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दाऊद ने खोला राज.. वो अब तक जिंदा कैसे बचा है ?

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 30 अप्रिल, 2017 06:22 PM
  • 30 अप्रिल, 2017 06:22 PM
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भारत का दुश्मन दाऊद इब्राहिम अस्पताल में पड़ा है. बताया जा रहा है कि वो अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है. लेकिन, भारत में हमले करके भी अभी तक वो जिंदा कैसे है, उसने ही खोला था राज...

भारत का दुश्मन दाऊद इब्राहिम अस्पताल में पड़ा है. बताया जा रहा है कि वो अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है. कई मीडिया चैनल्स में बार-बार ये खबर आ रही है कि दाऊद वेंटिलेटर पर पड़ा है. खबर ये भी आई कि उसका राइट हैंड कहे जाने वाला छोटा राजन ने बताया है कि भाई फिट हैं. लेकिन, असलियत कुछ और ही है. पाकिस्तान चैनल यहां तक बता चुका है कि ऑपरेशन के दौरान उसकी मौत हो चुकी है. तो कोई कह रहा है कि वो अपने आखिरी पल अस्पताल में गुजार रहा है.

दाऊद भारत का एक ऐसा मोस्ट वॉन्टिड है जिसकी मौत हर भारतीय चाहता है, क्योंकि उसने जो कांड किए हैं वो काफी खतरनाक हैं. भारत के एक जर्नलिस्ट बलजीत परमार ने कुछ साल पहले दाऊद को लेकर ऐसे-ऐसे खुलासे कर चुके हैं. जो काफी शॉकिंग हैं. उनका दावा है कि वो दाऊद से 20 से भी ज्यादा बार मिल चुके हैं और दाऊद उनको बड़ा भाई मानता है.

परमार का दावा है कि उन्होंने जितना करीब से दाऊद को जाना है उतना किसी जर्नलिस्ट, किसी पुलिस वाले और बाकी लोगों ने नहीं समझा होगा. उन्होंने दाऊद के कई ऐसे किस्से सुनाए हैं... आइए जानते हैं.

अब तक क्यों जिंदा है दाऊद ?

इस सवाल को हर कोई जानना चाहता है कि आखिर अब तक ये अंडरवर्ल्ड डॉन जिंदा कैसे है? परमान बताते हैं कि दुबई में दिल्ली दरबार होटल के एक कमरे में मुलाकात के दौरान दाऊद ने कहा था कि मेरी मां ने मुझे कसम दी थी कि दाऊद 3 काम जिंदगी में कभी ना करना. एक तो ड्रग्स के धंधे में नहीं जाना... एक शराब नहीं पीना और एक कोठे पर मत जाना. अगर मैं कोठे में जाऊंगा तो... कहीं रात को बिना कपड़े में भाग नहीं सकूंगा, मर जाऊंगा. दारू पिऊंगा तो पता नहीं कौन क्या मिला के पिला देगा और ड्रग्स तो आपको मालूम है, खुद ही मरने... सुसाइट का तरीका है. लेकिन, देखा जाए तो दाऊद ड्रग्स का धंधा खुले तौर पर करता है. ऐसी खबरें भी आई...

भारत का दुश्मन दाऊद इब्राहिम अस्पताल में पड़ा है. बताया जा रहा है कि वो अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है. कई मीडिया चैनल्स में बार-बार ये खबर आ रही है कि दाऊद वेंटिलेटर पर पड़ा है. खबर ये भी आई कि उसका राइट हैंड कहे जाने वाला छोटा राजन ने बताया है कि भाई फिट हैं. लेकिन, असलियत कुछ और ही है. पाकिस्तान चैनल यहां तक बता चुका है कि ऑपरेशन के दौरान उसकी मौत हो चुकी है. तो कोई कह रहा है कि वो अपने आखिरी पल अस्पताल में गुजार रहा है.

दाऊद भारत का एक ऐसा मोस्ट वॉन्टिड है जिसकी मौत हर भारतीय चाहता है, क्योंकि उसने जो कांड किए हैं वो काफी खतरनाक हैं. भारत के एक जर्नलिस्ट बलजीत परमार ने कुछ साल पहले दाऊद को लेकर ऐसे-ऐसे खुलासे कर चुके हैं. जो काफी शॉकिंग हैं. उनका दावा है कि वो दाऊद से 20 से भी ज्यादा बार मिल चुके हैं और दाऊद उनको बड़ा भाई मानता है.

परमार का दावा है कि उन्होंने जितना करीब से दाऊद को जाना है उतना किसी जर्नलिस्ट, किसी पुलिस वाले और बाकी लोगों ने नहीं समझा होगा. उन्होंने दाऊद के कई ऐसे किस्से सुनाए हैं... आइए जानते हैं.

अब तक क्यों जिंदा है दाऊद ?

