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जहालत की पराकाष्ठा है मंदिरों के दानपात्र में कंडोम डालना

    • आईचौक
    • Updated: 04 अप्रिल, 2021 08:39 PM
  • 04 अप्रिल, 2021 08:39 PM
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सनातन धर्म को मानने वालों के लिए भगवान का मंदिर सबसे पवित्र स्थानों में से एक है. मंदिरों को हिंदूओं की आस्था का केंद्र कहा जाता है. किसी भी मंदिर में इस तरह की हरकत करना लोगों को बुरी तरह से भड़का सकता था. फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप के जमाने में इस तरह की घटनाएं चुटकियों में वायरल होती हैं और भयावह रूप लेने में कुछ ही समय लगाती हैं.

कोई भी असभ्य व्यक्ति अपनी जहालत के अतिरेक में कुछ भी कर गुजरता है. वैसे, जहालत पर पढ़े-लिखे और अनपढ़ लोगों का समान अधिकार होता है. जहालत हमारे देश में किस कदर हावी हो चुकी है, इसका अंदाजा आपको बीते कुछ महीनों में रोटी पर थूकने वाले वायरल वीडियोज और यति नरसिंहानंद सरस्वती के बयानों से हो गया होगा. मूर्खता से भरी हुई ऐसी हरकतें देखकर कोई भी आम आदमी अपना सिर पीट लेगा. हाल ही में कर्नाटक के मंगलौर में हुई एक घटना ने जहालत की पराकाष्ठा को भी पार कर दिया है. मंगलौर के कोरगज्जा मंदिर के दानपात्र में कंडोम डालने के लिए दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है. इन मुस्लिम युवकों ने भगवान के कोप (Wrath) से बचने के लिए अपना जुर्म कुबूल किया है.

सनातन धर्म को मानने वालों के लिए भगवान का मंदिर सबसे पवित्र स्थानों में से एक है. मंदिरों को हिंदूओं की आस्था का केंद्र कहा जाता है. किसी भी मंदिर में इस तरह की हरकत करना लोगों को बुरी तरह से भड़का सकता था. फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप के जमाने में इस तरह की घटनाएं चुटकियों में वायरल होती हैं और भयावह रूप लेने में कुछ ही समय लगाती हैं. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि सांप्रदायिक तनाव या दंगों की स्थिति भी बन सकती थी. ऐसी ही किसी काल्पनिक स्थिति में आप अगर खुद को रखकर देखेंगे, तो गुस्से के आगे खुद को 'सेकुलर' बताने वाले आपके ही दावे निश्चित तौर पर कमजोर पड़ जाएंगे.

मामला कुछ ऐसा था कि अब्दुल रहीम और तौफिक ने अपने एक दोस्त नवाज के साथ मिलकर स्वामी कोरगज्जा मंदिर के दानपात्र में कंडोम डाला था. कुछ दिन बाद अचानक नवाज की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. रहीम और तौफीक के अनुसार, मरने से पहले नवाज ने इन दोनों को स्वामी कोरगज्जा (शिव का अवतार) से माफी मांगने और अपराध स्वीकार करने को कहा था. कुछ समय बाद तौफीक की तबीयत भी नवाज की तरह बिगड़ी, तो इन दोनों ने डर के चलते मंदिर के पुजारी को पूरी घटना बताई और अपराध स्वीकार किया.

कोई भी असभ्य व्यक्ति अपनी जहालत के अतिरेक में कुछ भी कर गुजरता है. वैसे, जहालत पर पढ़े-लिखे और अनपढ़ लोगों का समान अधिकार होता है. जहालत हमारे देश में किस कदर हावी हो चुकी है, इसका अंदाजा आपको बीते कुछ महीनों में रोटी पर थूकने वाले वायरल वीडियोज और यति नरसिंहानंद सरस्वती के बयानों से हो गया होगा. मूर्खता से भरी हुई ऐसी हरकतें देखकर कोई भी आम आदमी अपना सिर पीट लेगा. हाल ही में कर्नाटक के मंगलौर में हुई एक घटना ने जहालत की पराकाष्ठा को भी पार कर दिया है. मंगलौर के कोरगज्जा मंदिर के दानपात्र में कंडोम डालने के लिए दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है. इन मुस्लिम युवकों ने भगवान के कोप (Wrath) से बचने के लिए अपना जुर्म कुबूल किया है.

