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‘बंद कमरे की शर्मनाक हरकत’ का लाइव हो जाना...

    • रेहान अब्बास
    • Updated: 01 सितम्बर, 2016 06:54 PM
  • 01 सितम्बर, 2016 06:54 PM
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लीजिए, सारी समस्याओं की जड़ मिल गई. बाढ़, कश्मीर, महंगाई. यदि 'आप' के मंत्री संदीप कुमार ने बंद कमरे में शर्मनाक हरकत न की होती तो चैनल वाले सब छोड़कर उसके पीछे क्यों पड़ते?

राहुल तेल साबुन बेचने वाली अपनी कंपनी में बैठा सेल्स का टारगेट पूरा करने के जुगत में लगा हुआ था. लोग अपना अपना काम कर रहे थे कि अचानक एक शोर सा उठता है. दफ़्तर का लगभग हर शख्स टीवी की तरफ भागता है. उसके साथ बैठा राकेश भी टीवी की तरफ भागता है ये कहते हुए टीवी पर किसी की सीडी चल रही है.

राहुल कहता है यार ये चैनल वाले भी अजीब हैं. कितने दिनों से मैं अपने गाने की सीडी चलवाना चाह रहा हूं कोई पूछता ही नहीं. क्या कोई बहुत अच्छा सिंगर है जिसकी सीडी चल रही है? जवाब नहीं मिलता तो वो भी टीवी की तरफ भागता है तो देखता क्या है कि टीवी स्क्रीन पर ऊपर की तरफ बड़ा-बड़ा लिखा है- 'बंद कमरे में शर्मनाक हरकत'.

न्यूज चैनलों पर दिखी 'बंद कमरे में शर्मनाक हरकत'

स्क्रीन पर कोई दिल्ली के मंत्री अधनंगी हालत में किसे धब्बे यानी किसी महिला के साथ (ऐसे हालात में आम तौर पर महिला की तस्वीर को टीवी वाले ब्लर करके धब्बानुमा बना देते हैं) बक़ौल चैनल आपत्तिजनक हालात में हैं. लेकिन समझ में नहीं आ रहा है आपत्ति किसको हो रही है. सीडी में मौजूद मंत्री और ना ही उनके साथ मौजूद महिला को आपत्ति हो रही है. राहुल का दिल चाहता है कि ऐसे हालात को क्यों आपत्तिजनक पुकारा जाता है इस पर डूब कर रिसर्च करे. इस मुहिम को आगे के लिए टाल कर वो टीवी पर निगाह डालता है.   

ये भी पढ़ें- वो परेशान करते रहे हम 'काम' करते...

राहुल तेल साबुन बेचने वाली अपनी कंपनी में बैठा सेल्स का टारगेट पूरा करने के जुगत में लगा हुआ था. लोग अपना अपना काम कर रहे थे कि अचानक एक शोर सा उठता है. दफ़्तर का लगभग हर शख्स टीवी की तरफ भागता है. उसके साथ बैठा राकेश भी टीवी की तरफ भागता है ये कहते हुए टीवी पर किसी की सीडी चल रही है.

राहुल कहता है यार ये चैनल वाले भी अजीब हैं. कितने दिनों से मैं अपने गाने की सीडी चलवाना चाह रहा हूं कोई पूछता ही नहीं. क्या कोई बहुत अच्छा सिंगर है जिसकी सीडी चल रही है? जवाब नहीं मिलता तो वो भी टीवी की तरफ भागता है तो देखता क्या है कि टीवी स्क्रीन पर ऊपर की तरफ बड़ा-बड़ा लिखा है- 'बंद कमरे में शर्मनाक हरकत'.

न्यूज चैनलों पर दिखी 'बंद कमरे में शर्मनाक हरकत'

स्क्रीन पर कोई दिल्ली के मंत्री अधनंगी हालत में किसे धब्बे यानी किसी महिला के साथ (ऐसे हालात में आम तौर पर महिला की तस्वीर को टीवी वाले ब्लर करके धब्बानुमा बना देते हैं) बक़ौल चैनल आपत्तिजनक हालात में हैं. लेकिन समझ में नहीं आ रहा है आपत्ति किसको हो रही है. सीडी में मौजूद मंत्री और ना ही उनके साथ मौजूद महिला को आपत्ति हो रही है. राहुल का दिल चाहता है कि ऐसे हालात को क्यों आपत्तिजनक पुकारा जाता है इस पर डूब कर रिसर्च करे. इस मुहिम को आगे के लिए टाल कर वो टीवी पर निगाह डालता है.   

ये भी पढ़ें- वो परेशान करते रहे हम 'काम' करते रहे...

सुबह से टीवी पर चल रही कश्मीर में उपद्रव की खबरें, बिहार, यूपी और देश के दूसरे इलाको में बाढ़ से आई तबाही की खबरें, दिल्ली में सड़कों के गढ्ढों, गढ्ढों में फंसी बारिश, और उसमें उलझी ट्रैफिक की खबरें सब सिमट कर महज एक-एक, दो-दो लाइनों की सूरत में टीवी स्क्रीन के नीचे चल रही हैं. और इन सब के ऊपर हावी हो गई है- बंद कमरे में शर्मनाक हरकत.

जिस तरह से देश के तमाम चैनल बंद कमरे में शर्मनाक हरकत पर टूट पड़े हैं. उससे लग यही रहा था कि कश्मीर से लेकर बाढ़, दलितों पर हमले की वजह मिल गई हो.

दिल्ली के मंत्री की बंद कमरे में शर्मनाक हरकत वाले विजुअल के नीचे अचानक एक लाइन की ख़बर और चल पड़ती है- पेट्रोल का दाम 3 रुपया 38 पैसा और डीज़ल का लगभग ढाई रुपया बढ़ गया है. राहुल सोचता है क्या जरूरत थी बंद कमरे में शर्मनाक हरकत करने की पेट्रोल का दाम बढ़ गया. और डीज़ल का दाम बढ़ने से तो महंगाई बढ़ जाएगी.

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तो देख लिया लोगों बंद कमरे में शर्मनाक हरकत का नतीजा. ये हैं आम आदमी के शुभचिंतक. अब राहुल को ये भी समझ में आया कि ये तस्वीरें क्यों आपत्तिजनक हैं. क्योंकि तस्वीर में मौजूद महिला को कोई आपत्ति नहीं है और ना ही मंत्री जी को आपत्ति है. लेकिन इन तस्वीरों से बाढ़, कश्मीर में बगावत, महंगाई जैसी आफत आ रही है तो चैनलों से लेकर आम आदमी तक को आपत्ति तो होगी ही.

कुछ लोग राहुल के इर्द गिर्द ऐसे भी खड़े थे. ये लो देखो मुकेश को और वो सिद्धार्थ दोनों ही परसो राहुल को बंद कमरे के अपने तमाम किस्से सुना रहे थे. राहुल ने एक बार मुकेश और सिद्धार्थ को देखा. लेकिन दोनों ही इस वक्त मंत्री की बुराई में लगे हुए थे. कुछ और शक्लों पर उसकी निगाह गई. फिर यही खयाल आया कि सबके पास अपने अपने बंद कमरे हैं और अपनी अपनी हरकतें भी. लेकिन तभी तक वो शर्मनाक या आपत्तिजनक नहीं हैं, जबतक की सीडी ना आ जाए.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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