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सतयुग से कलयुग तक हिरण ने ऐसे बदला लोगों का भविष्य...

    • ऑनलाइन एडिक्ट
    • Updated: 06 अप्रिल, 2018 06:34 PM
  • 06 अप्रिल, 2018 06:34 PM
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हिंदू पुराणों के हिसाब से चार युग रहे हैं और हर युग में हिरण की अपनी अहमियत रही है. चलिए आज बात करते हैं हिरण और हर युग में उससे जुड़ी कहानियों की.

जब से सलमान खान को सज़ा हुई है तब से ही सोशल मीडिया पर हिरण को लेकर काफी तू-तू मैं-मैं हो रही है. फेसबुक और ट्विटर पर कैंपेन चल रही है कि काले हिरण को मारने वाले को जेल और इंसान मारने वाले खुले घूम रहे हैं. तर्क चाहें जो भी हो लेकिन हिंदू समाज में कई पशु-पक्षियों का ध्यान रखा जाता है और हर पशु की अपनी अहमियत है. इसी तरह हिरण की भी काफी अहमियत रही है. हिंदू पुराणों के हिसाब से चार युग रहे हैं और हर युग में हिरण की अपनी अहमियत रही है. चलिए आज बात करते हैं हिरण और हर युग में उससे जुड़ी कहानियों की.

1. सतयुग...

हिंदु मान्यता के अनुसार सतयुग का वर्णन ही ऐसे किया जाता है कि ये एक ऐसा युग था जिसमें हिरण और शेर एक साथ पानी पीते थे और इस युग में कोई अपराध नहीं था. पुराणों के अनुसार माता सरस्वती ने एक लाल हिरण का रूप ले लिया था जिसे रोहित कहा गया है. क्योंकि सरस्वती मां शिक्षा की देवी थी तो इस रूप में इंसान ने हिरण की खाल पहनना और उसका इस्तेमाल करना सीखा था. मतलब खुद देवी ने हिरण का रूप ले लिया था.

2. त्रेतायुग...

त्रेतायुग का हिरण बहुत अहम है. राजा दशरथ हिरण का शिकार करने निकले थे और श्रवण कुमार की मौत हो गई थी जिसकी वजह से उन्हें श्राप मिला. इसके अलावा, सीता ने भी स्वर्ण हिरण का रूप धरे हुए मरीच को पाना चाहा. उसकी तलाश में राम निकले और तीर से मरीच का शिकार किया. मरीच को जब तीर लगा तो उसने राम की आवाज़ में कराहा जिसके कारण सीता माता ने लक्ष्मण को राम की मदद करने के लिए भेजा. लक्ष्मण रेखा बनाकर वो राम की तलाश में चले गए और उसी समय रावण भिक्षु का रूप बनाकर आया और सीता का हरण किया. एक हिरण के कारण ही सीता माता को रावण अपने साथ ले जा पाया और अंतत: रावण और राम का युद्ध हुआ.

जब से सलमान खान को सज़ा हुई है तब से ही सोशल मीडिया पर हिरण को लेकर काफी तू-तू मैं-मैं हो रही है. फेसबुक और ट्विटर पर कैंपेन चल रही है कि काले हिरण को मारने वाले को जेल और इंसान मारने वाले खुले घूम रहे हैं. तर्क चाहें जो भी हो लेकिन हिंदू समाज में कई पशु-पक्षियों का ध्यान रखा जाता है और हर पशु की अपनी अहमियत है. इसी तरह हिरण की भी काफी अहमियत रही है. हिंदू पुराणों के हिसाब से चार युग रहे हैं और हर युग में हिरण की अपनी अहमियत रही है. चलिए आज बात करते हैं हिरण और हर युग में उससे जुड़ी कहानियों की.

1. सतयुग...

