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लास वेगास की भयावह गोलीबारी के लिए ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी भी दोषी है?

    • राहुल लाल
    • Updated: 05 अक्टूबर, 2017 12:38 PM
  • 05 अक्टूबर, 2017 12:38 PM
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कहने वाले ये कह रहे हैं कि विश्व के सबसे बड़े हथियार निर्माताओं में शुमार अमेरिका, लास वेगास हमले के बाद खुद अपने बनाए हुए जाल में फंस गया है, जिससे निकलना इतना भी आसान नहीं है.

अमेरिका दुनिया में अपनी बादशाहत दिखाने के लिए जमकर हथियार बनाता रहा. उनको घरेलू और विदेशी बाजारों में जमकर बेचा भी. लचर कानून और सामर्थ्यवान लोगों के कारण अमेरिका में गन कल्चर जमकर फला-फूला. अब यही गन कल्चर अमेरिका को लहूलुहान कर रहा है. इस गन संस्कृति को अमेरिका के रिपब्लिकन पार्टी का जोरदार समर्थन मिलता रहा है. जब भी कोई सरकार आर्म्स को लेकर कोई कानून लाना चाहती है तो अमेरिकी हथियार विक्रेताओं की लॉबी हावी हो जाती है.

पूँजीवाद के प्रतीक माने जाने वाले इस देश की आर्म्स इंडस्ट्री को हर साल 90 हजार करोड़ की कमाई होती है. अमेरिका के किसी न किसी कोने से बंदूक हमलें की खबरें आना आम बात है. सोमवार को अमेरिका के लास वेगास शहर में म्यूजिक कंसर्ट में आए संगीत प्रेमियों पर की गई अप्रत्याशित फायरिंग में करीब 59 लोग मारे गए तथा 550 से ज्यादा घायल हो गए. 11 सितंबर 2001 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद यह अमेरिका में निर्दोषों पर हमले की अब तक की सबसे बड़ी वारदात है.

माना जा रहा है कि लास वेगास में हुई गोलीबारी के लिए ट्रंप और उनकी पार्टी भी जिम्मेदार है

अमरिकी समयानुसार रविवार रात 10 बजे जैसे ही गायक जेसन एलडिन ने गाना शुरु किया, वैसे ही गोलियों की आवाज से संपूर्ण परिसर गूंज उठी. ऐसे में वहां भारी भीड़ थी. लगभग 22 हजार भीड़ पर गोलियां चलने से वहां भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. इसके कारण लोग भगदड़ तथा गोलियों दोनों के शिकार बने, जिससे मृतकों एवं घायलों की स्थिति इतनी आगे पहुँच गई. हमलावर होटल के 32 वीं मंजिल से गोली चला रहा था, ऐसे में लोगों को लग रहा था कि आसमान से गोलियों की बौछार हो रही है. इससे पहले अमेरिका में जून 2016 में ओरलैंडो के नाइट क्लब में हुई फायरिंग में 49 लोग मारे गए थे.

इस संपूर्ण घटनाक्रम से स्पष्ट है कि अमेरिका में...

अमेरिका दुनिया में अपनी बादशाहत दिखाने के लिए जमकर हथियार बनाता रहा. उनको घरेलू और विदेशी बाजारों में जमकर बेचा भी. लचर कानून और सामर्थ्यवान लोगों के कारण अमेरिका में गन कल्चर जमकर फला-फूला. अब यही गन कल्चर अमेरिका को लहूलुहान कर रहा है. इस गन संस्कृति को अमेरिका के रिपब्लिकन पार्टी का जोरदार समर्थन मिलता रहा है. जब भी कोई सरकार आर्म्स को लेकर कोई कानून लाना चाहती है तो अमेरिकी हथियार विक्रेताओं की लॉबी हावी हो जाती है.

पूँजीवाद के प्रतीक माने जाने वाले इस देश की आर्म्स इंडस्ट्री को हर साल 90 हजार करोड़ की कमाई होती है. अमेरिका के किसी न किसी कोने से बंदूक हमलें की खबरें आना आम बात है. सोमवार को अमेरिका के लास वेगास शहर में म्यूजिक कंसर्ट में आए संगीत प्रेमियों पर की गई अप्रत्याशित फायरिंग में करीब 59 लोग मारे गए तथा 550 से ज्यादा घायल हो गए. 11 सितंबर 2001 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद यह अमेरिका में निर्दोषों पर हमले की अब तक की सबसे बड़ी वारदात है.

