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ट्रायल रूम में लगे जासूसी आईने को पहचानने के ये हैं 4 आसान तरीके

    • आईचौक
    • Updated: 13 नवम्बर, 2018 03:10 PM
  • 12 नवम्बर, 2018 05:58 PM
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महिलाओं के ट्रायल रूम में कैमरे छुपाकर लगाना अब पुरानी बात हो गई. अब वहशी दरिंदों ने ट्रायल रूम में लगे आईनों में ही साजिश करनी शुरू कर दी है. सावधान रहिए 'टू वे मिरर' से.

शॉपिंग मॉल के ट्रायल रूम हमेशा से महिलाओं के लिए सावधानी बरतने वाली जगह रही हैं. इन ट्रायल रूम में छुपाकर लगाए कैमरे जब-जब बेनकाब हुए हैं, हंगामा मचा है. महिलाएं अब किसी भी ट्रायल रूम में दाखिल होकर सबसे पहले यह सोचकर कोना-कोना छानती हैं कि कहीं से कोई उन पर नजर तो नहीं रख रहा. लेकिन महिलाओं के शरीर के प्रति हवस रखने वाले दरिंदों ने अब ट्रायल रूम के आईनों काे ही साजिश में शामिल कर लिया है. ये सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि जिस आईने का सहारा ये महिलाएं अपने कपड़े की फिटिंग चेक करने के लिए कर रही होती हैं, उसी आइने के साथ छेड़खानी करके कोई दरिंदा इनके शरीर को निहार रहा होता है. जी हां, पिछले दिनों ट्रायल रूम में पारदर्शी आईने भी लगे हुए पकड़े गए हैं. इस तरह के आईने को 'Two-way mirror' कहते हैं. लेकिन महिलाएं बस थोड़ी सी सतर्कता दिखाएं तो आसानी से ये पता कर सकती हैं कि ट्रायल रूम में लगा शीशा 'टू वे मिरर' है या नहीं..

थोड़ी सी सतर्कता दिखाएं तो आसानी से ये पता कर सकती हैं कि ट्रायल रूम में लगा आइना 'टू वे मिरर' है या नहीं.

1- फिंगर टेस्ट

सिर्फ अपनी उंगली को आईने पर टच कीजिए. अगर आपकी उंगली और उंगली के प्रतिबिंब के बीच में एक फासला है, तो आइना बिल्कुल सही है. लेकिन अगर आपकी उंगली और उंगली का प्रतिबिंब एक दूसरे को छू रहा है तो तुरंत समझ लीजिए कि वह ऐसा आईना है, जिसमें दूसरी तरफ से कोई आप को देख सकता है. यानी वो 'टू वे मिरर' है. ऐसा होने पर आपको सतर्क रहने की जरूरत है.

2- फ्लैश लाइट टेस्ट

सामान्य आईने पर अगर आप अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर देखें तो आपके मोबाइल की लाइट रिफ्लेक्ट होगी. लेकिन अगर 'टू वे मिरर' पर आप फ्लैश मारें तो हो सकता है कि आप उसके पार भी देख सकें. इस तरह आप किसी अप्रिय...

शॉपिंग मॉल के ट्रायल रूम हमेशा से महिलाओं के लिए सावधानी बरतने वाली जगह रही हैं. इन ट्रायल रूम में छुपाकर लगाए कैमरे जब-जब बेनकाब हुए हैं, हंगामा मचा है. महिलाएं अब किसी भी ट्रायल रूम में दाखिल होकर सबसे पहले यह सोचकर कोना-कोना छानती हैं कि कहीं से कोई उन पर नजर तो नहीं रख रहा. लेकिन महिलाओं के शरीर के प्रति हवस रखने वाले दरिंदों ने अब ट्रायल रूम के आईनों काे ही साजिश में शामिल कर लिया है. ये सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि जिस आईने का सहारा ये महिलाएं अपने कपड़े की फिटिंग चेक करने के लिए कर रही होती हैं, उसी आइने के साथ छेड़खानी करके कोई दरिंदा इनके शरीर को निहार रहा होता है. जी हां, पिछले दिनों ट्रायल रूम में पारदर्शी आईने भी लगे हुए पकड़े गए हैं. इस तरह के आईने को 'Two-way mirror' कहते हैं. लेकिन महिलाएं बस थोड़ी सी सतर्कता दिखाएं तो आसानी से ये पता कर सकती हैं कि ट्रायल रूम में लगा शीशा 'टू वे मिरर' है या नहीं..

थोड़ी सी सतर्कता दिखाएं तो आसानी से ये पता कर सकती हैं कि ट्रायल रूम में लगा आइना 'टू वे मिरर' है या नहीं.

1- फिंगर टेस्ट

सिर्फ अपनी उंगली को आईने पर टच कीजिए. अगर आपकी उंगली और उंगली के प्रतिबिंब के बीच में एक फासला है, तो आइना बिल्कुल सही है. लेकिन अगर आपकी उंगली और उंगली का प्रतिबिंब एक दूसरे को छू रहा है तो तुरंत समझ लीजिए कि वह ऐसा आईना है, जिसमें दूसरी तरफ से कोई आप को देख सकता है. यानी वो 'टू वे मिरर' है. ऐसा होने पर आपको सतर्क रहने की जरूरत है.

2- फ्लैश लाइट टेस्ट

सामान्य आईने पर अगर आप अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर देखें तो आपके मोबाइल की लाइट रिफ्लेक्ट होगी. लेकिन अगर 'टू वे मिरर' पर आप फ्लैश मारें तो हो सकता है कि आप उसके पार भी देख सकें. इस तरह आप किसी अप्रिय घटना का शिकार होने से खुद को बचा सकती हैं.

3- नॉक-नॉक टेस्ट

जिस तरह दरवाजे पर नॉक किया जाता है, ठीक उसी तरह अगर आप ट्रायल रूम में लगे आईने पर नॉक करें यानी उंगली से धीरे-धीरे ठोकें तो भी असली और साजिश के तहत लगाए गए आईने का फर्क पता किया जा सकता है. अगर आवाज सामान्य सी ठक-ठक आए तो आईना सही है, क्योंकि अगर उसे किसी दीवार या पार्टिशन के सहारे लगाया होगा तो ऐसी आवाज आएगी, लेकिन अगर आवाज में थोड़ी भी गूंज आए तो सतर्क हो जाएं और पहले ये सुनिश्चित कर लें कि ट्रायल रूम में कोई कैमरा आदि तो नहीं लगा है.

4- आईने में पास से देखें

'टू वे मिरर' में कई बार पास से देखने पर आसानी से उसके पार भी दिखाई दे जाता है. ऐसे में ट्रायल रूम में लगे आईने को पास से देखें और अगर आपको उसके पार दिखे तो आप भी समझ जाएंगे कि वह आईना साजिश के तहत लगाया गया है, यानी वह 'टू वे मिरर' है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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