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बेमतलब नहीं है उबासी: ये 4 बातें आपको जान लेनी चाहिए...

    • आईचौक
    • Updated: 11 दिसम्बर, 2017 01:40 PM
  • 11 दिसम्बर, 2017 01:40 PM
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उबासी को एक आम चीज समझना शायद किसी की गलती हो सकती है. उबासी लेते समय आपका शरीरा आपसे कुछ कहता है.

सुबह-सुबह सोमवार के दिन अगर कोई ऑफिस आए और सीट पर बैठते ही उबासी लेने लगे तो इसका मतलब सिर्फ इसी चीज से निकाला जाता है कि उसे नींद आ रही है.

किसी कॉलेज के लेक्चर में बोर हो रहे हैं या फिर किसी डिनर डेट पर उबासी ले रही है हर बार ये माना जाता है कि नींद आ रही है, लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? साइंस का कुछ अलग कहना है. जरा गौर कीजिए... कभी ऐसा हुआ है किसी बेहद करीबी इंसान से मिलने गए हों हाथ मिलाते ही आपने उबासी ली हो और थोड़ी देर बाद आपके दोस्त को भी उबासी आ गई हो? कभी ऐसा हुआ है कि कोई बहुत ही जरूरी जगह जाना हो, एक्साइटमेंट काफी ज्यादा हो फिर भी उबासी आई हो?

तो इस सबका मतलब एक तो नहीं हो सकता है. सीधी सी बात है कि उबासी का साइंटिफिक कारण भी है... तो क्या कहना चाहता है आपका शरीर आपसे?

1. नजदीकी नाता...

किसी इंसान के ज्यादा करीब हैं उसे उबासी आएगी तो आपको भी आएगी. ये किसी छूत की बीमारी की तरह ही है. अगर आपके दिल के करीब कोई इंसान है और उससे आप मिल रहे हैं और उसे किसी भी कारण से उबासी आती है तो आप भी उसका भरपूर साथ निभाएंगे. पति-पत्नी के मामले में भी ऐसा ही होता है.

वैज्ञानिक मानते हैं कि किसी करीबी इंसान की उबासी ज्यादा तेजी से फैलती है. 2011 की एक रिसर्च में सामने आया था कि परिवार वालों, दोस्तों के मामले में ये सबसे ज्यादा होती है और अगर कोई अपरिचित होता है तो इसका कोई असर नहीं होता.

2. दिमाग कूल होना चाहता है...

उबासी तब भी आती है जब दिमाग को ठंडक चाहिए होती है. ये हालिया वैज्ञानिक खोज है जो कहती है कि इससे दिमाग को कुछ ताजा हवा मिलती है और वो ठंडा होता है. इसी बात को साबित करने वाली 2011 की एक स्टडी सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि लोग ठंड में ज्यादा उबासी लेते हैं और गर्मी में...

सुबह-सुबह सोमवार के दिन अगर कोई ऑफिस आए और सीट पर बैठते ही उबासी लेने लगे तो इसका मतलब सिर्फ इसी चीज से निकाला जाता है कि उसे नींद आ रही है.

किसी कॉलेज के लेक्चर में बोर हो रहे हैं या फिर किसी डिनर डेट पर उबासी ले रही है हर बार ये माना जाता है कि नींद आ रही है, लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? साइंस का कुछ अलग कहना है. जरा गौर कीजिए... कभी ऐसा हुआ है किसी बेहद करीबी इंसान से मिलने गए हों हाथ मिलाते ही आपने उबासी ली हो और थोड़ी देर बाद आपके दोस्त को भी उबासी आ गई हो? कभी ऐसा हुआ है कि कोई बहुत ही जरूरी जगह जाना हो, एक्साइटमेंट काफी ज्यादा हो फिर भी उबासी आई हो?

तो इस सबका मतलब एक तो नहीं हो सकता है. सीधी सी बात है कि उबासी का साइंटिफिक कारण भी है... तो क्या कहना चाहता है आपका शरीर आपसे?

1. नजदीकी नाता...

किसी इंसान के ज्यादा करीब हैं उसे उबासी आएगी तो आपको भी आएगी. ये किसी छूत की बीमारी की तरह ही है. अगर आपके दिल के करीब कोई इंसान है और उससे आप मिल रहे हैं और उसे किसी भी कारण से उबासी आती है तो आप भी उसका भरपूर साथ निभाएंगे. पति-पत्नी के मामले में भी ऐसा ही होता है.

वैज्ञानिक मानते हैं कि किसी करीबी इंसान की उबासी ज्यादा तेजी से फैलती है. 2011 की एक रिसर्च में सामने आया था कि परिवार वालों, दोस्तों के मामले में ये सबसे ज्यादा होती है और अगर कोई अपरिचित होता है तो इसका कोई असर नहीं होता.

2. दिमाग कूल होना चाहता है...

उबासी तब भी आती है जब दिमाग को ठंडक चाहिए होती है. ये हालिया वैज्ञानिक खोज है जो कहती है कि इससे दिमाग को कुछ ताजा हवा मिलती है और वो ठंडा होता है. इसी बात को साबित करने वाली 2011 की एक स्टडी सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि लोग ठंड में ज्यादा उबासी लेते हैं और गर्मी में कम.

स्टडी ये भी कहती है कि नींद के वक्त दिमाग ज्यादा काम करता है. जब किसी को नींद चाहिए होती है या किसी वजह से वो कम सोया होता है तो दिमाग का तापमान बढ़ जाता है. उस समय कुछ ज्यादा उबासी आती है जिससे दिमाग थोड़ा ठंडा होता है.

3. जितनी बड़ी उबासी, उतना बड़ा दिमाग...

एक हालिया रिपोर्ट जिसे बायोलॉजी लेटर्स के नाम से पब्लिश किया गया है बताती है कि स्तनधारियों के शरीर में जितना भारी दिमाग होगा (ज्यादा सेल और न्यूरॉन.. साइज में बड़ा नहीं), उतनी ही बड़ी उबासी ली जाएगी. कारण साफ है दिमाग को ठंडा करने के लिए और कुछ सेल्स या न्यूरॉन्स को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है काम करने के लिए. तो अब आपको पता है कि अगर कोई ज्यादा बड़ी उबासी लेने पर टोके तो क्या जवाब देना है?

इसके अलावा, जब भी शरीर को लगेगा कि ऑक्सीजन की कमी हो रही है तब तब उबासी आएगी.

4. हार्ट अटैक की निशानी...

ये थोड़ा डरावना है. अगर दिल की कोई समस्या होने वाली है या हो चुकी है, हार्ट अटैक आने वाला है या फिर कोई ट्यूमर है तो जरूरत से ज्यादा उबासी आएगी. इससे घबराइए नहीं ये तब होगा जब इतनी उबासी आएगी जो जीवन में कभी नहीं आई होगी.

हार्ट अटैक के समय कई मांसपेशियां एक्टिव हो जाती है. इसमें से एक नस जिमाग से लेकर नीचे पेट तक जाती है. इस रिएक्शन के कारण जरूरत से ज्यादा उबासी आती है.

इसके अलावा भी ऐसी बीमारियां जैसे माइग्रेन, घबराहट, ट्यूमर आदि में भी उबासी आएगी.

तो अब अगर कभी आप बोर हो रहे हों या उबासी आए तो सोचने के लिए बहुत कुछ होगा कि आखिर ये हो क्यों रहा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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