• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
स्पोर्ट्स

सौरव गांगुली से सट्टेबाज भी खाते थे खौफ, जानिए क्यों?

    • आईचौक
    • Updated: 08 जुलाई, 2017 01:09 PM
  • 08 जुलाई, 2017 01:09 PM
offline
टीम इंडिया के बेहतरीन कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली से संपर्क करने में बड़े से बड़े सट्टेबाज भी डरते थे, आखिर क्यों प्रिंस ऑफ कोलकाता गांगुली से खौफ खाते थे सारे सट्टेबाज?

वर्ष 2000 में भारतीय क्रिकेट में भूचाल आया हुआ था, इससे निराशाजनक वक्त शायद ही भारतीय क्रिकेट टीम के फैंस ने कभी देखा हो. जिन खिलाड़ियों को वे भारत को जीत दिलाने के लिए सम्मान और फख्र से देखते हैं उन पर ही रुपयों की एवज में उस देश के सम्मान के साथ समझौता कर लेने का आरोप लगा था. मैच फिक्सिंग की कालिख भारतीय क्रिकेट के दामन को दागदार बना रही थी और पूरी दुनिया के सामने भारतीय क्रिकेट मजाक बनकर रह गई थी. बुकियों का बोलबाला था.

मैच फिक्सिंग के झटकों से बुरी तरह बिखर चुकी भारतीय क्रिकेट टीम की कमान 28 वर्षीय एक युवा को दी गई. तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये युवा कप्तान कामयाबियों की नई दास्तां लिखते हुए भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और उसे टीम इंडिया में तब्दील कर देगा.

इस खिलाड़ी का नाम था सौरव गांगुली, जिन्होंने अपनी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता से न सिर्फ टीम इंडिया को मैच फिक्सिंग के झटकों से उबारा बल्कि अपनी प्रेरणादायी कप्तानी से उसे दुनिया की सबसे ताकतवर टीमों में से एक बना दिया.

सौरव गांगुली को उनके कड़क मिजाज के लिए जाना जाता है. वह एक तेजतर्रार खिलाड़ी होने के साथ ही बेहद अनुशासनप्रिय कप्तान भी थे. सौरव के इस अंदाज से न सिर्फ साथी खिलाड़ी बल्कि मैच फिक्सिंग करने वाले बुकी भी खौफ खाते थे.

जी हां, सौरव गांगुली से सट्टेबाज खौफ खाते थे और इसीलिए उन्होंने कभी गांगुली को फिक्स करने की कोशिश नहीं की. हालांकि सट्टेबाजों की ये ख्वाहिश जरूर थी कि काश अगर वे कभी गांगुली को फिक्स करने में कामयाब हो जाएं तो उनका काम आसान हो जाएगा क्योंकि गांगुली को सेट करने का मतलब पूरी टीम सेट हो जाएगी. आइए जानें आखिर क्यों सट्टेबाज सौरव से खाते थे खौफ?

वर्ष 2000 में भारतीय क्रिकेट में भूचाल आया हुआ था, इससे निराशाजनक वक्त शायद ही भारतीय क्रिकेट टीम के फैंस ने कभी देखा हो. जिन खिलाड़ियों को वे भारत को जीत दिलाने के लिए सम्मान और फख्र से देखते हैं उन पर ही रुपयों की एवज में उस देश के सम्मान के साथ समझौता कर लेने का आरोप लगा था. मैच फिक्सिंग की कालिख भारतीय क्रिकेट के दामन को दागदार बना रही थी और पूरी दुनिया के सामने भारतीय क्रिकेट मजाक बनकर रह गई थी. बुकियों का बोलबाला था.

मैच फिक्सिंग के झटकों से बुरी तरह बिखर चुकी भारतीय क्रिकेट टीम की कमान 28 वर्षीय एक युवा को दी गई. तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये युवा कप्तान कामयाबियों की नई दास्तां लिखते हुए भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और उसे टीम इंडिया में तब्दील कर देगा.

इस खिलाड़ी का नाम था सौरव गांगुली, जिन्होंने अपनी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता से न सिर्फ टीम इंडिया को मैच फिक्सिंग के झटकों से उबारा बल्कि अपनी प्रेरणादायी कप्तानी से उसे दुनिया की सबसे ताकतवर टीमों में से एक बना दिया.

सौरव गांगुली को उनके कड़क मिजाज के लिए जाना जाता है. वह एक तेजतर्रार खिलाड़ी होने के साथ ही बेहद अनुशासनप्रिय कप्तान भी थे. सौरव के इस अंदाज से न सिर्फ साथी खिलाड़ी बल्कि मैच फिक्सिंग करने वाले बुकी भी खौफ खाते थे.

