प्रज्ञानानंद रमेशबाबू. अगर आप भारत में शतरंज (Chess) को करीब से फॉलो नहीं करते हैं. तो, इस नाम से शायद ही परिचित होंगे. लेकिन, 17 साल के इस युवा का नाम हाल ही में सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, भारत के चर्चित युवा ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंद रमेशबाबू ने एक बार फिर से दुनिया के नंबर वन शतरंज खिलाड़ी और 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को FTX Crypto Cup में पटखनी दे दी. हालांकि, प्रज्ञानानंद इस टूर्नामेंट में दूसरे स्थान पर रहे. लेकिन, प्रज्ञानानंद ने वर्ल्ड चेस चैंपियन को हराना 'बच्चों का खेल' बना दिया. क्योंकि, इससे पहले भी प्रज्ञानानंद ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में मैग्नस कार्लसन को दो बार हरा चुके हैं.
प्रज्ञानानंद और कार्लसन के बीच कैसा रहा शतरंज का खेल?
एफटीएक्स क्रिप्टो कप में भारत के युवा ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंद रमेशबाबू और नॉर्वे के ग्रैंडमास्टर मैग्नस कार्लसन के बीच हुए शुरुआती दो मुकाबले बराबरी पर रहे. लेकिन, मैग्नस कार्लसन ने तीसरे गेम में जीत के साथ बढ़त बना ली. ऐसे किसी भी बड़े टूर्नामेंट के दबाव में कोई भी खिलाड़ी टूट सकता था. क्योंकि, उसके सामने दुनिया का नंबर वन खिलाड़ी कार्लसन था. लेकिन, इसके बावजूद प्रज्ञानानंद ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए बाजी को पलट दिया. चौथा गेम जीतने के साथ ही मुकाबला टाई ब्रेकर की ओर बढ़ गया. और, प्रज्ञानानंद का बेजोड़ प्रदर्शन इतने पर ही नहीं रुका. इस युवा खिलाड़ी ने टाई ब्रेकर के दोनों मुकाबलों में मैग्नस कार्लसन को मात दे दी.
दरअसल,...
प्रज्ञानानंद रमेशबाबू. अगर आप भारत में शतरंज (Chess) को करीब से फॉलो नहीं करते हैं. तो, इस नाम से शायद ही परिचित होंगे. लेकिन, 17 साल के इस युवा का नाम हाल ही में सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, भारत के चर्चित युवा ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंद रमेशबाबू ने एक बार फिर से दुनिया के नंबर वन शतरंज खिलाड़ी और 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को FTX Crypto Cup में पटखनी दे दी. हालांकि, प्रज्ञानानंद इस टूर्नामेंट में दूसरे स्थान पर रहे. लेकिन, प्रज्ञानानंद ने वर्ल्ड चेस चैंपियन को हराना 'बच्चों का खेल' बना दिया. क्योंकि, इससे पहले भी प्रज्ञानानंद ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में मैग्नस कार्लसन को दो बार हरा चुके हैं.
प्रज्ञानानंद और कार्लसन के बीच कैसा रहा शतरंज का खेल?
एफटीएक्स क्रिप्टो कप में भारत के युवा ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंद रमेशबाबू और नॉर्वे के ग्रैंडमास्टर मैग्नस कार्लसन के बीच हुए शुरुआती दो मुकाबले बराबरी पर रहे. लेकिन, मैग्नस कार्लसन ने तीसरे गेम में जीत के साथ बढ़त बना ली. ऐसे किसी भी बड़े टूर्नामेंट के दबाव में कोई भी खिलाड़ी टूट सकता था. क्योंकि, उसके सामने दुनिया का नंबर वन खिलाड़ी कार्लसन था. लेकिन, इसके बावजूद प्रज्ञानानंद ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए बाजी को पलट दिया. चौथा गेम जीतने के साथ ही मुकाबला टाई ब्रेकर की ओर बढ़ गया. और, प्रज्ञानानंद का बेजोड़ प्रदर्शन इतने पर ही नहीं रुका. इस युवा खिलाड़ी ने टाई ब्रेकर के दोनों मुकाबलों में मैग्नस कार्लसन को मात दे दी.
दरअसल, आखिरी गेम की 40वीं चाल के दौरान कार्लसन ने एक गलत चाल चल दी. जिसकी वजह से ड्रॉ की ओर बढ़ रहा मैच प्रज्ञानानंद ने जीत लिया. फाइनल राउंड में प्रज्ञानानंद ने मैग्नस कार्लसन को 4-2 से हरा दिया. वैसे बता दें कि इस साल प्रज्ञानानंद वर्ल्ड चैंपियन कार्लसन को फरवरी में एयरथिंग्स मास्टर्स और मई में चेसेबल मास्टर्स में भी मात दे चुके हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो प्रज्ञानानंद ने 'शह' और 'मात' के इस खेल में दुनिया के सबसे बड़े दिग्गज मैग्नस कार्लसन को तीसरी बार धराशायी किया है.
क्या है एफटीएक्स क्रिप्टो कप?
दुनिया के कुछ बेहतरीन शतरंज खिलाड़ियों को इस साल के चैंपियन चेस टूर या मेल्टवॉटर चैंपियन चेस टूर का हिस्सा बनाया गया है. एफटीएक्स क्रिप्टो कप इसी चेस टूर का एक टूर्नामेंट था. बता दें कि इस चेस टूर में 9 ऑनलाइन शतरंज टूर्नामेंट आयोजित किए जाने हैं. जो 20 नवंबर तक खेले जाएंगे.
आनंद महिंद्रा ने तारीफ के साथ की 'पते की बात'
भारत सबसे बड़े शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद का नाम पूरी दुनिया में सभी जानते हैं. लेकिन, भारत के इस उभरते हुए युवा ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंद रमेशबाबू के नाम से अभी बहुत से लोग परिचित नहीं हैं. और, मशहूर बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने इसी बात को उठाते हुए अपना ट्वीट किया है. आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'इस युवा को बहुत अच्छी तरह से देख लीजिए, जिसका चेहरा इतना गंभीर है. अगर शतरंज गेम ऑफ थ्रोन्स है, तो जल्द ही इस सिंहासन को एक नया अधिकारी हो सकता है...और, हम सभी को सीखना चाहिए कि उसका नाम सही तरीके से कैसे लिखा जाए.' दरअसल, प्रज्ञानानंद के नाम को हिंदी में किस तरह से लिखा जाए, इस पर लंबे समय तक भ्रम की स्थिति रही थी.
कौन है प्रज्ञानानंद रमेशबाबू?
2016 में केवल 10 साल की उम्र में प्रज्ञानानंद रमेशबाबू का नाम दुनिया के सबसे छोटे इंटरनेशनल मास्टर के तौर पर दर्ज हुआ था. और, 12 साल की उम्र में प्रज्ञानानंद ने ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल कर लिया था. इसी साल फरवरी में वर्ल्ड चेस चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सबसे कम उम्र के युवा बने थे. तमिलनाडु के रहने वाले प्रज्ञानानंद की बहन वैशाली भी वीमेन ग्रैंडमास्टर हैं.
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