• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
स्पोर्ट्स

रायुडू का करियर तो तभी खत्‍म हो गया था जब वो भज्‍जी से भिड़े थे!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 03 जुलाई, 2019 08:11 PM
  • 03 जुलाई, 2019 07:26 PM
offline
अंबाती रायुडू ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की है कारण है उनका विश्व कप के लिए गई टीम में जगह न पाना. मगर जब रायुडू पर गौर करें तो मिलता है कि समस्या उनके खेल में नहीं बल्कि उनके एटीट्यूड में है.

टीम इंडिया में मिडिल आर्डर के बल्लेबाज अंबाती रायुडू चर्चा में हैं. अंबाती रायुडू ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की है. वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया की घोषणा से पहले तक लग रहा था कि रायुडू टीम का हिस्सा होंगे. मगर ऐसा हुआ नहीं. सिलेक्‍टर्स ने इसकी जो वजह बताई, उसका जवाब रायुडू ने तंजिया ट्वीट से दिया. उन्होंने वर्ल्ड कप मैच देखने के लिए 3D चश्मा खरीदने की बात की थी. ध्यान रहे कि रायुडू का ये ट्वीट वो प्रतिक्रिया था जिसमें सिलेक्‍शन कमेटी के चेयरमेन एमएसके प्रसाद ने विजय शंकर को 'थ्री डायमेंशनल' बताया था.

टूर्नामेंट के दौरान शिखर धवन और विजय शंकर के चोटिल होने के बाद भी मौके आए. एटीट्यूड और बगावती तेवर के चलते सेलेक्टर्स ने रायडू की अपेक्षा ऋषभ पंत और मयंक अग्रवाल पर भरोसा करना ज्यादा मुनासिब समझा. टीम इंडिया के लिए 55 वनडे और 6 टी20 मैच खेल चुके रायुडू का शुमार टीम के सबसे प्रतिभावान खिलाड़ियों में था. मगर बार बार उनका एटीट्यूड, तुनकमिजाजी और ईगो उनके आड़े आता रहा और आज नौबत उस खेल से संन्यास लेने तक आ गई है जिसके लिए वो जाने जाते रहे हैं.

अंबाती रायुडू के क्रिकेट एक सभी फॉर्मेट से सन्यास लेने की घोषणा ने तमाम क्रिकेट प्रेमियों को सकते में डाल दिया है

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि किसी ने रायुडू से अपनी व्यक्तिगत रंजिश निकाली है. बात दरअसल ये है कि रायुडू ऐसे खिलाड़ी ही नहीं है जो साथ होकर खेल सके या टीम/ सिलेक्टर्स द्वारा लिए गए फैसले का सम्मान कर सकें. खेल में टीम/ सेलेक्टर्स द्वारा लिए गए फैसले का सम्मान कितना अहम है इसे हम रायुडू और सेलेक्टर्स से जुड़ी एक घटना से समझ सकते हैं.

रायुडू टीम में नहीं आ रहे हैं इस बारे में सेलेक्टर्स के चेयरमेन एमएसके प्रसाद ने मीडिया से बात की थी....

टीम इंडिया में मिडिल आर्डर के बल्लेबाज अंबाती रायुडू चर्चा में हैं. अंबाती रायुडू ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की है. वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया की घोषणा से पहले तक लग रहा था कि रायुडू टीम का हिस्सा होंगे. मगर ऐसा हुआ नहीं. सिलेक्‍टर्स ने इसकी जो वजह बताई, उसका जवाब रायुडू ने तंजिया ट्वीट से दिया. उन्होंने वर्ल्ड कप मैच देखने के लिए 3D चश्मा खरीदने की बात की थी. ध्यान रहे कि रायुडू का ये ट्वीट वो प्रतिक्रिया था जिसमें सिलेक्‍शन कमेटी के चेयरमेन एमएसके प्रसाद ने विजय शंकर को 'थ्री डायमेंशनल' बताया था.

