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एक माँ के साथ ऐसी वारदात होने से पहले प्रलय क्यों नहीं आ गया

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 26 दिसम्बर, 2018 11:07 AM
  • 24 जून, 2018 04:19 PM
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महाराष्ट्र के वाशिम से एक बहुत ही शर्मनाक वीडियो सामने आया है. एक शख्स ने जमीन हारने के बाद अपनी बुजुर्ग मां को ही ट्रेक्टर के सामने फेंक दिया.

सोशल मीडिया भी बड़ी अजीब चीज़ है. अच्छे क्यूट वीडियो से लेकर विभत्स कामों तक सब कुछ वायरल होने लगता है. पर इस समय जो वीडियो वायरल हो रहा है उसने सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या इंसानियत पूरी तरह से मर चुकी है?

महाराष्ट्र के वाशिम से एक बहुत ही शर्मनाक वीडियो सामने आया है. एक शख्स ने जमीन हारने के बाद अपनी बुजुर्ग मां को ही ट्रेक्टर के सामने फेंक दिया. ये बुजुर्ग महिला इस पूरे वाक्ये के दौरान हतप्रभ नजर आई. बताया जा रहा है कि ऐसा उसने इसलिए किया ताकि वह उस जमीन पर ट्रैक्टर चलने से रोक सके. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस घटना में बुजुर्ग महिला को कोई चोट पहुंची या नहीं. पर एक हाथ से पकड़कर मां को घसीट कर एकदम ट्रैक्टर के पहिए के आगे ले जाता ये शख्स ये नहीं चाहता था कि उसकी जमीन को कुछ हो. मां भले ही कुर्बान हो जाए.

कुछ भी सोचने के पहले ये वीडियो देख लें. ये वीडियो किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता है.

खबरों के मुताबिक ये कारनामा इसलिए किया गया ताकि खेती रोकी जा सके और जो शख्स ट्रैक्टर पर बैठकर इसे चला रहा है उसे रोका जा सके, लेकिन क्या इस काम के लिए मां को ट्रैक्टर के आगे फेंकना सही था? नहीं और बिलकुल नहीं.

अगर बेटे को इतनी समस्या हो रही थी तो वो खुद ट्रैक्टर के सामने लेट जाता आखिर मां को जरिया बनाने की क्या जरूरत थी. वो भी इस बद्तर हालत में जब मां को बेटे के सहारे की जरूरत है तब उसे ट्रैक्टर के पहिए के आगे फेंक दिया.

जब से ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है तब से ही लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

सोशल मीडिया भी बड़ी अजीब चीज़ है. अच्छे क्यूट वीडियो से लेकर विभत्स कामों तक सब कुछ वायरल होने लगता है. पर इस समय जो वीडियो वायरल हो रहा है उसने सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या इंसानियत पूरी तरह से मर चुकी है?

महाराष्ट्र के वाशिम से एक बहुत ही शर्मनाक वीडियो सामने आया है. एक शख्स ने जमीन हारने के बाद अपनी बुजुर्ग मां को ही ट्रेक्टर के सामने फेंक दिया. ये बुजुर्ग महिला इस पूरे वाक्ये के दौरान हतप्रभ नजर आई. बताया जा रहा है कि ऐसा उसने इसलिए किया ताकि वह उस जमीन पर ट्रैक्टर चलने से रोक सके. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस घटना में बुजुर्ग महिला को कोई चोट पहुंची या नहीं. पर एक हाथ से पकड़कर मां को घसीट कर एकदम ट्रैक्टर के पहिए के आगे ले जाता ये शख्स ये नहीं चाहता था कि उसकी जमीन को कुछ हो. मां भले ही कुर्बान हो जाए.

कुछ भी सोचने के पहले ये वीडियो देख लें. ये वीडियो किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता है.

खबरों के मुताबिक ये कारनामा इसलिए किया गया ताकि खेती रोकी जा सके और जो शख्स ट्रैक्टर पर बैठकर इसे चला रहा है उसे रोका जा सके, लेकिन क्या इस काम के लिए मां को ट्रैक्टर के आगे फेंकना सही था? नहीं और बिलकुल नहीं.

अगर बेटे को इतनी समस्या हो रही थी तो वो खुद ट्रैक्टर के सामने लेट जाता आखिर मां को जरिया बनाने की क्या जरूरत थी. वो भी इस बद्तर हालत में जब मां को बेटे के सहारे की जरूरत है तब उसे ट्रैक्टर के पहिए के आगे फेंक दिया.

जब से ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है तब से ही लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा तो जायज है. आखिर हमारे यहां सोशल मीडिया पर गुस्सा दिखाने का ट्रेंड जो है. पर अगर ध्यान से देखेंगे तो यहां भी लगेगा कि लोग अपने सोशल मीडियाई गुस्से को एक नई दिशा ही दे रहे हैं. कुछ लोग धार्मिक भावनाओं को लेकर इतने अंधे हैं कि इसमें भी हिंदू और मुस्लिम का पेंच लगा रहे हैं.

अब जरा सोचिए कि हमारी मानसिकता किस हद तक गिर चुकी है कि हमें ये भी नहीं समझ आता कि असल में मामला, हिंदू, मुस्लिम या जमीन का नहीं यहां बहस का मुद्दा है मां और बेटे के बीच के रिश्तों का.

एक बात तो पहले से ही साफ है कि भारत में औरतों की कद्र नहीं होती, लेकिन जहां तक मां का सवाल है तो मां के लिए इज्जत भारतीयों के दिलों में कभी कम नहीं होती. फिर भी गाहे-बगाहे ऐसे किस्से सामने आ ही जाते हैं. मां शब्द को वैसे तो इतनी इज्जत देते हैं हम लेकिन फिर उसके साथ करते क्या हैं? मदर्स डे पर सोशल मीडिया की ख्याती बनी मां को बाकी दिनों में याद करने तक की फुर्सत नहीं होती, हम गाय को मां मानते हैं, लेकिन घर से सामने से उसी को भगा देते हैं. गंगा को भी मइया कहकर पुकारते हैं, लेकिन उसकी दशा क्या कर रखी है ये तो बताया भी नहीं जा सकता.

जहां एक ओर मां की ममता की बात की जाती है वहीं दूसरी ओर कोई बेटा कभी अपनी मां को छत से धक्का देता है तो कभी अपनी मां को ट्रैक्टर के आगे धक्का देता है. ये वही बेटे हैं जिन्हें मां ने अपनी कोख से जन्म दिया है. कुल मिलाकर आलम ये है कि शायद अब मां शब्द के मायने ही बदलते जा रहे हैं. क्या वाकई मां अब सिर्फ दिखावे की चीज़ बनती जा रही है?

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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