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हादिया की जीत हो या हार दोनों ही कई सवालों के जवाब देगी

    • आईचौक
    • Updated: 27 नवम्बर, 2017 09:28 PM
  • 27 नवम्बर, 2017 09:28 PM
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संविधान में 18 साल से ऊपर की लड़की और 21 साल से बड़े लड़के को बालिग माना जाता है और दो बालिग शादी करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं. लेकिन यहां 26 साल के शाफिन और 24 साल की हादिया को अपनी ही शादी के लिए लड़ना पड़ रहा है.

केरल की हादिया ने इस्लाम धर्म अपनाकर मुस्लिम लड़के से शादी कर ली. उसकी इस शादी को लोगों ने लव जिहाद का मामला बना दिया. इसी सिलसिले में हादिया की पेशी सुप्रीम कोर्ट में हुई. दिल्ली आने के पहले ही हादिया ने ये बात साफ कर दी थी कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है और वो अपने पति शाफिन जहान के ही साथ रहना चाहती है.

हादिया का ये मामला कई मामलों में मील का पत्थर साबित होने जा रही है. जानिए ये पूरा मामला-

मिसाल कायम करेगा ये मुद्दा

1- सुप्रीम कोर्ट ने हादिया के पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए हादिया का बयान सुना और उसे अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कॉलेज वापस जाने का आदेश दिया. साथ ही कॉलेज प्रबंधन को भी आदेश दिया कि वो हादिया को इंटर्नशिप करने से नहीं रोकेगी.

2- हादिया को अपने माता-पिता की कस्टडी से आजाद कर दिया गया और अब उसे सलेम वापस जाने की इजाजत दी गई है ताकि वो अपनी पढ़ाई पूरी कर सके.

3- तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि सलेम में वो हादिया को सुरक्षा प्रदान करेंगे.

4- कोर्ट के सामने हादिया ने कहा कि उसे अपनी आजादी वापस चाहिए. अखिला अशोकन के नाम से जन्मी हादिया ने मिडिल ईस्ट से वापस आए शाफिन जहान से शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन गई.

5- हादिया के पिता ने कोर्ट में कहा है कि हादिया की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उसपर जादू-टोना किया गया है. इसलिए उसकी गवाही का भरोसा नहीं कर सकते.

6- सुप्रीम कोर्ट में हादिया के पति शाफिन जहान ने मई में केरल हाईकोर्ट के उस फैसले के विरोध में अर्जी दायर की थी जिसमें हादिया के साथ उसकी शादी को खारिज कर दिया गया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा हादिया के...

केरल की हादिया ने इस्लाम धर्म अपनाकर मुस्लिम लड़के से शादी कर ली. उसकी इस शादी को लोगों ने लव जिहाद का मामला बना दिया. इसी सिलसिले में हादिया की पेशी सुप्रीम कोर्ट में हुई. दिल्ली आने के पहले ही हादिया ने ये बात साफ कर दी थी कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है और वो अपने पति शाफिन जहान के ही साथ रहना चाहती है.

हादिया का ये मामला कई मामलों में मील का पत्थर साबित होने जा रही है. जानिए ये पूरा मामला-

मिसाल कायम करेगा ये मुद्दा

1- सुप्रीम कोर्ट ने हादिया के पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए हादिया का बयान सुना और उसे अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कॉलेज वापस जाने का आदेश दिया. साथ ही कॉलेज प्रबंधन को भी आदेश दिया कि वो हादिया को इंटर्नशिप करने से नहीं रोकेगी.

2- हादिया को अपने माता-पिता की कस्टडी से आजाद कर दिया गया और अब उसे सलेम वापस जाने की इजाजत दी गई है ताकि वो अपनी पढ़ाई पूरी कर सके.

3- तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि सलेम में वो हादिया को सुरक्षा प्रदान करेंगे.

4- कोर्ट के सामने हादिया ने कहा कि उसे अपनी आजादी वापस चाहिए. अखिला अशोकन के नाम से जन्मी हादिया ने मिडिल ईस्ट से वापस आए शाफिन जहान से शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन गई.

5- हादिया के पिता ने कोर्ट में कहा है कि हादिया की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उसपर जादू-टोना किया गया है. इसलिए उसकी गवाही का भरोसा नहीं कर सकते.

6- सुप्रीम कोर्ट में हादिया के पति शाफिन जहान ने मई में केरल हाईकोर्ट के उस फैसले के विरोध में अर्जी दायर की थी जिसमें हादिया के साथ उसकी शादी को खारिज कर दिया गया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा हादिया के धर्म परिवर्तन करने की एनआईए जांच को भी वापस लेने की मांग भी की थी.

7- जहान ने 20 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें 16 अगस्त को कोर्ट द्वारा एक हिंदू लड़की के धर्म परिवर्तन और फिर उसके साथ शादी के मामले की एनआईए जांच के आदेश दिए थे.

8- जहान ने केरल हाईकोर्ट में उनकी शादी के बर्खास्त करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. केरल हाईकोर्ट ने इस देश की औरतों की आजादी का अपमान बताते हुए जहान और हादिया की शादी को खारिज कर दिया था.

9- अपने पहले के रिपोर्ट में एनआईए ने केरल में धर्म परिवर्तन की घटनाओं में एक पैटर्न होने की बात कही थी. इन्होंने ने राज्य में इसी तरह के कम से कम 89 केसों का जिक्र किया था.

10- हादिया के सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के मिशन में शामिल होने के भी आरोप लगे थे. उसका पति सिर्फ एक मोहरा था. 18 नवंबर को एनआईए की टीम ने दूसरी बार हादिया के घर की छानबीन की थी और कोर्ट में पेश होने के पहले उसका बयान लिया था.

इस तरह देखें तो हादिया का ये केस भारत में कई तरह के नए प्रतिमान गढ़ेगा. एक तरफ पूरी व्यवस्था मिलकर दो बालिग लोगों की शादी को गैरकानूनी साबित करने की कोशिश में लगी है तो दूसरी तरफ दो आम लोग अपने अधिकार के लिए डटकर खड़े हैं. संविधान के अनुच्छेद 326 में 18 साल से ऊपर की लड़की और 21 साल की उम्र से बड़े लड़के को बालिग माना जाता है और दो बालिग लोग शादी करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं. लेकिन यहां 26 साल के शाफिन और 24 साल की हादिया को अपनी ही शादी के लड़ना पड़ रहा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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