना दिया गया है. निश्चित तौर से द्रविड़ पर दबाव होगा. लेकिन, दबाव में यह खिलाड़ी हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जाना जाता रहा है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    महेंद्र सिंह धोनी अपने आप में मोटिवेशन की मुकम्मल दास्तान हैं!
  • offline
    अब गंभीर को 5 और कोहली-नवीन को कम से कम 2 मैचों के लिए बैन करना चाहिए
  • offline
    गुजरात के खिलाफ 5 छक्के जड़ने वाले रिंकू ने अपनी ज़िंदगी में भी कई बड़े छक्के मारे हैं!
  • offline
    जापान के प्रस्तावित स्पोगोमी खेल का प्रेरणा स्रोत इंडिया ही है
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