• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

New Year Party जरूर कीजिए लेकिन माइनस तापमान में तैनात सैनिक को मत भूलिए

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 31 दिसम्बर, 2019 07:32 PM
  • 31 दिसम्बर, 2019 07:32 PM
offline
New Year 2020 Party कौन नहीं करना चाहता मगर पार्टी करने वाले लोगों के सामने मौसम एक बड़ी चुनौती है. बहरहाल Party जरूर कीजिए, लेकिन माइनस 10 से माइनस 50 डिग्री में तैनात सैनिक के बारे में जरूर सोचिए. हमारा हक है उनके बारे में सोचना.

31 December प्लान ऐसे जिनकी तैयारियां हफ्ता दस दिन पहले से ही हो जाती हैं. आदमी डिसाइड कर लेता है कि New Year 2020 Party शहर से दूर किसी फार्म हाउस में करनी है या फिर शहर का ही कोई पब, बार, डिस्क या लाउंज न्यू ईयर पार्टी के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है. वाकई 31 दिसंबर (New Year celebrations on 31 December) का दिन दिलचस्प और शाम तो और भी ज्यादा रोचक होती है. बहुत काम होते हैं आदमी को. क्या पहनना है? हेयर स्टाइल कैसी रखनी है? कैसे सबसे अलग दिखना है? जूते कैसे होंगे? जैकेट पहना जाएगा या फिर जीन्स के ऊपर कोट डाला जाएगा तमाम सवाल रहते हैं. बात महिलाओं की हो तो वहां भी मिलता जुलता ही हाल होता है. हर लड़की यही चाहती है कि वो दूसरी लड़की से सुंदर और बिलकुल अलग लगे. जैसा न्यू ईयर को लेकर एक्साइटमेंट रहता है लड़कों से ज्यादा टेंशन में लड़कियां होती हैं. जो लोग बाहर नहीं जाते या फिर जिन्हें शोर शराबे से उलझन होती है वो कुछ चुनिंदा दोस्तों को घर पर बुला लेते हैं. खाना पीना डांस म्यूजिक के बीच नया साल दस्तक दे देता है. जश्न हो जाता है. आम से लेकर खास तक जैसी उत्सुकता न्यू ईयर के प्रति लोगों में रहती है कह सकते हैं कि प्रत्येक हिन्दुस्तानी के लिए नए साल की पूर्व संध्या किसी पर्व की तरह होती है.

न्यू ईयर की पूर्व संध्या से पहले ही प्लानिंग हो जाती है कि पार्टी कहां करनी है

वैसे तो लोगों के बीच न्यू ईयर की तैयारियां पूरी हैं मगर जो एक बाधा या ये कहें कि एक बड़ी चुनौती जो लोगों के सामने हैं वो है ठंड. क्या देश की राजधानी दिल्ली. क्या यूपी की राजधानी लखनऊ, कानपुर, जयपुर, उदयपुर, गोरखपुर, बनारस, बलिया, बहराइच पूरे देश में जबरदस्त ठण्ड है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के रास्ते आने वाली बर्फीली हवाएं इंसान की हड्डी तक गला दे रही हैं. लोग इसी...

31 December प्लान ऐसे जिनकी तैयारियां हफ्ता दस दिन पहले से ही हो जाती हैं. आदमी डिसाइड कर लेता है कि New Year 2020 Party शहर से दूर किसी फार्म हाउस में करनी है या फिर शहर का ही कोई पब, बार, डिस्क या लाउंज न्यू ईयर पार्टी के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है. वाकई 31 दिसंबर (New Year celebrations on 31 December) का दिन दिलचस्प और शाम तो और भी ज्यादा रोचक होती है. बहुत काम होते हैं आदमी को. क्या पहनना है? हेयर स्टाइल कैसी रखनी है? कैसे सबसे अलग दिखना है? जूते कैसे होंगे? जैकेट पहना जाएगा या फिर जीन्स के ऊपर कोट डाला जाएगा तमाम सवाल रहते हैं. बात महिलाओं की हो तो वहां भी मिलता जुलता ही हाल होता है. हर लड़की यही चाहती है कि वो दूसरी लड़की से सुंदर और बिलकुल अलग लगे. जैसा न्यू ईयर को लेकर एक्साइटमेंट रहता है लड़कों से ज्यादा टेंशन में लड़कियां होती हैं. जो लोग बाहर नहीं जाते या फिर जिन्हें शोर शराबे से उलझन होती है वो कुछ चुनिंदा दोस्तों को घर पर बुला लेते हैं. खाना पीना डांस म्यूजिक के बीच नया साल दस्तक दे देता है. जश्न हो जाता है. आम से लेकर खास तक जैसी उत्सुकता न्यू ईयर के प्रति लोगों में रहती है कह सकते हैं कि प्रत्येक हिन्दुस्तानी के लिए नए साल की पूर्व संध्या किसी पर्व की तरह होती है.

