• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

ऐसी दुनिया जहां किसी को हराकर जीतना गुनाह है

    • प्रवीण झा
    • Updated: 07 दिसम्बर, 2016 05:31 PM
  • 07 दिसम्बर, 2016 05:31 PM
offline
नार्वे के लोगों को अपने बच्चे की जीत पर खुशी नहीं होती, क्योंकि यहां का कानून कहता है कि आप खुद को किसी से भी ज्यादा बेहतर नहीं समझ सकते.

कुछ दिनों पहले बेटी को फुटबॉल कैंप ले गया. कई बच्चे साथ खेल रहे थे, लेकिन यह पिछड़ने लगी. देखा, बाकी के तेज बच्चे भी धीमे हो गये, सबने गति कम कर ली, बॉल पास किया और मेरी बेटी को गोल करने दिया. फिर जोश में यह भी दौड़ी, खेल की गति बढ़ी और सब मिल कर खेलने लगे एक गति से.

यह कैसा समाज है जहां टॉप करना या जीतना गुनाह है? अगर दो लोग रेस लगाते हैं, और दोनों में फासला ज्यादा हो तो आगे वाला गति धीमी कर देता है. यह एक नैतिक कानून है स्कैंडिनैविया में, जिसे 'यैंतालोव' या 'Law of Jante' कहते हैं.

जीत टीम की होती है किसी एक की नहीं

यह कानून कहता है कि आप खुद को दूसरों से ज्ञानी, स्मार्ट, बेहतर या अमीर न समझें. आप किसी की कमजोरी पर न हंसे. यह भारत में भी कहा जाता है, पर यहां का बच्चा-बच्चा इसका पालन करता है. बल्कि कोई मां-बाप भी यह नहीं कह सकते कि उनके बेटे ने फलां मेडल जीता. यह खुशी उन्हें छुपानी होगी, क्योंकि किसी और के बेटे ने नहीं जीता.

ये भी पढ़ें- यहां वक्त रूकता है, तरक्की नहीं रुकती..

यह सब मुझे अजीब लगता है. 'किलर इंस्टिंक्ट' है ही नहीं, तभी ओलंपिक में कुछ खास नहीं करते. विंटर ऑलंपिक के दशकों से विजेता हैं, पर वो तो बर्फीला देश है, विंटर गेम इनकी रगों में है.

एक बच्चे को यह समझाना कि तुम्हें टॉप नहीं करना, कितना अजीब लगता है. मैनें पिताओं को इस विषय पर समझाते भी देखा है, कि तुम कहां आगे स्की किये जा रहे हो? पीछे मुड़कर...

कुछ दिनों पहले बेटी को फुटबॉल कैंप ले गया. कई बच्चे साथ खेल रहे थे, लेकिन यह पिछड़ने लगी. देखा, बाकी के तेज बच्चे भी धीमे हो गये, सबने गति कम कर ली, बॉल पास किया और मेरी बेटी को गोल करने दिया. फिर जोश में यह भी दौड़ी, खेल की गति बढ़ी और सब मिल कर खेलने लगे एक गति से.

यह कैसा समाज है जहां टॉप करना या जीतना गुनाह है? अगर दो लोग रेस लगाते हैं, और दोनों में फासला ज्यादा हो तो आगे वाला गति धीमी कर देता है. यह एक नैतिक कानून है स्कैंडिनैविया में, जिसे 'यैंतालोव' या 'Law of Jante' कहते हैं.

जीत टीम की होती है किसी एक की नहीं

यह कानून कहता है कि आप खुद को दूसरों से ज्ञानी, स्मार्ट, बेहतर या अमीर न समझें. आप किसी की कमजोरी पर न हंसे. यह भारत में भी कहा जाता है, पर यहां का बच्चा-बच्चा इसका पालन करता है. बल्कि कोई मां-बाप भी यह नहीं कह सकते कि उनके बेटे ने फलां मेडल जीता. यह खुशी उन्हें छुपानी होगी, क्योंकि किसी और के बेटे ने नहीं जीता.

ये भी पढ़ें- यहां वक्त रूकता है, तरक्की नहीं रुकती..

यह सब मुझे अजीब लगता है. 'किलर इंस्टिंक्ट' है ही नहीं, तभी ओलंपिक में कुछ खास नहीं करते. विंटर ऑलंपिक के दशकों से विजेता हैं, पर वो तो बर्फीला देश है, विंटर गेम इनकी रगों में है.

एक बच्चे को यह समझाना कि तुम्हें टॉप नहीं करना, कितना अजीब लगता है. मैनें पिताओं को इस विषय पर समझाते भी देखा है, कि तुम कहां आगे स्की किये जा रहे हो? पीछे मुड़कर देखो, सबके साथ चलो. अगर मेरा बच्चा आगे जाता, तो मैं रिफ्लेक्स से ताली बजाता, पर यहां उसे डांट कर पीछे कर देते हैं.

बच्चों को किसी और से आगे न निकलने की हिदायत दी जाती है

यहां अधिकतर खेल या परिक्षाएं भी ग्रुप-टास्क होती हैं. जीत या हार 'ग्रुप' की होती है, एक की नहीं. और यह ग्रुप भी हर दूसरे दिन बदल दिए जाते हैं. किसी से पूछो 'बेस्ट-फ्रेंड', शायद न कह पाए. 'बेस्ट' शब्द ही गायब कर दिया है इन मंदबुद्धियों ने. खैर...

ये भी पढ़ें- दुनिया का सबसे धनी देश जिसके पास सोना नहीं है

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