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सावन में चिकन खाने से क्‍या कोई विपदा आ जाती है ?

    • आईचौक
    • Updated: 21 जून, 2017 11:02 PM
  • 21 जून, 2017 11:02 PM
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छत्तीसगढ़ के एक रेलवे कर्मचारी ने रेलवे से सिर्फ इसलिए छुट्टी मांग ली क्योंकि उसे सावन आने से पहले उसे चिकन खाना था. रेलवे कर्मचारी ने रेलवे को एक चिट्ठी लिखी है जिसे सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है.

ये दुनिया कमाल की है और इसमें रह रहे लोग और उनके शौक ज्यादा कमाल के हैं. प्रायः ये देखा गया है कि लोग अपने शौक के चलते ऐसा बहुत कुछ कर जाते हैं जिसको देखकर जमाने को हैरत होती है. दुनिया में रह रहे लोगों के शौक अलग हैं किसी को अलग - अलग तरह के पकवान चखने का शौक है तो किसी को गाड़ियों और टेक्नोलॉजी का. कोई दुनिया घूमना चाहता है कोई दुनिया के खूबसूरत नजारों को अपने कैमरे में कैद करना चाहता है.

खैर अब अगर कोई सिर्फ अपने खाने के शौक के चलते कुछ ऐसा कर जाए जिससे वो चर्चा का विषय बने तो बात अपने आप में हैरत में डालने वाली है. खबर है कि छत्तीसगढ़ के एक रेलवे कर्मचारी ने रेलवे से सिर्फ इसलिए छुट्टी मांग ली क्योंकि उसे सावन आने से 'चिकन' खाना था. रेलवे कर्मचारी ने रेलवे को एक चिट्ठी लिखी है जिसे सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है. 

छत्तीसगढ़ के रेल कर्मचारी ने चिकन खाने के लिए मांगी है 7 दिन की छुट्टी

जी हां बिल्कुल सही सुना आपने छत्तीसगढ़ के दीपका रेलवे साइडिंग में तैनात पंकज राज गौड़ ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे दीपका, कोरबा स्टेशन मास्टर को चिकन खाने के लिए एक चिट्ठी लिख कर सात दिनों का अवकाश मांगा है. रेलवे कर्मचारी पंकज का ये अनोखा लैटर सोशल मीडिया पर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है जिसे लगातार शेयर किया जा रहा है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस ख़त पर नज़र डालें तो मिलता है कि दीपका रेलवे साइडिंग में टीए-2 के पद पर कार्यरत पंकज राज गौड़्‌ ने हाथ जोड़कर स्टेशन मास्टर से निवेदन किया है कि सावन शुरू होने वाला है जिसके चलते वो चिकन नहीं खा सकते और चिकन न खाने से उनको कमजोरी आ जायगी जिससे उनका काम प्रभावित होगा. अपने लैटर में पंकज ने ये भी बताया है कि उन्हें महीने भर का चिकन खाने के लिए कम से कम एक हफ्ता लगेगा अतः...

ये दुनिया कमाल की है और इसमें रह रहे लोग और उनके शौक ज्यादा कमाल के हैं. प्रायः ये देखा गया है कि लोग अपने शौक के चलते ऐसा बहुत कुछ कर जाते हैं जिसको देखकर जमाने को हैरत होती है. दुनिया में रह रहे लोगों के शौक अलग हैं किसी को अलग - अलग तरह के पकवान चखने का शौक है तो किसी को गाड़ियों और टेक्नोलॉजी का. कोई दुनिया घूमना चाहता है कोई दुनिया के खूबसूरत नजारों को अपने कैमरे में कैद करना चाहता है.

खैर अब अगर कोई सिर्फ अपने खाने के शौक के चलते कुछ ऐसा कर जाए जिससे वो चर्चा का विषय बने तो बात अपने आप में हैरत में डालने वाली है. खबर है कि छत्तीसगढ़ के एक रेलवे कर्मचारी ने रेलवे से सिर्फ इसलिए छुट्टी मांग ली क्योंकि उसे सावन आने से 'चिकन' खाना था. रेलवे कर्मचारी ने रेलवे को एक चिट्ठी लिखी है जिसे सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है. 

छत्तीसगढ़ के रेल कर्मचारी ने चिकन खाने के लिए मांगी है 7 दिन की छुट्टी

जी हां बिल्कुल सही सुना आपने छत्तीसगढ़ के दीपका रेलवे साइडिंग में तैनात पंकज राज गौड़ ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे दीपका, कोरबा स्टेशन मास्टर को चिकन खाने के लिए एक चिट्ठी लिख कर सात दिनों का अवकाश मांगा है. रेलवे कर्मचारी पंकज का ये अनोखा लैटर सोशल मीडिया पर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है जिसे लगातार शेयर किया जा रहा है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस ख़त पर नज़र डालें तो मिलता है कि दीपका रेलवे साइडिंग में टीए-2 के पद पर कार्यरत पंकज राज गौड़्‌ ने हाथ जोड़कर स्टेशन मास्टर से निवेदन किया है कि सावन शुरू होने वाला है जिसके चलते वो चिकन नहीं खा सकते और चिकन न खाने से उनको कमजोरी आ जायगी जिससे उनका काम प्रभावित होगा. अपने लैटर में पंकज ने ये भी बताया है कि उन्हें महीने भर का चिकन खाने के लिए कम से कम एक हफ्ता लगेगा अतः रेलवे उन्हें 7 दिन का अवकाश दे.

रेलवे कर्मचारी का कहना है कि अगर चिकन न खाया तो कमजोरी आ जायगी ज्ञात हो कि इन दिनों इंटरनेट पर सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए लोग तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं और पंकज की भी इस अर्जी को देखकर लगता है कि उन्होंने भी इंटरनेट पर लोकप्रिय होने के लिए अपने सीनियर को लैटर लिखा है. बहरहाल अब चाहे मामला इंटरनेट पर लोकप्रिय होने का हो या फिर वाकई चिकन खाने का ये जो भी है मजेदार है.

छुट्टी की इस अनोखी अर्जी को देखकर अंत में हम बस इतना ही कहेंगे कि वाकई शौक बड़ी चीज है और चाहे कुछ भी  हो जाए व्यक्ति को अपने शौक पूरे करते रहना चाहिए. 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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