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लड़कियों की सुरक्षा का रामबाण इलाज

    • सोनाक्षी कोहली
    • Updated: 18 जुलाई, 2017 02:04 PM
  • 18 जुलाई, 2017 02:04 PM
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क्या आपको नहीं लगता की महिलाओं के प्रति बलात्कार, यौन हिंसा और छेड़छाड़ जैसे अपराधों को अब खत्म होना चाहिए? तो देखिए ये रामबाण इलाज वाला वीडियो-

जब आप रात में अपने घर से बाहर निकलती हैं या अपने दोस्तों के साथ नाइट आउट के लिए बाहर जाती हैं, या फिर जब ऑफिस से काम खत्म करके देर रात घर वापस आती हैं तो क्या होता है? क्योंकि आप एक लड़की हैं तो अपने तथाकथित "शुभचिंतकों" के पास आपके लिए सैंकड़ों ये करना वो नहीं करना की लिस्ट पकड़ा दी जाती है. और ये सारे रूल्स स्ट्रीक्टली फॉलो करनी होती है.

पूरी तरह से ढंके हुए कपड़े पहनने से लेकर आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट्स सीखने तक की सलाह, हर मिनट फोन करके पूछना कि आप कहां पहुंची, सुरक्षित हैं कि नहीं से लेकर रात को कहीं भी जाने से मना करना ये सब आम बात है. अमूमन हर लड़की ने इसका सामना जरुर किया होगा. लेकिन अब बहुत हुआ. क्या आपको नहीं लगता कि अब इन बंधनों से मुक्त होने का समय आ गया है.

लड़कियों की सुरक्षा ऐसे हो जाएगी

क्या आपको नहीं लगता की महिलाओं के प्रति बलात्कार, यौन हिंसा और छेड़छाड़ जैसे अपराधों को अब खत्म होना चाहिए? कुछ ऐसा हो जिससे इस धरती पर हम लड़कियां भी शांति से रह सकें और हमारे उपर पाबंदियों का बोझ ना डाला जाए?

अब ऐसे समाज और ऐसे उन्मुक्त वातावरण की हमारी ख्वाहिश को सच करने का उपाय मिल गया है. यहां तक की रात को भी लड़कियों को घर के बाहर निकलने में डरने की जरुरत नहीं होगी. करना सिर्फ इतना है कि टेबल को थोड़ा घुमा दिया जाए. अब लड़कों को दूसरी तरफ बिठा दिया जाए.

क्या और कैसे का जवाब मिलेगा रेडियो मिर्ची के इस वीडियो से:

इस वीडियो में रात के वक्त सड़कों पर बेखौफ, बेफिक्र घूम रहे लड़कों को दिखाया गया है. ये दिखाता है कि लड़कियों के साथ होने वाले क्राइम की असली वजह उनको कठपुतली बनाकर रखने की चाहत और कुछ भी होने पर उनको ही दोषी बताने की मंशा है. तो इसका रामबाण इलाज है कि 8 या...

जब आप रात में अपने घर से बाहर निकलती हैं या अपने दोस्तों के साथ नाइट आउट के लिए बाहर जाती हैं, या फिर जब ऑफिस से काम खत्म करके देर रात घर वापस आती हैं तो क्या होता है? क्योंकि आप एक लड़की हैं तो अपने तथाकथित "शुभचिंतकों" के पास आपके लिए सैंकड़ों ये करना वो नहीं करना की लिस्ट पकड़ा दी जाती है. और ये सारे रूल्स स्ट्रीक्टली फॉलो करनी होती है.

पूरी तरह से ढंके हुए कपड़े पहनने से लेकर आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट्स सीखने तक की सलाह, हर मिनट फोन करके पूछना कि आप कहां पहुंची, सुरक्षित हैं कि नहीं से लेकर रात को कहीं भी जाने से मना करना ये सब आम बात है. अमूमन हर लड़की ने इसका सामना जरुर किया होगा. लेकिन अब बहुत हुआ. क्या आपको नहीं लगता कि अब इन बंधनों से मुक्त होने का समय आ गया है.

लड़कियों की सुरक्षा ऐसे हो जाएगी

क्या आपको नहीं लगता की महिलाओं के प्रति बलात्कार, यौन हिंसा और छेड़छाड़ जैसे अपराधों को अब खत्म होना चाहिए? कुछ ऐसा हो जिससे इस धरती पर हम लड़कियां भी शांति से रह सकें और हमारे उपर पाबंदियों का बोझ ना डाला जाए?

अब ऐसे समाज और ऐसे उन्मुक्त वातावरण की हमारी ख्वाहिश को सच करने का उपाय मिल गया है. यहां तक की रात को भी लड़कियों को घर के बाहर निकलने में डरने की जरुरत नहीं होगी. करना सिर्फ इतना है कि टेबल को थोड़ा घुमा दिया जाए. अब लड़कों को दूसरी तरफ बिठा दिया जाए.

क्या और कैसे का जवाब मिलेगा रेडियो मिर्ची के इस वीडियो से:

इस वीडियो में रात के वक्त सड़कों पर बेखौफ, बेफिक्र घूम रहे लड़कों को दिखाया गया है. ये दिखाता है कि लड़कियों के साथ होने वाले क्राइम की असली वजह उनको कठपुतली बनाकर रखने की चाहत और कुछ भी होने पर उनको ही दोषी बताने की मंशा है. तो इसका रामबाण इलाज है कि 8 या फिर 9 बजे तक पुरूषों को घर में बंद कर दिया जाए. लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो गई.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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