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तो इसलिए ऑफिस में हमेशा लड़कियों को ठंड लगती है...

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 28 नवम्बर, 2017 04:22 PM
  • 28 नवम्बर, 2017 04:22 PM
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लड़कियों के बार-बार AC temperature कम करवाने को अगर कोई उनके नखरा समझता है तो पहले उसे ये रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए...

सुबह 10 बजे ऑफिस आने के बाद सबसे पहला काम जो मैं करती हूं वो है अपना शॉल निकाल कर टेबल पर रखना. सुबह-सुबह के कुछ अर्जेंट मेल का रिप्लाई करने के बाद शॉल ओढ़ कर बैठना और खुद को कम्फर्टेबल करना बहुत जरूरी है. हाथ भी ऐसे ठंडे हो जाते हैं कि टाइप करने में समस्या होने लगती है.

ऑफिस में मेरे बगल में बैठने वाली लड़की भी अपने जैकेट की गर्माहट का मजा ले रही है. दूसरी टीम में बैठने वाली लड़की के पास भी हमेशा शॉल रहती है. कुल मिलाकर पूरे फ्लोर पर जितनी भी लड़कियां हैं वो अपने साथ खुद को गर्म करने के लिए कुछ न कुछ लेकर आती हैं.

लड़के यहां भी अपनी शर्ट की आस्तीन चढ़ा कर बैठे रहते हैं क्योंकि उन्हें गर्मी लगती है. ये बात तो सही है.. बाहर भले ही कितनी भी गर्मी क्यों न हो ऑफिस में अंदर बैठकर लड़कियों को AC में ठंड तो लगने ही लगती है.

इसकी वजह है और ये पूरी तरह से वैज्ञानिक भी है. दरअसल, मॉर्डन ऑफिस जिस तरह की एयरकंडीशनिंग का इस्तेमाल करते हैं वो पुरुषों के हिसाब से है. एक 40 साल के पुरुष का मेटाबॉलिजम रेट महिलाओं की तुलना में 30% तेज होता है. ऑफिस का AC उस हिसाब से महिलाओं को कम से कम 2.5 से 4 डिग्री सेल्सियस temperature ज्यादा चाहिए होता है. ये आंकड़ा दिया है दो डच साइंटिस्ट ने जिन्होंने इस पूरे मामले में एक रिसर्च की थी.

इसके अलावा एक बात और है. महिलाओं की तासीर यानि जिसे कोर temperature कहते हैं वो पुरुषों की तुलना में गर्म होती है और यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड के स्कूल ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार temperature हर इंसान के हिसाब से अलग होता है. महिलाओं की तासीर ज्यादा गर्म होती है और साइंस के हिसाब से जब किसी इंसान की बॉडी ज्यादा गर्म होती है तो ठंडी हवा ज्यादा ठंडी लगती है.

इतना ही नहीं अगर महिलाएं कोई खास तरह की दवाइयां ले रही हैं जैसे...

सुबह 10 बजे ऑफिस आने के बाद सबसे पहला काम जो मैं करती हूं वो है अपना शॉल निकाल कर टेबल पर रखना. सुबह-सुबह के कुछ अर्जेंट मेल का रिप्लाई करने के बाद शॉल ओढ़ कर बैठना और खुद को कम्फर्टेबल करना बहुत जरूरी है. हाथ भी ऐसे ठंडे हो जाते हैं कि टाइप करने में समस्या होने लगती है.

ऑफिस में मेरे बगल में बैठने वाली लड़की भी अपने जैकेट की गर्माहट का मजा ले रही है. दूसरी टीम में बैठने वाली लड़की के पास भी हमेशा शॉल रहती है. कुल मिलाकर पूरे फ्लोर पर जितनी भी लड़कियां हैं वो अपने साथ खुद को गर्म करने के लिए कुछ न कुछ लेकर आती हैं.

लड़के यहां भी अपनी शर्ट की आस्तीन चढ़ा कर बैठे रहते हैं क्योंकि उन्हें गर्मी लगती है. ये बात तो सही है.. बाहर भले ही कितनी भी गर्मी क्यों न हो ऑफिस में अंदर बैठकर लड़कियों को AC में ठंड तो लगने ही लगती है.

