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मदर्स डे स्पेशल: बेटा, तुम्हारी दोस्त बहुत प्यारी है...मैं भी उसे लाइक करती हूं!

    • स्वाति अर्जुन
    • Updated: 08 मई, 2016 05:04 PM
  • 08 मई, 2016 05:04 PM
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प्रिय बेटे अर्नब, तुम्हें पहली बार चिट्ठी लिख रही हूं, तुम अब उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच गए हो जहां चिट्ठी पढ़ने और उसे समझने की समझ तुम्हारे भीतर विकसित हो चुकी है.....मदर्स डे पर पढ़िए एक बेटे के नाम लिखा मां का खत.

प्रिय बेटे अर्नब,

प्यार! तुम्हें पहली बार चिट्ठी लिख रही हूं, शायद इसलिए कि तुम अब उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच गए हो जहां चिट्ठी पढ़ने और उसे समझने की समझ तुम्हारे भीतर विकसित हो चुकी है.

तो शुरुआत तुम्हारे रोज पूछे जाने वाले ढेरों सवालों में से कुछ से कर रही हूं, क्योंकि कई बार समय की कमी या मसरूफियत के कारण मैं तुम्हारे कई सवालों के जवाब नहीं दे पाती हूं. तुम मुझसे हमेशा कहते हो कि मैंने तुम्हारा नाम अर्नब क्यों रखा? रोहित या राहुल क्यों नहीं....या फिर कान्हा या कृष्णा ही सही. तुम्हारी नाराज़गी इस कारण भी है क्योंकि तुम्हारे स्कूल के साथी तुम्हें अर्नब गोस्वामी कहकर चिढ़ाते हैं.....तो बेटा सुनो, तुम्हारा नाम ‘अर्नब’ एक असमिया नाम है, जिसका मतलब होता है, ‘गह़रा नीला समुद्र’ यानि समंदर का वो हिस्सा जहां उसके पानी का रंग नीला हो जाता क्योंकि वहां वो पानी बिल्कुल शुद्ध और पवित्र होता है, उसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होती है. उम्मीद करती हूं कि ये जानने के बाद तुम्हारी अपने नाम से शिकायत दूर जाएगी.

कुछ ही दिन हुए जब तुम 10 साल के हुए और उन्हीं दिनों तुम्हारी एक दोस्त तुम्हें बहुत भा गई, उसने तुम्हें फ्लाईंग किस दिया जिसका तुमने भी जवाब दिया, फिर शायद तुम दोनों ने एक-दूसरे को ‘I like You’ भी कहा. बेटा मुझे बस यही कहना है कि तुम्हारी वो दोस्त बहुत ही प्यारी है और मैं भी उसे बहुत लाइक करती हूं, पर मैं चाहती हूं कि इसके आगे उससे कुछ कहने के लिए तुम कम से कम 8 साल और इंतजार करना, फिर तय करना कि तुम उसे और वो तुम्हें कितना पसंद करती है, ये पसंद सिर्फ दोस्ती जितनी है या उससे ज़्यादा. इस विषय पर बाकी बातें हम तब करेंगे जब तुम थोड़े और बड़े हो जाओगे.

प्रिय बेटे अर्नब,

प्यार! तुम्हें पहली बार चिट्ठी लिख रही हूं, शायद इसलिए कि तुम अब उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच गए हो जहां चिट्ठी पढ़ने और उसे समझने की समझ तुम्हारे भीतर विकसित हो चुकी है.

तो शुरुआत तुम्हारे रोज पूछे जाने वाले ढेरों सवालों में से कुछ से कर रही हूं, क्योंकि कई बार समय की कमी या मसरूफियत के कारण मैं तुम्हारे कई सवालों के जवाब नहीं दे पाती हूं. तुम मुझसे हमेशा कहते हो कि मैंने तुम्हारा नाम अर्नब क्यों रखा? रोहित या राहुल क्यों नहीं....या फिर कान्हा या कृष्णा ही सही. तुम्हारी नाराज़गी इस कारण भी है क्योंकि तुम्हारे स्कूल के साथी तुम्हें अर्नब गोस्वामी कहकर चिढ़ाते हैं.....तो बेटा सुनो, तुम्हारा नाम ‘अर्नब’ एक असमिया नाम है, जिसका मतलब होता है, ‘गह़रा नीला समुद्र’ यानि समंदर का वो हिस्सा जहां उसके पानी का रंग नीला हो जाता क्योंकि वहां वो पानी बिल्कुल शुद्ध और पवित्र होता है, उसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होती है. उम्मीद करती हूं कि ये जानने के बाद तुम्हारी अपने नाम से शिकायत दूर जाएगी.

