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ओलंपिक मेडल विजेता Sushil Kumar के पीछे हाथ-धो कर क्यों पड़ गई दिल्ली पुलिस!

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 08 मई, 2021 11:21 PM
  • 08 मई, 2021 09:29 PM
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ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान सुशील कुमार अंडरग्राउंड हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. अपने शानदार खेल से कभी देश का नाम रौशन करने वाले सुशील का नाम किसी मर्डर केस में आएगा ये किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था. आइए जानते हैं, एक अंतरराष्ट्रीय पहलवान के हत्यारोपी बनने की दास्तान.

दिल्ली के 'नजफगढ़' इलाके का नाम सामने आते ही 'मुल्तान के सुल्तान' वीरेंद्र सहवाग की याद बरबस आ जाती है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार भी यहीं के रहने वाले हैं. साल 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक और 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर हिन्दुस्तान का नाम पूरी दुनिया में रौशन करने वाले सुशील कुमार ने कुश्ती जैसे खेल को एक नई पहचान दी. उनकी प्रतिभा को देखकर भारत सरकार ने साल 2011 में पद्मश्री, साल 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न और साल 2005 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया. कभी देश के लिए हीरो रहे सुशील कुमार को आज दिल्ली पुलिस एक जूनियर पहलवान के मर्डर केस में बेकरारी से तलाश कर रही है. सुशील लापता हैं. उनका फोन तक बंद है.

दरअसल, दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में एक जूनियर नेशनल चैम्पियन सागर कुमार की हत्या कर दी गई. पहलवानों के दो गुटों में हुई हिंसक झड़प में कई लोग घायल हो गए. इसी मामले में ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान सुशील कुमार का नाम सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह झगड़ा प्रॉपर्टी विवाद को लेकर हुआ. सागर और उसके दोस्त जिस घर में रहते थे, सुशील उसे खाली करने का दबाव बना रहे थे. इसी को लेकर देर रात स्टेडियम के अंदर पहलवानों के दो गुट आपस में भिड़ गए. इसमें 5 पहलवान जख्मी हो गए. इनमें 23 साल के सागर कुमार की अस्पताल में मौत हो गई. सागर ओलंपिक की तैयारी में लगा था. वह मूलरूप से हरियाणा के रोहतक के गांव बखेता का रहने वाला था. उसके पिता अशोक कुमार दिल्ली पुलिस में हवलदार हैं.

ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान सुशील कुमार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, मर्डर केस में आया अंतरराष्ट्रीय पहलवान का नाम.

आखिर पुलिस से बचकर क्यों भाग रहे हैं कुमार?

पीड़ित पक्ष की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने...

दिल्ली के 'नजफगढ़' इलाके का नाम सामने आते ही 'मुल्तान के सुल्तान' वीरेंद्र सहवाग की याद बरबस आ जाती है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार भी यहीं के रहने वाले हैं. साल 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक और 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर हिन्दुस्तान का नाम पूरी दुनिया में रौशन करने वाले सुशील कुमार ने कुश्ती जैसे खेल को एक नई पहचान दी. उनकी प्रतिभा को देखकर भारत सरकार ने साल 2011 में पद्मश्री, साल 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न और साल 2005 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया. कभी देश के लिए हीरो रहे सुशील कुमार को आज दिल्ली पुलिस एक जूनियर पहलवान के मर्डर केस में बेकरारी से तलाश कर रही है. सुशील लापता हैं. उनका फोन तक बंद है.

दरअसल, दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में एक जूनियर नेशनल चैम्पियन सागर कुमार की हत्या कर दी गई. पहलवानों के दो गुटों में हुई हिंसक झड़प में कई लोग घायल हो गए. इसी मामले में ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान सुशील कुमार का नाम सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह झगड़ा प्रॉपर्टी विवाद को लेकर हुआ. सागर और उसके दोस्त जिस घर में रहते थे, सुशील उसे खाली करने का दबाव बना रहे थे. इसी को लेकर देर रात स्टेडियम के अंदर पहलवानों के दो गुट आपस में भिड़ गए. इसमें 5 पहलवान जख्मी हो गए. इनमें 23 साल के सागर कुमार की अस्पताल में मौत हो गई. सागर ओलंपिक की तैयारी में लगा था. वह मूलरूप से हरियाणा के रोहतक के गांव बखेता का रहने वाला था. उसके पिता अशोक कुमार दिल्ली पुलिस में हवलदार हैं.

ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान सुशील कुमार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, मर्डर केस में आया अंतरराष्ट्रीय पहलवान का नाम.

आखिर पुलिस से बचकर क्यों भाग रहे हैं कुमार?

