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पुरुषों की गर्भनिरोधक गोलियों से गर्भ में आ गए कई सवाल

    • आईचौक
    • Updated: 04 मई, 2018 03:48 PM
  • 04 मई, 2018 03:48 PM
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जहां तक मर्दों की बात है उनके पास गर्भनिरोधक के लिए सिर्फ दो ही तरह के विकल्प रहते थे. एक तो कंडोम जिसका सक्सेस रेट पूरा नहीं है और दूसरा नसबंदी. लेकिन अब एक और विकल्‍प आ गया है.

आजकल लोगों की लाइफस्टाइल थोड़ी अलग हो गई है. पहले जहां वक्त हुआ करता था अब किसी के पास वक्त नहीं. शादी में देरी और बच्चों में और देरी चाहते हैं लोग. ऐसे में शादी अगर जल्दी हो भी गई तो लगता है कि बच्चे के लिए थोड़ा रुक जाएं. यहां तक फैमिली प्लानिंग का सिस्टम तो समझ आता है, लेकिन एक बात जो हमेशा महिलाओं पर भारी पड़ती है वो ये कि हमेशा फैमिली प्लानिंग का जिम्मा उन्हीं के सिर आ जाता है. खास तौर पर गर्भ निरोधक गोलियों के इस्तेमाल में. महिलाओं की सेहत पर गर्भनिरोधक क्या असर डालते हैं और इसके साइडइफेक्ट्स किसी से छुपे हुए नहीं हैं.

जहां तक मर्दों की बात है उनके पास गर्भनिरोधक के लिए सिर्फ दो ही तरह के विकल्प रहते थे. एक तो कंडोम जिसका सक्सेस रेट पूरा नहीं है और दूसरा vasectomy (नसबंदी). अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रास्ता खोज निकाला है जिससे न तो ऑपरेशन की दिक्कत रहेगी और न ही कंडोम जितना कम सक्सेस रेट.

मर्दों के लिए भी अब गर्भनिरोधक गोलियों का आविष्कार किया जा रहा है. ये एक खास ड्रग की मदद से बनाई जाएगी और जो कंपाउंड बनेगा उसे EP055 कहा जा रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना हेल्थ केयर ने इस स्टडी को पब्लिश किया है और ये स्टडी सबसे पहले बंदरों पर EP055 टेस्ट करके की गई थी. ऑरेगन नेशनल प्राइमेट रिसर्च सेंटर की तरफ से ये स्टडी की गई है और नतीजे काफी संतोषजनक रहे हैं.

नहीं होगा कोई साइड इफेक्ट..

इस स्टडी के मुताबिक इस ड्रग का कोई साइड इफेक्ट नहीं रहेगा. इससे पहले जब भी पुरुष गर्भनिरोधक की बात होती थी तो स्पर्म काउंट कम होने का डर रहता था. पर रिसर्च के मुताबिक इस गोली से Sperm काउंट पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बस उसकी रफ्तार धीमी हो जाएगी. इससे किसी भी तरह के हार्मोन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अगर इसके पूरे टेस्ट सफल रहते...

आजकल लोगों की लाइफस्टाइल थोड़ी अलग हो गई है. पहले जहां वक्त हुआ करता था अब किसी के पास वक्त नहीं. शादी में देरी और बच्चों में और देरी चाहते हैं लोग. ऐसे में शादी अगर जल्दी हो भी गई तो लगता है कि बच्चे के लिए थोड़ा रुक जाएं. यहां तक फैमिली प्लानिंग का सिस्टम तो समझ आता है, लेकिन एक बात जो हमेशा महिलाओं पर भारी पड़ती है वो ये कि हमेशा फैमिली प्लानिंग का जिम्मा उन्हीं के सिर आ जाता है. खास तौर पर गर्भ निरोधक गोलियों के इस्तेमाल में. महिलाओं की सेहत पर गर्भनिरोधक क्या असर डालते हैं और इसके साइडइफेक्ट्स किसी से छुपे हुए नहीं हैं.

जहां तक मर्दों की बात है उनके पास गर्भनिरोधक के लिए सिर्फ दो ही तरह के विकल्प रहते थे. एक तो कंडोम जिसका सक्सेस रेट पूरा नहीं है और दूसरा vasectomy (नसबंदी). अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रास्ता खोज निकाला है जिससे न तो ऑपरेशन की दिक्कत रहेगी और न ही कंडोम जितना कम सक्सेस रेट.

मर्दों के लिए भी अब गर्भनिरोधक गोलियों का आविष्कार किया जा रहा है. ये एक खास ड्रग की मदद से बनाई जाएगी और जो कंपाउंड बनेगा उसे EP055 कहा जा रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना हेल्थ केयर ने इस स्टडी को पब्लिश किया है और ये स्टडी सबसे पहले बंदरों पर EP055 टेस्ट करके की गई थी. ऑरेगन नेशनल प्राइमेट रिसर्च सेंटर की तरफ से ये स्टडी की गई है और नतीजे काफी संतोषजनक रहे हैं.

नहीं होगा कोई साइड इफेक्ट..