माना जा रहा है कि लास वेगास में हुई गोलीबारी के लिए ट्रंप और उनकी पार्टी भी जिम्मेदार है

अमरिकी समयानुसार रविवार रात 10 बजे जैसे ही गायक जेसन एलडिन ने गाना शुरु किया, वैसे ही गोलियों की आवाज से संपूर्ण परिसर गूंज उठी. ऐसे में वहां भारी भीड़ थी. लगभग 22 हजार भीड़ पर गोलियां चलने से वहां भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. इसके कारण लोग भगदड़ तथा गोलियों दोनों के शिकार बने, जिससे मृतकों एवं घायलों की स्थिति इतनी आगे पहुँच गई. हमलावर होटल के 32 वीं मंजिल से गोली चला रहा था, ऐसे में लोगों को लग रहा था कि आसमान से गोलियों की बौछार हो रही है. इससे पहले अमेरिका में जून 2016 में ओरलैंडो के नाइट क्लब में हुई फायरिंग में 49 लोग मारे गए थे.

इस संपूर्ण घटनाक्रम से स्पष्ट है कि अमेरिका में आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने के लिए नियम कानून बहुत ही  सरल व उदार हैं. अमेरिका में लोगों को बंदूक साथ रखने की अनुमति है. उन्हें इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है. सरकार ने न तो हथियारों पर पाबंदी लगाई है और न ही गोलियों की कोई सीमा तय की है. यही कारण है कि बंदूकधारी आसानी से लास वेगास के मंडलई बे होटल के 32 वें फ्लोर से गोलीबारी कर रहा था. अमेरिका में बंदूकों को देने के लिए केवल पृष्टभूमि जांच के आधार पर हथियार उपलब्ध है. लेकिन इस मामले में बंदूकधारी स्टीफन पैडक की पृष्ठभूमि का भी शायद सही ढंग से मूल्यांकन नहीं किया गया. बंदूकधारी के पिता बैंक डकैती में शामिल रहे हैं तथा कभी एफबीआई के निशाने पर रहे हैं. ऐसेमें यक्ष प्रश्न है कि स्टीफन पैडक को बंदूक कैसे मिल गई? इसका एक ही उत्तर है- अमेरिकी गन संस्कृति.

लोगों का मत है कि ट्रंप खुद नहीं चाहते कि अमेरिका में अराजकता पर रोक लगे रिपब्लिकन का जोरदार समर्थन हथियार लॉबी व गन कल्चर को...

लास वेगास की घटना को अमरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी तरह से शैतानी कृत्य करार दिया है. व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि दुख और भय के माहौल में अमेरिका हमेशा ही एकजुट रहा है. पीड़ितों के सम्मान में राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. अमरिकी राष्ट्रपति का बयान कई संदर्भ में महत्वपूर्ण है. अमेरिका में इन हथियारों के नियम कानून को कठोर बनाने के लिए कई बार माँग उठती रहती है, लेकिन हथियार लॉबी के काफी मजबूत होने के कारण इन माँगों की प्राय: अनदेखी हो जाती है. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा इन हथियार नियमों को कठोर बनाने के लिए प्रयत्नशील थे, जिसका रिपब्लिकन काफी विरोध करते थे. वे चाहते थे कि अमेरिकी बंदूक कानून ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की तरह सख्त हो जाए.

ऑरेगन कॉलेज में 9 लोगों की हत्या के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा रो पड़े थे. उन्होंने तब कहा था कि जब भी मैं गोलीबारी में मारे गए बच्चों के बारे में सोचता हूँ, पागल हो जाता हूँ. हम सब को संसद (जिसे अमेरिका में कांग्रेस कहते हैं) में कठोर गन पॉलिसी लानी चाहिए, लेकिन तब भी रिपब्लिकन और आर्म्स लॉबी के दबाव में कुछ भी नहीं हो सका.

पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में भी यह मुद्दा गर्म था. हिलेरी क्लिंटन जहाँ अपने चुनावी भाषण में हथियारों के लिए कठोर नियम-कानूनों का वर्णन कर रही थी, वहीं वर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप स्थिति पूर्ववत रखना चाहते थे. ऐसे में मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति का संबोधन काफी महत्वपूर्ण है. अब प्रश्न उठता है कि क्या ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन इस मामले में अपना रुख बदलेगी या पूर्ववत रहेगी? रिपब्लिकन यह नहीं मानते कि बंदूक रखने से गोलीबारी की घटनाएँ बढ़ती है. एक आँकड़े के अनुसार तीन में से केवल एक रिपब्लिकन ही गोलीबारी हिंसा को बड़ी समस्या के रूप में देखते हैं.

बताया जाता है कि अमेरिका ऐसा देश है जहां कोई भी आसानी से हथियार ले सकता है

अमेरिका में लगभग 50% लोगों का मानना है कि गोलीबारी की हिंसा या गन वायलेंस एक गंभीर समस्या है, जबकि केवल 32% रिपब्लिकन ही गोलीबारी हिंसा को गंभीर मानता है. सीएनएन के अनुसार 40% रिपब्लिकन या उससे जुड़े लोगों के पास बंदूकें हैं जबकि केवल 20% डेमोक्रेटस के पास ही बंदूक है. इस तरह अमेरिका में ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन का गन संस्कृति से अभिन्न लगाव स्पष्ट देख सकते हैं. जब सत्ताधारी राष्ट्रपति और दल का हथियार लॉबी को ऐसा समर्थन है तो क्या ऐसे में ट्रंप इसपर केवल शोक मनाएंगे अथवा कठोर नीतिगत फैसले लेंगे, यह अभी भविष्य के गर्त में छुपा है.

