• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

सरदार पटेल की मूर्ति देखकर 'विकास' का अंदाजा लगाइए

    • आईचौक
    • Updated: 27 अगस्त, 2018 03:57 PM
  • 27 अगस्त, 2018 03:54 PM
offline
पिछले 5 सालों अब तक 'Statue of unity' धड़ तक तैयार कर ली गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण कर दिया जाएगा.

कौन कह रहा है कि विकास नहीं हो रहा. गुजरात में हो रहा है और रफ्तार से हो रहा है. यकीन नहीं आता तो देख लीजिए. प्रधानमंत्री मोदी का प्रोजेक्ट 'Statue of unity' काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. ये प्रतिमा सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे बनाई जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब 31 अक्टूबर 2013 को उन्होंने केवड़िया में इसकी आधारशिला रखी थी.

गुजरात में नर्मदा किनारे बन रही है ये प्रतिमा

पिछले 5 वर्षों में अब तक ये प्रतिमा धड़ तक तैयार कर ली गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण कर दिया जाएगा.

क्यों खास है 'Statue of unity'-

* 'Statue of unity' समुद्र तल से 117 मीटर ऊपर बनाई जा रही है. इस प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर(597 फीट) है. 182 मीटर इसलिए क्योंकि गुजरात विधानसभा की कुल सीटें 182 है.

* जब ये प्रतिमा पूरी तरह बन जाएगी तो ये दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा कहलाई जाएगी. 'Statue of liberty' से दोगुनी और सबसे ऊंची मौजूदा प्रतिमा चीन के 'स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा' से 100 मीटर ऊंची.

* इस प्रेजेक्ट में करीब 3 हजार मजदूर और सैकड़ों इंजीनियर पिछले 5 सालों से लगातार काम कर रहे हैं.

5 साल से चल रहा है काम

* प्रोजेक्ट की कीमत है 2,989 करोड़ है. 2332 करोड़ निर्माण कार्य के लिए और 600 करोड़ अगले 15 साल तक इसके रखरखाव के लिए सुनिश्चित किए गए हैं.

* ये प्रतिमा लाखों टन कंक्रीट और स्टील से बनी है. और बाहरी...

कौन कह रहा है कि विकास नहीं हो रहा. गुजरात में हो रहा है और रफ्तार से हो रहा है. यकीन नहीं आता तो देख लीजिए. प्रधानमंत्री मोदी का प्रोजेक्ट 'Statue of unity' काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. ये प्रतिमा सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे बनाई जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब 31 अक्टूबर 2013 को उन्होंने केवड़िया में इसकी आधारशिला रखी थी.

गुजरात में नर्मदा किनारे बन रही है ये प्रतिमा

पिछले 5 वर्षों में अब तक ये प्रतिमा धड़ तक तैयार कर ली गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण कर दिया जाएगा.

क्यों खास है 'Statue of unity'-

* 'Statue of unity' समुद्र तल से 117 मीटर ऊपर बनाई जा रही है. इस प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर(597 फीट) है. 182 मीटर इसलिए क्योंकि गुजरात विधानसभा की कुल सीटें 182 है.

* जब ये प्रतिमा पूरी तरह बन जाएगी तो ये दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा कहलाई जाएगी. 'Statue of liberty' से दोगुनी और सबसे ऊंची मौजूदा प्रतिमा चीन के 'स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा' से 100 मीटर ऊंची.

* इस प्रेजेक्ट में करीब 3 हजार मजदूर और सैकड़ों इंजीनियर पिछले 5 सालों से लगातार काम कर रहे हैं.

5 साल से चल रहा है काम

* प्रोजेक्ट की कीमत है 2,989 करोड़ है. 2332 करोड़ निर्माण कार्य के लिए और 600 करोड़ अगले 15 साल तक इसके रखरखाव के लिए सुनिश्चित किए गए हैं.

* ये प्रतिमा लाखों टन कंक्रीट और स्टील से बनी है. और बाहरी संरचना कांसे (bronze) से बनाई गई है. मूर्ति की नींव के लिए रीसाइकल्ड लोहे का इस्तेमाल किया गया है.

* यहां पर्यटकों के लिए 501 फीट तक फैली हुई एक गैलरा भी होगी, जिसमें करीब 200 पर्यटक एक साथ आ सकते हैं.

* इस प्रतिमा के पास ही 128 कमरों का एक 3 सितारा होटल भी होगा, जिसमें रेस्त्रां और कॉन्फ्रेंस करने की सुविधा होगी.

क्यों खटक रहा है विकास का ये नमूना-

भले ही 'Statue of unity' मोदी जी का ये ड्रीम प्रोजेक्ट हो लेकिन इस प्रोजेक्ट को लेकर जनता उतनी उत्साहित नहीं दिखाई देती. लोगों ने इस प्रोजेक्ट को केवल पैसे की बर्बादी बताया है. लोगों का कहना हैा कि जितना पैसा इस प्रतिमा का बनवाने में खर्च किया जा रहा है उतना पैसा किसी अगर महिला सुरक्षा, शिक्षा या कृषि योजनाओं में लगाया जाता तो वो ज्यादा फायदेमंद साबित होता.

लोगों में गुस्सा है क्योंकि इस प्रोजेक्ट के लिए करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाया जा रहा है जिससे जनता को क्या फायदा है इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

2016 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई तट पर मराठा नायक शिवाजी महाराज के भव्य स्मारक का शिलान्यास किया था. महाराष्ट्र सरकार भी अपने इस स्मारक को दुनिया में सबसे ऊंचा होने का दावा कर रही है. इसकी ऊंचाई 210 मीटर बताई जा रही है और इसपर होने वाली लागत करीब 3,600 करोड़ रुपये आंकी गई है.

बीच समंदर में बन रहा है शिवाजी स्मार्क

सरदार पटेल की प्रतिमा बनाने का वादा मोदी अपने ही कार्यकाल में पूरा कर देंगे. लोग बहस कर रहे हैं कि इतने करोड़ रुपए एक प्रतिमाओं पर खर्च करने का क्‍या फायदा. लेकिन राजनीति के जानकार जानते हैं कि जब लड़ाई वोटों की होती है तो प्रतीक ही काम आते हैं. नेहरू-गांधी की मू‍र्तियां लगाकर प्रतिमाओं की राजनीति पर एक अरसे तक कांग्रेस ने कब्‍जा जमाए रखा. इस कब्‍जे को सबसे पहले तोड़ने का काम मायावती ने किया, जिन्‍होंने पूरे यूपी में अंबेडकर की मूर्तियां बनवाईं. इस खेल में भाजपा नई उतरी है. उसके अपने पूज्‍य-प्रतीक हैं, और कुछ पॉलि‍टिकल-प्रतीक. मोदी उन्‍हें स्‍थापित कर खुद के राजनीतिक-कद की प्राण प्रतिष्‍ठा कराना चाहते हैं. गुजरात में सरदार पटेल की स्‍थापना इसी राजनीतिक-क्रम में है. वे अपने मौजूदा कार्यकाल में इस प्रतिमा का अनावरण कर संकेत देना चाहते हैं कि गुजरात के इस महान सपूत को असली सम्‍मान उन्‍होंने ही दिलाया है. कांग्रेस ने नहीं, जिस पार्टी से पटेल ने अपनी राजनीति की.

ये भी पढ़ें-

छत्रपति शिवाजी का स्मारक और उसके राजनीतिक मायने

गणेश, कृष्ण, शिव की मूर्ति गिफ्ट करने के भी नियम हैं



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