इस सवाल को हर कोई जानना चाहता है कि आखिर अब तक ये अंडरवर्ल्ड डॉन जिंदा कैसे है? परमान बताते हैं कि दुबई में दिल्ली दरबार होटल के एक कमरे में मुलाकात के दौरान दाऊद ने कहा था कि मेरी मां ने मुझे कसम दी थी कि दाऊद 3 काम जिंदगी में कभी ना करना. एक तो ड्रग्स के धंधे में नहीं जाना... एक शराब नहीं पीना और एक कोठे पर मत जाना. अगर मैं कोठे में जाऊंगा तो... कहीं रात को बिना कपड़े में भाग नहीं सकूंगा, मर जाऊंगा. दारू पिऊंगा तो पता नहीं कौन क्या मिला के पिला देगा और ड्रग्स तो आपको मालूम है, खुद ही मरने... सुसाइट का तरीका है. लेकिन, देखा जाए तो दाऊद ड्रग्स का धंधा खुले तौर पर करता है. ऐसी खबरें भी आई हैं कि वो नेपाल के रास्ते से भारत में ड्रग्स सप्लाई करता है. दाउद की मानें तो इन्हीं तीन कसमों के कारण वो कई खतरों से अभी तक बचा हुआ है.

जब चाकू लेकर गर्लफ्रेंड के घर पहुंचा दाऊद

वरिष्ठ पत्रकार एस. हुसैन जैदी ने अपनी किताब 'डोंगरी से दुबई' तक में वो किस्सा सुनाया है जब दाऊद रामपुरी चाकू लेकर अपनी गर्लफ्रेंड के घर पहुंच गया था. मुंबई के मुसाफिर खाना में दाऊद की दुकान के बगल में सुजाता नाम की एक पंजाबी लड़की रहती थी. जिसे दाऊद काफी पसंद करता था. दोनों के बीच अफैयर हुआ. जब सुजाता के मां-बाप को इस अफेयर का पता चला तो घर में बड़ा बवाल हुआ.

दाऊद एक मुसलमान था, ऊपर से इलाके का एक गुंडा. सुजाता के पिता ने आनन-फानन में उसकी सगाई अपनी ही बिरादरी के एक लड़के से कर दी. जब दाऊद को इसका पता चला तो वो गुस्से में तमतमा हुआ रामपुरी चाकू लेकर सुजाता के घर पहुंच गया. सुजाता के पिता ने कहा कि मेरी बेटी अपनी पसंद का चुनाव करने के लिए आजाद है, लेकिन अगर उसने तुमसे शादी की तो वह अनाथ हो जाएगी.

आखिरकार सुजाता अपने परिवार के फैसले के आगे झुक ही गई. सुजाता ने दाऊद की तरफ सख्त अंदाज में देखा और कहा कि हमारा साथ संभव नहीं है. सुजाता की बात सुनकर दाऊद के होश उड़ गए. खुद को ठगा हुआ महसूस करते हुए वो सुजाता को गाली देता हुआ दाऊद उसके घर से चल गया.

दाउद ऋषि कपूर और एक कप चाय...

ऋषि कपूर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में अंडरवर्ल्ड के डॉन दाऊद इब्राहिम से मुलाकात का भी जिक्र किया है. ऋषि कपूर ने बताया कि दाऊद से उनकी मुलाकात 1988 में दुबई में हुई थी. उन्होंने साफ किया है कि 1993 में हुए मुंबई ब्लास्ट से पहले दाऊद सिर्फ एक गैंग्सटर के रूप में जाना जाता था और उसे देश के लिए खतरा नहीं माना जाता था.

किताब में लिखा है कि दुबई एयरपोर्ट पर दाऊद का एक आदमी तैनात होता था जो डॉन को दुबई आने-जाने वाले वीआईपी लोगों की जानकारी देता था. ऋषि ने लिखा, '1988 में एक दिन मैं अपने दोस्त बिट्टू आनंद के साथ पहुंचा, मैं एयरपोर्ट से निकल रहा था इतने में एक अजनबी मेरे पास आया और मुझे फोन पकड़ाते हुए बोला कि दाऊद साहब बात करेंगे.' ऋषि ने आगे लिखा, 'दाऊद ने मेरा स्वागत किया और कहा कि मुझे किसी भी चीज की जरूरत हो तो मैं बता सकता हूं.'

जिसके बाद वो शाम को दाऊद से मिले.. ऋषि ने आगे लिखा कि करीब चार घंटों तक चाय का सिलसिला चला, दाऊद ने ऋषि से कहा कि उन्हें उनकी फिल्म 'तवायफ' काफी पसंद आई क्योंकि उसमें उनका नाम दाऊद था. दाऊद का कहना था कि फिल्म के जरिए ऋषि ने उनके नाम को महान बना दिया है.

जब दाऊद ने खुद फोन कर कहा... ''भाईसाहब हमारे धमाके कैसे लगे?''

परमान बताते हैं कि 1993 मुंबई ब्लास्ट के अगले दिन सुबह दाऊद का फोन आया था, बोला भाई साहब हमारे धमाके कैसे लगे? मैंने कहा इतने लोग मर गए आप पूछ रहे हो धमाके कैसे लगे.. और फोन काट दिया. जिसके बाद उन्होंने पुलिस कमिश्नर को कॉल किया और सारी जानकारियां दीं.

 

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एक 'हसीना' थी...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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