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जिमनास्टिक्स की माइकल जैक्सन, कहानी भी वैसी ही दर्दभरी

    • आईचौक
    • Updated: 19 जनवरी, 2019 02:42 PM
  • 19 जनवरी, 2019 02:42 PM
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अमेरिकी जिमनास्ट केटलिन ओहाशी का माइकल जेक्सन की धुन पर परफॉर्म करता वीडियो सोशल मीडिया पर करोड़ों बार देखा. जिमनास्टिक्स के सबसे मुश्किल स्कोर परफेक्ट 10 तक वे पहुंचीं. इस युवा खिलाड़ी की कहानी अब तक कहानी परी-कथा जैसी लगती है जबकि है नहीं.

आप भले ही जिमनास्टिक्स के फैन न हों, लेकिन एक वीडियो आप बार-बार देखेंगे. दो मिनट का ये वीडियो दुनिया में आग की तरह वायरल हो गया है. CLA एथेलेटिक्स की 21 साल की खिलाड़ी केटलिन ओहाशी (Katelyn Ohashi) अपने शानदार और पागल कर देने वाले जिमनास्टिक फ्लोर रुटीन से इस वक्त दुनिया भर में वायरल हो गई हैं. एक कॉलेज मीट में केटलिन ने ये परफॉर्मेंस दी और सभी को अपना दीवाना बना लिया.

जैसे ही बैकग्राउंड में माइकल जैक्सन का गाना 'The Way You Make Me Feel' बजना शुरू हुआ, केटलिन के पैर थिरकने लगे. डांस और जिम्नास्ट को पॉप सॉन्ग की धुन पर उन्होंने इतनी खूबसूरती से बांधा कि देखने वालों के होश उड़ गए. पांव जमीन पर कम हवा में ज्यादा थे. और देखने वालों के दिल मानो उछलकर बाहर गिरने वाले थे. चेहरे पर मुस्कान लिए केटलिन अपने खास अंदाज से डांस भी कर रही थीं और कलाबाजियां भी खा रही थीं. यूं लगा जैसे माइकल जैक्सन परफॉर्मेंस दे रहे हैं. 

केटलिन के वायरल वीडियो को ट्विटर पर करीब 37 मिलियन बार देखा गया है

लेकिन ये केटलिन थीं. उनको देखने वाले इस परफॉर्मेंस से कितने उत्साहित थे वो आप वीडियो देखकर समझ सकते हैं. दीवानगी का आलम ये था कि स्टेज पर जो स्टेप केटलिन करतीं उनके चाहने वाले नीचे बैठकर वही स्टेप्स करते दिखते. ऐसा अक्सर किसी पॉप शो में ही देखने को मिलता है. जिस कॉन्फिडेंस और जिस खुशी के साथ ये परफॉर्मेंस दी गई वो आज करोड़ों के दिल जीत रही है. लेकिन इस परफॉर्मेंस का अंत उन्होंने जिस अंदाज में किया उसके लिए इस खिलाड़ी की जितनी तारीफ की जाए कम है.

2 मिनट का ये वीडियो आपका दिन बना देगा. बशर्ते इसे पूरा देखना. आपने आज तक इससे बेहतर कुछ नहीं देखा होगा-

इस शानदार परफॉर्मेंस के लिए केटलिन को परफेक्ट 10 नहीं...

आप भले ही जिमनास्टिक्स के फैन न हों, लेकिन एक वीडियो आप बार-बार देखेंगे. दो मिनट का ये वीडियो दुनिया में आग की तरह वायरल हो गया है. CLA एथेलेटिक्स की 21 साल की खिलाड़ी केटलिन ओहाशी (Katelyn Ohashi) अपने शानदार और पागल कर देने वाले जिमनास्टिक फ्लोर रुटीन से इस वक्त दुनिया भर में वायरल हो गई हैं. एक कॉलेज मीट में केटलिन ने ये परफॉर्मेंस दी और सभी को अपना दीवाना बना लिया.

जैसे ही बैकग्राउंड में माइकल जैक्सन का गाना 'The Way You Make Me Feel' बजना शुरू हुआ, केटलिन के पैर थिरकने लगे. डांस और जिम्नास्ट को पॉप सॉन्ग की धुन पर उन्होंने इतनी खूबसूरती से बांधा कि देखने वालों के होश उड़ गए. पांव जमीन पर कम हवा में ज्यादा थे. और देखने वालों के दिल मानो उछलकर बाहर गिरने वाले थे. चेहरे पर मुस्कान लिए केटलिन अपने खास अंदाज से डांस भी कर रही थीं और कलाबाजियां भी खा रही थीं. यूं लगा जैसे माइकल जैक्सन परफॉर्मेंस दे रहे हैं. 

केटलिन के वायरल वीडियो को ट्विटर पर करीब 37 मिलियन बार देखा गया है

लेकिन ये केटलिन थीं. उनको देखने वाले इस परफॉर्मेंस से कितने उत्साहित थे वो आप वीडियो देखकर समझ सकते हैं. दीवानगी का आलम ये था कि स्टेज पर जो स्टेप केटलिन करतीं उनके चाहने वाले नीचे बैठकर वही स्टेप्स करते दिखते. ऐसा अक्सर किसी पॉप शो में ही देखने को मिलता है. जिस कॉन्फिडेंस और जिस खुशी के साथ ये परफॉर्मेंस दी गई वो आज करोड़ों के दिल जीत रही है. लेकिन इस परफॉर्मेंस का अंत उन्होंने जिस अंदाज में किया उसके लिए इस खिलाड़ी की जितनी तारीफ की जाए कम है.

