• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

आगे निकलने की होड़ में कहीं पिछड़ तो नहीं रही हैं बेटियां?

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 29 सितम्बर, 2018 11:33 AM
  • 29 सितम्बर, 2018 11:33 AM
offline
आज के समय में महिलाएं न सिर्फ पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, बल्कि कई मामलों में पुरुषों से आगे भी निकल चुकी हैं. लेकिन ऐसा लगता है, जैसे आगे निकलने की होड़ में कुछ महिलाओं ने अपनी सेहत को भी पीछे छोड़ दिया है.

हर बेटी को बेटों की तरह रहने, घूमने-फिरने और कपड़े पहनने का अधिकार है. बेटियां भी खुद को साबित करने के लिए आए दिन मील का पत्थर साबित हो रही हैं. अब महिलाएं न सिर्फ पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, बल्कि कई मामलों में पुरुषों से आगे भी निकल चुकी हैं. लेकिन आगे निकलने की होड़ में कहीं बेटियां पिछड़ती तो नहीं जा रही हैं? इस ओर इशारा कर रहा है ताजा सर्वे, जो दिल्ली-एनसीआर के लोगों पर किया गया है. यहां महिलाओं में एक बुरी लत के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ा है. दिल्ली-एनसीआर की महिलाएं यहां के पुरुषों की तुलना में अधिक धूम्रपान करने लगी हैं.

महिलाओं में बढ़ा सिगरेट पीने का क्रेज !

यह सर्वे मैक्स हेल्थकेयर ने कराया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के 1000 लोगों को शामिल किया था, जिसमें 55 फीसदी पुरुष और 45 फीसदी महिलाएं थीं. अरबन दिल्ली-एनसीआर में 32 फीसदी पुरुष धूम्रपान करते हैं और 44 फीसदी महिलाएं धूम्रपान करती हैं. सर्वे के अनुसार 40 फीसदी महिलाएं बहुत ज्यादा शराब पीती हैं, जबकि 30 फीसदी कभी-कभी शराब का सेवन करती हैं. हालांकि, सिर्फ 8 फीसदी महिलाएं सप्ताह में 6 पेग से अधिक पीती हैं, जबकि 20 फीसदी पुरुष हर सप्ताह 6 पेग से अधिक शराब पीते हैं. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली-एनसीआर में महिलाओं में सिगरेट पीने का क्रेज बढ़ा है. सिगरेट पीकर महिलाएं अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं. लेकिन ये भी समझना जरूरी है कि वह ऐसा कर क्यों रही हैं?

दिल्ली-एनसीआर में महिलाओं में हाइपरटेंशन की दिक्कत बढ़ी है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्यों पी रही हैं इतनी सिगरेट?

अधिक सिगरेट पीने का सबसे बड़ा कारण जो सामने आया है वह तनाव है. स्टडी के अनुसार 66 फीसदी लोगों को प्रोफेशनल तनाव है, 62 फीसदी लोगों को फाइनेंशियल तनाव है और 49 फीसदी लोग घरेलू...

हर बेटी को बेटों की तरह रहने, घूमने-फिरने और कपड़े पहनने का अधिकार है. बेटियां भी खुद को साबित करने के लिए आए दिन मील का पत्थर साबित हो रही हैं. अब महिलाएं न सिर्फ पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, बल्कि कई मामलों में पुरुषों से आगे भी निकल चुकी हैं. लेकिन आगे निकलने की होड़ में कहीं बेटियां पिछड़ती तो नहीं जा रही हैं? इस ओर इशारा कर रहा है ताजा सर्वे, जो दिल्ली-एनसीआर के लोगों पर किया गया है. यहां महिलाओं में एक बुरी लत के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ा है. दिल्ली-एनसीआर की महिलाएं यहां के पुरुषों की तुलना में अधिक धूम्रपान करने लगी हैं.

महिलाओं में बढ़ा सिगरेट पीने का क्रेज !

यह सर्वे मैक्स हेल्थकेयर ने कराया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के 1000 लोगों को शामिल किया था, जिसमें 55 फीसदी पुरुष और 45 फीसदी महिलाएं थीं. अरबन दिल्ली-एनसीआर में 32 फीसदी पुरुष धूम्रपान करते हैं और 44 फीसदी महिलाएं धूम्रपान करती हैं. सर्वे के अनुसार 40 फीसदी महिलाएं बहुत ज्यादा शराब पीती हैं, जबकि 30 फीसदी कभी-कभी शराब का सेवन करती हैं. हालांकि, सिर्फ 8 फीसदी महिलाएं सप्ताह में 6 पेग से अधिक पीती हैं, जबकि 20 फीसदी पुरुष हर सप्ताह 6 पेग से अधिक शराब पीते हैं. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली-एनसीआर में महिलाओं में सिगरेट पीने का क्रेज बढ़ा है. सिगरेट पीकर महिलाएं अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं. लेकिन ये भी समझना जरूरी है कि वह ऐसा कर क्यों रही हैं?

