• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

ना खुद डॉक्टर बनें ना सोशल मीडिया के इन नुस्खों पर करें यकीन, भारी पड़ सकती है लापरवाही

    • आईचौक
    • Updated: 19 अप्रिल, 2021 07:29 PM
  • 18 अप्रिल, 2021 03:47 PM
offline
विश्व स्वास्थ्य संगठन और दूसरी जिम्मेदार संस्थाएं लगातार अलग-अलग माध्यमों के जरिए महामारी के हर पहलू की जानकारी दे रही हैं. जिसमें लक्षण, बचाव और कब, कहां, कैसे, क्या करना है- रोज बताया जा रहा है. कोरोना से जुड़ी किसी भी मदद या सलाह के लिए हर वक्त सुविधाएं दी जा रही हैं.

कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से देश के हालत बहुत चिंताजनक हैं. पिछले साल से लगातार कोरोना वारियर्स जान जोखिम में डालकर महामारी को काबू करने का प्रयास कर रहे हैं. कई लोग गाइडलाइन्स को फॉलो करते हुए और बताए गए एहतियात बरतते हुए सहयोग भी दे रहे हैं. लेकिन लापरवाही भी दिख रही है. कुछ लोग तय प्रोटोकॉल की लगातार अनदेखी कर रहे हैं. अफवाहें भी फैला रहे हैं. यह भी देखने को मिला है कि कई कोरोना के लक्षणों के मद्देनजर हेल्थ एक्सपर्ट की तरह नुस्खे भी साझा कर रहे हैं. लापरवाही की एक वजह सोशल मीडिया पर फ़ैल रही तमाम अफवाहें भी हैं जिसे सच मानकर खतरा मोल लिया जा रहा है.

जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन और दूसरी जिम्मेदार संस्थाएं लगातार अलग-अलग माध्यमों के जरिए महामारी के हर पहलू की जानकारी दे रही हैं. जिसमें लक्षण, बचाव और कब, कहां, कैसे, क्या करना है- रोज बताया जा रहा है. कोरोना से जुड़ी किसी भी मदद या सलाह के लिए हर वक्त सुविधाएं दी जा रही हैं. यहां तक कि हेल्थ वर्कर घर तक पहुंच रहे हैं. किसी भी अफवाह को सच मानकर ढिलाई बरतना या अनाधिकारिक नुस्खों से ना सिर्फ आपको नुकसान पहुंचेगा बल्कि आपके परिवार और जान-पहचान के लोग भी खतरे में पड़ सकते हैं.

यह उन हेल्थ वर्कर्स की मेहनत को भी बेकार साबित करना है जो हमारे आपके लिए कई महीनों से रात-दिन एक किए हुए हैं. विश्व स्वस्थ्य संगठन ने लोगों को जागरुक करने के लिए कई अफवाहों का सच बताया था. आइए एक बार फिर जान लेते हैं.

मौसम के गर्म तापमान में कोरोना फैलने का खतरा नहीं :- यह कोरी अफवाह है. WHO के मुताबिक़ कोरोना किसी भी मौसम और भौगोलिक स्थित में फैल सकता है. इसका क्लाइमेट से कोई संबंध नहीं. अभी तक वैज्ञानिक रिसर्च में इस तरह की पुष्टि नहीं हुई है.

गर्म पानी से नहाने पर कोरोना...

कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से देश के हालत बहुत चिंताजनक हैं. पिछले साल से लगातार कोरोना वारियर्स जान जोखिम में डालकर महामारी को काबू करने का प्रयास कर रहे हैं. कई लोग गाइडलाइन्स को फॉलो करते हुए और बताए गए एहतियात बरतते हुए सहयोग भी दे रहे हैं. लेकिन लापरवाही भी दिख रही है. कुछ लोग तय प्रोटोकॉल की लगातार अनदेखी कर रहे हैं. अफवाहें भी फैला रहे हैं. यह भी देखने को मिला है कि कई कोरोना के लक्षणों के मद्देनजर हेल्थ एक्सपर्ट की तरह नुस्खे भी साझा कर रहे हैं. लापरवाही की एक वजह सोशल मीडिया पर फ़ैल रही तमाम अफवाहें भी हैं जिसे सच मानकर खतरा मोल लिया जा रहा है.

जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन और दूसरी जिम्मेदार संस्थाएं लगातार अलग-अलग माध्यमों के जरिए महामारी के हर पहलू की जानकारी दे रही हैं. जिसमें लक्षण, बचाव और कब, कहां, कैसे, क्या करना है- रोज बताया जा रहा है. कोरोना से जुड़ी किसी भी मदद या सलाह के लिए हर वक्त सुविधाएं दी जा रही हैं. यहां तक कि हेल्थ वर्कर घर तक पहुंच रहे हैं. किसी भी अफवाह को सच मानकर ढिलाई बरतना या अनाधिकारिक नुस्खों से ना सिर्फ आपको नुकसान पहुंचेगा बल्कि आपके परिवार और जान-पहचान के लोग भी खतरे में पड़ सकते हैं.

यह उन हेल्थ वर्कर्स की मेहनत को भी बेकार साबित करना है जो हमारे आपके लिए कई महीनों से रात-दिन एक किए हुए हैं. विश्व स्वस्थ्य संगठन ने लोगों को जागरुक करने के लिए कई अफवाहों का सच बताया था. आइए एक बार फिर जान लेते हैं.

मौसम के गर्म तापमान में कोरोना फैलने का खतरा नहीं :- यह कोरी अफवाह है. WHO के मुताबिक़ कोरोना किसी भी मौसम और भौगोलिक स्थित में फैल सकता है. इसका क्लाइमेट से कोई संबंध नहीं. अभी तक वैज्ञानिक रिसर्च में इस तरह की पुष्टि नहीं हुई है.

गर्म पानी से नहाने पर कोरोना नहीं होता:- इस अफवाह का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. वास्तव में बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहाना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. अच्छा तरीका यही है कि भीड़ भाड़ से बचें, मास्क पहने. लगातार हाथ धोते रहे. आँख, कान, मुंह और चेहरे को छूने से पहले हाथों को सेनिटाइज करते रहें.

अल्कोहल, या वैक्टीरिया मारने वाले केमिकल पीने से मर जाते हैं कोरोना वायरस :- इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. उल्टा इसके आधार लापरवाही करने वालों को नुकसान ही पहुंचा है.

मच्छरों के काटने से फैलता है कोरोना:- WHO ने इसे पुष्ट नहीं किया है. कुछ रिसर्च हुए उसमें भी यह पुष्ट नहीं हो पाया कि कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन की वजह मच्छर भी हैं. लहसुन खाने वालों को नहीं होता कोरोना:- कोरोना संक्रमण के मामले में इस दावे का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. वैसे इसमें एंटीवायरस जैसे गुण पाए जाते हैं लेकिन इसके जरिए कोरोना के संक्रमण को रोकने का कोई प्रमाण नहीं मिला है.

कोरोना वायरस को रोकती हैं निमोनिया की दवाएं:- निमोनिया के टीके से कोरोना वायरस पर कोई असर नहीं होता. क्योंकि इसे खासतौर से निमोनिया के लिए बनाया गया था. जबकि कोरोना का वायरस अन्य वायरस से बिल्कुल नया और अलग है. अच्छी बात ये है कि कोरोना वायरस का भी टीका आ चुका है.

खारे पानी से नाक साफ कर रोक सकते हैं कोरोना वायरस:- इसका मेडिकल आधार नहीं है. दरअसल, यह अफवाह इसलिए फैली की सामान्य सर्दी में ऐसा करने से फायदा मिलता है. कोरोना के लक्षण भी कुछ-कुछ सर्दी जैसे हैं और लोगों ने मान लिया कि ये कोरोना में भी कारगर है.

हैंड ड्रायर से मर जाता है कोरोना का वायरस:- ऐसा कुछ नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस से जो बचाव के तरीके बताए हैं उसको फॉलो करना चाहिए.

एंटीबायोटिक लेने से नहीं होता कोरोना:- कुछ मरीज कोरोना से बचने के लिए एजिथ्रोमाईसिन जैसी एंटीबायोटिक दवाएं ले रहे हैं. किसी भी तरह की दवा बिना डॉक्टर से समझें ना लें.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