इसकी वजह है और ये पूरी तरह से वैज्ञानिक भी है. दरअसल, मॉर्डन ऑफिस जिस तरह की एयरकंडीशनिंग का इस्तेमाल करते हैं वो पुरुषों के हिसाब से है. एक 40 साल के पुरुष का मेटाबॉलिजम रेट महिलाओं की तुलना में 30% तेज होता है. ऑफिस का AC उस हिसाब से महिलाओं को कम से कम 2.5 से 4 डिग्री सेल्सियस temperature ज्यादा चाहिए होता है. ये आंकड़ा दिया है दो डच साइंटिस्ट ने जिन्होंने इस पूरे मामले में एक रिसर्च की थी.

इसके अलावा एक बात और है. महिलाओं की तासीर यानि जिसे कोर temperature कहते हैं वो पुरुषों की तुलना में गर्म होती है और यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड के स्कूल ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार temperature हर इंसान के हिसाब से अलग होता है. महिलाओं की तासीर ज्यादा गर्म होती है और साइंस के हिसाब से जब किसी इंसान की बॉडी ज्यादा गर्म होती है तो ठंडी हवा ज्यादा ठंडी लगती है.

इतना ही नहीं अगर महिलाएं कोई खास तरह की दवाइयां ले रही हैं जैसे बर्थ कंट्रोल की दवाएं तो उन्हें ठंड और ज्यादा लगेगी. क्योंकि दवाओं के कारण महिलाओं का बॉडी temperature ज्यादा बढ़ जाएगा.

इतना ही नहीं यूके मेडिकल जर्नल The Lancet के अनुसार महिलाओं के हाथ और पैर मर्दों की तुलना में ज्यादा ठंडे होते हैं. भले ही पूरा शरीर गर्म हो, लेकिन महिलाओं को हाथ और पैर में ठंड लगेगी ही.

अब इसे गलत कहें या सही ये तो नहीं पता, लेकिन किसी भी ऑफिस का temperature मर्दों के शरीर के हिसाब से सेट किया जाता है. इसे sexiest भी कहा जा सकता है. आखिर ऑफिस में तो महिलाएं भी काम करती हैं उनका भी ख्याल रखना चाहिए. लेकिन अधिकतर लोगों को इस बारे में पता ही नहीं होता.

ये सिर्फ ऑफिस का हाल ही नहीं है. मॉल या सिनेमा हॉल में भी ऐसा ही होता है. और यही कारण है कि मेरे जैसे लोगों का सिर दर्द करने लगता है.

ये भी जान लीजिए...

अक्सर फिल्म देखते समय मेरे हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं. क्योंकि सिनेमा हॉल का temperature ज्यादा ठंडा होता है. ऐसे में मेरे कलीग्स का सिर्फ ये कहना नहीं होता कि तुम्हें इतनी ठंड क्यों लगती है बल्कि वो तरह-तरह के अजीबो-गरीब तर्क भी देते हैं जैसे...

- वैक्सिंग करवाती हो ना.. रोएं नहीं होंगे तो ठंड तो लगेगी ही..:

ये बहुत सेक्सिस्ट कमेंट है और आसानी से किसी भी लड़की को ऑफेंड कर सकता है. अगर कोई ऐसा कमेंट कर रहा है तो उसे पहले साइंस पढ़ लेनी चाहिए.

- तुमने सुबह से चाय नहीं पी होगी..:

मतलब अगर चाय पी होती तो मैं गर्म हो जाती.. ये लॉजिक बहुत ही बुरा है.

- तुम कम तीखा खाना खाती होगी..:

इस बारे में मैं कुछ न ही बोलूं तो ठीक है. मतलब तीखा खाने से मैं गर्म हो जाऊंगी ऐसा...

- तुम्हारी तासीर ठंडी है..

साइंस पढ़ें...

- ओहो.. लड़कियों को हमेशा ठंड ही लगती है, नखरे हैं सब..:

लो जी.. जो चीज साइंटिफिक है उसे भी नखरा कहा जा रहा है. फालतू ही लड़कियां बदनाम हैं.

तो जनाब जिसे भी समस्या है कि लड़कियां बार-बार AC कम करवा देती हैं और वो इसे लड़कियों के नखरे समझते हैं उन्हें ये ध्यान रखना चाहिए कि ये नैचुरल है और लड़कियां इस मामले में कुछ नहीं कर सकती हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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