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एक इंसा का व्‍यवस्‍था से बड़ा हो जाना है बाबा राम रहीम केस

    • रिम्मी कुमारी
    • Updated: 24 अगस्त, 2017 06:07 PM
  • 24 अगस्त, 2017 06:07 PM
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डेरा सच्चा सौदा के धर्मगुरु गुरमीत राम रहीम के हजारों-लाखों समर्थकों ने दो राज्य को बंधक बना लिया है. ये प्रशासन और सरकार को खुल्लमखुला धमकी दे रहे हैं कि अगर फैसला गुरु जी के पक्ष में नहीं आया तो दंगा होगा.

कल मुझे व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया. मैसेज में अपील थी कि 24 से 26 अगस्त तक पंजाब और हरियाणा की तरफ न जाएं. इस अपील का कारण क्या है? कारण है 25 अगस्त को एक तथाकथित धर्मगुरु पर 16 साल पहले लगे बलात्कार के आरोप में चंडीगढ़ कोर्ट का आने वाला फैसला. चौंकिए मत ये हमारे यहां की सच्चाई है. हम बेटी बचाओ की बात तो करते हैं लेकिन उन्हीं बेटियों का शोषण करने वाले को अंधों की तरह पूजते हैं.

आलम ये है कि डेरा सच्चा सौदा के धर्मगुरु गुरमीत राम रहीम के हजारों-लाखों समर्थकों ने दो राज्य को बंधक बना लिया है. ये प्रशासन और सरकार को खुल्लमखुला धमकी दे रहे हैं कि अगर फैसला गुरु जी के पक्ष में नहीं आया तो दंगा होगा. वो पूरे इलाके में आग लगा देंगे. सार्वजनिक संपत्तियों को भरपूर नुकसान पहुंचाया जाएगा और लोगों के जान-मान को जो क्षति होगी वो सरकार की सिरदर्दी है. यहां तक की राम रहीम के समर्थकों को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस बयान से भी आपत्ति है कि आखिर उन्होंने ये क्यों कहा कि फैसले के समय राम रहीम को कोर्ट में पेश होना होगा! ये हमारा लोकतंत्र है.

डेरा सच्चा सौदा खुद सच्चाई से दूर है

- सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर हत्या, बलात्कार और साजिश रचने जैसे कई आरोप हमेशा से लगते रहे हैं लेकिन हम तो लोकतंत्र में रहते हैं ना इसलिए धर्मगुरुओं को कानून तक हाथ नहीं लगा सकता. चंडीगढ़ कोर्ट के सामने राम रहीम के लाखों हथियारबंद समर्थक जमा हो चुके हैं और पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को संभालने में पानी-पानी हो रही है.

- दो दिन पहले से ही उनके अनुयायी बड़ी संख्या में चंडीगढ़ से लेकर पंचकुला तक इकट्ठा हो गए हैं. प्रशासन हाईअलर्ट पर है और हरियाणा-पंजाब के कई जगहों पर कर्फ्यू जैसे हालात हैं....

कल मुझे व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया. मैसेज में अपील थी कि 24 से 26 अगस्त तक पंजाब और हरियाणा की तरफ न जाएं. इस अपील का कारण क्या है? कारण है 25 अगस्त को एक तथाकथित धर्मगुरु पर 16 साल पहले लगे बलात्कार के आरोप में चंडीगढ़ कोर्ट का आने वाला फैसला. चौंकिए मत ये हमारे यहां की सच्चाई है. हम बेटी बचाओ की बात तो करते हैं लेकिन उन्हीं बेटियों का शोषण करने वाले को अंधों की तरह पूजते हैं.

आलम ये है कि डेरा सच्चा सौदा के धर्मगुरु गुरमीत राम रहीम के हजारों-लाखों समर्थकों ने दो राज्य को बंधक बना लिया है. ये प्रशासन और सरकार को खुल्लमखुला धमकी दे रहे हैं कि अगर फैसला गुरु जी के पक्ष में नहीं आया तो दंगा होगा. वो पूरे इलाके में आग लगा देंगे. सार्वजनिक संपत्तियों को भरपूर नुकसान पहुंचाया जाएगा और लोगों के जान-मान को जो क्षति होगी वो सरकार की सिरदर्दी है. यहां तक की राम रहीम के समर्थकों को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस बयान से भी आपत्ति है कि आखिर उन्होंने ये क्यों कहा कि फैसले के समय राम रहीम को कोर्ट में पेश होना होगा! ये हमारा लोकतंत्र है.

डेरा सच्चा सौदा खुद सच्चाई से दूर है

- सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर हत्या, बलात्कार और साजिश रचने जैसे कई आरोप हमेशा से लगते रहे हैं लेकिन हम तो लोकतंत्र में रहते हैं ना इसलिए धर्मगुरुओं को कानून तक हाथ नहीं लगा सकता. चंडीगढ़ कोर्ट के सामने राम रहीम के लाखों हथियारबंद समर्थक जमा हो चुके हैं और पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को संभालने में पानी-पानी हो रही है.

