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Nusrat Jahan: एक स्त्री अपने जीवन के निजी फैसलों के लिए समाज की अग्निपरीक्षा से क्यों गुजरे?

    • आईचौक
    • Updated: 09 जून, 2021 10:38 PM
  • 09 जून, 2021 10:34 PM
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लड़कियों के सपने के राजकुमार उनके ख्वाब तक ही सीमित होते हैं, असलियत के पुरूष कल्पनाओं की चौकठ तक आ जाएं वह भी बहुत है. अब भला क्या इच्छाओं की भी कोई सीमा होती है, नहीं ना तो फिर सारे गुण किसी एक इंसान में कैसे समाहित हो सकते हैं.

बंगाली फिल्म एक्ट्रेस नुसरत जहां ने 2019 लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर सांसद का चुनाव जीता तो गया, कि उन्होंने संसद में ग्लैमर एड कर दिया है. कुछ दिन बाद खबर आई कि उन्होंने निखिल जैन से विवाह (Nusrat Jahan Nikhil Jain Marriage) कर लिया है, तो मुस्लिम कट्टपंथियों ने तरह तरह की बातें बनाईं. अब जबकि चर्चा चल पड़ी है कि वे अपने पति से दूर रहकर गर्भवती हुई हैं, तो उनके चरित्र से लेकर न जाने और किस किस तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं. क्या एक महिला की यही नियति है कि उसे हर वक्त समाज की कसौटी पर खरा उतरते जाना है. जीवन का हर फैसला लेते हुए उसे सवालों की अग्नि-परीक्षा से गुजरना है? नुसरत जहां में आत्मविश्वास है कि वे ऐसे हर सवालों का सामना अपने अंदाज में करें. लेकिन, क्या ऐसा कर पाना हर महिला के लिए मुमकिन है? बांग्लादेश मूल की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस पूरे मामले का विश्लेषण अपने खास अंदाज में किया है. उनकी फेसबुक पोस्ट यूं तो बांग्ला भाषा में है, लेकिन यहां पेश है उसका हिंदी अनुवाद- 

टीएमसी सांसद नुसरत जहां एक बार फिर चर्चा में हैं

‘इन दिनों नुसरत की खबर काफी दिख रही है. शायद वह गर्भवती है. उसके पति निखिल का कहना है कि इस बारे में उसे कुछ नहीं पता. दोनों छह महीने से अलग रह रहे हैं. हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि एक्ट्रेस नुसरत को यश नाम के एक्टर से प्यार हो गया है. लोगों का कहना है कि बच्चे का पिता यश है, निखिल नहीं. मुझे नहीं पता कि खबर सही है या अफवाह, लेकिन अगर ऐसा है तो क्या निखिल और नुसरत के लिए तलाक लेना बेहतर नहीं है? जिस रिश्ते का कोई मतलब नहीं, उसे लटकाए रखने का कोई मतलब नहीं है. यह दोनों पक्षों के लिए सही नहीं है.

जब नुसरत और निखिल की शादी हुई तो मैं बहुत खुश थी....

बंगाली फिल्म एक्ट्रेस नुसरत जहां ने 2019 लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर सांसद का चुनाव जीता तो गया, कि उन्होंने संसद में ग्लैमर एड कर दिया है. कुछ दिन बाद खबर आई कि उन्होंने निखिल जैन से विवाह (Nusrat Jahan Nikhil Jain Marriage) कर लिया है, तो मुस्लिम कट्टपंथियों ने तरह तरह की बातें बनाईं. अब जबकि चर्चा चल पड़ी है कि वे अपने पति से दूर रहकर गर्भवती हुई हैं, तो उनके चरित्र से लेकर न जाने और किस किस तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं. क्या एक महिला की यही नियति है कि उसे हर वक्त समाज की कसौटी पर खरा उतरते जाना है. जीवन का हर फैसला लेते हुए उसे सवालों की अग्नि-परीक्षा से गुजरना है? नुसरत जहां में आत्मविश्वास है कि वे ऐसे हर सवालों का सामना अपने अंदाज में करें. लेकिन, क्या ऐसा कर पाना हर महिला के लिए मुमकिन है? बांग्लादेश मूल की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस पूरे मामले का विश्लेषण अपने खास अंदाज में किया है. उनकी फेसबुक पोस्ट यूं तो बांग्ला भाषा में है, लेकिन यहां पेश है उसका हिंदी अनुवाद- 

