• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
स्पोर्ट्स

ओलंपिक में रवि दहिया को जिस पहलवान ने दांत से काटा, उसके बारे में आया दिल जीतने वाला बयान

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 15 अगस्त, 2021 09:49 AM
  • 15 अगस्त, 2021 09:49 AM
offline
Tokyo Olympic 2021 के कुश्ती के सेमीफाइनल मैच में कज़ाकस्तान के पहलवान ने अपने को बचाने के लिए ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया को दांत काटा था. इसपर जो जवाब पगलवान रवि दहिया ने दिया है वो किसी भी खेलप्रेमी को मंत्र मुग्ध कर सकता है.

टोक्यो ओलंपिक 2021 में अपने उत्कृष्ट खेल का परिचय देते हुए भारत ने कमाल कर दिया है. एक स्वर्ण पदक, दो रजत और 4 स्वर्ण के साथ भारत लौटे खिलाड़ी पूरे देश के गर्व का पर्याय बन गए हैं. वापसी के बाद तमाम कहानियां हैं जिनका जिक्र हो रहा है और ऐसी ही एक कहानी है कुश्ती में ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि दहिया की. जिन्होंने एक ऐसी बात कह दी है जो जीत हार से परे तो है ही. साथ ही इनमें ऐसा बहुत कुछ है जो किसी भी खेलप्रेमी को मंत्र मुग्ध कर देगा. कुश्ती में भारत के लिए गोल्ड मेडल के सबसे प्रबल दावेदारों में से एक और ओलंपिक में भारत को सिल्वर मेडल दिलवाने वाले रवि दहिया आजतक चैनल के कार्यक्रम 'जय हो' में आए और अपने खेल पर विस्तार से बात की. इनके अलावा रवि ने उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें टूर्नामेंट के दौरान कज़ाकस्तान के खिलाड़ी ने उन्हें दांत काटा था और बावजूद दर्द के, न केवल उन्होंने मैच जीता. बल्कि बाद में ओलंपिक के रजत पदक पर अपना कब्जा जमाया. रवि ने इसे खेल भावना से जोड़ते हुए कहा है कि उनका पूरा फोकस अगले ओलंपिक में गोल्ड पर है. 

रवि दहिया जैसे खिलाड़ी वाक़ई पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं

ध्यान रहे भले ही टोक्यो ओलंपिक को खत्म हुए कुछ वक्त बीत चुका हो. लेकिन आज भी रवि दहिया का वो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जहां उन्हें कज़ाकस्तान के खिलाड़ी से भिड़ते फिर दर्द से करहाते हुए आसानी से देखा जा सकता है. गौरतलब है कि सेमीफाइनल में रवि का मुकाबला कज़ाकस्तान के नूरइस्लाम सानायेव के साथ था.

बात अगर उस मैच की हो तो बताते चलें कि मैच टक्कर का था और इस बात का निर्धारण करना मुश्किल था कि दोनों खिलाड़ियों में से कौन जीतेगा? मैच के दौरान कभी रवि भारी पड़ते तो कभी नूरइस्लाम बीस रहते. मैच के दौरान एक पल वो भी आया जब रवि ने कज़ाकस्तान के...

टोक्यो ओलंपिक 2021 में अपने उत्कृष्ट खेल का परिचय देते हुए भारत ने कमाल कर दिया है. एक स्वर्ण पदक, दो रजत और 4 स्वर्ण के साथ भारत लौटे खिलाड़ी पूरे देश के गर्व का पर्याय बन गए हैं. वापसी के बाद तमाम कहानियां हैं जिनका जिक्र हो रहा है और ऐसी ही एक कहानी है कुश्ती में ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि दहिया की. जिन्होंने एक ऐसी बात कह दी है जो जीत हार से परे तो है ही. साथ ही इनमें ऐसा बहुत कुछ है जो किसी भी खेलप्रेमी को मंत्र मुग्ध कर देगा. कुश्ती में भारत के लिए गोल्ड मेडल के सबसे प्रबल दावेदारों में से एक और ओलंपिक में भारत को सिल्वर मेडल दिलवाने वाले रवि दहिया आजतक चैनल के कार्यक्रम 'जय हो' में आए और अपने खेल पर विस्तार से बात की. इनके अलावा रवि ने उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें टूर्नामेंट के दौरान कज़ाकस्तान के खिलाड़ी ने उन्हें दांत काटा था और बावजूद दर्द के, न केवल उन्होंने मैच जीता. बल्कि बाद में ओलंपिक के रजत पदक पर अपना कब्जा जमाया. रवि ने इसे खेल भावना से जोड़ते हुए कहा है कि उनका पूरा फोकस अगले ओलंपिक में गोल्ड पर है. 

रवि दहिया जैसे खिलाड़ी वाक़ई पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं

ध्यान रहे भले ही टोक्यो ओलंपिक को खत्म हुए कुछ वक्त बीत चुका हो. लेकिन आज भी रवि दहिया का वो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जहां उन्हें कज़ाकस्तान के खिलाड़ी से भिड़ते फिर दर्द से करहाते हुए आसानी से देखा जा सकता है. गौरतलब है कि सेमीफाइनल में रवि का मुकाबला कज़ाकस्तान के नूरइस्लाम सानायेव के साथ था.

