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शशिकला को छोडि़ए, वीवीआईपी जेल देखना है तो हमारे साथ आइए...

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 20 जुलाई, 2017 03:23 PM
  • 20 जुलाई, 2017 03:23 PM
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विश्व की इन जेलों को देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि हमने शशिकला को कुछ खास सुविधा नहीं दी है. अब इसके बाद भी किसी को ये लगे कि जेल में शशिकला राजाओं की तरह रह रही हैं तो फिर ये हास्यास्पद कहलाएगा.

न्याय अच्छा तभी माना जाता है जब दोषी पकड़ा जाए, उसपर मुकदमा चले, उसके अपराध सिद्ध हों और अदालत उसे सजा दे. इसे तमिलनाडु की एआईएडीएमके नेता वीके शशिकला के सन्दर्भ में समझिये. आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला जेल में हैं और इन दिनों न सिर्फ तमिलनाडु और कर्नाटक बल्कि सम्पूर्ण भारत में लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं. शशिकला चर्चा में क्यों है इसका कारण बस इतना है कि उन्हें जेल में 'वीवीआईपी' सुविधाएं मिल रही थीं.

शशिकला को जेल में क्या मिला क्यों मिला, किसलिए मिला, कितना मिला, कैसे मिला इसपर बात नहीं करेंगे बल्कि हम बात इसपर करेंगे कि शशिकला को जेल में जो मिल रहा है उससे लोगों को आखिर इतनी परेशानी क्यों हो रही है.

शशिकला क्या, कोई भी जेल का मतलब अकेले रहने की यातना से है. कोई भी जज सजा सुनाते हुए यह नहीं कहता कि ले जाओ इसे जेल में गंदे से गंदे हालात में रहो. ऐसा लगना चाहिए कि यह जेल में नर्क भोग रहा है.

ये बात और है कि हमारे देश का जेल प्रशासन इस सारे नर्क के इंतजाम करे बैठा रहता है. कई जेलों में क्षमता से पांच गुना कैदी रह रहे हैं. हम जेल पर बात कर रहे हैं मगर उससे पहले ये समझना बेहतर होगा कि आखिर जेल है क्या. जब हमने गूगल पर इसके विषय में सर्च किया तो ज्यादा कुछ मिला नहीं. जो मिला वो ये कि ये एक ऐसी जगह होती है जहाँ पर चोर, डकैत, या किसी भी प्रकार के उपद्रव, जालसाजी और आतंक में शामिल लोगों को रखा जाता है. यानी जेल का उद्देश्‍य अपराधी को समाज से अलग रखना है.

शशिकला को जेल में स्पेशल ट्रीटमेंट मिलने पर जो लोग परेशान हैं उन्हें विदेश की जेलों को देखना चाहिए

बहुत पहले महान दार्शनिक अरस्तु ने कहा था कि, मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. कोई भी व्यक्ति अकेला नहीं रह सकता, क्योंकि अकेला रहना एक बहुत बड़ी...

न्याय अच्छा तभी माना जाता है जब दोषी पकड़ा जाए, उसपर मुकदमा चले, उसके अपराध सिद्ध हों और अदालत उसे सजा दे. इसे तमिलनाडु की एआईएडीएमके नेता वीके शशिकला के सन्दर्भ में समझिये. आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला जेल में हैं और इन दिनों न सिर्फ तमिलनाडु और कर्नाटक बल्कि सम्पूर्ण भारत में लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं. शशिकला चर्चा में क्यों है इसका कारण बस इतना है कि उन्हें जेल में 'वीवीआईपी' सुविधाएं मिल रही थीं.

शशिकला को जेल में क्या मिला क्यों मिला, किसलिए मिला, कितना मिला, कैसे मिला इसपर बात नहीं करेंगे बल्कि हम बात इसपर करेंगे कि शशिकला को जेल में जो मिल रहा है उससे लोगों को आखिर इतनी परेशानी क्यों हो रही है.

शशिकला क्या, कोई भी जेल का मतलब अकेले रहने की यातना से है. कोई भी जज सजा सुनाते हुए यह नहीं कहता कि ले जाओ इसे जेल में गंदे से गंदे हालात में रहो. ऐसा लगना चाहिए कि यह जेल में नर्क भोग रहा है.

ये बात और है कि हमारे देश का जेल प्रशासन इस सारे नर्क के इंतजाम करे बैठा रहता है. कई जेलों में क्षमता से पांच गुना कैदी रह रहे हैं. हम जेल पर बात कर रहे हैं मगर उससे पहले ये समझना बेहतर होगा कि आखिर जेल है क्या. जब हमने गूगल पर इसके विषय में सर्च किया तो ज्यादा कुछ मिला नहीं. जो मिला वो ये कि ये एक ऐसी जगह होती है जहाँ पर चोर, डकैत, या किसी भी प्रकार के उपद्रव, जालसाजी और आतंक में शामिल लोगों को रखा जाता है. यानी जेल का उद्देश्‍य अपराधी को समाज से अलग रखना है.

