• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

परिणीति चोपड़ा की 'गरीबी' लोग पचा नहीं पाए

    • रिम्मी कुमारी
    • Updated: 30 मई, 2017 06:26 PM
  • 30 मई, 2017 06:26 PM
offline
परिणीति गरीब है ये बात जंगल में आग की तरह फैल गई और ऐसी फैली की ना सिर्फ परिणीति का गरीब होना उनके स्कूल के बैचमेट के दिमाग की दही कर गई बल्कि खुद परिणीति को अपनी बात समझाने के लिए ट्विटर का सहारा लेना पड़ा!

परिणीति चोपड़ा आज की लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं. सफलता और स्वैग की आइकन. स्टाइल और स्टेटस का दूसरा नाम. एक एक्टर और फाइन सिंगर. इन सभी के कॉकटेल का एक नाम है परिणीति चोपड़ा. लेकिन जैसा कि हर सफलता और हर इंसान की अपनी एक कहानी होती है, परिणीति की भी एक कहानी है, जिसे उन्होंने लोगों के सामने रखा. अब परिणीति स्टार हैं तो इसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी. स्टार्स के सांस लेने से लेकर सांसें थम जाने तक हर बात एक खबर होती है.

तो परिणीति ने कहा कि उनका बचपन गरीबी में बिता है और खबर बन गई! खबर बनने तक तो ठीक था लेकिन स्टार्स और कॉन्ट्रोवर्सी का चोली दामन का साथ होता है. परिणीति गरीब है ये बात जंगल में आग की तरह फैल गई और ऐसी फैली की ना सिर्फ परिणीति का गरीब होना उनके स्कूल के बैचमेट के दिमाग की दही कर गई बल्कि खुद परिणीति को अपनी बात समझाने के लिए ट्विटर का सहारा लेना पड़ा!

खैर. माजरा ये है कि एक कॉलेज में मार्शल आर्टस के एक इवेंट के दौरान परिणीति ने छात्रों को बताया कि बचपन में पैसे नहीं होने के कारण वो मार्शल आर्ट नहीं सीख पाईं. यहां तक कि रोजाना स्कूल भी वो अपने साइकिल से जाती थीं. पहले सुन लीजिए कि आखिर परिणीति ने कहा क्या था-

परिणीति की यही बात कई लोगों को पची नहीं. खासकर उनके स्कूल के बैचमेट को. 'गरीब' परिणीति का रूदन-क्रंदन उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ और कन्नू गुप्ता नाम के एक लड़के ने फेसबुक पर स्टेटस अपडेट करके परिणीति को झूठा बताने में देर नहीं की. उन्होंने लिखा कि- 'सेलिब्रिटी होने का मतलब है, एक अमीर परिवार से आने के बावजूद कैमरे के सामने खुद को गरीब बताकर नाटक करना. परिणीति के स्कूल में ही पढ़ने के कारण मुझे याद है कि उनके पापा के पास कार थी. और रही बात साइकिल से स्कूल आने की तो वो उस समय एक ट्रेंड था, मजबूरी नहीं.'

इस पोस्ट...

परिणीति चोपड़ा आज की लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं. सफलता और स्वैग की आइकन. स्टाइल और स्टेटस का दूसरा नाम. एक एक्टर और फाइन सिंगर. इन सभी के कॉकटेल का एक नाम है परिणीति चोपड़ा. लेकिन जैसा कि हर सफलता और हर इंसान की अपनी एक कहानी होती है, परिणीति की भी एक कहानी है, जिसे उन्होंने लोगों के सामने रखा. अब परिणीति स्टार हैं तो इसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी. स्टार्स के सांस लेने से लेकर सांसें थम जाने तक हर बात एक खबर होती है.

तो परिणीति ने कहा कि उनका बचपन गरीबी में बिता है और खबर बन गई! खबर बनने तक तो ठीक था लेकिन स्टार्स और कॉन्ट्रोवर्सी का चोली दामन का साथ होता है. परिणीति गरीब है ये बात जंगल में आग की तरह फैल गई और ऐसी फैली की ना सिर्फ परिणीति का गरीब होना उनके स्कूल के बैचमेट के दिमाग की दही कर गई बल्कि खुद परिणीति को अपनी बात समझाने के लिए ट्विटर का सहारा लेना पड़ा!