- दो दिन पहले से ही उनके अनुयायी बड़ी संख्या में चंडीगढ़ से लेकर पंचकुला तक इकट्ठा हो गए हैं. प्रशासन हाईअलर्ट पर है और हरियाणा-पंजाब के कई जगहों पर कर्फ्यू जैसे हालात हैं. यहां तक की  सिरसा में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. वहां धारा 144 लगा दी गई है जिससे पूरा शहर बंद पड़ा है. पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 72 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब में पैरामिलिट्री फॉर्सेज की 167 कंपनिया तैनात हैं और 10 की और मांग की गई है. एक कंपनी में 100 जवान और अफसर हैं.

- 22 अगस्त को पंजाब पुलिस के डीजीपी ने एक जोन के सभी आईजीपी, एसएसपी और अन्य लोगों को एक पत्र भेजा. इस चिट्ठी में कहा गया है कि डेरा समर्थक अपनी सामरिक शक्तियों को जुटा रहे हैं. वे पेट्रोल, डीजल इकट्ठा कर रहे हैं, लाठियां, धारदार हथियार और ईटें इकट्ठा कर रहे हैं ताकि अपने गुरु के खिलाफ फैसला आने पर सार्वजनिक संपत्तियों पर हमला बोला जा सके. पंजाब और हरियाणा में दंगे जैसे हालात पैदा किए जा सकें. ये स्थिति सिर्फ चंडीगढ़ में ही नहीं है बल्कि पूरे हरियाणा और पंजाब में दहशत का यही आलम है.

बाबा का सच सामने आना ही चाहिए

- 16 साल पुराने इस मामले में धर्मगुरु गुरमीत राम रहीम पर अपने दो महिला समर्थकों का यौन शोषण करने का आरोप है. ये अपने आप में हैरान करने वाला है कि जिस अपराध के लिए यही जनता सड़कों पर उतर जाती है, आरोपी को फांसी पर चढ़ाने की वकालत करती है, उसी अपराध के लिए, वही जनता कानून को ताक पर रखने के लिए तैयार बैठी है. यही नहीं बाबा राम रहीम को सजा होने की सूरत में खून-खराबा तक करने की धमकी दे रही है.

- आतंकवादियों के देश में पनपने देने का सबसे सटीक परिणाम डेरा सच्चा सौदा है. कैसे एक लोकतांत्रिक देश में जनता को निजी सेनाएं बंधक बना लेती हैं. जनता के ही पैसे से खड़ी हुई ये सेनाएं उनकी ही शांति भंग कर समाज को छिन्न-भिन्न करने का माद्दा रखती हैं.

- डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर 2007 में ये आरोप लगे थे. पीड़िताओं से सीबीआई के बयान लेने के बाद उनपर मुकदमा शुरु हुआ. आश्चर्य की बात ये है कि इसके बाद से गुरमीत राम रहीम के समर्थकों की संख्या घटी नहीं बल्कि कई गुणा बढ़ोतरी ही हुई है. उसकी एमएसडी फिल्में भी इस बात का सबूत हैं कि बॉलीवुड तक बाबा से अपना बचाव नहीं कर पा रहा है.

कानून सबके लिए एक है

- 2002 में बाबा पर दो साध्वी के यौन शोषण और अपने डेरा के खिलाफ लिखने के लिए हरियाणा के पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या का आरोप लगा था. इसके अलावा गुरमीत राम रहीम पर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को आहत करने का आरोप भी लगा था. राम रहीम ने खुद को सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद  सिंह का अवतार बताया था. मर्डर केस में राम रहीम को बरी कर दिया गया था. डेरा सच्चा सौदा में 400 अनुयायियों के जबर्दस्ती बंध्याकरण के आरोपों के में जांच चल रही है.

- आसाराम बापू की तरह ही राम रहीम ने भी शोषण के हर तरीके अपना रखे हैं. फिर चाहे वो शोषण महिलाओँ के खिलाफ हो, किसी जाति विशेष या संप्रदाय के, जो उनके पंथ से ना जुड़े हों या फिर कोई और, इन्होंने हर किसी का शोषण हर तरीके से किया है. धर्म की चाशनी डूबे हुए पैसे के बल पर इन्होंने अपना एक अलग साम्राज्य स्थापित कर लिया है. जिस कारण इन्हें ये गलतफहमी भी है कि सरकार और कानून से ये उपर हैं.

बहुत जरुरी है कि बाबा राम रहीम और उस जैसे बाकी सारे धर्मगुरुओं को ये साफ संदेश जाए कि ना तो वो कानून से ऊपर हैं और न ही उनके लिए कानून में कोई ढिलाई की जाएगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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