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कमाई का जरिया बनती अश्लीलता

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 09 अगस्त, 2017 06:50 PM
  • 09 अगस्त, 2017 06:50 PM
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अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए कुछ कंपनियां किसी भी हद तक गुजरने को तैयार रहती हैं, चाहे वो अब अश्लीलता ही क्यों न हो. कज़ाकिस्तान की एक कंपनी ने जो किया उसने बवाल मचा दिया है.

सामान को बेचने का सबसे सफल तरीका है उसका प्रमोशन करना. कंपनियां 10 रुपए के सामान पर लाखों खर्च करती हैं और करोड़ों कमाती हैं. लोगों को जानकारी देने के लिए नए आइडिया के साथ विज्ञापन बनाए जाते हैं, जिससे लोग उसकी तरफ आकर्षित हों. लेकिन कुछ कंपनियां तरक्की के लिए इतना नीचे गिर जाती हैं कि सामने वाले को शर्म आ जाए.

कज़ाकिस्तान की एक ट्रेवल कंपनी का एड

एक ऐसी ही कंपनी है कज़ाकिस्तान की ट्रेवल कंपनी- चोकोट्रेवल, जिन्होंने पब्लिसिटी पाने के चक्कर में अश्लीलता की सारी हदें पार कर दीं. और ऐसा विज्ञापन बनाया जो वाकई शर्मनाक है. विज्ञापन में दिखाया गया है कि मेल और फीमेल फ्लाइट अटेंडेंट्स ने अपने शरीर को केवल एक हैट और स्कार्फ से ढंक रखा है.

इस एड का उद्देश्य यूं तो ये बताना था कि कंपनी के बुकिंग लेने पर प्लेन के टिकेट में कुछ नहीं जोड़ा जाता है, लेकिन लोगों को ये बेहद भद्दा लग रहा है और इसकी जम कर आलोचना की जा रही है.

जो भी हो, इस एड ने उन्हें काफी सस्ती पब्लिसिटी तो दिला ही दी है. पहले जो एड रिलीज़ किया गया था उसमें न्यूड लड़कियां दिखाई गयी थीं. इसके बाद कंपनी ने दूसरा एड भी रिलीज़ किया, जिसमें न्यूड लड़के दिखाए गए थे.

ऐसा नहीं है कि विदेशों में इस कल्चर को अपनाया हुआ है. भारत इसमें भी कई आगे है. भारत में भी कई ऐसे एड बनाए गए जिसको लेकर खूब बवाल मचा. इतना बवाल कि उसे बैन ही कर दिया गया. पानी की बोटल हो या परफ्यूम किसी न किसी तरह से यहां अश्लीलता परोसी गई.

बिसलेरी

एड में दो कपल हट से बाहर निकलकर बीच पर बिसलेरी का पानी पीते हैं. इस...

सामान को बेचने का सबसे सफल तरीका है उसका प्रमोशन करना. कंपनियां 10 रुपए के सामान पर लाखों खर्च करती हैं और करोड़ों कमाती हैं. लोगों को जानकारी देने के लिए नए आइडिया के साथ विज्ञापन बनाए जाते हैं, जिससे लोग उसकी तरफ आकर्षित हों. लेकिन कुछ कंपनियां तरक्की के लिए इतना नीचे गिर जाती हैं कि सामने वाले को शर्म आ जाए.

कज़ाकिस्तान की एक ट्रेवल कंपनी का एड

एक ऐसी ही कंपनी है कज़ाकिस्तान की ट्रेवल कंपनी- चोकोट्रेवल, जिन्होंने पब्लिसिटी पाने के चक्कर में अश्लीलता की सारी हदें पार कर दीं. और ऐसा विज्ञापन बनाया जो वाकई शर्मनाक है. विज्ञापन में दिखाया गया है कि मेल और फीमेल फ्लाइट अटेंडेंट्स ने अपने शरीर को केवल एक हैट और स्कार्फ से ढंक रखा है.

इस एड का उद्देश्य यूं तो ये बताना था कि कंपनी के बुकिंग लेने पर प्लेन के टिकेट में कुछ नहीं जोड़ा जाता है, लेकिन लोगों को ये बेहद भद्दा लग रहा है और इसकी जम कर आलोचना की जा रही है.

जो भी हो, इस एड ने उन्हें काफी सस्ती पब्लिसिटी तो दिला ही दी है. पहले जो एड रिलीज़ किया गया था उसमें न्यूड लड़कियां दिखाई गयी थीं. इसके बाद कंपनी ने दूसरा एड भी रिलीज़ किया, जिसमें न्यूड लड़के दिखाए गए थे.

ऐसा नहीं है कि विदेशों में इस कल्चर को अपनाया हुआ है. भारत इसमें भी कई आगे है. भारत में भी कई ऐसे एड बनाए गए जिसको लेकर खूब बवाल मचा. इतना बवाल कि उसे बैन ही कर दिया गया. पानी की बोटल हो या परफ्यूम किसी न किसी तरह से यहां अश्लीलता परोसी गई.

बिसलेरी

एड में दो कपल हट से बाहर निकलकर बीच पर बिसलेरी का पानी पीते हैं. इस विज्ञापन में सेफ लाइफ की जगह सेफ सेक्स का मैसेज जा रहा था जो कि प्ले सेफ टैग लाइन के तहत प्रदर्शित किया गया था. इंडियन ऑडियंस के विरोध के चलते इस एड को बैन किया गया था. आपको बता दें कि यह विज्ञापन 2001 में बना था.

1993 में आए इस एड में मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान एक-दूसरे के साथ कोजी होते दिखाई दिए थे. एड को कामसूत्र कैंपेनियन से प्रेरित बताया गया था. आपको बता दें कि इस एड को इसकी टैगलाइन की वजह से बैन किया गया था.

अमूल माचो

ये तो बड़ा टॉयिंग है……..स्लोगन वाले इस ऐड में वुमन को अपने पति का अंडरवियर धोते दिखाया गया है. विज्ञापन को वल्गरिटी और सेक्शुअली एक्सप्लीसिट होने के कारण बैन किया गया. इस एड की वजह से सना खान रातभर में फेमस हो गई थीं. जिसके बाद वो बिग बॉस में नजर आईं फिर उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्म की.

मैनफोर्स कंडोम

2015 में सनी लियोनी पर फिल्माए गए इस ऐड का देशभर में विरोध हुआ था. कई पॉलिटिशियंस और समाजसेवी संस्थाओं का कहना था कि सनी का यह एड देश में रेप की घटनाओं को बढ़ावा देगा. खासकर एड की भाषा पर आपत्ति जताई गई थी. विवाद बढ़ने के बाद इसे बैन कर दिया गया था.

टफ शू

विज्ञापन में सुपरमॉडल मिलिंद सोमण और मधु सप्रे टफ शू पहने दिखते हैं. इन दोनों ने जूतों के अलावा और कुछ नहीं पहना और अजगर को अपने गले से लपेटा हुआ है. वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत अजगर के गलत इस्तेमाल के चलते बैन हुआ.

यूं तो हर कंपनी या प्रोडक्ट अपने टारगेट ऑडियंस को ध्यान में रखकर एड बनाता है. लेकिन कई बार ऐसा हो जाता है कि विज्ञापनों में ऐसी चीजें भी दिखा दी जाती हैं, जो लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं. अब पानी के एड में अश्लीलता परोसना कितना सही है. कुछ एड को कामोत्तेजना और फूहड़ता की वजह बैन किया जाता है क्योंकि इन एड को फैमिली के साथ नहीं देखा जा सकता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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