इस स्टडी के मुताबिक इस ड्रग का कोई साइड इफेक्ट नहीं रहेगा. इससे पहले जब भी पुरुष गर्भनिरोधक की बात होती थी तो स्पर्म काउंट कम होने का डर रहता था. पर रिसर्च के मुताबिक इस गोली से Sperm काउंट पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बस उसकी रफ्तार धीमी हो जाएगी. इससे किसी भी तरह के हार्मोन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अगर इसके पूरे टेस्ट सफल रहते हैं तो यकीनन ये एक बेहतरीन खोज है जो महिलाओं पर पड़ने वाले दबाव को थोड़ा कम कर देगी.

महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक गोलियां 1960 से प्रचलन में हैं, लेकिन मर्दों के लिए कोई ठोस विकल्प नहीं था. इसके लिए कई बार रिसर्च की गई, लेकिन हमेशा हार्मोन्स पर होने वाले इफेक्ट के कारण ये सफल नहीं हो पाया था. अब ये रिसर्च हार्मोन्स की जगह स्पर्म पर असर करेगी और ये एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है.

महिलाओं की गर्भनिरोधक गोलियां भी हार्मोन्स पर असर करती हैं और पीरियड साइकल पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं, यही कारण है कि महिलाओं की गर्भनिरोधक गोलियों को अक्सर सही नहीं माना जाता. इसे PCOS के लिए कुछ हद तक इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यकीनन इसे फिर भी एक अच्छा विकल्प नहीं माना जाएगा. पर अब अगर मर्दों के लिए भी गर्भनिरोधक गोलियां बन जाती हैं तो यकीनन स्वास्थ के क्षेत्र में काफी बड़ा कदम होगा.

इन गोलियों से स्पर्म की डिलिवरी पर ज्यादा असर पड़ेगा. ANI को दिए अपने इंटरव्यू में माइकल ओ रैंड (लीड इन्वेस्टिगेटर) ने कहा कि ये गोली बस फर्टिलाइजेशन पर असर डालेगा न कि किसी हार्मोन पर. अभी तक नसबंदी का विकल्प सिर्फ कंडोम या फिर खतरनाक गोलियां और ड्रग्स हैं जिनमें मौजूद केमिकल पुरुषों की सेहत पर भी असर डालते हैं. इस गोली को किसी प्रोटीन की गोली की तरह ही समझा जा सकता है जो मर्दों की सेहत पर कोई असर नहीं करेगी. 

इसके पहले हुआ था सब फेल..

2016 में मेल कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेशन भी बनाए गए थे, लेकिन उनमें साइड इफेक्ट रेट काफी ज्यादा था. इंजेक्शन लेने वाले आधे से ज्यादा मर्दों ने मुहासों की शिकायत की थी. कुछ मर्दों में मूड स्विंग्स हुए थे और 5 प्रतिशत का स्पर्म काउंट तो 1 साल तक ठीक नहीं हो पाया था. इसी वजह से इंजेक्शन की टेस्टिंग को ही बंद कर दिया गया. लेकिन अब ये नई गोली एक बेहतर विकल्प बन रही है. स्टडी के मुताबिक इसके लंबे वक्त तक कोई साइड इफेक्ट नहीं रहते हैं.

टेस्टिंग फेस में देखा गया है कि 18 दिनों के अंदर इसका असर खत्म होने लगता है, यानी ये भी महिलाओं की गर्भनिरोधक गोलियों की तरह असर करती है.

और बड़े सवाल..

ड्रग की टेस्टिंग हो रही है. हो सकता है जल्दी ही ये इस्तेमाल के लिए उपलब्ध भी हो जाए, लेकिन अभी भी ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब ये रिसर्च नहीं दे पाई है.

1. सबसे पहला और अहम सवाल ये कि क्या पुरुष ये गोली खाएंगे? पुरुषों के लिए उनका पुरुषत्व बहुत जरूरी है और इस गोली का डर ही उनके अंदर बैठ जाएगा कि कहीं उनके पुरुषत्व को कोई खतरा न हो.

2. अगर नहीं काम किया तो भी महिलाओं पर जिम्मेदारी होगी. गलती से भी गोली फेल हो गई तो प्रेग्नेंसी का खतरा महिलाओं को ही रहेगा.

3. एक रिसर्च कहती है कि 97% पुरुष भारत में कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते, ऐसे में गर्भनिरोधक गोली का भविष्य भारत जैसे देश में तो खतरे में ही लगता है.

4. महिलाओं की गर्भनिरोधक गोलियों के लिए ये कहा जाता है कि वो सेहत पर असर नहीं करतीं, लेकिन ऐसा है तो नहीं असर तो वो भी करती हैं. रिसर्च के समय तो उन्हें भी पूरी तरह से सेफ माना गया था. अब सवाल ये उठता है कि क्या मर्दों के लिए बनाई जा रही इस गोली के साथ भी यही होगा?

सवाल तो बहुत बड़े हैं, लेकिन जवाब का इंतजार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं. अभी इस स्टडी को पूरा होने और EP055 के इंसानों के लिए उपलब्ध होने में काफी समय है, लेकिन यकीनन अगर ये रिसर्च पूरी तरह से सफल रहती है तो पुरुषों के साथ-साथ इसका फायदा महिलाओं को भी मिलेगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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