आखिर हमलावर स्टीफन पैडक का इरादा क्या था??

अब एक प्रश्न उठता है कि आखिर स्टीफन पैडक ने यह खतरनाक गोलीबारी क्यों की? यह प्रश्न तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता जब आईएस जैसे आतंकवादी संगठन हमले की जिम्मेदारी लेते हैं. अभी तक जांच एजेंसियों को यह घटना आतंकवादी हमला नहीं लग रही है. चूंकि आईएस दुनिया में हर हमले को अपने से जोड़कर उसका श्रेय लेने में लगा रहता है, इसलिए अमेरिकी जाँच एजेंसी किसी ठोस सबूत के बाद ही निष्कर्ष पर पहुँचना चाहती है.

स्टीफन पैडक ने जिस प्रकार अकेले ही इस संपूर्ण मामले को अंजाम दिया, उससे यह मामला चौंकाने वाला है. मानसिक स्थिति की गड़बड़ी अथवा किसी आतंकी संगठन के प्रति उसकी सहानुभूति से भी उसे इस घटना को अंजाम देने की प्रेरणा मिली हो. आईएस जैसे संगठन इंटरनेट पर भी लोगों को रेडिकलाईजेशन कर हमलावर बना देते हैं. इसलिए इस संभावना से पूर्णतः इंकार भी नहीं किया जा सकता.

अमेरिका को अपने लोगों को सुरक्षित करने के लिए गन संस्कृति पर शीघ्र रोक लगाने की आवश्यकता है. जानबूझकर बंदूक से की गई हत्या की दर अमेरिका में अन्य उच्च आय वाले देशों की तुलना में 25.2 गुना अधिक है. गोलीबारी में मारे जाने के मामले में किसी ब्रिटिश की तुलना में अमेरिकी आशंका 51 गुना ज्यादा होती है. 2014 में जब अमेरिका की आबादी लगभग 32 करोड़ थी तब वहाँ पुलिस और नागरिकों के पास मौजूदा हथियारों की संख्या 37 करोड़ थी.

अमेरिका जैसे प्रोग्रेसिव देश में ऐसा हमला तंत्र के चेहरे पर करारा तमाचा है

सच बात यही है कि अधिकतर अमेरिकी बंदूक रखना अपनी शान मानते हैं. एक तरह से उन्होंने इसे शक्ति के प्रतीक के रुप में अपने जीवनशैली का हिस्सा बना दिया है. 1776 की अमेरिकी क्रांति के समय जब अमेरिकी विद्रोहियों ने ब्रिटेन के खिलाफ मोर्चा खोला तब से अमेरिकियों को बंदूकों से लगाव हो गया. ऐसे में कभी आत्मरक्षा तो कभी शान शानोशौकत के नाम पर अमेरिकी दनादन बंदूकें खरीदते रहते हैं.

अमेरिका में गन संस्कृति को बढ़ावा देने तथा संरक्षण करने में नेशनल राइफल एसोसिएशन (एनआरए) को जिम्मेदार माना जाता है. एनआरए ने बंदूकों के पक्ष में जबरदस्त खेमेबाजी कर रखी है और यह जमीनी स्तर पर बेहद प्रभावशाली है. 1871 के गृहयुद्ध के बाद इस रायफल एसोसिएशन का गठन हुआ था. राजनीति में इनका काफी जबरदस्त हस्तक्षेप है. अमेरिकी मतदान व्यवहार को भी यह एशोसिएशन प्रभावित करती है, यही कारण है कि रिपब्लिकन खुलकर इस संगठन के साथ अपनी संबद्धता प्रकट करते हैं.

आत्मरक्षा, शिकार की परंपराओं के नाम पर अमेरिका कब तक इस गन संस्कृति को बर्दाश्त करेगा. यदि अमेरिकी नीति नियंता हथियार निर्माताओं तथा विक्रेताओं के पक्ष में इसी तरह नरम रवैया अपनाएंगे तो लास वेगास जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति अवश्य होगी, जिसका लाभ आतंकवादी संगठन भी उठा सकते हैं. इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप को शीघ्रता से अमेरिकी बंदूक कानूनों को कठोर बनाना चाहिए तथा सर्वसहमति से बंदूक संस्कृति पर प्रभावी हमला करना चाहिए. अभी तो अमेरिका के लिए आतंकवाद से ज्यादा बड़ा खतरा ' गन कल्चर' ही है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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