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किसी का लंच चोरी करना कितना बड़ा गुनाह है?

    • आईचौक
    • Updated: 13 मार्च, 2019 04:29 PM
  • 13 मार्च, 2019 04:28 PM
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एक गर्भवती महिला ने अपने साथ हुई टिफिन चोरी की एक घटना का जिक्र किया है. लेकिन वो परिस्थिति उस महिला के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल थी जब चोर का चेहरा सामने आया और उसे सजा दी गई.

स्कूल में बच्चों का टिफिन अक्सर बच्चे चुराकर खा जाते हैं. ऐसे किस्से हमने कई बार सुने हैं. लेकिन टिफिन चोरी का ये किस्सा बेहद अनोखा है. क्योंकि यहां मामला स्कूल का नहीं एक ऑफिस का है और टिफिन चोर कोई मासूम सा बच्चा नहीं है. इस चोर को टिफिन चोरी के लिए जो सजा मिली है उसपर बहस हो रही है.

रेडिट पर अमेरिका की रहने वाली एक गर्भवती महिला ने अपने साथ हुई टिफिन चोरी की एक घटना का जिक्र किया है. जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह रोजाना उनका टिफिन ऑफिस के फ्रिज से गायब हो जाता था, और चोर को पकड़ने के लिए उन्होंने क्या-क्या किया. लेकिन वो परिस्थिति उस महिला के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल थी जब चोर का चेहरा सामने आया और उसे सजा दी गई.

महिला ने लिखा-

'मेरे पति एक शेफ हैं और हर रोज मेरे लिए खाना बनाते हैं. मुझे अच्छा खाने की जरूरत है क्योंकि शुरु से ही मैं दुबली हूं और मेरा वजन कम है. मैं अब भी अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कराती हूं और गर्भवती भी हूं. ऑफिस में मेरा लंच चोरी होने लगा. फिर मैंने अपने लंच पर लेबल लगाने शुरू कर दिए जिससे लंच चोरी होना बंद हो. लेकिन कुछ नहीं हुआ. फिर मैंने फ्रिज पर एक नोट लिखा कि - 'कृपा करके मेरा खाना लेना बंद कर दो. मैं प्रेगनेंट हूं और बच्चे को दूध भी पिताली हूं और इससे मेरे स्वास्थ पर नकारात्मक असर हो रहा है.' लेकिन ये भी व्यर्थ था.

फिर मैंने ऑफिस को एक मेल किया जिसमें मैंने लिखा कि- 'जो कोई भी मेरा लंच चुरा रहा है मुझसे पर्सनली आकर मिले. मेरे पति आपके लिए भी खाना बना देंगे. अगर आप खाने का पैसा देंगे तो मेरे पति को एक और लंच बनाने में खुशी होगी. मैं HR में आपकी शिकायत नहीं करूंगी.' हालांकि इस डील के लिए बहुत से लोग मेरे पास आए. मेरे पति ने तो साइड बिजनेस भी शुरु कर दिया. लेकिन इन सब में वो नहीं था जो मेरा लंच चुरा रहा...

स्कूल में बच्चों का टिफिन अक्सर बच्चे चुराकर खा जाते हैं. ऐसे किस्से हमने कई बार सुने हैं. लेकिन टिफिन चोरी का ये किस्सा बेहद अनोखा है. क्योंकि यहां मामला स्कूल का नहीं एक ऑफिस का है और टिफिन चोर कोई मासूम सा बच्चा नहीं है. इस चोर को टिफिन चोरी के लिए जो सजा मिली है उसपर बहस हो रही है.

रेडिट पर अमेरिका की रहने वाली एक गर्भवती महिला ने अपने साथ हुई टिफिन चोरी की एक घटना का जिक्र किया है. जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह रोजाना उनका टिफिन ऑफिस के फ्रिज से गायब हो जाता था, और चोर को पकड़ने के लिए उन्होंने क्या-क्या किया. लेकिन वो परिस्थिति उस महिला के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल थी जब चोर का चेहरा सामने आया और उसे सजा दी गई.

महिला ने लिखा-

'मेरे पति एक शेफ हैं और हर रोज मेरे लिए खाना बनाते हैं. मुझे अच्छा खाने की जरूरत है क्योंकि शुरु से ही मैं दुबली हूं और मेरा वजन कम है. मैं अब भी अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कराती हूं और गर्भवती भी हूं. ऑफिस में मेरा लंच चोरी होने लगा. फिर मैंने अपने लंच पर लेबल लगाने शुरू कर दिए जिससे लंच चोरी होना बंद हो. लेकिन कुछ नहीं हुआ. फिर मैंने फ्रिज पर एक नोट लिखा कि - 'कृपा करके मेरा खाना लेना बंद कर दो. मैं प्रेगनेंट हूं और बच्चे को दूध भी पिताली हूं और इससे मेरे स्वास्थ पर नकारात्मक असर हो रहा है.' लेकिन ये भी व्यर्थ था.

