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बैरक नंबर 12: बहुत दिलचस्प है विजय माल्या की होने वाली 'जेल'

    • आईचौक
    • Updated: 02 अगस्त, 2018 10:57 PM
  • 02 अगस्त, 2018 10:57 PM
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विजय माल्या के वकील ने इस बात पर आपत्ती जताई है कि वो जहां रहेंगे उस जेल में हवा और रौशनी की सही व्यवस्था नहीं है, लेकिन एक बार उस जेल के बारे में जान तो लीजिए जिसमें विजय माल्या को रखे जाने की बात की जा रही है.

विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए उतने ही पापड़ बेलने पड़ रहे हैं कि क्या बताएं. एक तो 9000 करोड़ लेकर भाग गए और दूसरे उनके नखरे नहीं खत्म हो रहे. विजय माल्या के वकील ने कहा है कि जेल में प्राकृतिक रौशनी की कमी है और इस कारण से लंदन के कोर्ट ने भारत की जेलों का वीडियो मांगा है.

विजय माल्या को जिस जेल में रखने की प्लानिंग की जा रही है उसमें सिर्फ वीआईपी ही रहते हैं. इस बैरक की रचना ग्राउंड प्लस की है, हर फ्लोर पर 8 सेल हैं. इसमें हर सेल में अटैच टॉयलेट, कपड़े धोने का एरिया और एक छोटा आंगन भी है. विजय माल्या को बैरक 12 में रखने की कोशिश बैरक 12 में हाईप्रोफाइल क्रिमिनल रहते हैं जिन्हें या तो किसी और से खतरा हो सकता है या किसी और को उनसे खतरा हो सकता है. लाख टके का सवाल, और उतना ही दिलचस्प/ जवाब.

अब बैरक में आंगन भी है फिर भी विजय माल्या को लगता है कि उन्हें प्राकृतिक रौशनी की कमी होगी. शायद जेल में विजय माल्या का सनबाथ ठीक से नहीं हो पाएगा. इसलिए ही जेल को लेकर इतने कायदे-कानून समझे जा रहे हैं.

विजय माल्या का बैरक कुछ खास है

भारत में कैदियों को जहां रखा जाता है वो बैरक होते हैं. कई देशों में ये कम्पार्टमेंट्स कहे जाते हैं, लेकिन भारत में बैरक. इन्हें नंबर से पहचाना जाता है. बैरक में किसी कैदी को रखे जाने का मतलब है कि वो बाहर (जेल कंपाउंड में) आराम से घूमने के लिए फ्री नहीं हैं, उन्हें ज्यादा लोगों से मिलवाया नहीं जा सकता, वो यूनियन नहीं बना सकते.

हर बैरक किसी जेल में एक इंडिपेंडेंट यूनिट की तरह काम करता है और इसमें एक या कई फ्लोर शामिल हो सकते हैं. इसमें टॉयलेट, कपड़े धोने की जगह, आंगन आदि सुविधाएं होती हैं. पंखे इतनी ऊंचाई पर होते हैं कि कैदी आत्महत्या न कर सकें. कुल मिलाकर इन बैरक को किसी छोटे घर के तौर...

विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए उतने ही पापड़ बेलने पड़ रहे हैं कि क्या बताएं. एक तो 9000 करोड़ लेकर भाग गए और दूसरे उनके नखरे नहीं खत्म हो रहे. विजय माल्या के वकील ने कहा है कि जेल में प्राकृतिक रौशनी की कमी है और इस कारण से लंदन के कोर्ट ने भारत की जेलों का वीडियो मांगा है.

विजय माल्या को जिस जेल में रखने की प्लानिंग की जा रही है उसमें सिर्फ वीआईपी ही रहते हैं. इस बैरक की रचना ग्राउंड प्लस की है, हर फ्लोर पर 8 सेल हैं. इसमें हर सेल में अटैच टॉयलेट, कपड़े धोने का एरिया और एक छोटा आंगन भी है. विजय माल्या को बैरक 12 में रखने की कोशिश बैरक 12 में हाईप्रोफाइल क्रिमिनल रहते हैं जिन्हें या तो किसी और से खतरा हो सकता है या किसी और को उनसे खतरा हो सकता है. लाख टके का सवाल, और उतना ही दिलचस्प/ जवाब.

अब बैरक में आंगन भी है फिर भी विजय माल्या को लगता है कि उन्हें प्राकृतिक रौशनी की कमी होगी. शायद जेल में विजय माल्या का सनबाथ ठीक से नहीं हो पाएगा. इसलिए ही जेल को लेकर इतने कायदे-कानून समझे जा रहे हैं.

विजय माल्या का बैरक कुछ खास है

भारत में कैदियों को जहां रखा जाता है वो बैरक होते हैं. कई देशों में ये कम्पार्टमेंट्स कहे जाते हैं, लेकिन भारत में बैरक. इन्हें नंबर से पहचाना जाता है. बैरक में किसी कैदी को रखे जाने का मतलब है कि वो बाहर (जेल कंपाउंड में) आराम से घूमने के लिए फ्री नहीं हैं, उन्हें ज्यादा लोगों से मिलवाया नहीं जा सकता, वो यूनियन नहीं बना सकते.

हर बैरक किसी जेल में एक इंडिपेंडेंट यूनिट की तरह काम करता है और इसमें एक या कई फ्लोर शामिल हो सकते हैं. इसमें टॉयलेट, कपड़े धोने की जगह, आंगन आदि सुविधाएं होती हैं. पंखे इतनी ऊंचाई पर होते हैं कि कैदी आत्महत्या न कर सकें. कुल मिलाकर इन बैरक को किसी छोटे घर के तौर पर देखा जा सकता है.

जहां एक बैरक आम तौर पर 10-15 लोगों को रखने के लिए होते हैं, खास बैरक जैसे बैरक नंबर 12 (अर्थर रोड जेल) में सिर्फ 1 ही कैदी को रखा जाता है. हाईप्रोफाइल कैदी, आतंकवादी इस तरह के बैरक में रखे जाते हैं. पुणे की यरवड़ा जेल और मुंबई की अर्थर रोड जेल ऐसे बैरक के लिए जानी जाती है.

मुंबई की अर्थर रोड जेल

वीवीआईपी कैदी रखे गए हैं इस बैरक में..

जिस बैरक में वियज माल्या को रखने की बात हो रही है वहां कई हाई प्रोफाइल कैदी रह चुके हैं. इसमें टीवी एक्जिक्यूटिव पीटर मुखर्जी, विपुल अंबानी (नीवर मोदी की फायरस्टार इंटरनेशनल के फाइनेंस प्रेसिडेंट), एनसीपी लीडर छगन भुजबल और उनके भतीजे समीर भुजबल, संजय दत्त और कुछ दिनों के लिए मुंबई बम ब्लॉस्ट का आरोपी अजमल कसाब भी इसी बैरक में रहा था.

खाना पीना..

अगर विजय माल्या को खाने पीने की चिंता है तो वो भी इस बैरक में दूर हो जाएंगी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस जगह दिन में चार बार खाना दिया जाता है. सुबह का नाश्ता 6 से 7 बजे तक, दोपहर का खाना 12 बजे, शाम की चाय 4.30 बजे और रात का खाना 7 बजे. यहां कैदियों को दिन में कितनी कैलोरी दी जानी चाहिए उसके हिसाब से खाना बनाया जाता है.

अब ये खुद ही सोच लीजिए कि विजय माल्या को कितनी सुविधाएं मिलने वाली हैं. अब तो विजय माल्या को वापस भारत आ ही जाना चाहिए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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