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घर से बाहर निकलो, अकेली लड़की बनो, और लोगों के मजे लो

    • कुदरत सहगल
    • Updated: 13 जून, 2017 01:58 PM
  • 13 जून, 2017 01:58 PM
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अब, अगर आपने कुछ चीजों का अनुभव नहीं किया है, तो 'जिनगी बिर्बाद' कर रही हैं. अभी भी समय है अकेली लड़की बनिए और निकल जाइए, बहुत कुछ है सीखने के लिए.

एक तो लड़की, ऊपर से अकेली, ये घटना उस देश पर परमाणु हमले के बराबार है जहां किसी भी तरह के प्रतिरोध पर पाबंदी है. दुनिया का अंत. अगर एक शब्द में कहें तो 'ताबाही'.

इसलिए अगर आप एक महिला हैं और दुनिया भर में घूमना, उसे जानना, उसको देखना आपका फेवरेट काम है तो फिर लोगों की नजरों का सामना करने लिए आप तैयार रहिए. लोगों की घूरती आंखें, रूकी हुई सांसे, हैरत से खुले मुंह और कुछ बेहोश होने की कगार पर खड़े अंकल-आंटी से टकराव तो पक्का है. ऐसे में आपके पास अपने बचाव के लिए सिर्फ एक हथियार रह जाता है. एक सभ्य, शांत सी खामोशी जिसे लोगों के बेकार के सवालों को नजरअंदाज करते हुए आपको अपने चेहरे पर बनाए रखना होगा.

अकेली लड़की एक समाजिक समस्या है शायद किसानों की आत्महत्या से भी ज़्यादा बड़ी समस्या, शायद जीएसटी से भी बड़ा बहस का और विवादास्पद विषय. लड़की वो आत्मघाती बम है जिसे हर दूसरा आदमी डिफ्यूज करना चाहता है.

अकेली खुली तिजोरी होती है

तो क्या होता है जब एक लड़की गुरुद्वारा या मंदिर से लेकर देश-विदेशों में अकेली फिरती है-

1- गुरुद्वारा / मंदिर में अकेली-

आपका धार्मिक होना एक बहुत बड़ी समस्या हो सकता है. खासकर तब जब कोई देश धार्मिक रूप जागृत हो. जहां जिंदगी से ज्यादा जरूरी चीज धर्म हो. लेकिन इससे भी बड़ी समस्या तब खड़ी हो जाती है जब आप अकेले किसी मंदिर, गुरूद्वारा या एक पवित्र स्थान पर जाती हैं. ये ऐसी जगहें हैं जहां अमूमन 60 से ऊपर के, रिटायर्ड और अपनी जिंदगी के ढलान पर खड़े अंकल-आंटी चाचा और चाची आते हैं और मेडिटेशन यानी ध्यान करने के लिए आते हैं. तो अगर आप ऐसी जगह पर जाती हैं तो तुरंत ही लोगों की सहानुभूति के पात्र बन जाते हैं. किसी लड़की के अकेले मंदिर या गुरुद्वारा जाते ही ये मान...

एक तो लड़की, ऊपर से अकेली, ये घटना उस देश पर परमाणु हमले के बराबार है जहां किसी भी तरह के प्रतिरोध पर पाबंदी है. दुनिया का अंत. अगर एक शब्द में कहें तो 'ताबाही'.

इसलिए अगर आप एक महिला हैं और दुनिया भर में घूमना, उसे जानना, उसको देखना आपका फेवरेट काम है तो फिर लोगों की नजरों का सामना करने लिए आप तैयार रहिए. लोगों की घूरती आंखें, रूकी हुई सांसे, हैरत से खुले मुंह और कुछ बेहोश होने की कगार पर खड़े अंकल-आंटी से टकराव तो पक्का है. ऐसे में आपके पास अपने बचाव के लिए सिर्फ एक हथियार रह जाता है. एक सभ्य, शांत सी खामोशी जिसे लोगों के बेकार के सवालों को नजरअंदाज करते हुए आपको अपने चेहरे पर बनाए रखना होगा.

अकेली लड़की एक समाजिक समस्या है शायद किसानों की आत्महत्या से भी ज़्यादा बड़ी समस्या, शायद जीएसटी से भी बड़ा बहस का और विवादास्पद विषय. लड़की वो आत्मघाती बम है जिसे हर दूसरा आदमी डिफ्यूज करना चाहता है.

अकेली खुली तिजोरी होती है

तो क्या होता है जब एक लड़की गुरुद्वारा या मंदिर से लेकर देश-विदेशों में अकेली फिरती है-

1- गुरुद्वारा / मंदिर में अकेली-

आपका धार्मिक होना एक बहुत बड़ी समस्या हो सकता है. खासकर तब जब कोई देश धार्मिक रूप जागृत हो. जहां जिंदगी से ज्यादा जरूरी चीज धर्म हो. लेकिन इससे भी बड़ी समस्या तब खड़ी हो जाती है जब आप अकेले किसी मंदिर, गुरूद्वारा या एक पवित्र स्थान पर जाती हैं. ये ऐसी जगहें हैं जहां अमूमन 60 से ऊपर के, रिटायर्ड और अपनी जिंदगी के ढलान पर खड़े अंकल-आंटी चाचा और चाची आते हैं और मेडिटेशन यानी ध्यान करने के लिए आते हैं. तो अगर आप ऐसी जगह पर जाती हैं तो तुरंत ही लोगों की सहानुभूति के पात्र बन जाते हैं. किसी लड़की के अकेले मंदिर या गुरुद्वारा जाते ही ये मान लिया जाता है कि या तो आपका दिल टूटा है, या आप विधवा हैं, या फिर नोटबंदी के समय देशभक्ति के नाम पर आपकी सारी पूंजी लुट चुकी हो. भगवान की शरण में आप बैठी हैं इसका मतलब है या तो आप अपने पापों से मुक्ति पाना चाहती हैं या फिर अपने टूटे-बिखरे हुए जीवन पर भगवान की दया दृष्टि चाहती हैं.