खैर. माजरा ये है कि एक कॉलेज में मार्शल आर्टस के एक इवेंट के दौरान परिणीति ने छात्रों को बताया कि बचपन में पैसे नहीं होने के कारण वो मार्शल आर्ट नहीं सीख पाईं. यहां तक कि रोजाना स्कूल भी वो अपने साइकिल से जाती थीं. पहले सुन लीजिए कि आखिर परिणीति ने कहा क्या था-

परिणीति की यही बात कई लोगों को पची नहीं. खासकर उनके स्कूल के बैचमेट को. 'गरीब' परिणीति का रूदन-क्रंदन उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ और कन्नू गुप्ता नाम के एक लड़के ने फेसबुक पर स्टेटस अपडेट करके परिणीति को झूठा बताने में देर नहीं की. उन्होंने लिखा कि- 'सेलिब्रिटी होने का मतलब है, एक अमीर परिवार से आने के बावजूद कैमरे के सामने खुद को गरीब बताकर नाटक करना. परिणीति के स्कूल में ही पढ़ने के कारण मुझे याद है कि उनके पापा के पास कार थी. और रही बात साइकिल से स्कूल आने की तो वो उस समय एक ट्रेंड था, मजबूरी नहीं.'

इस पोस्ट को लेखक ने हटा दिया है

मीडिया को मसाला मिल गया और बस दूध से दही और फिर दही से मट्ठा बन ही गया. इतनी 'पब्लिसिटी' मिली कि परिणीति को ट्विटर पर अपना पक्ष रखना पड़ा. परिणीति ने लिखा- 'मार्शल आर्ट इवेंट के समय मैंने जो कुछ भी कहा था उसका लोगों ने गलत अर्थ निकाल लिया. इसलिए मुझे सारी बातें क्लियर कर देनी चाहिए.'

'जब मैं अंबाला के स्कूल में थी तो मुझे और मेरे भाइयों को कार या ड्राइवर की सुविधा नहीं दी गई थी. इसलिए मेरे भाई बस से और मैं साइकिल से स्कूल जाती थी. मैं सही सलामत स्कूल पहुंच जाउं ये देखने के लिए पापा मेरे पीछे-पीछे आते थे. मेरे घर में कार थी जिसे मेरे पापा ऑफिस के काम के लिए प्रयोग करते थे. बचपन में साइकिल से स्कूल जाने से मुझे नफरत थी. लेकिन आज मुझे समझ आता है कि पापा ने वो सब सिर्फ इसलिए किया ताकि मैं मजबूत बन सकूं.'

'मेरी बात के अर्थ का अनर्थ कर दिया गया. जबकि सच्चाई ये है कि आज की लड़कियों को देखकर मुझे गर्व होता है. अगर ऐसी सुविधा उस वक्त हमें मिली होती तो मैं ज्यादा कॉन्फिडेंट होती.'

खैर बात चाहे जो हो रायता फैलना था सो फैल गया. लेकिन एक बात जो मुझे समझ नहीं आई कि अगर परिणीति ने कह दिया कि उनका बचपन गरीबी में बिता तो, इतनी हाय-तौबा क्यों? झूठ और सच से परे अगर सिर्फ उनकी बात पर गौर करें तो परिणीति की सफलता से उनके पारिवारिक परिवेश का कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. दूसरी बात पब्लिक लाइफ में आने के बाद लोगों के पढ़ाई की डिग्री तक पर्सनल नहीं रहती, ये तो फिर पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात है, जिसे बच्चा-बच्चा जान सकता है. ये बात इन लोगों को भी अच्छे से पता होती है. इसलिए शो बिजनेस में होते हुए अपनी छवि झूठ से खराब करने का रिस्क परिणीति लेंगी इसमें मुझे तो संदेह है.

ये भी पढ़ें-

परिणीति चोपड़ा की आलोचनाएं करने वाले पहले उन्हें सुन लें..

आमिर की छोरियों ने बाहुबली को टक्‍कर दे दी है !

'भगवान' की फिल्म को भक्तिभाव से देखा टीम इंडिया ने


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