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सिद्धू मूसेवाला लिखे हुए को क्या ही टाल पाते, बाकी जो शूटर ने कहा है वो चौंकाने वाला है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 23 जून, 2022 06:29 PM
  • 23 जून, 2022 06:29 PM
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राजनेता और पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मौत मामले में आए रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं. इसी क्रम में जो जानकारी हत्याकांड मुख्य आरोपी प्रियव्रत फौजी ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को दी है वो चकित करने वाली है. फौजी ने पुलिस को बताया है कि पंजाबी गायक की हत्या 29 मई से पहले की जा सकती थी.

मौत का एक दिन मुअय्यन है

नींद क्यों रात भर नहीं आती. 

मौत के फलसफे को बयां करती मिर्ज़ा ग़ालिब की ये पंक्तियां बेवजह नहीं हैं. व्यक्ति चाहे कोई भी हो. कितना भी रसूख क्यों न रखता हो. मौत, क्योंकि जिंदगी की तल्ख़ हकीकत है, इसलिए शायद ही उसे कोई टाल पाए. एक तरफ ग़ालिब के मशहूर शेर की पंक्तियां और ये बातें हैं. दूसरी तरफ पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री की शान दिवंगत सिद्धू मूसेवाला थे. जिन्होंने मौत को 2 दिन टाल कर लिखे को चुनौती देनी तो चाही लेकिन बात फिर वही है मौत का एक दिन मुअय्यन है और मौत ने अपना काम कर दिया. सिद्धू की ज़िन्दगी छीन ली. दरअसल सिद्धू की हत्या के मास्टरमइंड प्रियव्रत फौजी ने पुलिस के साथ चली पूछताछ में कई अहम खुलासा किये हैं. जो बातें फौजी ने पुलिस को बताई हैं वो न केवल कई मायनों में चौंकाने वाली हैं. बल्कि इस बात की तस्दीख कर देती हैं कि अगर किसी को मौत आनी ही होती है तो फिर कोई कितने भी प्रयास क्यों न कर ले मौत को चकमा नहीं दिया जा सकता.

सिद्धू मूसेवाला को मौत के घाट उतारने वाले प्रियव्रत फौजी ने पुलिस को जो बताया है वो चकित करने वाला है

सिद्धू मूसेवाला को गोलियों से छलनी करने वाले शूटर और अपने बुलेरो मॉड्यूल के लिए सुर्खियां बटोर रहे प्रियव्रत फौजी ने कहा है कि 27 मई को ही सिद्धू की हत्या हो जाती, मगर वह बच गया. घटना के मास्टरमइंड प्रियव्रत फौजी ने जो जानकारी पुलिस को दी है है यदि उसपर यकीन करें तो 27 मई को सिद्धू मूसेवाला अकेले गाड़ी में बैठकर निकले थे, जिसके बाद बोलेरो और कोरोला कार में बैठे शूटर सिद्धू के पीछे पड़ गए थे.

मौत का एक दिन मुअय्यन है

नींद क्यों रात भर नहीं आती. 

मौत के फलसफे को बयां करती मिर्ज़ा ग़ालिब की ये पंक्तियां बेवजह नहीं हैं. व्यक्ति चाहे कोई भी हो. कितना भी रसूख क्यों न रखता हो. मौत, क्योंकि जिंदगी की तल्ख़ हकीकत है, इसलिए शायद ही उसे कोई टाल पाए. एक तरफ ग़ालिब के मशहूर शेर की पंक्तियां और ये बातें हैं. दूसरी तरफ पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री की शान दिवंगत सिद्धू मूसेवाला थे. जिन्होंने मौत को 2 दिन टाल कर लिखे को चुनौती देनी तो चाही लेकिन बात फिर वही है मौत का एक दिन मुअय्यन है और मौत ने अपना काम कर दिया. सिद्धू की ज़िन्दगी छीन ली. दरअसल सिद्धू की हत्या के मास्टरमइंड प्रियव्रत फौजी ने पुलिस के साथ चली पूछताछ में कई अहम खुलासा किये हैं. जो बातें फौजी ने पुलिस को बताई हैं वो न केवल कई मायनों में चौंकाने वाली हैं. बल्कि इस बात की तस्दीख कर देती हैं कि अगर किसी को मौत आनी ही होती है तो फिर कोई कितने भी प्रयास क्यों न कर ले मौत को चकमा नहीं दिया जा सकता.

