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श्रद्धा के साथ आफताब ने जो खौफनाक करतूत की, वो लव जिहाद नहीं तो क्या है?

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 14 नवम्बर, 2022 09:07 PM
  • 14 नवम्बर, 2022 05:41 PM
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दिल्ली पुलिस ने 6 महीने पहले हुए एक मर्डर केस में सनसनीखेज खुलासा किया है. यहां एक प्रेमी ने अपनी लिव इन पार्टनर की हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए. इसके बाद 18 दिनों तक महरौली के जंगल में टुकड़ों को ठिकाने लगाता रहा. प्रेमी का नाम आफताब और प्रेमिका का श्रद्धा है. पुलिस लव जिहाद के एंगल से मामले की जांच कर रही है.

प्यार एक सुखद एहसास होता है. प्यार में रहने वाला कभी हिंसक नहीं हो सकता. प्यार तो हिंसक व्यक्ति को भी सामान्य इंसान बना देता है. हवस और प्यार में फर्क होता है. लेकिन नई पीढ़ी इस फर्क को समझ नहीं पाती और इसकी वजह से कई बार जान देकर उस नासमझी की कीमत चुकानी पड़ती है. जी हां, दिल्ली के महरौली में हुए सनसनीखेज मर्डर केस को देखने के बाद तो यही कहा जा सकता है. 26 साल की श्रद्धा अपने प्रेमी आफताब से बहुत प्यार करती थी. इतना प्यार कि उसके लिए अपना घर-द्वार तक छोड़ दिया था. शहर छोड़ दिया था. मुंबई से दिल्ली चली आई थी. उसके साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगी थी. लेकिन जब भी शादी की बात करती, तो आफताब टाल जाता. इसकी वजह से उनमें अक्सर झगड़ा हुआ करता था.

6 महीने पहले की बात है. 18 मई की रात आफताब और श्रद्धा के बीच बहुत झगड़ा हुआ. श्रद्धा को ये भी शक होने लगा था कि आफताब उसके पीछे किसी दूसरी लड़की के साथ प्रेम प्रसंग में है. इस वजह से भी वो शादी के लिए ज्यादा दबाव बनाने लगी थी. ये बात आफताब को नागवार गुजरी, क्योंकि वो तो बस अपनी हवस की प्यास बुझा रहा था. उसकी योजना थी कि अपना मतलब पूरा करने के बाद वो श्रद्धा को छोड़ देगा, लेकिन इसमें सफलता मिलती न देख वो आग बबूला हो गया. उसने अपनी प्रेमिका को पहले बहुत मारापीट, फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. यहां तक तो सब सामान्य माना जा सकता है, क्योंकि आए दिन ऐसी वारदात देखने को मिलती रहती हैं. लेकिन आफताब ने इसके बाद जो किया वो बहुत ज्यादा भयावह है.

18 मई को दिल्ली के महरौली इलाके में आफताब ने श्रद्धा को मौत के घाट उतार दिया था.

श्रद्धा का शव छुपाने के लिए सबसे पहले उसने 300 लीटर की क्षमता वाला एक फ्रीज खरीदा. इसके बाद जिन हाथों से कभी श्रद्धा को गुलाब के फूल दिया करता था, प्यार से...

प्यार एक सुखद एहसास होता है. प्यार में रहने वाला कभी हिंसक नहीं हो सकता. प्यार तो हिंसक व्यक्ति को भी सामान्य इंसान बना देता है. हवस और प्यार में फर्क होता है. लेकिन नई पीढ़ी इस फर्क को समझ नहीं पाती और इसकी वजह से कई बार जान देकर उस नासमझी की कीमत चुकानी पड़ती है. जी हां, दिल्ली के महरौली में हुए सनसनीखेज मर्डर केस को देखने के बाद तो यही कहा जा सकता है. 26 साल की श्रद्धा अपने प्रेमी आफताब से बहुत प्यार करती थी. इतना प्यार कि उसके लिए अपना घर-द्वार तक छोड़ दिया था. शहर छोड़ दिया था. मुंबई से दिल्ली चली आई थी. उसके साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगी थी. लेकिन जब भी शादी की बात करती, तो आफताब टाल जाता. इसकी वजह से उनमें अक्सर झगड़ा हुआ करता था.

6 महीने पहले की बात है. 18 मई की रात आफताब और श्रद्धा के बीच बहुत झगड़ा हुआ. श्रद्धा को ये भी शक होने लगा था कि आफताब उसके पीछे किसी दूसरी लड़की के साथ प्रेम प्रसंग में है. इस वजह से भी वो शादी के लिए ज्यादा दबाव बनाने लगी थी. ये बात आफताब को नागवार गुजरी, क्योंकि वो तो बस अपनी हवस की प्यास बुझा रहा था. उसकी योजना थी कि अपना मतलब पूरा करने के बाद वो श्रद्धा को छोड़ देगा, लेकिन इसमें सफलता मिलती न देख वो आग बबूला हो गया. उसने अपनी प्रेमिका को पहले बहुत मारापीट, फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. यहां तक तो सब सामान्य माना जा सकता है, क्योंकि आए दिन ऐसी वारदात देखने को मिलती रहती हैं. लेकिन आफताब ने इसके बाद जो किया वो बहुत ज्यादा भयावह है.

18 मई को दिल्ली के महरौली इलाके में आफताब ने श्रद्धा को मौत के घाट उतार दिया था.