फिर मैंने ऑफिस को एक मेल किया जिसमें मैंने लिखा कि- 'जो कोई भी मेरा लंच चुरा रहा है मुझसे पर्सनली आकर मिले. मेरे पति आपके लिए भी खाना बना देंगे. अगर आप खाने का पैसा देंगे तो मेरे पति को एक और लंच बनाने में खुशी होगी. मैं HR में आपकी शिकायत नहीं करूंगी.' हालांकि इस डील के लिए बहुत से लोग मेरे पास आए. मेरे पति ने तो साइड बिजनेस भी शुरु कर दिया. लेकिन इन सब में वो नहीं था जो मेरा लंच चुरा रहा था.

अब औरों के पास भी ठीक मेरे जैसा ही खाना था, लेकिन मेरा खाना अब भी चोरी हो रहा था. क्योंकि मेरा खाना अलग डब्बों में रखा होता था. फिर मैंने मैनेजमेंट से कैमरे लगवाने की बात कही. तो उन्होंने कैमरे लगवाए लेकिन कंपनी से कैमरे के लिए फंड नहीं लिया. IT के लोगों ने घर से ही कैमरे लाकर लगाए.

और आखिरकार चोर पकड़ी गई. वो चोर एक मध्य आयु की महिला थी जो शायद मुझे पसंद नहीं करती थी. उसे मेरी तुलना में तीन गुना ज्यादा वेतन मिलता था. इस घटना के एक सप्ताह बाद IT ने मुझे हर रोज लंच चुराए जाने का स्क्रीन शॉट भेजा.

इस लंच चोर को प्रमोशन मिलने वाला था. वो एग्जिक्यूटिव लेवल के करीब थी और उस दिन हेड ऑफिस के अधिकारियों की मीटिंग हमारे ऑफिस के अधिकारियों से थी. जिसमें प्रेजेन्टेशन की जानी थी. जैसे ही लंच चोर ने बोलना खत्म किया मैंने उसकी तस्वीरें स्लाइड पर लगा दीं. अब स्क्रीन पर उसकी खाना चुराने वाली तस्वीरें दिखाई दे रही थीं. चोर की चोरी देखकर कमरे में मौजूद सब लोग चौंक गए. फुसफुसाहाट होने लगी और लंच चोर के चेहरे पर डर दिखाई देने लगा. मेरे ऑफिस के अधिकारी जो मेरे लंच चोरी होने के बारे में जानते थे वो उसे ही देख रहे थे. बाहर से आई एक अधिकारी भी प्रेगनेंट थीं और जो दूसरे थे वो हाल ही में पिता बने थे. और चोर को सजा दी गई. उसे नौकरी से निकाल दिया गया.

मैं नहीं चाहती थी कि उसे नौकरी से निकाला जाए. मैं बस उसे रोकना चाहती थी. अगर उन्होंने कभी मुझसे बात का होती तो शायद मैं उनकी नौकरी नहीं जाने देती.'

गर्भवती महिला अब परेशान है कि उससे गलती हो गई

क्या गर्भवती महिला ने कुछ गलत किया ?

अब ये गर्भवती महिला गिल्ट में थी. क्योंकि उसे लगता है कि इस कहानी में वो गलत थी. और उसी की वजह से उस लंच चोर महिला की नौकरी गई. जबकि वो नहीं चाहती थी कि लंच चोरी करने वाले व्यक्ति को ऐसी सजा दी जाए. वो बस इतना चाहती थी कि उसका लंच चोरी न हो, क्योंकि पति रोजाना उसके लिए पौष्टिक खाना भेजते थे. जो उसकी सेहत के लिए जरूरी था.

इस महिला का सपोर्ट करते हुए बहुत से लोगों ने उसे समझाया कि उस चोर को अपने किए की सजा मिली. ऐसी महिला जो महिला होते हुए बी एक गर्भवती महिला के साथ जानबूढकर इस तरह का व्यवहार कर रही हो, खाना चुराती हो, इतना कहने के बावजूद भी मान नहीं रही हो, सामने नहीं आ रही हो, वो उस कंपनी के लिए भी सही और निष्ठावान नहीं हो सकती थी, इसीलिए उसे निकाला गया.

जबकि कुछ का कहना ये भी था कि गर्भवती महिला को इस तरह उसका चेहरा सबके सामने नहीं लाना चाहिए था. पहले खुद उससे बात करनी चाहिए थी.

इस बहस को लेकर डेली मेल ने एक पोल भी किया कि क्या गर्भवती महिला को लंच चोर को इस तरह सबके सामने लाना चाहिए था? और 86 प्रतिशत लोगों का मानना था कि उसे सामने लाना चाहिए था और नौकरी से निकालना चाहिए था जबकि 14 प्रतिशत लोगों का कहना था कि पहले उस महिला से बात करनी चाहिए थी.

लोगों ने अपनी राय और फैसला तो सुना दिया लेकिन इस पूरे मामले से एक बात निकलकर आई कि वो गर्भवती महिला इस बात का बोझ अपने दिल पर लेकर जी रही है कि उसकी वजह से किसी की नौकरी चली गई. और इसीलिए दिल की बात रीडिट पर कहकर भी उसने ये पोस्ट डिलीट कर दी. इस मामले में आपका क्या कहना है हमें जरूर बताएं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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