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क्या वाकई देश के 26वें सबसे अमीर हैं आचार्य बालकृष्‍ण !

    • धीरेंद्र राय
    • Updated: 13 सितम्बर, 2016 10:18 PM
  • 13 सितम्बर, 2016 10:18 PM
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मार्केट रिसर्च फर्म हुरुन की ताजा रिच-लिस्ट में वे देश के 26वें अमीर व्यक्ति हैं. लेकिन, बाबा रामदेव तो कहते थे कि हम पतंजलि की कमाई का पैसा अपने पास नहीं रखते.

योग गुरु के रूप में बाबा रामदेव को पूरी दुनिया जानती है. आयुर्वेदिक उत्‍पादों के लिए देश में दूसरा नाम पतंजलि है. कई लोग यह भी जानते हैं कि इस पतंजलि का कारोबारी संचालन आचार्य बालकृष्‍ण के हाथ में है यानी वे ही पतंजलि ट्रस्ट और कंपनी के कारोबारी मुखिया हैं. लेकिन कुछ दिन पहले तो यह कोई भी नहीं जानता था कि बालकृष्‍ण देश के 26वें सबसे अमीर व्‍यक्ति हैं.

 बालकृष्‍ण बन गए हैं देश के 26वें सबसे अमीर व्‍यक्ति

हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक 25,600 करोड़ रुपए की निजी संपत्ति वाले 44 वर्षीय आचार्य बालकृष्‍ण के नेतृत्‍व में इस भारतीय FMCG कंपनी ने बाजार का एक बड़ा हिस्सा अपने कब्‍जे में ले लिया है. पिछले साल 5000 करोड़ का टर्नओवर करने वाली के मौजूद वित्‍त वर्ष में सौ फीसदी ज्यादा यानी दस हजार करोड़ रुपए का कारोबार करने की उम्‍मीद है.

ये भी पढ़ें- तो बाबा रामदेव के मुताबिक 'मेक इन इंडिया' को बंद कर दे सरकार?

लेकिन, यह तो हुई कंपनी और आचार्य बालकृष्‍ण के नेतृत्‍व की बात. लेकिन, इससे बालकृष्‍ण की निजी संपत्ति का आंकड़ा मेल नहीं खाता, जो कि 25,600 करोड़ रुपए है.

खबर इसलिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि बाबा रामदेव साफ-साफ कहते रहे हैं कि पतंजलि उनके लिए मुनाफा कमाने वाली कंपनी नहीं...

योग गुरु के रूप में बाबा रामदेव को पूरी दुनिया जानती है. आयुर्वेदिक उत्‍पादों के लिए देश में दूसरा नाम पतंजलि है. कई लोग यह भी जानते हैं कि इस पतंजलि का कारोबारी संचालन आचार्य बालकृष्‍ण के हाथ में है यानी वे ही पतंजलि ट्रस्ट और कंपनी के कारोबारी मुखिया हैं. लेकिन कुछ दिन पहले तो यह कोई भी नहीं जानता था कि बालकृष्‍ण देश के 26वें सबसे अमीर व्‍यक्ति हैं.

 बालकृष्‍ण बन गए हैं देश के 26वें सबसे अमीर व्‍यक्ति

हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक 25,600 करोड़ रुपए की निजी संपत्ति वाले 44 वर्षीय आचार्य बालकृष्‍ण के नेतृत्‍व में इस भारतीय FMCG कंपनी ने बाजार का एक बड़ा हिस्सा अपने कब्‍जे में ले लिया है. पिछले साल 5000 करोड़ का टर्नओवर करने वाली के मौजूद वित्‍त वर्ष में सौ फीसदी ज्यादा यानी दस हजार करोड़ रुपए का कारोबार करने की उम्‍मीद है.

ये भी पढ़ें- तो बाबा रामदेव के मुताबिक 'मेक इन इंडिया' को बंद कर दे सरकार?

लेकिन, यह तो हुई कंपनी और आचार्य बालकृष्‍ण के नेतृत्‍व की बात. लेकिन, इससे बालकृष्‍ण की निजी संपत्ति का आंकड़ा मेल नहीं खाता, जो कि 25,600 करोड़ रुपए है.

खबर इसलिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि बाबा रामदेव साफ-साफ कहते रहे हैं कि पतंजलि उनके लिए मुनाफा कमाने वाली कंपनी नहीं है. तो क्या मुनाफा कमाने का काम आचार्य बालकृष्‍ण करते हैं? जी नहीं. यह भी सच नहीं है. तो फिर सच क्या है?

दस साल पहले 13 जनवरी 2006 को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की शुरुआत हुई. तब इस होल्डिंग कंपनी के अधीन कई और कंपनियों ने काम करना शुरू किया. आज 94 फीसदी कारोबार पर नियंत्रण भले आचार्य बालकृष्‍ण का है. लेकिन इन कंपनियों और पतंजलि ट्रस्ट की कमाई किसी एक व्‍यक्ति/व्‍यक्तियों के खाते में नहीं जाती.

चूंकि, रिलायंस की तरह पतंजलि कोई लिस्टेड कंपनी नहीं है, इसलिए मुकेश अंबानी की तरह बालकृष्‍ण के शेयर्स की कीमत का आंकलन कर उनकी संपत्ति का अंदाज नहीं लगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- मोदी और रामदेव नहीं, योग के पुरोधा शिव और पतंजलि हैं

 भारतीय विरासत का ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रचार-प्रसार हो, यही सबसे बड़ी महत्‍वाकांक्षा है

फिर आखिर ये 25,600 करोड़ रु. का आंकड़ा आया कहां से ?

इस सवाल का जवाब पाने के लिए हुरुन रिपोर्ट को ईमेल किया गया है, जिसके जवाब का इंतजार है. लेकिन, इस अमीरी के सवाल पर 'इंडिया टुडे' से बातचीत में आचार्य बालकृष्‍ण कहते हैं कि इस गणना के आधार के बारे में तो मुझे नहीं पता, लेकिन इतना जरूर पता है कि मेरा रहन-सहन सफेद धोती-कुर्ता और बाबा रामदेव का रहन-सहन गेरुआ वस्‍त्रों तक सीमित है. भारतीय विरासत का ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रचार-प्रसार हो, यही सबसे बड़ी महत्‍वाकांक्षा है. 

ये भी पढ़ें- व्यंग्य: ये हैं बाबा रामदेव की 10 नई सियासी बूटियां

आचार्य बालकृष्‍ण को टीवी पर आयुर्वेद के महत्‍व और रोगों के उपचार की सलाह देते देखा जा सकता है. वे आईफोन का इस्‍तेमाल जरूर करते हैं, लेकिन कंप्‍यूटर का नहीं. बालकृष्‍ण का जन्‍मदिन प‍तंजलि परिवार 'जड़ी-बूटी दिवस' के रूप में मनाता है. बेहद साधारण से दिखने वाले बालकृष्‍ण को हो सकता है कि आप जल्‍द फोर्ब्‍स के अमीरों के साथ भी देखें! इससे बालकृष्‍ण और पतंजलि ब्रांड, दोनों का फायदा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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