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एक महिला के खून का प्यासा क्यों हो गया है पाकिस्तान?

    • आलोक रंजन
    • Updated: 03 नवम्बर, 2018 12:26 PM
  • 03 नवम्बर, 2018 12:26 PM
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हाल में ही पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ईशनिंदा के आरोपों से एक ईसाई महिला आसिया बीबी को बरी कर दिया जिसके कारण पाकिस्तान में हंगामा शुरू हो गया. हजारों-लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर हंगामा करते नजर आ रहे हैं.

भारत में आतंक का जहर फ़ैलाने वाला पाकिस्तान इस समय एक औरत के खून का प्यासा हो गया है. आखिर क्या कारण हैं कि एक फैसला के कारण पाकिस्तान के लोग भड़क उठे हैं? लोगों का गुस्सा अपने उबाल पर है. उनके राडार में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ इमरान खान की सरकार और फौज सब क्यों शामिल हैं?

हाल में ही पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ईशनिंदा के आरोपों से एक ईसाई महिला आसिया बीबी को बरी कर दिया जिसके कारण पाकिस्तान में हंगामा शुरू हो गया. देशभर में विरोध की लहर दौड़ने लगी. सड़कों पर लोगों का हुजूम दिखना आम बात हो गयी. हजारों-लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर हंगामा करते नजर आने लगे. लोगों का गुस्सा सरकार, कोर्ट और सेना के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन के रूप में सामने आने लगी और ये विरोध और गुस्सा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

आसिया बीबी को बरी किए जाने के बाद पाकिस्तान में हंगामा

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के जजों और सेना चीफ के बारे में अपशब्द और तीखी टिप्पणी की जाने लगी. यहां तक कि कट्टरपंथियों ने पाकिस्तानी सेना को भड़काने का प्रयास करते हुए यहां तक कहना शुरू कर दिया कि वो आर्मी चीफ के खिलाफ बगावत करे. हालात इतने ख़राब हो गए कि खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सामने आकर लोगों को संदेश देना पड़ा कि लोग कानून अपने हाथ में न लें और कोई भी गलत बयानी नहीं करे. उन्होंने साथ में ये भी कहा कि जो भी सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है वो इस्लामी कानून के तहत तर्क संगत है.

यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि जिस पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को साजिश के तहत मारा जाता हो वहां पर अगर एक अल्पसंख्यक के पक्ष में फैसला जाता है तो हंगामा मचना लाजिमी है. 2010 में आसिया बीबी को ईशनिंदा के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. उन पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान...

भारत में आतंक का जहर फ़ैलाने वाला पाकिस्तान इस समय एक औरत के खून का प्यासा हो गया है. आखिर क्या कारण हैं कि एक फैसला के कारण पाकिस्तान के लोग भड़क उठे हैं? लोगों का गुस्सा अपने उबाल पर है. उनके राडार में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ इमरान खान की सरकार और फौज सब क्यों शामिल हैं?

हाल में ही पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ईशनिंदा के आरोपों से एक ईसाई महिला आसिया बीबी को बरी कर दिया जिसके कारण पाकिस्तान में हंगामा शुरू हो गया. देशभर में विरोध की लहर दौड़ने लगी. सड़कों पर लोगों का हुजूम दिखना आम बात हो गयी. हजारों-लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर हंगामा करते नजर आने लगे. लोगों का गुस्सा सरकार, कोर्ट और सेना के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन के रूप में सामने आने लगी और ये विरोध और गुस्सा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

आसिया बीबी को बरी किए जाने के बाद पाकिस्तान में हंगामा

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के जजों और सेना चीफ के बारे में अपशब्द और तीखी टिप्पणी की जाने लगी. यहां तक कि कट्टरपंथियों ने पाकिस्तानी सेना को भड़काने का प्रयास करते हुए यहां तक कहना शुरू कर दिया कि वो आर्मी चीफ के खिलाफ बगावत करे. हालात इतने ख़राब हो गए कि खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सामने आकर लोगों को संदेश देना पड़ा कि लोग कानून अपने हाथ में न लें और कोई भी गलत बयानी नहीं करे. उन्होंने साथ में ये भी कहा कि जो भी सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है वो इस्लामी कानून के तहत तर्क संगत है.

यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि जिस पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को साजिश के तहत मारा जाता हो वहां पर अगर एक अल्पसंख्यक के पक्ष में फैसला जाता है तो हंगामा मचना लाजिमी है. 2010 में आसिया बीबी को ईशनिंदा के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. उन पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप था. बाद में हाईकोर्ट ने इस मामले में आसिया बीबी की सजा को बरकरार रखा था. 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार की अगुवाई वाली तीन सदस्यों की पीठ ने आसिया बीबी को बरी कर दिया. फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा था इस्लाम में सहिष्णुता मूल सिद्धांत है.

आसिया बीबी पर ईशनिंदा का आरोप था

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए और कट्टरपंथी संगठनों ने आसिया को जान से मारने की धमकी देना भी शुरू कर दिया. पाकिस्तान में इससे पहले के घटनाओं पर अगर गौर करेंगे तो खतरे की गंभीरता का पता चलेगा. आसिया बीबी को सजा दिए जाने के बाद उनसे मिलने उस समय पंजाब के राज्यपाल सलमान तासीर गए और उन्होंने ईशनिंदा कानून की निंदा की थी. इसके कुछ दिन बाद 2011 में सलमान के अंगरक्षक मुमताज़ क़ादरी ने ही उनकी हत्या कर दी थी. इसके दो महीने बाद मार्च 2011 में उस समय के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शाहबाज़ भट्टी ने ईशनिंदा कानून की निंदा की तो उन पर भी जानलेवा हमला किया गया था जिसमें उनकी जान चली गयी थी.

जाहिर सी बात है कि इस मसले को लेकर पाकिस्तान में माहौल पूरी तरह गरमाया हुआ है. लाहौर, इस्लामाबाद और कराची आदि पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में कट्टरपंथियों द्वारा विरोध प्रदर्शन निरंतर जारी है. कहीं-कहीं तो मोबाइल सेवाओं को भी रोका गया है ताकि अफवाहों को रोका जा सके. पाकिस्तान समाज में कट्टरता हावी है और कट्टरपंथ इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान को जलती चिता के हवाले करने पर तुले हुए हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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