टीएमसी सांसद नुसरत जहां एक बार फिर चर्चा में हैं

‘इन दिनों नुसरत की खबर काफी दिख रही है. शायद वह गर्भवती है. उसके पति निखिल का कहना है कि इस बारे में उसे कुछ नहीं पता. दोनों छह महीने से अलग रह रहे हैं. हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि एक्ट्रेस नुसरत को यश नाम के एक्टर से प्यार हो गया है. लोगों का कहना है कि बच्चे का पिता यश है, निखिल नहीं. मुझे नहीं पता कि खबर सही है या अफवाह, लेकिन अगर ऐसा है तो क्या निखिल और नुसरत के लिए तलाक लेना बेहतर नहीं है? जिस रिश्ते का कोई मतलब नहीं, उसे लटकाए रखने का कोई मतलब नहीं है. यह दोनों पक्षों के लिए सही नहीं है.

जब नुसरत और निखिल की शादी हुई तो मैं बहुत खुश थी. क्योंकि मैं धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती हूं. जब दो धर्मों के लोग शादी करते हैं तो मुझे बहुत स्वाभाविक कारणों से खुशी होती है. जाति, धर्म आदि से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न जातियों और विभिन्न धर्मों के लोगों को रिश्तेदारी में बंधना होगा. इसी तरह ईर्ष्या और हिंसा को दूर किया जा सकता है, लेकिन कौन जानता था कि ऐसी नजरों में आने वाली जोड़ी ज्यादा दिनों तक खुश नहीं रहेगी! उस दिन मैंने नुसरत को ब्रात्या बसु के साथ एक तस्वीर में देखा था. यह लड़की दिखने में काफी हद तक एंजेलिना जोली जैसी दिखती है, वह एक्टिंग में भी काफी अच्छी है.

जाहिर है लड़की आत्मनिर्भर है. असल में अगर आप आत्मनिर्भर और जागरूक हैं. अगर आपके पास आत्मविश्वास और आत्मसम्मान है तो फिर आप अपने बच्चे के अभिभावक बन सकते हैं. आप अपनी पहचान से अपने बच्चे की परवरिश कर सकते हैं. उसे बड़ा कर सकते हैं. पुरुषों को निर्भर होने की जरूरत ही नहीं है. वास्तव में निखिल और यश में क्या अंतर है! पुरुष तो अंत में पुरुष ही होते हैं.

एक पुरुष को छोड़कर दूसरे से शादी करने से क्या जिंदगी खुशनुमा हो जाती है. क्या हमें दूसरी जहरीली जिंदगी जीने के लिए दोबारा शादी करनी पड़ती है? तब तो यह दौड़ खत्म नहीं होगी क्योंकि कई बार मनचाहा आदमी भी मेल नहीं खाता. एक स्वतंत्र स्त्री का पंसदीदा पुरुष कल्पना में जीता है, वास्तविकता में नहीं’.

 

वाकई, इस बात की क्या गारंटी है कि पहले साथी ने कष्ट दिया हो तो दूसरा नहीं देगा? कहीं दूसरा पुरुष भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा तो? क्या यह तलाश जारी रहेगी? लेकिन कब तक? अब नुसरत का किसके साथ अफेयर है इस बारे में हम अपनी राय क्यों दें वो भी किसी की पर्सनल लाइफ हैं. यह उनकी च्वाइस है ना की हमारी.

दूसरी बात लड़कियों के सपने के राजकुमार उनके ख्वाब तक ही सीमित होते हैं, असलियत के पुरूष कल्पनाओं की चौखट तक आ जाएं वह भी बहुत है. अब भला क्या इच्छाओं की भी कोई सीमा होती है, नहीं ना तो फिर सारे गुण किसी एक इंसान में कैसे समाहित हो सकते हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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