2 मिनट का ये वीडियो आपका दिन बना देगा. बशर्ते इसे पूरा देखना. आपने आज तक इससे बेहतर कुछ नहीं देखा होगा-

इस शानदार परफॉर्मेंस के लिए केटलिन को परफेक्ट 10 नहीं मिलता तो क्या मिलता. ये चौथी बार था कि केटलिन को अपने पूरे करियर में परफेक्ट 10 मिले हों. अपनी इस परफॉर्मेंस पर केटलिन कहती हैं- 'परफॉर्म करना मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं. और जो आप देख रहे हैं मैं वैसा ही महसूस करती हूं.'

इस खिलाड़ी की मुस्कारहटों के पीछे की कहानी भावुक कर देगी

लेकिन अगर आप ये सोच रहे हैं कि इस बेहतरीन खिलाड़ी को ओलंपिक में क्यों नहीं देखा गया तो उसका जवाब उतना सुखद नहीं है. केटलिन के चेहरे की मुस्कुराहट के पीछे एक दर्दनाक कहानी है.

केटलिन के माता-पिता सीएटल में रहते थे और उन्होंने 3 साल की उम्र से ही जिमनास्टिक्स सीखना शुरू कर दिया था. उसके बाद वो मिसूरी आ गईं जहां Great American Gymnastics Express में अभ्यास करने लगीं. 12 साल की उम्र में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कई कीर्तिमान स्थापित कर लिए थे. इस वक्त वो अपने करियर के उस चरम पर थीं कि लोग उन्हें SA टीम की अगली चैंपियन मानने लगे थे.  

2012 में बीजिंग ओलंपिक्स में वो सिर्फ इसलिए नहीं जा सकीं क्योंकि उनकी उम्र कम थी, लेकिन 2013 में उन्होंने नंबर वन जिमनास्ट रहीं सिमोन बाइल्स को हराकर अमेरिकन कप जीता था.

तीन साल की उम्रसे जिमनास्टिक्स सीखना शुरू किया था

लेकिन फिर एक चोट ने केटलिन की दुनिया बदल दी. वो बताती हैं कि- "2012 तक मेरी पीठ में तीन स्ट्रेस रिएक्शन हुए. मेरी फाइब्यूला हड्डी में दो स्ट्रेस फ्रेक्चर हुए थे. मेरी पीठ पूरी तरह से खराब हो गई थी. मेरी कंधे की दो सर्जरी भी हुईं"

इस खेल से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई केटलिन चोट लगने के बाद बुरी तरह से टूट गई थीं. क्योंकि तब वो इस खेल के लिए अनफिट हो गईं थीं. उनका कहना है कि वो खुद से नफरत करने लगी थीं. ओलंपिक जीतने का सपना 3 साल की उम्र से देखने वाली केटलिन ने जीतोड़ मेहनत की थी. लेकिन वो ओलंपिक में पहुंच ही नहीं सकीं.

2018 में उन्होंने अपनी भावनाएं एक वीडियो के जरिए बयां कीं जिसका टाइटल था i was broken. इसमें केटलिन कहती हैं कि कोई कभी ये समझ ही नहीं सका कि मुझपर क्या बाती और कभी भी मैंने किसी को ये नहीं बताया कि मेरे साथ हुआ क्या था.

खिलाड़ी वही जो हार न माने

चोट के बावजूद भी केटलिन रुकी नहीं. उन्होंने जिमनास्टिक को खुद से अलग नहीं किया. वो CLA चली गईं जहां के कोचिंग स्टाफ एथलीटों को ट्राफी के पीछे भागने के बजाए खोल का आनंद लेने के लिए प्रेरित करते हैं. यहां उन्होंने जिमनास्टिक को बहुत ही निचले लेवल से दोबारा शुरू किया. एक चोटी की खिलाड़ी फिर से खड़ा होना सीख रही थी. और उसकी मेहनत इस वायरल वीडियो में दिखती है.

आज केटलिन अपने खेल को प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं खेलतीं, वो जिनास्टिक्स का आनंद लेती हैं. और उन्होंने खुद को इतना मजबूत कर लिया है कि वो इस आनंद के साथ ही अपनी जिंदगी बिता रही हैं. उनके घाव तो भर गए, लेकिन सपनों के टूटने से जो घाव उनके मन पर पड़े थे उनमें दर्द बाकी था. लेकिन उनकी ऐसी शानदार परफॉर्मेंस से उन्हें जो तारीफें लोगों से मिल रही हैं वो किसी भी ट्राफी से कहीं ज्यादा हैं. केटलिन की ये उपलब्धि उनके दर्द पर मरहम का काम करेगी. और उनके चेहरे की मुस्कान को हमेशा बरकरार रखेगी. करोड़ों लोगों को प्रेरण देने वाली इस खिलाड़ी को सलाम.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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