• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

39 बलात्कार प्रति घंटे! अरे बोलने वालों कुछ तो सोचो

    • संतोष चौबे
    • Updated: 27 जून, 2018 07:58 PM
  • 27 जून, 2018 07:58 PM
offline
हम में से बहुत ये मान सकते हैं कि भारत के साथ ये रैंकिंग सही नहीं हैं पर रिपोर्ट क्या कुछ कहती है हमें उस पर गहराई से ध्यान देना चाहिए. ना कि जैसा बीजेपी के लोग कर रहे हैं.

2016 में महिलाओं के खिलाफ 3.38 लाख अपराध के मामले हुए जिसमें 11.5% बलात्कार के थे. एनसीआरबी के इन आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में हर घंटे बलात्कार के 39 मामले होते हैं. आंकड़े कहते हैं भारत में रहना महिलाओं के लिए वास्तव ही भयावह है.

तो अगर इस केस में कोई विश्वसनीय ग्लोबल रिपोर्ट ये कहती है कि भारत महिलाओं के लिए दुनिया में सबसे खतरनाक जगह बन चुका है तो हमें उस पर सोचना चाहिए ना की उस रिपोर्ट को ऐसे ही डिसमिस कर देना चाहिए. हम में से बहुत ये मान सकते हैं कि भारत के साथ ये रैंकिंग सही नहीं हैं पर रिपोर्ट क्या कुछ कहती है हमें उस पर गहराई से ध्यान देना चाहिए. ना कि जैसा बीजेपी के लोग कर रहे हैं.

थॉमसन रायटर्स फाउंडेशन की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं और सेक्सुअल वायलेंस और ग़ुलामी इसका सबसे बड़ा कारण है. भारत में महिलाओं की स्थिति कितनी बदतर है इसका पता इसी बात से लगता है कि भारत को फॉलो करने वाले देशों में अफ़ग़ानिस्तान, सीरिया, सोमालिया, सऊदी अरब और पाकिस्तान का नाम है.

पर रिपोर्ट पर चिंतित होने के बजाए महिला और बाल कल्याण मंत्रालय ने रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया है ये कहते हुए कि ये रिपोर्ट 500 महिलाओं के सैंपल साइज के अनुभव पर आधारित है और साथ में इसमें कोई डाटा भी नहीं दिया गया है.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के अनुसार भी सर्वे का सैंपल साइज बस 500 महिलाओं का था जबकि भारत में 1.3 अरब लोग रहते हैं और यहाँ महिलाओं को अपने कानूनी अधिकारों की कहीं ज्यादा जानकारी है.

लेकिन सात साल पहले, 2013 में, इसी थॉमसन रायटर्स फाउंडेशन के सर्वे ने भारत को दुनिया में महिलाओं के लिए चौथी सबसे भयावह जगह बताया तहत और इसको लेकर तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट ने ट्वीट किया था कि भारत में...

2016 में महिलाओं के खिलाफ 3.38 लाख अपराध के मामले हुए जिसमें 11.5% बलात्कार के थे. एनसीआरबी के इन आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में हर घंटे बलात्कार के 39 मामले होते हैं. आंकड़े कहते हैं भारत में रहना महिलाओं के लिए वास्तव ही भयावह है.

तो अगर इस केस में कोई विश्वसनीय ग्लोबल रिपोर्ट ये कहती है कि भारत महिलाओं के लिए दुनिया में सबसे खतरनाक जगह बन चुका है तो हमें उस पर सोचना चाहिए ना की उस रिपोर्ट को ऐसे ही डिसमिस कर देना चाहिए. हम में से बहुत ये मान सकते हैं कि भारत के साथ ये रैंकिंग सही नहीं हैं पर रिपोर्ट क्या कुछ कहती है हमें उस पर गहराई से ध्यान देना चाहिए. ना कि जैसा बीजेपी के लोग कर रहे हैं.

थॉमसन रायटर्स फाउंडेशन की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं और सेक्सुअल वायलेंस और ग़ुलामी इसका सबसे बड़ा कारण है. भारत में महिलाओं की स्थिति कितनी बदतर है इसका पता इसी बात से लगता है कि भारत को फॉलो करने वाले देशों में अफ़ग़ानिस्तान, सीरिया, सोमालिया, सऊदी अरब और पाकिस्तान का नाम है.

पर रिपोर्ट पर चिंतित होने के बजाए महिला और बाल कल्याण मंत्रालय ने रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया है ये कहते हुए कि ये रिपोर्ट 500 महिलाओं के सैंपल साइज के अनुभव पर आधारित है और साथ में इसमें कोई डाटा भी नहीं दिया गया है.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के अनुसार भी सर्वे का सैंपल साइज बस 500 महिलाओं का था जबकि भारत में 1.3 अरब लोग रहते हैं और यहाँ महिलाओं को अपने कानूनी अधिकारों की कहीं ज्यादा जानकारी है.

लेकिन सात साल पहले, 2013 में, इसी थॉमसन रायटर्स फाउंडेशन के सर्वे ने भारत को दुनिया में महिलाओं के लिए चौथी सबसे भयावह जगह बताया तहत और इसको लेकर तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट ने ट्वीट किया था कि भारत में महिलाएं कब सुरक्षित और संरक्षित महसूस करेंगी.

और अगर हम एनसीआरबी के 2013 के आंकड़ों की भी बात करें तो हम पाएंगे की आज स्थिति बदतर है. आंकड़ों के मुताबिक़ 2013 में महिलाओं से अपराध के कुल 3.09 लाख मामले सामने आये थे जो आज से 29 हज़ार कम थे.

ये भी पढ़ें-

महिला सुरक्षा सर्वे क्यों भारत के लिए चिंता का विषय?

548 लोगों की राय 60 करोड़ भारतीय महिलाओं का सही हाल कैसे बयान कर सकती हैं ?


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