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प्यार के दिनों में लड़कियों के नाम प्यारभरी चिट्ठी...

    • अनु रॉय
    • Updated: 07 फरवरी, 2023 10:04 PM
  • 07 फरवरी, 2023 10:04 PM
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देखो ये जो अभी आज से शुरू हुआ है न 'वेलेंटाइन-सप्ताह' उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत नहीं है और ये सोच कर तो कतई दुःखी होने की जरुरत नहीं है कि हम ही सिंगल क्यों हैं या हमारा ही ब्रेक-अप क्यों हुआ या हमी को क्यों चीट किया गया?

हां तुम और तुम भी, हम जो भी यहाँ लिखने जा रहें उसमें नया कुछ भी नहीं कहने वाले हैं, मगर फिर भी जरुरी है कहना क्योंकि कई बार, हम जिन चीज़ों को जानते हैं, वक़्त आने पर भूल कर वही गलती रिपीट कर बैठते हैं न.

देखो ये जो अभी आज से शुरू हुआ है न 'वेलेंटाइन-सप्ताह' उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत नहीं है और ये सोच कर तो कतई दुःखी होने की जरुरत नहीं है, 'हम ही सिंगल क्यों है या हमारा ही ब्रेक-अप क्यों हुआ या हमी को क्यों चीट किया गया?

जैसे साल के बाकि के सप्ताह होते हैं वैसा ही है ये भी मगर ये सोशल-मीडिया पर जो भसर मची है वो तुम्हें नॉर्मल रह कर सोचने नहीं देगा. वैसे भी अपने अधूरेपन का ये अहसास तब ज्यादा ही चुभने लगता है, जब दूसरे की सम्पूर्णता हमें दिखती है.

तुम्हारी टाइम-लाइन पर आज से ही गुलाब, चॉकलेट, टेड्डी और न जाने क्या-क्या अमका-दमका वाला पोस्ट दिखाने शुरू हो जाएंगे. स्कूल से लेकर कॉलेज और ऑफिस जहाँ से भी गुज़रोगी इसी टॉपिक पर बातें सुनोगी.

लड़कियां या लड़के जिन्हें ये सब मिल रहा होगा, किसी ट्रॉफी की भांति चमका रहे होंगे तो फोटो लेकर तुम्हारे टाइम-लाइन को रंग रहे होंगे. ये बताने की हर सम्भव कोशिश कर रहे होंगे कि, वो कितने ब्लेस्ड हैं, कितने लकी हैं जो कोई उन्हें यूँ प्यार कर रहा. खैर, इसमें कुछ गलत भी नहीं है, आज ज़माना ही शो-ऑफ से चल रहा तो वो कर रहें तो कोई पाप नहीं है.

उनके नसीब में ये खुशियां हैं तो वो उन्हें आज जी रहे हैं, कल को तुम्हें भी तुम्हारे हिस्से की खुशियाँ, जितना सोची होगी उस से भी कहीं ज़्यादा प्यार मिलेगा. जानती हो हम सब को हर चीज़ भगवानजी बराबर बाटंते हैं. बस वक़्त अलग-अलग देते हैं, उन्हें जीने का महसूस करने का.

तुम्हारी टाइम-लाइन पर आज से ही गुलाब, चॉकलेट, टेड्डी और न जाने क्या-क्या अमका-दमका वाला पोस्ट...

हां तुम और तुम भी, हम जो भी यहाँ लिखने जा रहें उसमें नया कुछ भी नहीं कहने वाले हैं, मगर फिर भी जरुरी है कहना क्योंकि कई बार, हम जिन चीज़ों को जानते हैं, वक़्त आने पर भूल कर वही गलती रिपीट कर बैठते हैं न.

देखो ये जो अभी आज से शुरू हुआ है न 'वेलेंटाइन-सप्ताह' उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत नहीं है और ये सोच कर तो कतई दुःखी होने की जरुरत नहीं है, 'हम ही सिंगल क्यों है या हमारा ही ब्रेक-अप क्यों हुआ या हमी को क्यों चीट किया गया?

जैसे साल के बाकि के सप्ताह होते हैं वैसा ही है ये भी मगर ये सोशल-मीडिया पर जो भसर मची है वो तुम्हें नॉर्मल रह कर सोचने नहीं देगा. वैसे भी अपने अधूरेपन का ये अहसास तब ज्यादा ही चुभने लगता है, जब दूसरे की सम्पूर्णता हमें दिखती है.