न्यू ईयर की पूर्व संध्या से पहले ही प्लानिंग हो जाती है कि पार्टी कहां करनी है

वैसे तो लोगों के बीच न्यू ईयर की तैयारियां पूरी हैं मगर जो एक बाधा या ये कहें कि एक बड़ी चुनौती जो लोगों के सामने हैं वो है ठंड. क्या देश की राजधानी दिल्ली. क्या यूपी की राजधानी लखनऊ, कानपुर, जयपुर, उदयपुर, गोरखपुर, बनारस, बलिया, बहराइच पूरे देश में जबरदस्त ठण्ड है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के रास्ते आने वाली बर्फीली हवाएं इंसान की हड्डी तक गला दे रही हैं. लोग इसी पशोपेश में हैं कि ऐसी जान लेवा ठण्ड के बीच वो पार्टी करें तो करें कैसे?

सोचने वाली बात है हम और आप 5 से 13 डिग्री तापमान के बीच न्यू ईयर की पार्टी करने से घबरा रहे हैं. मगर 'ब्रो' हमारे सैनिक... कभी सोचा है अपने देश के सैनिकों के बारे में? हां वही सैनिक जो सरहद पर सिर्फ इसलिए तैनात हैं ताकि उसके मुल्क के लोग पूरी सुरक्षा के साथ पार्टी कर सकें. New Year Party करने में कोई बुराई नहीं है मगर माइनस 10 से माइनस 50 डिग्री में तैनात सैनिक के बारे में पार्टी की तयारी करते हम देशवासियों को जरूर सोचना चाहिए.

हमें उन सैनिकों को नहीं भूलना चाहिए जो हमारी सुरक्षा में अपना सब कुछ कुर्बान कर चुके हैं

तो आइये जानें उन जगहों के बारे में जहां सिर्फ खड़े होना ही मौत को गले लगाना है. यहां न सिर्फ हमारे सैनिक सर्वाइव कर रहे हैं बल्कि हमारी सुरक्षा में पूरी तरह मुस्तैद हैं.

साल्टोरो रिज (सियाचिन)

सियाचिन ग्लेशियर पर स्थित साल्टोरो रिज का शुमार दुनिया के दुर्गम स्थानों में है. हिमालय की पूर्वी काराकोरम पर्वतमाला में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास स्थित ये एक ऐसा स्थान है जहां मौजूद सैनिक न सिर्फ दुश्मन की गोलियों और उनकी घुसपैठ से दो चार होते हैं बल्कि ठण्ड का आलम कुछ यूं रहता है कि चंद ही सेकंडों में इंसान खड़े खड़े जम जाए.

आपको बताते चलें कि पूर्व में ऐसे तमाम मौके आए हैं जब पाकिस्तान से आए दुश्मन इस दुर्गम रास्ते से देश में दाखिल होने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं और भारतीय सेना ने कड़ा मुकाबला करते हुए उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया.

हम ठण्ड का जिक्र कर चुके हैं साथ ही हमने ये भी बताया था कि ये स्थान एक ऐसा स्थान है जहां इंसान का रक्त तक जम जाता है और कुछ ही क्षणों में मौत हो जाती है. बात अगर इस जगह के नार्मल टेम्प्रेचर की हो तो आपको जानकार हैरत होगी कि 0 से -50 डिग्री इस जगह का नार्मल टेम्प्रेचर है. बात अगर आर्मी पोस्ट की हो तो इस स्थान पर भारतीय सेना के तकरीबन 100 पोस्ट हैं.

मशकोह, कारगिल, द्रास

इन स्थानों की भी दुर्गमता किसी से छुपी नहीं है. यहां तैनात हमारे जवानों पर एक साथ कई मोर्चों पर जंग लड़नी पड़ती है. एक तरफ हमारे जवान दुश्मन की गोलियों का सामना करते हैं तो वहीं उस समय भी उनको तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है जब मौसम अनुकूल नहीं होता.

प्रायः ये देखा गया है कि यहां भी तापमान माइनस में रहता है इसलिए जो फौजी यहां तैनात होते हैं उनके लिए चुनौती जहां एक तरफ दुश्मन है तो वहीं उसे मौसम से भी मोर्चा लेना होता है. बाकी बात अगर यहां रहने की हो तो यहां रहना इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि यहां बर्फ़बारी लगातार होती है और इस बात का भी कोई अंदाजा नहीं रहता कि यहां लैंड स्लाइडिंग कब हो जाए.