सिद्धू मूसेवाला को मौत के घाट उतारने वाले प्रियव्रत फौजी ने पुलिस को जो बताया है वो चकित करने वाला है

सिद्धू मूसेवाला को गोलियों से छलनी करने वाले शूटर और अपने बुलेरो मॉड्यूल के लिए सुर्खियां बटोर रहे प्रियव्रत फौजी ने कहा है कि 27 मई को ही सिद्धू की हत्या हो जाती, मगर वह बच गया. घटना के मास्टरमइंड प्रियव्रत फौजी ने जो जानकारी पुलिस को दी है है यदि उसपर यकीन करें तो 27 मई को सिद्धू मूसेवाला अकेले गाड़ी में बैठकर निकले थे, जिसके बाद बोलेरो और कोरोला कार में बैठे शूटर सिद्धू के पीछे पड़ गए थे.

बताते चलें कि जिस समय शूटर्स ने सिद्धू की गाड़ी का पीछा करना शुरू किया सिद्धू मूसेवाला किसी केस के सिलसिले में कोर्ट के लिए निकले थे.पूछताछ में शूटर प्रियव्रत फौजी ने इस बात को भी स्वीकार किया कि सिद्धू मूसेवाला की गाड़ी गांव की सड़क पर चलने के बजाए मेन हाई-वे पर तेजी से चलने लगी और शूटर बहुत दूर तक सिद्धू की गाड़ी का पीछा नहीं कर पाए और प्लान फेल हो गया था.'

चूंकि सिद्धू मूसेवाला की हत्या न केवल सवालों के घेरे में है बल्कि इस मौत को लेकर अब भी गफलत की स्थिति बनी हुई है तमाम अलग अलग बिन्दु हैं जिनको ध्यान में रखकर जांच की जा रही है. इस बीच, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि जिन हथियारों का इस्तेमाल सिद्धू मूसेवाला को मारने के लिए किया गया था क्या वो ड्रोन के जरिये पाकिस्तान के भारत आए या फिर उनको भारत में ही बनाया गया?

सिद्धू मूसेवाला की मौत मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कहा है कि चाहे वो ग्रेनेड लांचर हों या फिर हैंड ग्रेनेड, इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर और राइफल जैसे ये हथियार हैं ये भारत में नहीं बने हैं. वहीं स्पेशल सेल ने इस बात की तरफ भी इशारा किया है कि हथियार हाल ही में पाकिस्तान में पाए गए थे और यह संदेह है कि ये हथियार भी उसी खेप का हिस्सा हो सकते हैं.

गौरतलब है कि बीती 29 मई को पंजाब के मनसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने गायक-राजनेता सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना का जो सबसे दिलचस्प पक्ष है वो ये कि सिद्धू की मौत तब हुई थी जब घटना से एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने सिद्धू को मुहैया कराई गयी सिक्योरिटी को कम किया था. 

हत्या की वजह क्या है? ऐसा क्या हुआ जिसके चलते फौजी और उसके साथियों ने सिद्धू को मौत के घाट उतारा अभी इस मामले की जांच हो रही है लेकिन जिस तरह बहुत ही कम उम्र में सिद्धू ने दुनिया को अलविदा कहा फैंस अब भी सदमे में हैं. मांग यही हो रही है कि घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए. 

बहरहाल, जिस तरह सिद्धू की मौत मामले में एक के बाद एक नयी कड़ियां जुड़ रही हैं. इस बात की भी तस्दीख हो जाती है कि पंजाब में आज भी गैंग्स, कानून के ऊपर हावी हैं और दुनिया को अपना वर्चस्व दिखाने के लिए वो किसी भी सीमा पर जा सकते हैं.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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