तुम्हारी टाइम-लाइन पर आज से ही गुलाब, चॉकलेट, टेड्डी और न जाने क्या-क्या अमका-दमका वाला पोस्ट दिखाने शुरू हो जाएंगे. स्कूल से लेकर कॉलेज और ऑफिस जहाँ से भी गुज़रोगी इसी टॉपिक पर बातें सुनोगी.

लड़कियां या लड़के जिन्हें ये सब मिल रहा होगा, किसी ट्रॉफी की भांति चमका रहे होंगे तो फोटो लेकर तुम्हारे टाइम-लाइन को रंग रहे होंगे. ये बताने की हर सम्भव कोशिश कर रहे होंगे कि, वो कितने ब्लेस्ड हैं, कितने लकी हैं जो कोई उन्हें यूँ प्यार कर रहा. खैर, इसमें कुछ गलत भी नहीं है, आज ज़माना ही शो-ऑफ से चल रहा तो वो कर रहें तो कोई पाप नहीं है.

उनके नसीब में ये खुशियां हैं तो वो उन्हें आज जी रहे हैं, कल को तुम्हें भी तुम्हारे हिस्से की खुशियाँ, जितना सोची होगी उस से भी कहीं ज़्यादा प्यार मिलेगा. जानती हो हम सब को हर चीज़ भगवानजी बराबर बाटंते हैं. बस वक़्त अलग-अलग देते हैं, उन्हें जीने का महसूस करने का.

तुम्हारी टाइम-लाइन पर आज से ही गुलाब, चॉकलेट, टेड्डी और न जाने क्या-क्या अमका-दमका वाला पोस्ट दिखाने शुरू हो जाएंगे

ज़िन्दगी एक वृत्त सी है, इसमें हर चीज़ रिपीट होती है, चाहे ख़ुशी हो दर्द. अब ये हम पर डिपेन्ड करता है कि हम अपने दुःख या अकेलेपन को कैसे हैंडल करते हैं. ये तो अपने हाथ में है न, या तो रो कर, कुढ़ कर ये दिन-महीने निकालो या वे-आउट ढूंढ लो.

और वैसे भी जब प्रॉब्लम का पता हो तो रास्ते आसान हो जाते हैं न. देखो ये सिंगल होना, या दिल का टूट जाना कोई बड़ी समस्या नहीं है सच कह रही हूँ. जानती हो रियल समस्या क्या है, किसी ग़लत शख़्स के साथ होना. खुशियां मनाओ कि तुम आज सिंगल हो किसी 'चपरगंजु' के साथ नहीं. अपने 'सिंगलहूड' को सेलिब्रेट करो. खुद से खुद के लिए, रोजेज, कार्ड, टेड्डी, चॉक्लेट सब ख़रीद कर लाओ. अपने सारे इमोशन्स को लिख डालो, अपने लिए ख़्वाब बुनो. सच में बहुत ही लिब्रेटिंग लगेगा. खुद से ख़ुद को स्पेशल फ़ील करवाओ.

जरुरी थोड़े है कि कोई देखने वाला हो तभी सजेंगे-संवरेंगे. जो सबसे फ़ेवरेट ड्रेस है, वो ड्रेस निकालो और जो कभी नहीं ट्राय किया है वो ट्राय करो. जैसे, एक बार फ़्लैट स्लिपर को साइड कर के, पेंसिल हिल ट्राय कर लो, लाइट कलर वाली लिपग्लॉस को साइड में कर दो और वाइन-रेड लिपस्टिक लगा कर देख लो.

पॉइन्ट ये है कि कुछ भी करो मगर उदास मत रहो. ये मत सोचो की मेरे साथ ये क्यों हुआ या मैं ही अकेली क्यों हूँ! क्यों किसी और की वज़ह से अपनी ज़िन्दगी के दिनों को जाया करना. तुम बहुत प्रेसियस हो ये जानती हो न. मीन-व्हाइल 'दिल धड़कने दो' का 'Girls Like To Swing' सुनो.

बस झिलमिलाती रहो, मुस्कुराती रहो. सेलिब्रेट यॉरसेल्फ़ प्रिंसेस!!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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