LoC (गुरेज, तंगधार, उरी)

एलओसी पर खड़े जवान की दिनचर्या कैसी होती है ? ये बात किसी से छुपी नहीं है. यहां तैनात जवान को जहां एक तरफ चारों तरफ से चौकन्ना रहना होता है तो वहीं यहां भी मौसम का मिजाज जानलेवा है इसे फौजी को अपनी सुरक्षा भी करनी होती है. बाटी अगर तापमान की हो तो गुरेज, तंगधार, उड़ी इन तीनों ही स्थानों का मौजूदा तापमान माइनस में जा रहा है.

इन बातों के बात खुद कल्पना करके देखिये कि एक ऐसे समय में जब हम और आप 13 डिग्री टेम्प्रेचर नहीं झेल पा रहे इनस्थानों पर तैनात सैनिक अपनी तरफ से हर वो कोशिश कर रहे हैं जिससे देश में रहने वाले लोग सुरक्षित रहें और बेख़ौफ़ होकर न्यू ईयर की पार्टी करें.

लेह-लद्दाख

लेह लद्दाख जैसे दुर्गम टेरेन में पोस्टेड हमारे जवानों की चुनौतियां अलग हैं. यहां मौजूद जवानों के सामने जहां एक तरफ चुनौती के रूप में दुश्मन और बर्फ़बारी हैं तो वहीं तेज बर्फीली हवाएं वो कारण हैं जो सर्वाइवल की दिशा में सबसे बड़ी बाधा हैं.

आपको बताते चलें कि वो तेज बर्फीली हवाएं ही हैं जो लेह लद्दाख के मौसम को बेहद ठंडा करती हैं और यहां ठंड का आलम कुछ यूं होता है कि पारा अपने आप ही माइनस 35 - 40 डिग्री पर पहुंच जाता है. परिस्थितियां जब इतनी विषम हों तब सर्वाइवल में कितनी दिक्कतें आती होंगी इस बात का अंदाजा कोई भी व्यक्ति बड़ी ही आसानी के साथ लगा सकता है.

हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश की तिब्बत सीमा

बात जाड़े के मौसम, ठंड और देश की सुरक्षा में जुटे सैनिकों की हो रही है तो बता दें कि ऐसा बिलकुल नहीं है कि सिर्फ लेह लद्दाख और कश्मीर के दुर्गम टेरेन में पोस्टेड जवानों को ही मौसम की मार झेलनी पड़ती है. भारतीय सेना के वो जवान जो तिब्बत के नजदीक हिमांचल प्रदेश या उत्तर प्रदेश में हैं उनका भी सर्दी के कारण बुरा हाल रहता है.

मगर वो पूरी तन्मयता से अपना फर्ज निभाते हैं. बात अगर मौसम की हो तो हिमाचल के जवानों को जहां एक तरफ शीत लहर और बर्फ़बारी का सामना करना पड़ता है तो वहीं उत्तर प्रदेश में पोस्टेड वो जवान जो तिब्बत सीमा के नजदीक हैं और ड्यूटी कर रहे हैं वो शीत लहर का सामना करते हैं. दोनों ही स्थानों पर पारा माइनस में रहता है.

तवांग ट्रैक, सियांग सुवासिरी घाटी

जिक्र सर्दी और ठण्ड पर हो रहा है तो हमारे लिए भारत के सबसे दुर्गम ट्रेक तवांग ट्रैक और सियांग सुवासिरी घाटी का जिक्र करना भी जरूरी है. अरुणाचल प्रदेश में स्थित इस स्थान पर हमारे जो जवाब रह रहे हैं उनका भी जीवन आसान नहीं है.

एक तरफ ये घुसपैठ पर नजर बनाए रहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ मौसम भी इनके लिए गहरी चिंता का विषय रहता है. इन स्थानों पर रह रहे जवानों के सामने जहां एक तरफ शीत लहरें चुनौती हैं तो वहीं यहां मौसम कभी भी ख़राब हो जाता है जिस कारण लैंड स्लाइड का भी खतरा बना रहता है.

तो ब्रो पार्टी करिए. दिल खोल कर, करिए बेधड़क करिए. मगर देश की सेना और उस सेना में मुस्तैद जवानों को हरगिज़ न भूलिए. याद रहें इन्होंने वहां सरहद पर अपनी जान जोखिम में इसीलिए डाली हुई है और ये इसीलिए तमाम मुसीबतों का सामना कर रहे हैं ताकि हम और आप बिना किसी डर के पूरे सुरक्षित माहौल में पार्टी कर एन्जॉय कर सकें.

ये भी पढ़ें -

Alert : भारतीय सेना दुश्मन के हमलों से बचने के लिए भी तैयार नहीं, आक्रमण की तो बात ही छो‍ड़‍िए

भारतीय सेना का बजट चीन - पाकिस्तान को राहत ही देगा

जानिए क्या है भारतीय सेना का सच!

 


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