टूर्नामेंट के दौरान शिखर धवन और विजय शंकर के चोटिल होने के बाद भी मौके आए. एटीट्यूड और बगावती तेवर के चलते सेलेक्टर्स ने रायडू की अपेक्षा ऋषभ पंत और मयंक अग्रवाल पर भरोसा करना ज्यादा मुनासिब समझा. टीम इंडिया के लिए 55 वनडे और 6 टी20 मैच खेल चुके रायुडू का शुमार टीम के सबसे प्रतिभावान खिलाड़ियों में था. मगर बार बार उनका एटीट्यूड, तुनकमिजाजी और ईगो उनके आड़े आता रहा और आज नौबत उस खेल से संन्यास लेने तक आ गई है जिसके लिए वो जाने जाते रहे हैं.

अंबाती रायुडू के क्रिकेट एक सभी फॉर्मेट से सन्यास लेने की घोषणा ने तमाम क्रिकेट प्रेमियों को सकते में डाल दिया है

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि किसी ने रायुडू से अपनी व्यक्तिगत रंजिश निकाली है. बात दरअसल ये है कि रायुडू ऐसे खिलाड़ी ही नहीं है जो साथ होकर खेल सके या टीम/ सिलेक्टर्स द्वारा लिए गए फैसले का सम्मान कर सकें. खेल में टीम/ सेलेक्टर्स द्वारा लिए गए फैसले का सम्मान कितना अहम है इसे हम रायुडू और सेलेक्टर्स से जुड़ी एक घटना से समझ सकते हैं.

रायुडू टीम में नहीं आ रहे हैं इस बारे में सेलेक्टर्स के चेयरमेन एमएसके प्रसाद ने मीडिया से बात की थी. प्रसाद ने मीडिया को बताया था कि टीम में नंबर 4 की पोजीशन के लिए लम्बे समय से संघर्ष चल रहा था और बीते 18 महीनों से इसके लिए रायुडू को तैयार किया जा रहा था. प्रसाद ने ये भी बताया था कि 2017 में आयोजित चैंपियंस ट्राफी के बाद हमने इस पोजीशन के लिए कई लोगों को मौका दिया. और साथ में रायुडू को भी तमाम मौके दिए.

ध्यान रहे कि तब विजय शंकर पर अपना रुख साफ करते हुए प्रसाद ने कहा था कि विजय शंकर 'थ्री डायमेंशनल' हैं और नंबर 4 के लिए पूरी सेलेक्टिंग कमिटी उनकी तरफ देख रही है. मीडिया के साथ हुई बातचीत में तब प्रसाद ने इस बात को भी साफ कर दिया था कि हम रायुडू के खिलाफ नहीं हैं. हमारे पास दिनेश कार्तिक और केदार जाधव जैसे लोग हैं. ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कि चीजें रायुडू के खिलाफ गयीं हैं बस ये हुआ कि कुछ चीजें विजय शंकर के पक्ष में गयीं जिसका उन्हें फायदा मिला.

प्रसाद का ये कहना भर था. एकबार फिर रायुडू आहत हुए और उन्होंने अपनी कुंठा निकालने के लिए ट्विटर का सहारा लेकर सबको हैरत में डाल दिया. 16 अप्रैल 2019 को किये गए अपने ट्वीट में रायुडू ने लिखा:

रायुडू का वो ट्वीट जो बना विवाद की एक बड़ी वजह

रायुडू के इस ट्वीट का यदि अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि तब उन्होंने अपने शब्दों से टीम इंडिया और सेलेक्टर्स की काबिलियत पर तंज किया था. यानी एक बार फिर साफ हो गया कि अपने लड़ने भिड़ने वाले स्वाभाव के कारण बदनाम रायुडू में भयंकर एटीट्यूड प्रॉब्लम है. कह सकते हैं कि यही प्रॉब्लम वो अहम कारण है जिसकी वजह से रायुडू का अच्छा भला क्रिकेट करियर प्रभावित हुआ. और आज नौबत यहां तक आ गई है कि, उन्हें ये घोषणा करनी पड़ रही है कि अब वो आगे किसी भी फॉर्मेट में क्रिकेट नहीं खेलेंगे.

