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नार्वे का यह बड़ा परिवार पहेली है या सबक ?

    • प्रवीण झा
    • Updated: 06 जनवरी, 2017 03:35 PM
  • 06 जनवरी, 2017 03:35 PM
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मुलायम सिंह यादव के रिश्‍तेदारों में जमकर खींचतान मची हुई. सबकुछ सड़क पर आ गया है. दूसरी ओर है नार्वे का एक बड़ा परिवार. पेंचीदा रिश्‍तों से भरा हुआ, लेकिन उतना ही सुलझा हुआ भी.

कीथ और मैं समवयस्क हैं. कद-काठी भी एक ही है. पर वो कीथ है और मैं कीथ नहीं. मैं कभी कीथ हो भी नहीं सकता. चाहूं तो भी नहीं. कीथ के पिता मेरे अभिन्न मित्र हैं. मेरे साथ फुटबॉल खेलते हैं, पहाड़ चढ़ते हैं, शराब की चुस्कियां लेते हैं. कीथ अंतर्मुखी हैं, उसके पिता बहिर्मुखी. मेरी दोस्ती कीथ के पिता से है, और उस लिहाज से मैं कीथ का मुंहबोला चाचा हुआ.

कीथ के पिता ने नयी-नवेली शादी भी की है, कीथ की शादी के तीन साल बाद. कीथ और उसकी पत्नी अपने पिता के विवाह में खूब नाचे भी. अब कीथ की छोटी बेटी और उसके पिता की नयी बेटी एक ही कक्षा में पढ़ते हैं. या यूं कहिए, कीथ की बेटी और उसकी सौतेली बहन साथ स्कूल जाते हैं.

इन सबका उपनाम एक ही है 'ऑल्सन' जो मेरे मित्र यानी कीथ के पिता का है. ये सभी ओल्सन कुल की संतान हैं.

ये भी पढ़ें- ऐसी दुनिया जहां किसी को हराकर जीतना गुनाह है

 ऑल्सन परिवार एक बड़ा परिवार है

दरअसल कीथ 'ऑल्सन' न होकर 'हेगेरुड' होते, पर उसके असली पिता तभी चल बसे जब वो नौ महीने के थे. मेरे मित्र मि. ऑल्सन ने ऐसी दु:ख की घड़ी में कीथ की मां का हाथ थामा और कीथ ऑल्सन बन गए. तब से आज तक कीथ ऑल्सन ही हैं. लेकिन वो ऑल्सन-पुत्र नहीं, हेगेरुड-पुत्र हैं.

चूंकि मि. ऑल्सन युवा थे और कीथ की मां अधेड़, वो पहले चल बसीं. पर मि. ऑल्सन के साथ उनके दो पुत्र और एक...

कीथ और मैं समवयस्क हैं. कद-काठी भी एक ही है. पर वो कीथ है और मैं कीथ नहीं. मैं कभी कीथ हो भी नहीं सकता. चाहूं तो भी नहीं. कीथ के पिता मेरे अभिन्न मित्र हैं. मेरे साथ फुटबॉल खेलते हैं, पहाड़ चढ़ते हैं, शराब की चुस्कियां लेते हैं. कीथ अंतर्मुखी हैं, उसके पिता बहिर्मुखी. मेरी दोस्ती कीथ के पिता से है, और उस लिहाज से मैं कीथ का मुंहबोला चाचा हुआ.

कीथ के पिता ने नयी-नवेली शादी भी की है, कीथ की शादी के तीन साल बाद. कीथ और उसकी पत्नी अपने पिता के विवाह में खूब नाचे भी. अब कीथ की छोटी बेटी और उसके पिता की नयी बेटी एक ही कक्षा में पढ़ते हैं. या यूं कहिए, कीथ की बेटी और उसकी सौतेली बहन साथ स्कूल जाते हैं.

इन सबका उपनाम एक ही है 'ऑल्सन' जो मेरे मित्र यानी कीथ के पिता का है. ये सभी ओल्सन कुल की संतान हैं.

ये भी पढ़ें- ऐसी दुनिया जहां किसी को हराकर जीतना गुनाह है

 ऑल्सन परिवार एक बड़ा परिवार है

दरअसल कीथ 'ऑल्सन' न होकर 'हेगेरुड' होते, पर उसके असली पिता तभी चल बसे जब वो नौ महीने के थे. मेरे मित्र मि. ऑल्सन ने ऐसी दु:ख की घड़ी में कीथ की मां का हाथ थामा और कीथ ऑल्सन बन गए. तब से आज तक कीथ ऑल्सन ही हैं. लेकिन वो ऑल्सन-पुत्र नहीं, हेगेरुड-पुत्र हैं.

चूंकि मि. ऑल्सन युवा थे और कीथ की मां अधेड़, वो पहले चल बसीं. पर मि. ऑल्सन के साथ उनके दो पुत्र और एक पुत्रियां हुईं. ऊपर से कीथ.

मि. ऑल्सन ने इन सबको पढ़ाया-लिखाया और जब सब अपने पैरों पर खड़े हो गए तो अधेड़ ऑल्सन ने एक अधेड़ धर्मपत्नी को चुना जिनका नाम 'यूहान्ने' है. पर यूहान्ने अधेड़ थीं तो उनकी तीन पुत्रियां और एक पुत्र पहले विवाह से थे. उनके पति चल बसे थे.

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तो अब कितने हो गए मि. ऑल्सन के? दो पुत्र अपने, एक ये नया पुत्र, यानी तीन पुत्र. एक पुत्री अपनी, और अब तीन और, यानी चार पुत्रियां. ऊपर से कीथ.अभी मामला समाप्त नहीं हुआ. मि. ऑल्सन और यूहान्ने के अब एक पुत्री और एक पुत्र हुए. कुल मिलाकर एक जनपद के बराबर कुनबा है मि. ऑल्सन का. 10 नॉट आउट पर खेल रहे हैं. और इन सबमें अग्रज कीथ ही है.

वैसे कीथ के दो बड़े हेगेरुड भाई भी हैं, जो उससे काफी बड़े हैं. वो उसके असली मृत पिता की संतान हैं, उसका अपना खून. पर अब वो ऑल्सन परिवार को ही शायद अपना मानते हैं.

कौन अपना और कौन पराया? ये नॉर्वे है. यहां कुछ बच्चे मेरे, कुछ तुम्हारे और कुछ हमारे.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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