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भारी भरकम लगेज वालों को तो रेलवे ने मुसीबत में डाल दिया है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 06 जून, 2018 03:44 PM
  • 06 जून, 2018 03:44 PM
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लगेज को लेकर लिए गए वेस्टर्न रेलवे के इस फैसले से जहां एक तरफ आम यात्री खुश हैं तो वहीं इससे व्यापारी वर्ग बड़ा परेशान है क्योंकि अब वो ज्यादा सामान लेकर अपनी यात्राएं नहीं कर पाएगा.

भारतीय ट्रेनें भले ही घंटों लेट हों या फिर निरस्त ही हो जाएं मगर हम भारतीयों का उससे कभी मोह भंग नहीं होने वाला. कहना गलत नहीं है कि रेल हम भारतीयों के जीवन का एक अभिन्न अंग हैं. बात अगर कारणों पर करें तो वो बातें जो अहम कारण बनकार हमारे सामने आती हैं वो ये हैं कि, पहली बात तो रेल यात्राएं सस्ती होती हैं दूसरा ये कि इसमें आप कितना भी सामान लाद के गमन कर सकते हैं. तो ये खबर उनको अवश्य ही प्रभावित करेगी जो रेल यात्राएं सिर्फ इसलिए करते थे ताकि वो ज्यादा से ज्यादा सामान लाद के यात्रा कर सकें.

जी हां सही सुन रहे हैं आप. अब यदि आप ट्रेन में निर्धारित मानकों से ज्यादा सामान लेकर चढ़ते पाए गए तो रेलवे आप पर सख्त कार्यवाई कर सकती है. साथ ही आपपर रेलवे द्वारा भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. वेस्टर्न रेलवे के मुंबई डिविजन ने ट्रेन में ज्यादा सामान लेकर चढ़ने वाले यात्रियों के खिलाफ 15 दिन की मुहिम चलाई है. बताया जा रहा है कि इस मुहिम की शुरुआत 8 जून से होगी और ये 22 जून तक वेस्टर्न रेलवे के सभी स्टेशनों पर इस मुहीम को अमली जामा पहनाया जाएया.

रेलवे के इस फैसले से आम यात्रियों को अब और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा

ऐसा क्यों हो रहा है इसपर रेलवे के अपने तर्क हैं. रेलवे के मुताबिक हम पहले ही जागरुकता अभियान की शुरुआत कर यात्रियों को ये बता चुके हैं कि वो ट्रेन में ज्यादा सामान लेकर न चढ़ें. साथ ही रेलवे का ये भी तर्क है कि वो ऐसे कई मौके आए हैं जब यात्रियों को ट्रेन में सामान की लिमिट बता दी गयी है. आपको बताते चलें कि अब तक सेकेंड क्लास में सफर करने वाले यात्री अपने साथ 70 किलोग्राम तक सामान ले जा सकते थे, जिसमें 35 किलोग्राम तक के सामान पर यात्रियों को कोई पैसा नहीं देना होता था जबकि एसी फर्स्ट-क्लास का यात्री 150 किलोग्राम तक सामान ले...

भारतीय ट्रेनें भले ही घंटों लेट हों या फिर निरस्त ही हो जाएं मगर हम भारतीयों का उससे कभी मोह भंग नहीं होने वाला. कहना गलत नहीं है कि रेल हम भारतीयों के जीवन का एक अभिन्न अंग हैं. बात अगर कारणों पर करें तो वो बातें जो अहम कारण बनकार हमारे सामने आती हैं वो ये हैं कि, पहली बात तो रेल यात्राएं सस्ती होती हैं दूसरा ये कि इसमें आप कितना भी सामान लाद के गमन कर सकते हैं. तो ये खबर उनको अवश्य ही प्रभावित करेगी जो रेल यात्राएं सिर्फ इसलिए करते थे ताकि वो ज्यादा से ज्यादा सामान लाद के यात्रा कर सकें.

जी हां सही सुन रहे हैं आप. अब यदि आप ट्रेन में निर्धारित मानकों से ज्यादा सामान लेकर चढ़ते पाए गए तो रेलवे आप पर सख्त कार्यवाई कर सकती है. साथ ही आपपर रेलवे द्वारा भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. वेस्टर्न रेलवे के मुंबई डिविजन ने ट्रेन में ज्यादा सामान लेकर चढ़ने वाले यात्रियों के खिलाफ 15 दिन की मुहिम चलाई है. बताया जा रहा है कि इस मुहिम की शुरुआत 8 जून से होगी और ये 22 जून तक वेस्टर्न रेलवे के सभी स्टेशनों पर इस मुहीम को अमली जामा पहनाया जाएया.

रेलवे के इस फैसले से आम यात्रियों को अब और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा

ऐसा क्यों हो रहा है इसपर रेलवे के अपने तर्क हैं. रेलवे के मुताबिक हम पहले ही जागरुकता अभियान की शुरुआत कर यात्रियों को ये बता चुके हैं कि वो ट्रेन में ज्यादा सामान लेकर न चढ़ें. साथ ही रेलवे का ये भी तर्क है कि वो ऐसे कई मौके आए हैं जब यात्रियों को ट्रेन में सामान की लिमिट बता दी गयी है. आपको बताते चलें कि अब तक सेकेंड क्लास में सफर करने वाले यात्री अपने साथ 70 किलोग्राम तक सामान ले जा सकते थे, जिसमें 35 किलोग्राम तक के सामान पर यात्रियों को कोई पैसा नहीं देना होता था जबकि एसी फर्स्ट-क्लास का यात्री 150 किलोग्राम तक सामान ले जा सकता जिसमें 70 किलोग्राम फ्री होता था.

गौरतलब है कि भारतीय ट्रेनों में प्रायः ऐसे लोगों को देखना एक आम बात है जो निर्धारित मानकों से ज्यादा सामान लेकर यात्रा करते हैं और जिनके कारण कम सामान लेकर यात्रा करने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना होता है. वहीं बात अगर लगेज पर रेलवे की गाइड लाइन की हो तो रेलवे के नियम यही कहते हैं कि यदि व्यक्ति के पास सामान ज्यादा है तो वो उसे बुक कराकर ले जाएं.

बहरहाल अब रेलवे ने साफ कर दिया है कि यदि कोई यात्री एसी-फर्स्ट क्लास में अपनी यात्रा कर रहा है और उसके पास 70 किलोग्राम से अधिक सामान है, तो उसे अपना अतिरिक्त सामान बुक कराकर ले जाना होगा. अगर व्यक्ति सामान बुक नहीं कराता है और ऐसी स्थिति में पकड़ा जाता है तो उसे रेलवे की पेनाल्टी के स्वरूप लगेज स्केल रेट से 6 गुना ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.

इस खबर के बाद समाज दो वर्गों में बंटता नजर आ रहा है. एक वर्ग ऐसा है जिसका ये मानना है कि इससे अब उन यात्रियों को राहत मिलेगी जो कोच में किसी और का ज्यादा सामान होने के कारण भारी दिक्कतों का सामना करते थे तो वहीं ऐसे यात्री बहुत परेशान हैं जो किसी व्यवसाय से जुड़े थे और रेलवे का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए करते थे ताकि वो कम पैसों में अपने सामान को अपने साथ ला सकें.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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