शशिकला को जेल में स्पेशल ट्रीटमेंट मिलने पर जो लोग परेशान हैं उन्हें विदेश की जेलों को देखना चाहिए

बहुत पहले महान दार्शनिक अरस्तु ने कहा था कि, मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. कोई भी व्यक्ति अकेला नहीं रह सकता, क्योंकि अकेला रहना एक बहुत बड़ी साधना है. जो लोग समाज या परिवार में रहते हैं वे इसलिए रहते हैं कि उन्हें एक दूसरे की सहायता की आवश्यकता होती है. साथ ही अरस्तु ने ये भी कहा था कि, यदि मनुष्य के पास से समाज हटा दें तो वो पशु तुल्य है. खैर अरस्तु ने इसे क्यों और किस परिपेक्ष में कहा इसके अपने अलग तर्क हैं. अब यदि इसे जेल के सम्बन्ध में सोचा जाए तो मिलेगा कि, व्यक्ति को जेल में अकेले रखा जाता है, ताकि साधना के भाव से उसके अन्दर की बुराइयां दूर हो जाएं, और वो एक बेहतर इंसान बन के बाहर निकले.

ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अकेले रहकर बेहतर बनने की प्रक्रिया में है तो फिर उसपर इतना हो हल्ला क्यों मचाना. क्यों नहीं हम उसे उसके हाल में छोड़ देते. क्यों हमें उसकी सुविधाएं देख के परेशानी हो रही. चूंकि आज बात जेल पर हो रही है, अतः आज अपने इस आर्टिकल के जरिये हम आपको अवगत कराना चाहेंगे विश्व की कुछ ऐसी जेलों से जहां कैदियों को मिलने वाली सुविधाएं किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं है और इन जेलों को देखकर आपके मुंह से अपने आप ही निकल आयगा कि 'अरे हमने तो अपने कैदियों के साथ ऐसा कुछ किया ही नहीं फिर हमारी भावना क्यों इतनी आहत हो रही है'.

ऐसी जेल शायद ही कभी आपने देखी होबैस्टॉय प्रिजन, नॉर्वे

ये जेल बैस्टॉय द्वीप पर स्थित है. यहां 100 के आस पास कैदी कॉटेजों में रहते हैं. आलीशान कॉटेज के अलावा यहां के कैदी अपने खाली समय में टेनिस, हॉर्स राइडिंग, फिशिंग और सन बाथ करते हैं.

कैदी बाहरी समाज के साथ सामंजस बैठा सकें इसके लिए मिलती है यहां कैदियों को ट्रेनिएचएमपी एड्डिएवेल, स्कॉटलैंड  

यह जेल दक्षिणी स्कॉटलैंड में स्थित है. सोडेक्सो जस्टिस सर्विसेज इस जेल का प्रबंधन करती हैं. यहां के कैदी बाहरी समाज के साथ सामंजस बैठा सकें इसके लिए इन्हें सप्ताह में 40 घंटे की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है.

न्यूज़ीलैण्ड की वो जेल जो किसी कारखाने जैसी है ओटागो करेक्शन फैसिलिटी, न्यूज़ीलैण्ड

न्यूज़ीलैण्ड की ये जेल किसी कारखाने से कम नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि वैभव के अलावा यहां वास करने वाले कैदियों को पाक कला, डेयरी, खेती और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग जैसे बहुत सारे कौशल सिखाए जाते हैं.

इस जेल को देखिये ये किसी आलीशान अपार्टमेंट सरीखी है जस्टिस सेंटर लेबेन, ऑस्ट्रिया

जस्टिस सेंटर लेबेन में कैदियों के अपने अलग अलग कमरे होते हैं जिसमें हर वो चीज होती है जिसकी जरूरत एक व्यक्ति को होती है. यदि इस जेल को ध्यान से देखें तो मिलता है कि ये किसी आलीशान अपार्टमेंट जैसा है.

स्पेन की ऐसी जेल जहां कैदी के साथ परिवार भी रह सकता हैअरंजेज़ जेल, स्पेन

स्पेन की ये जेल अपने आप में अनोखी है. जहां कैदी हर बुनियादी सुविधा से लैस कमरे में अपने परिवार के साथ रह सकते हैं और उनसे अपने सुख या दुःख बांट सकते हैं.

किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं मालूम दे रही है स्वीडन की ये जेल सोलेंटुना जेल, स्वीडन

आप इस जेल को देखिये और बताइए कि क्या आपको ये जेल की तरह लग रही है. शायद आपका जवाब न हो मगर ये सच है. स्वीडन की ये जेल किसी भी तरह से किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं मालूम दे रही है. यहां प्राइवेट बाथरूम, किचन, जिम सब कुछ मौजूद है.'

इस जेल को देखिये और बताइए कि क्या कभी आप भारत में ऐसी जेल की कल्पना कर सकते हैं पांदोक बांबू जेल, इंडोनेशिया

इंडोनेशिया की ये जेल किसी भी व्यक्ति को हैरत में डाल सकती है. ऐसा इसलिए कि इसकी खूबसूरती और यहां मिलने वाली सुख सुविधाएं किसी को भी मन्त्र मुग्ध कर सकती हैं. बताया जाता है कि इंडोनेशिया के बहुत से लोग क्राइम सिर्फ इसलिए करते हैं ताकि वो इस जेल में आ सकें और इसका जलवा खुद अपनी आंखों से देख सकें.   

विश्व की इन जेलों को देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि शशिकला जेल में जैसे रह रही हैं, वैसा सभी कैदियों को रखा जाना चाहिए. वैसे भी, शशिकला को उनके वैभव से दूर रख देना और पॉवर पॉलिटिक्‍स से अलग कर देना ही उनके लिए असली सजा है.

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एक देश जहां कैदियों के इम्पोर्ट से भी नहीं भरी जेल

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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