सनातन धर्म को मानने वालों के लिए भगवान का मंदिर सबसे पवित्र स्थानों में से एक है. मंदिरों को हिंदूओं की आस्था का केंद्र कहा जाता है. किसी भी मंदिर में इस तरह की हरकत करना लोगों को बुरी तरह से भड़का सकता था. फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप के जमाने में इस तरह की घटनाएं चुटकियों में वायरल होती हैं और भयावह रूप लेने में कुछ ही समय लगाती हैं. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि सांप्रदायिक तनाव या दंगों की स्थिति भी बन सकती थी. ऐसी ही किसी काल्पनिक स्थिति में आप अगर खुद को रखकर देखेंगे, तो गुस्से के आगे खुद को 'सेकुलर' बताने वाले आपके ही दावे निश्चित तौर पर कमजोर पड़ जाएंगे.

मामला कुछ ऐसा था कि अब्दुल रहीम और तौफिक ने अपने एक दोस्त नवाज के साथ मिलकर स्वामी कोरगज्जा मंदिर के दानपात्र में कंडोम डाला था. कुछ दिन बाद अचानक नवाज की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. रहीम और तौफीक के अनुसार, मरने से पहले नवाज ने इन दोनों को स्वामी कोरगज्जा (शिव का अवतार) से माफी मांगने और अपराध स्वीकार करने को कहा था. कुछ समय बाद तौफीक की तबीयत भी नवाज की तरह बिगड़ी, तो इन दोनों ने डर के चलते मंदिर के पुजारी को पूरी घटना बताई और अपराध स्वीकार किया.

इस तरह की घटनाएं लोगों में फैल रही कुंठाओं और लगातार बढ़ रहे मनोविकारों को दर्शाती हैं.

इस तरह की घटनाएं लोगों में फैल रही कुंठाओं और लगातार बढ़ रहे मनोविकारों को दर्शाती हैं. यह हरकत लोगों में घर कर चुके पागलपन का एक हिस्सा भर है. इस्लाम धर्म के कट्टरपंथियों और कुछ तथाकथित मौलानाओं ने इस कौम के युवकों में ऐसा जहर भर दिया है कि वह ऐसी हरकतें करने से पहले एक बार भी नहीं सोचते हैं. वैसे, जाहिलों वाली हरकतें करने में हिंदू कट्टरपंथी भी कम पीछे नही हैं. कट्टरपंथियों ने इस देश का जो कबाड़ा किया है, आने वाली कई नस्लें इसकी सजा भोगेंगी. आज के समय में लोग एक-दूसरे को मुंहतोड़ जवाब देने के चक्कर में अपने साथ ही धर्म और मजहब की नाक कटाने में तुले हुए हैं.

अब आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के हालिया ट्वीट को ही देख लीजिए. नेता जी ने लोगों को भड़काने वाला ट्वीट करते हुए जुबान और गर्दन काटने की मांग कर दी. साथ ही ये भी बताया कि भारत का कानून इसकी इजाजत नहीं देता है. मतलब ये है कि अगर इन्हें कानून का डर न होता, तो ये गर्दन उड़वा देते. एक विधायक होकर जब इनकी भाषा ऐसी है, तो इसे पढ़कर मुस्लिमों में क्या संदेश जाएगा. 

वैसे, सिर कलम करने की धमकी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी को भी मिली है. हाल ही में रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए जनहित याचिका दायर की थी. इसके बाद से ही उनका सिर कलम करने से लेकर उन्हें इस्लाम से बेदखल करने के फतवों तक की एक लंबी फेहरिस्त सामने आई थी. कोरगज्जा मंदिर के मामले में सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नवाज को खून की उल्टियां हुई थीं और ऐसा ही कुछ तौफीक के साथ भी हुआ था. इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शायद नवाज फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुआ होगा और उसकी मौत ने इन दोनों आरोपियों में खौफ पैदा कर दिया होगा. वैसे, इन जाहिलों की जहालत की वजह से ही सांप्रदायिक तनाव फैलने से बच गया. लेकिन, इस बात को कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि मंदिरों के दानपात्र में कंडोम डालना सच में जहालत की पराकाष्ठा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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