पीड़ित पक्ष की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार और उनके साथियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. उनकी तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है. लेकिन वो लापता हैं. इसी बीच सुशील कुमार की तरफ से एक बयान आया कि हिंसक झगड़े में शामिल पहलवान उनके साथी नहीं हैं. यह घटना देर रात हुई. उन्होंने खुद पुलिस अधिकारियों को सूचित किया था कि कुछ अज्ञात लोग उनके परिसर में घुसकर झगड़ा कर रहे हैं. इस घटना के साथ उनके स्टेडियम का कोई संबंध नहीं है. माना कि सुशील सही बोल रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इस घटना के बाद वो लापता क्यों हैं? क्या उनको आरोपी साथियों के साथ पुलिस के सामने आकर पूरे मामले पर बात नहीं करनी चाहिए? यदि वो सच बोल रहे हैं, तो कानून से डर क्यों रहे हैं?

वीडियो क्लिप में दिखा सुशील कुमार का चेहरा!

इन सवालों के जवाब में सुशील कुमार के एक करीबी ने कहा कि वह लापता नहीं है, बल्कि कानूनी राय ले रहे हैं. बहुत जल्द पुलिस के सामने आ जाएंगे. इधर, दिल्ली पुलिस इस मामले को लेकर बहुत सक्रिय नजर आ रही है. इस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी प्रिंस दलाल के मोबाइल फोन से पुलिस को एक वीडियो क्लिप मिलने का दावा किया जा रहा है, जिसमें सुशील अपने साथियों के साथ सागर और उसके दोस्तों की पिटाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस क्लिप को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है. यदि ये क्लिप सही निकली तो सुशील कुमार के लिए बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी होने वाली है. वैसे पिछले दो साल से पहलवान सुशील का समय बहुत अच्छा नहीं चल रहा है. कुश्ती के जिस खेल ने उनको नाम और पहचान दी, वो उसे भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

विवादों के बीच पहलवान के चल रहे बुरे दिन

इसी साल फरवरी में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के वार्षिक अनुबंध से पहलवान सुशील कुमार को बाहर कर दिया गया. इसके पीछे की वजह उनका 'खराब प्रदर्शन' बताया गया. सुशील डब्ल्यूएफआई के वार्षिक अनुबंध के 'ए श्रेणी' का हिस्सा थे, जिसके तहत 2020-21 सीजन के लिए 30 लाख रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता मिली थी. दरअसल, उन्होंने साल 2019 विश्व चैंपियनशिप के बाद से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं लिया. यहां तक कि नोएडा नेशनल में भी हिस्सा नहीं लिया था. उन्होंने बतौर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया अध्यक्ष अपने ही सचिव राजेश मिश्रा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दिल्ली पुलिस में दर्ज कराया था. आरोप लगाया कि सचिव ने न सिर्फ उनके फर्जी हस्ताक्षर किए हैं बल्कि उनकी मुहर का भी गलत इस्तेमाल किया.

बड़े गैंगस्टरों से साठगांठ का लग रहा आरोप

रेसलिंग करियर में तमाम विवादों के बीच सुशील कुमार पर यह भी आरोप लगा कि उनकी सुंदर भाटी, काला जठेड़ी और लारेंस बिश्नोई जैसे बड़े गैंगेस्टरों से साठगांठ है. इन गैंगस्टरों के साथ मिलकर वह कई गैर-कानूनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. लोगों पर धौंस जमाते हैं. अखाड़े में भी दादागिरी करते हैं. कुछ साल पहले आइटीओ स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पहलवान प्रवीण राना की बुरी तरह से पिटाई मामले में भी सुशील कुमार का नाम सामने आया था. इस मामले में सुशील सहित उसके साथी पहलवानों के खिलाफ आइपी एस्टेट थाने में केस दर्ज किया गया था. हालांकि, उस मामले में पुलिस ने सुशील को गिरफ्तार नहीं किया था. इतना ही नहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के अधिकतर टोल का ठेका सुशील के पास है. यहां गैंगस्टरों के जरिए टोल वसूली की जाती है.

ड्राइवर का बेटा ऐसे बना अंतरराष्ट्रीय पहलवान

दिल्ली के नजफगढ़ के बापरोला गांव में सुशील कुमार का जन्म 26 मई, 1983 को हुआ था. उनके पिता दीवान सिंह ड्राइवर और माता कमला देवी हाउस वाइफ हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया है. 14 साल की उम्र से ही वह छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती के गुर सीख रहे हैं. अर्जुन पुरस्कार विजेता महाबली सतपाल उनके गुरू हैं, जो अब ससुर भी बन चुके हैं. ओलंपिक में पदक जीतने के बाद 18 फरवरी, 2011 को सुशील ने अपने महाबली सतपाल की बेटी स‌व‌ि सोलंकी से शादी कर ली थी. सुशील ने साल 2003 में एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक, साल 2003, 2005, 2007 राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक, साल 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता और 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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