जी हां, सौरव गांगुली से सट्टेबाज खौफ खाते थे और इसीलिए उन्होंने कभी गांगुली को फिक्स करने की कोशिश नहीं की. हालांकि सट्टेबाजों की ये ख्वाहिश जरूर थी कि काश अगर वे कभी गांगुली को फिक्स करने में कामयाब हो जाएं तो उनका काम आसान हो जाएगा क्योंकि गांगुली को सेट करने का मतलब पूरी टीम सेट हो जाएगी. आइए जानें आखिर क्यों सट्टेबाज सौरव से खाते थे खौफ?

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली से सट्टेबाज खौफजदा रहते थे

गांगुली से खौफ क्यों खाते थे सट्टेबाज?

स्पोर्ट्सकीड़ा वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक हाल में फिक्सिंग के धंधे को छोड़ चुके एक पूर्व सट्टेबाज ने इस बात खुलासा किया कि कैसे सट्टेबाज सौरव गांगुली के नाम से ही खौफ खाते थे. इस सट्टेबाज ने बताया कि हर सट्टेबाज ये चाहता तो था कि वह किसी भी तरह गांगुली को सेट करने में सफल हो जाए लेकिन ऐसा करने की कभी किसी की हिम्मत नहीं हुई क्योंकि सभी जानते थे कि गांगुली कितने बड़े देशभक्त हैं.

साथ ही गांगुली के कड़क स्वभाव की वजह से सट्टेबाजों के बीच उनका जबर्दस्त खौफ था. उन लोगों को लगता था कि अगर कभी मैच फिक्सिंग के लिए गांगुली को अप्रोच किया गया और वे नाराज हो गए तो सट्टेबाजों का बिजनेस तक चौपट हो सकता था. इसी डर की वजह से लाख चाहने के बावजूद कभी कोई सट्टेबाज गांगुली के पास तक नहीं फटक सका.

'इस बुकी ने कहा, 'जब गांगुली कप्तान थे तब ज्यादातर बुकी उनसे मैच फिक्सिंग के लिए संपर्क करना चाहते थे. न सिर्फ गांगुली बल्कि सचिन और अनिल कुंबले को भी, क्योंकि वे जानते थे कि अगर वे इन खिलाड़ियों को अपनी तरफ मिलाने में कामयाब हो जाते हैं तो वे पूरी टीम को प्रभावित कर सकते हैं. लेकिन वे ये भी जानते थे कि ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि दादा सबसे ज्यादा देशभक्त कप्तानों में से थे. बुकी उन्हें संपर्क करने से डरते थे क्योंकि वे जानते थे वे उन्हें झिड़क देंगे. तो उनके बीच ये आम राय थी कि गांगुली को कभी खरीदा नहीं जा सकता, और किसी में उनसे संपर्क करने की हिम्मत नहीं थी क्योंकि इससे उनका बिजनेस खतरे में पड़ सकता था.'   

बुकीज के बारे में क्या कहना है गांगुली काः

जब सौरव गांगुली से ये पूछा गया कि उनसे कभी किसी बुकी ने संपर्क क्यों नहीं किया तो उनका जवाब था, 'शायद बुकी खिलाड़ियों से संपर्क करने से पहले उनके चरित्र के आधार पर उन्हें जज करते हैं. मैंने हमेशा खुद को ऐसा बनाने की कोशिश की जिससे मैं इस तरह की बकवास चीजों को बर्दाश्त नहीं करता. हां, खिलाड़ियों के बीच इन चीजों की चर्चा हुई, लेकिन ये उससे आगे कभी नहीं बढ़ा.'

सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने टेस्ट और वनडे दोनों में बेहतरीन प्रदर्शन किया और देश और विदेश में कई यादगार जीतें दर्ज कीं. खासकर विदेशी धरती पर जीत हासिल करना टीम इंडिया ने गांगुली की कप्तानी में ही सीखा था. उन्हें टीम इंडिया के सबसे महान कप्तानों में से एक गिना जाता है. उन्हें टीम इंडिया को दुनिया की सबसे ताकतवर टीमों में से एक में बदलने का श्रेय दिया जाता है.

टीम इंडिया को गांगुली से ज्यादा कामयाब कप्तान भले ही मिल जाए लेकिन उनके जैसे टेंपरामेंट वाला कप्तान शायद ही फिर कभी मिल पाए!

ये भी पढ़ें-

क्या गांगुली की वजह से शास्त्री नहीं कुंबले बने टीम इंडिया के कोच?

आक्रामक कोहली हैं सौरव गांगुली पार्ट-2

चैपल-गांगुली विवाद से अभी और पर्दे उठने बाकी

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    महेंद्र सिंह धोनी अपने आप में मोटिवेशन की मुकम्मल दास्तान हैं!
  • offline
    अब गंभीर को 5 और कोहली-नवीन को कम से कम 2 मैचों के लिए बैन करना चाहिए
  • offline
    गुजरात के खिलाफ 5 छक्के जड़ने वाले रिंकू ने अपनी ज़िंदगी में भी कई बड़े छक्के मारे हैं!
  • offline
    जापान के प्रस्तावित स्पोगोमी खेल का प्रेरणा स्रोत इंडिया ही है
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