बात रायुडू की चल है. तो हमारे लिए भी ये बताना बेहद जरूरी है कि उनका करियर तो उसी दिन खत्म हो गया था जब वो मैदान में हरभजन सिंह से भिड़े थे.

क्या था मामला

बात 2016 की है. IPL 2016 का 29वां मैच पुणे सुपरजायंट्स और मुंबई इंडियंस के बीच खेला जा रहा था. मैच के दौरान मुंबई इंडियंस के दो खिलाड़ी हरभजन सिंह और अंबाती रायुडू आपस में भिड़ पड़े बाद में खुद हरभजन ने स्थिति संभालने की कोशिश की मगर जैसा रायुडू का रवैया था वो किसी भी कीमत पर हरभजन सिंह के साथ समझौता करने को तैयार नहीं थे. बात इस पारी की हो तो पुणे की पारी का 11वां ओवर चल रहा था.

सौरभ तिवारी ने हरभजन सिंह की गेंद पर शॉट लगाया. बाउंड्री पर अंबाती रायुडू थे जिन्होंने डाइव लगाई मगर गेंद रोकन में नाकाम रहे और बॉल बाउंड्री लाइन के पार चली गई और 4 रन हो गए. रायुडू की फील्डिंग देखकर हरभजन सिंह नाराज हुए और उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी को कुछ कहा. रायुडू को हरभजन का यह व्यवहार नागवार गुजरा. इस बात को लेकर दोनों के बीच खूब बहस हुई. रायुडू हार मानने को तैयार नहीं थे और मैदान छोड़कर जाने लगे. हरभजन को स्थिति का अंदाजा था उन्होंने परिपक्वता दिखाते हुए रायुडू को संभाल लिया.

मैच में जैसा बर्ताव और अड़ियल रवैया रायुडू का था उससे ये साफ हो गया था कि भले ही ये अच्छे खिलाड़ी हों मगर ज्यादा दिन तक टीम में बने रहें ये मुश्किल है.

बहरहाल यदि कुछ समय के लिए ये मान भी लिया जाए कि टीम और सेलेक्टर्स ने रायुडू के साथ नाइंसाफी की भी है तो भी ये कहना कहीं से गलत नहीं है कि अपने कर्मों के कारण रायुडू वो भोग रहे हैं जिसकी कल्पना शायद ही कोई खिलाड़ी करता हूं.

खैर अब जबकि घोषणा हो ही चुकी है तो कहीं न कहीं हमें भी इस बात का यकीन है कि एक दिन वो आएगा जब रायुडू को इस बात का एहसास होगा कि वो गलत थे और उन्होंने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं बल्कि कुल्हाड़ी पर धार लगवा कर पैर एक बार नहीं बल्कि कई बार मारा है.   

ये भी पढ़ें -

4 कारण, अब धोनी को क्रिकेट से अलविदा कह देना चाहिए

विश्वकप की 'फेवरेट' इंग्लैंड पर पहले ही दौर में बाहर होने का खतरा

धोनी ने बता दिया कि इंग्लैंड से हम जानबूझ कर नहीं हारे थे !


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    महेंद्र सिंह धोनी अपने आप में मोटिवेशन की मुकम्मल दास्तान हैं!
  • offline
    अब गंभीर को 5 और कोहली-नवीन को कम से कम 2 मैचों के लिए बैन करना चाहिए
  • offline
    गुजरात के खिलाफ 5 छक्के जड़ने वाले रिंकू ने अपनी ज़िंदगी में भी कई बड़े छक्के मारे हैं!
  • offline
    जापान के प्रस्तावित स्पोगोमी खेल का प्रेरणा स्रोत इंडिया ही है
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