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पृथ्वी शॉ बन सकते हैं भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा

    • अभिनव राजवंश
    • Updated: 03 फरवरी, 2018 03:10 PM
  • 03 फरवरी, 2018 03:09 PM
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पृथ्वी शॉ की कप्तानी में टीम इंडिया ने अंडर 19 वर्ल्ड कप के वर्ल्ड कप पर अपनी दावेदारी ठोकी है. शॉ के प्रदर्शन और उनकी कप्तानी को देखकर ये कहना गलत नहीं है कि ये भविष्य में भारतीय क्रिकेट के एक बड़े सितारे बन सकते हैं.

भारतीय टीम ने अंडर 19 वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर कप पर चौथी बार कब्ज़ा कर लिया है. भारतीय टीम ने कप्तान पृथ्वी शॉ के नेतृत्व में जिस तरह का खेल दिखाया है वो लाजवाब है. टीम की इस जीत से इस बात की प्रबल संभावना है कि आने वाले वक़्त में कप्तान पृथ्वी शॉ के रूप में भारतीय टीम को एक बड़ा सितारा मिल गया है. भारतीय कप्तान पृथ्वी शॉ अब मोहम्मद कैफ, विराट कोहली और उन्मुक्त चंद के बाद कप जीतने वाले चौथे कप्तान बन गए हैं.

पृथ्वी शॉ ने अपने प्रदर्शन से बता दिया है कि टीम को एक बड़ा सितारा मिल गया है

आपको बताते चलें कि पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी इस पूरे टूर्नामेंट में उसी प्रकार की है, जिसके लिए वो जाने जाते हैं. साल 2013 में मात्र 14 साल की उम्र में पृथ्वी तब चर्चा में आये जब उन्होंने एक स्कूली मैच में एक ही पारी में 546 रन ठोक डाले थे, यह उस समय किसी भी मान्यता प्राप्त क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वाधिक रन था.

हालांकि पृथ्वी यहीं नहीं रुके उन्होंने अपने पदार्पण वाले रणजी मैच में शतक बना डाला और साथ ही कॅरियर के पहले ही मैच में शतक लगा कर सचिन के उस रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली जहां सचिन ने रणजी और दलीप ट्रॉफी के पदार्पण मैचों में शतक जड़ा था. इसके अलावा पृथ्वी ने कुल खेले सात प्रथम श्रेणी मैचों में 5 शतक लगा चुके हैं, और साथ ही अपने पहले ही रणजी सीजन में मुम्बई की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाले में दूसरे स्थान पर रहे. उनकी इसी प्रतिभा के कारण उनकी तुलना अभी से ही महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से की जा रही है.

पृथ्वी शॉ ने अपने छोटे ही क्रिकेट करियर में लोगों को कितना प्रभावित किया है इसकी बानगी हाल ही में सम्पन्न हुई आईपीएल नीलामी में दिखी. नीलामी में एक तरफ जहां नामी गिरामी क्रिकेटरों को खरीदने में टीमों ने...

भारतीय टीम ने अंडर 19 वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर कप पर चौथी बार कब्ज़ा कर लिया है. भारतीय टीम ने कप्तान पृथ्वी शॉ के नेतृत्व में जिस तरह का खेल दिखाया है वो लाजवाब है. टीम की इस जीत से इस बात की प्रबल संभावना है कि आने वाले वक़्त में कप्तान पृथ्वी शॉ के रूप में भारतीय टीम को एक बड़ा सितारा मिल गया है. भारतीय कप्तान पृथ्वी शॉ अब मोहम्मद कैफ, विराट कोहली और उन्मुक्त चंद के बाद कप जीतने वाले चौथे कप्तान बन गए हैं.

पृथ्वी शॉ ने अपने प्रदर्शन से बता दिया है कि टीम को एक बड़ा सितारा मिल गया है

आपको बताते चलें कि पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी इस पूरे टूर्नामेंट में उसी प्रकार की है, जिसके लिए वो जाने जाते हैं. साल 2013 में मात्र 14 साल की उम्र में पृथ्वी तब चर्चा में आये जब उन्होंने एक स्कूली मैच में एक ही पारी में 546 रन ठोक डाले थे, यह उस समय किसी भी मान्यता प्राप्त क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वाधिक रन था.

हालांकि पृथ्वी यहीं नहीं रुके उन्होंने अपने पदार्पण वाले रणजी मैच में शतक बना डाला और साथ ही कॅरियर के पहले ही मैच में शतक लगा कर सचिन के उस रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली जहां सचिन ने रणजी और दलीप ट्रॉफी के पदार्पण मैचों में शतक जड़ा था. इसके अलावा पृथ्वी ने कुल खेले सात प्रथम श्रेणी मैचों में 5 शतक लगा चुके हैं, और साथ ही अपने पहले ही रणजी सीजन में मुम्बई की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाले में दूसरे स्थान पर रहे. उनकी इसी प्रतिभा के कारण उनकी तुलना अभी से ही महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से की जा रही है.

पृथ्वी शॉ ने अपने छोटे ही क्रिकेट करियर में लोगों को कितना प्रभावित किया है इसकी बानगी हाल ही में सम्पन्न हुई आईपीएल नीलामी में दिखी. नीलामी में एक तरफ जहां नामी गिरामी क्रिकेटरों को खरीदने में टीमों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई तो दूसरी ओर पृथ्वी शॉ को खरीदने को लेकर टीमों में खासा उत्साह दिखा तभी तो पृथ्वी को खरीदने के लिए 1.20 करोड़ की रकम खर्च की. हालांकि आईपीएल में मिलने वाली फीस की तुलना में यह कम लग सकता है मगर बिना कोई t20 मैच खेले किसी खिलाड़ी को यह रकम मिली है तो यह काफी बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है. इसके अलावा पृथ्वी को प्रमुख कंपनी SG ने भी साइन किया हुआ है.

पृथ्वी शॉ के अभी तक के कैरियर को देख कर यह तो कहा ही जा सकता है कि पृथ्वी आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट का बड़ा सितारा बनने की ओर अग्रसर हैं. वैसे भी अंडर 19 क्रिकेट ने भारत को विराट कोहली, रोहित शर्मा, युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, रवींद्र जडेजा जैसे क्रिकेटर दिए हैं, ऐसे में आने वाले समय मे पृथ्वी से काफी उम्मीदें होंगी. हालांकि पृथ्वी को सफलता संभालने भी सीखना होगा क्योंकि बहुत कम उम्र में शोहरत भी कभी कभी नुकसान कर देती है जैसा कि उन्मुक्त चंद के साथ हो रहा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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