बात अगर उस मैच की हो तो बताते चलें कि मैच टक्कर का था और इस बात का निर्धारण करना मुश्किल था कि दोनों खिलाड़ियों में से कौन जीतेगा? मैच के दौरान कभी रवि भारी पड़ते तो कभी नूरइस्लाम बीस रहते. मैच के दौरान एक पल वो भी आया जब रवि ने कज़ाकस्तान के नूरइस्लाम को चित कर दिया और बढ़त बना ली लेकिन इसी दौरान कज़ाकस्तान के प्लेयर ने वो कर दिया जिसने रिंग में मौजूद सभी लोगों को हैरत में डाल दिया.

मैच जीतने और खुद को दहिया के चंगुल से छुड़ाने के लिए कज़ाकस्तान के नूर इस्लाम ने अपने दांत रवि के बाजुओं पर गड़ा दिए. जब इस मैच की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुईं तो हर कुश्ती प्रेमी की यही मांग थी कि नूर इस्लाम को हमेशा के लिए कुश्ती से निष्काषित कर दिया जाए. यही सवाल रवि से आजतक के प्रोग्राम में भी हुआ. अपने जवाब में रवि ने घटना को खेल भावना से जोड़ा है और सभी को हैरत में डाल दिया है.

मामले के मद्देनजर रवि ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में रेफरी को बताया था लेकिन अब विरोध करने का कोई फायदा नहीं है. कज़ाकस्तान के खिलाड़ी के विषय में रवि ने कहा कि वो भी अपने देश के लिए खेल रहा था और मैं अपने देश के लिए. सब कुछ खेल भावना है. कोई बड़ी बात नहीं है. दोस्त है वो मेरा. अगले दिन उसने माफी भी मांगी थी. इसलिए इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है.

इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी रवि सहज हैं और उन्होंने जोर देकर इस बात को कहा कि मैट पर उतरने के बाद कोई बड़ा या छोटा पहलवान नहीं होता है. उस समय बस कुश्ती पर फोकस होता है. रवि ने वादा किया है कि अगली बार भी उनकी नजरें गोल्ड पर रहेंगी. कोशिश यही रहेगी कि सिल्वर को गोल्ड में बदला जाए.

वहीं जब इस बारे में रवि के कोच से बात की गई तो उन्होंने भी यही कहा कि एक खिलाड़ी को हमेशा गोल्ड पर ही फोकस करना चाहिए. कोच के अनुसार जब वर्तमान में हत्या के आरोपों के चलते जेल में बंद सुशील कुमार ओलंपिक के लिए जाने वाले थे तो उन्हें भी यही मंत्र दिया गया था. हर खिलाड़ी को बस इसी बात पर ध्यान देने की जरूरत है.

रवि भले ही गोल्ड हासिल करने में नाकाम रहे हों लेकिन जैसा उनका खेल था उन्होंने एक चैंपियन की तरह फाइट की है. रवि के गुरु सतपाल सिंह मुखरता के साथ इस बात पर बल देते हैं कि यदि रेफरी फाइनल में कुछ गलतियां नहीं करता तो ये मैच रवि के नाम रह सकता था. यदि ऐसा होता तो भारत की झोली में एक नहीं बल्कि दो गोल्ड मेडल होते.

रवि ने अगले ओलंपिक में भारत को कुश्ती में गोल्ड मेडल दिलाने का वादा देश से किया है. जैसा खेल रवि का है और वो जिस लिहाज से मेहनत करते हैं हमें पूरा यकीन है वो अपना वादा पूरा करेंगे. मगर बात चूंकि कज़ाकस्तान के खिलाड़ी द्वारा दांत काटे जाने की घटना और रवि द्वारा उसे खेल भावना बताने से शुरू हुई है. तो ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि रवि की सादगी मन मोह लेने वाली है. जितनी सहजता से रवि ने इतनी बड़ी बात को इग्नोर किया है वो सिर्फ एक खिलाड़ी के बस की बात है.हां वो खिलाड़ी जिसका पूरा फोकस व्यर्थ की बातों और झगड़े लड़ाइयों पर नहीं भारत को गोल्ड दिलाने में है.

ये भी पढ़ें -

ओलंपिक में भारतीयों की दिचलस्पी क्रिकेट के ही जरिए आएगी? तो वो वक्त आ गया...

Tokyo Olympic में 'विलेन' करार दी गईं विनेश फोगाट की भी अपनी कहानी है…

विनेश फोगाट - सोनम मलिक समझ गए होंगे 'ओलंपिक मेडल' गलतियों पर पर्दा भी डालता है!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    महेंद्र सिंह धोनी अपने आप में मोटिवेशन की मुकम्मल दास्तान हैं!
  • offline
    अब गंभीर को 5 और कोहली-नवीन को कम से कम 2 मैचों के लिए बैन करना चाहिए
  • offline
    गुजरात के खिलाफ 5 छक्के जड़ने वाले रिंकू ने अपनी ज़िंदगी में भी कई बड़े छक्के मारे हैं!
  • offline
    जापान के प्रस्तावित स्पोगोमी खेल का प्रेरणा स्रोत इंडिया ही है
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