2. रोड पे अकेली-

अगर आप अकेले किसी सुनसान इलाके में घूम रही हैं या फिर ड्राइविंग कर रही हैं, तो फिर आप 'कुछ चाहती हैं'. हो सकता है कि आप शहर के दूसरे छोर पर स्थित अस्पताल जा रही हों लेकिन ये मायने नहीं रखता है. आप फास्ट एंड फ्यूरियस के उन तेज कारों/बाइकों की तरह हैं जो सड़कों पर होने के कारण ही लोगों का ध्यान खिंचती है.

3. पार्टी में अकेली-

बच्चों को खजाने को जीतने का गेम खेलते हुए तो आपने देखा ही होगा. पार्टी में मौजूद हर सिंगल/ नॉन-सिंगल लेकिन अकेला आदमी की नजरें वहां मौजूद उस 'खुली तिजोरी' की तलाश में रहती हैं. आप अकेली/ तलाकशुदा / विधवा / शहर में नई हैं, मतलब कारण चाहे कोई भी हो लेकिन आपने अपने साथ किसी आदमी को क्यों नहीं लटकाया हुआ है या फिर अपनी लड़कियों की गैंग के साथ पार्टी में क्यों नहीं आई हैं. अगर आप किसी पार्टी, रेस्त्रां या नाइट क्लब में अकेली हैं तो इसका मतलब है कि आप 'Available' हैं.

फिर आखिर क्यों कोई आदमी आप को भाव ना दे, आपके आगे-पीछे ना घूमे या फिर चुपके से आपके पास आए और चिपके? तो अगर किसी लड़की को लड़कों का भाव नहीं चाहिए तो फिर वो क्यों पार्टी में आएगी? अपने प्यारे गाउन में बैठी किटी-पार्टी वाली आंटियों के लिए आप एक ऐसी विद्रोही महिला होंगी जो अपने घर से भाग आई है या फिर आप अनाथ हैं. क्योंकि संस्कारी लड़कियां ऐसा थोड़े करती हैं भला.

4. ट्रेन में अकेली-

यदि आप एक युवा लड़की हैं और धरती के किसी भी कोने में आप जा रही हों तो हमेशा आपको ऐसे अंकल-आंटी मिल जाएंगे जो पूरे रास्ते यही बुदबुदाते रहेंगे कि पता नहीं ये आज की पीढ़ी किस रास्ते पर चली गई है. पूरा माहौल ही धरती का खराब हो गया है. आदि आदि. और अगर आपने मजे लेने के लिए उन्हें बस इस बात की भनक लगा दी कि आप अपने नए ब्वॉयफ्रेंड से मिलने जा रही हैं तो बस. कुछ मिनट की मुर्दनी शांति तो निश्चित है.

5. अकेली विदेश जाती हुई-

सहानुभूति से लेकर चिंता और दुख भरे कमेंट, आपको अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं मिलेंगी. 'हाए बेचारी', 'ओह हो ये आजकल के बच्चे' के लिएसे लेकर 'कोई है ना वहां पे' तक की कई तरह चिंताएं आम बात हैं.

इसके अलावा, हर ऐरा-गैरा नत्थू-खैरा आदमी आप पर लाइन मारने के लिए तैयार बैठा होगा. बिन मांगे मदद से लेकर उस जगह पर क्या करना है और क्या नहीं करना के सलाह तक सब कुछ फ्री और प्रचुर मात्रा में मिलेगा. क्योंकि आप छुट्टी पर हैं. अब सच्चाई भले ही ये हो कि आप एक विधवा आंटी से मिलने जा रही हों लेकिन आपका एयरपोर्ट लुक आपके प्रति लोगों के नजरिए को तय करेगा.

6. शादी में अकेली-

आपको पता चलने के पहले ही आपकी पूरी जन्म कुंडली का पता पोस्टमार्टम हो चुका होता है. आपका रंग कैसा है से लेकर आपकी जाति, धर्म, आंखों का रंग और प्यार के किस्से हर चीज की चर्चा हो चुकी होती है. इसलिए अगर कोई आंटी आपको देखकर मुस्कुराती हैं तो फिर समझ जाइए कि ये तुफान के पहले की मुस्कुराहट है. इससे बचने के लिए या तो आप बिजी हो जाएं या फिर कम-से-कम बिजी होने का नाटक जरुर करें. अपने बालों से लेकर, लहंगे की कढ़ाई तक, आपके सैंडल के ब्रांड से लेकर हाथ की लंबाई तक, आप हर जगह और हर एंगल से स्कैन की जा रही हैं, तो जितनी जल्दी हो सके गायब हो जाएं.

अब, अगर आपने उपर लिखे किसी भी चीज का अनुभव नहीं किया है, तो लानत है आप पर. अगर इनमें से किसी जगह पर आप एक अकेली लड़की नहीं बनीं तो जाइए और आज ही इस यात्रा का अनुभव करिए. आखिर हम में से कुछ ही लोग क्यों इसके भोगी बनें!

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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