श्रद्धा का शव छुपाने के लिए सबसे पहले उसने 300 लीटर की क्षमता वाला एक फ्रीज खरीदा. इसके बाद जिन हाथों से कभी श्रद्धा को गुलाब के फूल दिया करता था, प्यार से उसके गाल सहलाया करता था, उन्हीं हाथों से उसने आरी पकड़ी और उसके बेजान शरीर के 30 से 40 टुकड़े कर दिए. सबसे पहले हाथ काटा, फिर पैरों के दो टुकड़े किए. इसके हर पार्ट को अलग-अलग पॉलीथीन में पैक करके फ्रीज में डाल दिया. शव से निकलने वाली बदबू को छुपाने के लिए अगरबत्तियां जलाकर रखता था. हर दिन रात के अंधेरे में जब दिल्ली सो जाती थी, तो ये दरिंदा लाश के टुकड़े लेकर ठिकाने लगा देता. महरौली के पास के जंगल में ले जाकर फेंक दिया करता था. इस तरह उसने इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने के बाद दुनिया की निगाहों से अपनी करतूत को छुपा लिया था. 

आफताब और श्रद्धा की प्रेम कहानी कैसे शुरू हुई

श्रद्धा मदान मुंबई के मलाड की रहने वाली थी. यहां एक मल्टीनेशनल कंपनी के कॉल सेंटर में काम करती थी. साल 2019 में उसकी मुलाकात आफताब अमीन पूनावाला से हुई, जो उसके साथ ही कंपनी में काम किया करता था. उन दोनों की मुलाकात धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो गई. आफताब के मासूम चेहरे के पीछ छिपे हैवान को श्रद्धा देख नहीं पाई और उसके प्यार में गिरफ्त होती चली गई. वो भी ऐसे कि प्यार के लिए अपने परिवार से बगावत कर दिया. मां-बाप को आफताब पसंद नहीं था. दूसरे धर्म का होने की वजह से भी वो नहीं चाहते थे कि उन दोनों की शादी हो, लेकिन श्रद्धा ने उनकी बात अनसुनी कर दी. आफताब उसे बरगला कर मुंबई से दिल्ली ले आया. यहां दोनों महरौली के एक फ्लैट में लिव इन रिलेशन में रहने लगे.

पिता की इस पहल ने दबे केस को जिंदा किया

बेटी की इन हरकतों से आहत पिता विकास मदान ने उससे बात करना छोड़ दिया था. लेकिन क्या करें बाप जो ठहरे, सो उसके एक दोस्त के जरिए बेटी के बारे में जानकारी लेते रहते थे. मुंबई स्थित इस दोस्त से श्रद्धा की अक्सर बातचीत हुआ करती थी. इसी दौरान उसने बता दिया था कि आफताब दिल्ली आने के बाद उसके साथ मारपीट करता रहता है. इस बीच जब कई दिनों तक उससे बात नहीं हुई थी, तो उस दोस्त ने श्रद्धा के पिता को सूचित कर दिया. पिता ने भी सोशल मीडिया अकाउंट चेक किया, जिसमें कई दिनों से कोई अपडेट नहीं था. इसके बाद वो दिल्ली आए. उसके घर पहुंचे. वहां ताला लगा था. उन्होंने तुरंत दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी. आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ बेटी को किडनैप करने का केस दर्ज करा दिया.

इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा कैसे हुआ?

दिल्ली पुलिस ने आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उसकी तलाश शुरू कर दी. पुलिस की एक टीम मुंबई भी गई, वहां महाराष्ट्र पुलिस ने उनकी पूरी मदद की. दोनों टीमों ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए आफताब का लोकेशन ट्रेस कर लिया. बीते शनिवार उसको गिरफ्तार कर लिया. इसके दिल्ली लाकर जब पूछताछ की गई तो हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ, जिसे सुनने के बाद पुलिसवालों के भी होश उड़ गए. किसी को नहीं समझ में आ रहा था कि कोई इंसान इतना वहसी कैसे हो सकता है. मासूम से चेहरे वाला एक इंसान इतना खूंखार कैसे हो सकता है. आफताब ने सिलसिलेवार तरीके से अपनी हैवानियत की पूरी दास्तान पुलिस को सुना दी है. फिलहाल पुलिस हिरासत में ही है.

लव जिहाद से इंकार नहीं किया जा सकता है

दिल्ली पुलिस इस मामले में लव जिहाद से भी इंकार नहीं कर रही है. क्योंकि जिस तरह से पूरी साजिश की गई है, उससे पता चलता है कि सबकुछ सुनियोजित था. आफताब पूनावाला के फेसबुक प्रोफाइल को देखने के बाद इस बात को ज्यादा बल मिलता है कि वो लड़कियों को अपनी मासूमियत के जाल में फंसाकर उनका शोषण करता था. उसके टारगेट पर हिंदू लड़कियां ज्यादा रहती थीं. अभी तो पुलिस की जांच में सिर्फ में श्रद्धा केस का खुलासा हुआ है, हो सकता है कि इस हैवान ने अन्य लड़कियों का भी इसी तरह शिकार किया हो. यहां ये भी हो सकता है कि इस दरिंदे ने श्रद्धा को जाल में फंसाने के बाद धर्म परिवर्तन की बात कही हो, जिसके इंकार के बाद इसने उसकी हत्या कर दी हो. खैर, जो भी सच है, वो बहुत जल्द सामने आ जाएगा. इस मामले के खुलासे के लिए दिल्ली पुलिस बधाई की पात्र है. इसके साथ ही इस केस से हम सभी को सबक लेने की जरूरत है. रिश्तों में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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