हिंदु मान्यता के अनुसार सतयुग का वर्णन ही ऐसे किया जाता है कि ये एक ऐसा युग था जिसमें हिरण और शेर एक साथ पानी पीते थे और इस युग में कोई अपराध नहीं था. पुराणों के अनुसार माता सरस्वती ने एक लाल हिरण का रूप ले लिया था जिसे रोहित कहा गया है. क्योंकि सरस्वती मां शिक्षा की देवी थी तो इस रूप में इंसान ने हिरण की खाल पहनना और उसका इस्तेमाल करना सीखा था. मतलब खुद देवी ने हिरण का रूप ले लिया था.

2. त्रेतायुग...

त्रेतायुग का हिरण बहुत अहम है. राजा दशरथ हिरण का शिकार करने निकले थे और श्रवण कुमार की मौत हो गई थी जिसकी वजह से उन्हें श्राप मिला. इसके अलावा, सीता ने भी स्वर्ण हिरण का रूप धरे हुए मरीच को पाना चाहा. उसकी तलाश में राम निकले और तीर से मरीच का शिकार किया. मरीच को जब तीर लगा तो उसने राम की आवाज़ में कराहा जिसके कारण सीता माता ने लक्ष्मण को राम की मदद करने के लिए भेजा. लक्ष्मण रेखा बनाकर वो राम की तलाश में चले गए और उसी समय रावण भिक्षु का रूप बनाकर आया और सीता का हरण किया. एक हिरण के कारण ही सीता माता को रावण अपने साथ ले जा पाया और अंतत: रावण और राम का युद्ध हुआ.

3. द्वापरयुग...

पुराणों की माने तो श्री कृष्ण के रथ को काले हिरण खींचते थे. संस्कृत में काले हिरण को कृष्ण मृग कहा जाता है. साथ ही हिरण को पवनदेव और चंद्रदेव के रथ भी खींचता था.

इसके अलावा, एक और कहानी है जो द्वापरयुग में प्रसिद्ध है. विष्णुपुराण के अनुसार भरत नाम के एक राजा थे जो शाळग्राम में रहते थे. एक समय भरत नदी में नहाने गए और उस समय वहां एक हिरणी पानी पी रही थी. उसी समय एक शेर ने दहाड़ मारी और डर के कारण हिरणी ने असमय ही एक बच्चे को जन्म दे दिया. हिरणी तो मर गई, लेकिन भरत ने बच्चे को बचा लिया. हिरण के बच्चे से भरत अपने राज्य, बेटों, दोस्तों से ज्यादा प्यार करते थे. उन्होंने राज्य छोड़ा, लेकिन हिरण को न छोड़ पाए. यहां तक की वो विष्णु का नाम लेना भी भूल जाते थे.

जब भरत की मृत्यू होने वाली थी तब वो हिरण के बारे में सोच रहे थे और इसी कारण अगले जन्म में वो हिरण की तरह जन्मे. वो जातिस्मारा हिरण बने और उन्हें अपनी पिछली जिंदगी के बारे में सब कुछ याद था.

वो वापस शाऴाग्राम आए और वहीं हिरण के रूप में भी उनकी मृत्यू हुई. अगले जन्म में वो जातिस्मारा ब्राह्मण बने और उन्होंने बहुत ज्ञान प्राप्त किया. इसके बाद उन्हें मोक्ष मिला. इस तरह एक हिरण ने उनकी भी जिंदगी बदल दी.

4. कलयुग...

अब चल रहा है कलयुग और कलयुग में सलमान खान ही नहीं बल्कि सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी भी काले हिरण के कारण काफी परेशान हो चुके हैं. 5 जून 2005 को विश्व पर्यावरण दिवस के दौरान उन्होंने भी एक काले हिरण का शिकाल किया था. 2011 में उनकी मृत्यू के बाद उनका नाम काले हिरण मामले से हटा दिया गया था.

इसी तरह सलमान खान भी 1998 से काले हिरण के शिकार के मामले में चक्कर काट रहे हैं.

तो इस तरह से हर युग में हिरण बहुत अहम रहा है. हिंदुस्तान ही नहीं ब्लिक पूरी दुनिया में कई जगहों पर हिरण की अहम भूमिका है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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