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सउदी अरब से और उम्मीद भी क्या हो..

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 16 मार्च, 2017 04:43 PM
  • 16 मार्च, 2017 04:43 PM
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सउदी अरब की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचनाएं झेल रही है. हो भी क्यो न, गर्ल्स काउंसिल के उद्घाटन में दिखाई दिए सिर्फ पुरुष, महिलाएं नदारद.

साउदी अरब ने एक ऐसा काम किया है, जिसकी होनी तो तारीफ थी, लेकिन हो गया उल्टा.

जाहिर है एक देश जो सार्वजनिक जीवन में महिलाओं को समान अधिकार न देने के लिए जाना जाता हो, वो उसके लिए कुछ अच्छा करने की सोचे तो वो काम तारीफ के काबिल ही होगा, लेकिन कहते हैं तस्वीरें हजार शब्दों के बराबर होती हैं, साउदी अरब के इस नेक काम की एक तस्वीर ने चीख-चीखकर एक ही बात कही कि 'हम नहीं सुधरेंगे'.

दरअसल अल कासिम प्रांत में गर्ल्स काउंसिल के उद्घाटन के वक्त वहां हर कोई मौजूद था, सिवाए महिलाओं के. गर्ल्स काउंसिल की पहली मीटिंग की तस्वीर में 13 पुरुषों को स्टेज पर बैठे देखा जा सकता है, पर आश्चर्य कि महिलाओं के लिए बनी इस काउंसिल में एक भी महिला सदस्य नहीं दिखी. जाहिर तौर पर महिलाएं दूसरे कमरे में थीं, जिन्हें वीडियो के माध्यम से जोड़ा गया था.

पुरुष प्रधान समाज के कायदे अपनी जगह थे, लेकिन ये तस्वीर तब तक अपना काम कर चुकी थी, सोशल मीडिया पर वायरल होने में इसे जरा भी वक्त नहीं लगा. जाहिर है इस तस्वीर को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

महिलाओं की फिक्र में बड़े बड़े काम कर रहे इन लोगों को स्टेज पर बैठा देखकर एक और तस्वीर की याद ताजा हो गई जो अभी कुछ दिनों पहले वायरल हुई थी. दोनों को एक ही लाठी से हांका गया, ये वायरल तस्वीर थी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की, जब वो अबॉर्शन पॉलिसी पर साइन कर रहे थे और उनके आसपास...

साउदी अरब ने एक ऐसा काम किया है, जिसकी होनी तो तारीफ थी, लेकिन हो गया उल्टा.

जाहिर है एक देश जो सार्वजनिक जीवन में महिलाओं को समान अधिकार न देने के लिए जाना जाता हो, वो उसके लिए कुछ अच्छा करने की सोचे तो वो काम तारीफ के काबिल ही होगा, लेकिन कहते हैं तस्वीरें हजार शब्दों के बराबर होती हैं, साउदी अरब के इस नेक काम की एक तस्वीर ने चीख-चीखकर एक ही बात कही कि 'हम नहीं सुधरेंगे'.

दरअसल अल कासिम प्रांत में गर्ल्स काउंसिल के उद्घाटन के वक्त वहां हर कोई मौजूद था, सिवाए महिलाओं के. गर्ल्स काउंसिल की पहली मीटिंग की तस्वीर में 13 पुरुषों को स्टेज पर बैठे देखा जा सकता है, पर आश्चर्य कि महिलाओं के लिए बनी इस काउंसिल में एक भी महिला सदस्य नहीं दिखी. जाहिर तौर पर महिलाएं दूसरे कमरे में थीं, जिन्हें वीडियो के माध्यम से जोड़ा गया था.

पुरुष प्रधान समाज के कायदे अपनी जगह थे, लेकिन ये तस्वीर तब तक अपना काम कर चुकी थी, सोशल मीडिया पर वायरल होने में इसे जरा भी वक्त नहीं लगा. जाहिर है इस तस्वीर को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

महिलाओं की फिक्र में बड़े बड़े काम कर रहे इन लोगों को स्टेज पर बैठा देखकर एक और तस्वीर की याद ताजा हो गई जो अभी कुछ दिनों पहले वायरल हुई थी. दोनों को एक ही लाठी से हांका गया, ये वायरल तस्वीर थी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की, जब वो अबॉर्शन पॉलिसी पर साइन कर रहे थे और उनके आसपास सिर्फ पुरुष खड़े थे, एक भी महिला उस तस्वीर में नहीं दिखी थी.

अधर अरब की गर्ल्स काउंसिल का नेतृत्व कर रहे प्रिंस फैज़ल बिन मिशल बिन सौद का कहना था कि उन्हें इस कॉन्फ्रेंस पर गर्व है. कासिम प्रांत में हम महिलाओं को बहन मानते हैं और उनके लिए ज्यादा से ज्यादा संभावनाएं जुटाना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं.

साउदी अरब ने हमेशा से महिला अधिकारों की अनदेखी करने के लिए आलोचनाएं झेली हैं, और इसलिए अपनी छवि बदलते हुए पिछले महीने ही साउदी अरब ने पहली बार महिला दिवस भी मनाया, और अब रोजगार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ये गर्ल्स काउंसिल बनाई गई. सुनने में तो अच्छा लगता है, लेकिन जो दिखता है, उसे कैसे नकारा जाए. कोशिशें हजार कर ली जाएं, लेकिन कट्टरपंथ जहां जड़ों में हो, वहां बदलाव इतनी जल्दी आ जाए, ये संभव नहीं लगता. पर उम्मीद है कि इतनी फजीहत होने के बाद साउदी अरब दोबारा ये गलती नही दोहराएगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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