दिल्ली-एनसीआर में महिलाओं में हाइपरटेंशन की दिक्कत बढ़ी है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्यों पी रही हैं इतनी सिगरेट?

अधिक सिगरेट पीने का सबसे बड़ा कारण जो सामने आया है वह तनाव है. स्टडी के अनुसार 66 फीसदी लोगों को प्रोफेशनल तनाव है, 62 फीसदी लोगों को फाइनेंशियल तनाव है और 49 फीसदी लोग घरेलू तनाव से परेशान हैं. इनमें 21-30 साल के लोग 43 फीसदी हैं, 31-40 साल के 55 फीसदी लोग हैं और 44 फीसदी लोगों की उम्र 41 से 50 साल है. 66 फीसदी महिलाएं प्रोफेशनल कारणों से तनाव में रहती हैं और 45 फीसदी महिलाएं सोशल कमिटमेंट को लेकर तनाव का सामना करती हैं.

महिलाओं को हो रहीं ये भी दिक्कतें

- 70 फीसदी महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स सामान्य नहीं है, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा सिर्फ 63 फीसदी है.

- 36 फीसदी महिलाओं में हाइपरटेंशन देखी गई है, जबकि सिर्फ 26 फीसदी पुरुष हाइपरटेंशन का शिकार हैं.

- 45 फीसदी महिलाएं सोशल कमिटमेंट को लेकर टेंशन में रहती हैं, जबकि सिर्फ 33 फीसदी पुरुष इस बारे में सोचते हैं.

- 36 फीसदी महिलाएं मूड बदलने, डिप्रेशन और एंक्जाइटी की दिक्कत झेल रही हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा सिर्फ 20 फीसदी है.

- 39 फीसदी महिलाओं ने नींद न आने या इनसोम्निया की शिकायत की है, जबकि सिर्फ 15 फीसदी पुरुष ये दिक्कत झेलते हैं.

- 30 फीसदी महिलाओं के खाने-पीने का वक्त बिगड़ा हुआ रहता है, जबकि पुरुषों में यह दिक्कत सिर्फ 20 फीसदी लोगों को होती है.

डराते हैं ये आंकड़े

The Lancet जर्नल में छपी Global Burden of Disease की एक स्टडी के अनुसार 2015 में स्मोकिंग की वजह से पूरी दुनिया में 11 फीसदी यानी करीब 64 लाख लोगों की मौत हुई थी. इसमें से 52.2 फीसदी लोग सिर्फ चीन, भारत, अमेरिका और रूस में मारे गए. पूरी दुनिया में स्मोकिंग से हुई मौतों में भारत के मरने वाले लोगों की संख्या करीब 11.2 फीसदी थी. ये आंकड़े इस बात की पुष्टि करने के लिए काफी हैं कि स्मोकिंग कितनी खतरनाक है.

मैक्स अस्पताल के हर्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर केके तलवार का कहना है कि महिलाओं में स्मोकिंग का क्रेज बढ़ना चिंताजनक है, लेकिन इसमें कमी आ सकती है. उनके अनुसार, यूरोप में भी अचानक महिलाओं में स्मोकिंग का क्रेज बढ़ गया था, लेकिन अब स्थिति संभल गई है. देखा जाए तो दिल्ली एनसीआर जैसे शहरों में लोगों की लाइफस्टाइल तेजी से बदली है और इन नतीजों का ये भी एक कारण हो सकता है. खैर, यह रिसर्च सिर्फ 1000 लोगों पर किया गया है, तो हो सकता है कि इससे पूरी आबादी का सही अनुमान लगाना मुश्किल हो. यह तो सिर्फ दिल्ली-एनसीआर की बात है, देश के बाकी जगहों को लेकर ऐसा कोई सर्वे नहीं हुआ है. महिलाओं का पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलना तो ठीक है, लेकिन नशे की लत से जितना दूर रहें उतना बेहतर होगा.

ये भी पढ़ें-

Adultery law verdict: विवाहेत्तर संबंधों के लिए महिला-पुरूष समान रूप से फ्री!

पैर खोलकर मर्दानगी दिखाने वाले पुरुषों को अब डरने की जरूरत है

जिस शरीर पर शर्मिंदगी थी उसी को हथियार बनाया इस महिला ने...


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