कुछ ही दिन हुए जब तुम 10 साल के हुए और उन्हीं दिनों तुम्हारी एक दोस्त तुम्हें बहुत भा गई, उसने तुम्हें फ्लाईंग किस दिया जिसका तुमने भी जवाब दिया, फिर शायद तुम दोनों ने एक-दूसरे को ‘I like You’ भी कहा. बेटा मुझे बस यही कहना है कि तुम्हारी वो दोस्त बहुत ही प्यारी है और मैं भी उसे बहुत लाइक करती हूं, पर मैं चाहती हूं कि इसके आगे उससे कुछ कहने के लिए तुम कम से कम 8 साल और इंतजार करना, फिर तय करना कि तुम उसे और वो तुम्हें कितना पसंद करती है, ये पसंद सिर्फ दोस्ती जितनी है या उससे ज़्यादा. इस विषय पर बाकी बातें हम तब करेंगे जब तुम थोड़े और बड़े हो जाओगे.

मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है, आज यानी 8 मई को मदर्स डै है

तुमने मुझसे ये भी पूछा था कि, ‘प्यार क्या होता है’,तो बेटा ‘प्यार एक फूल है, जो अलग-अलग रंगों और रूपों में पाया जाता है. जैसे मैं भी तुम्हें प्यार करती हूं और तुम्हारी टीचर या दोस्त भी. हम अपने दोस्तों, किताबों और खिलौनों से भी प्यार करते हैं. तुम्हारे पापा और मेरे प्यार का मतलब तुम्हारा मिलकर ख्याल रखना है, और तुम्हारा अपने दोस्तों के साथ प्यार का मतलब उनसे टिफिन और खिलौने शेयर करना है.’बस हमें ध्यान ये रखना होता है कि मां-पापा के प्यार के रंग का फूल हम दोस्त को और दोस्ती के रंग के फूल को टीचर को न दे दें. बाकी तुम धीरे-धीरे खुद समझ जाओगे.

अर्नब तुम्हें टाइगर श्रॉफ बहुत पसंद है, मुझे भी वो अच्छा लगता है, ख़ासकर उसकी मेहनत...उसके सिक्स पैक ऐब्स, उसकी निश्छल मुस्कुराहट और उसका डांस. कितनी मेहनत की होगी उस लड़के ने इतनी परफेक्ट बॉडी बनाने और डांस सीखने में. अगर तुमने मुझे उसकी फिल्म दिखाने की ज़िद न की होती तो मैं तो इतने अच्छे और स्मार्ट लड़के को जानने से चूक जाती. वो तुम्हारा फेवरिट ऐक्टर है ये जानकर मुझे बहुत खुशी हुई, जो हमारे फेवरिट होते हैं हम उनसे सीखने की कोशिश करते हैं, अगर टाइगर श्रॉफ को फॉलो करके तुम उसकी तरह फिट और अच्छे डांसर बनते हो तो मुझे बेहद ख़ुशी होगी, और ऐक्टर बन गए तो कहने ही क्या.

हम दोनों साथ-साथ रहते हैं और तुम्हारे पापा भूटान में, तुम उन्हें मिस भी करते हो...पर शायद कहीं न कहीं हम अब एडजस्ट कर गए हैं. पिछली गर्मियों में जब हम तुम्हारे पापा के पास भूटान गए थे तब हमने जाना कि वे कितनी मेहनत करते हैं, हमारे लिए...तुम्हारे लिए. हमें अच्छा जीवन, तुम्हें एजुकेशन और खुशी देने के लिए. मेरे बेटे मैं तुमसे यही कहना चाहती हूं कि चाहे तुम्हारे सामने 24 घंटे मैं रहूं, तुम्हारी हर छोटी-बड़ी जरूरतें मैं पूरी करूं लेकिन तुम कभी ये मत भूलना कि दूर परदेस में बैठे तुम्हारे पापा तुम्हारे लिए कितना संघर्ष करते हैं. वे तुम्हारी मां को तुम्हारे लिए हर दिन मेहनत करते, तुम्हारे साथ जीने और जिंदगी की खुशियां सेलिब्रेट करने की ताकत और जिजीविषा देते हैं और ये सब मिलकर हम तीन लोगों को परिवार में बदल देता है.

बेटू, जीवन में चाहे कितने भी आगे क्यों न बढ़ जाओ, चाहे कितने भी बड़े हो जाओ, घर से बाहर अपनी अलग दुनिया बसा लो....लेकिन इस बात का ध्यान रखना कि घर पर भी तुम्हारा एक परिवार है जो तुम्हारा इंतजार कर रहा है. तुम खूब उड़ो...अपने पंख फैलाओ.....आसमान को नाप लो...पर वापिस अपनी मिट्ठी के पास जरूर लौटना.

उस सुकून के लिए, उस सुख़ के लिए...जहां कोई तुम्हें जज नहीं करेगा, कोई तुम्हारी आर्थिक या भौतिक सफलता को मापेगा नहीं...कोई तुमसे कुछ मांगेगा नहीं, कोई तुमसे कुछ छीनेगा नहीं. ये वो दुनिया है जिसकी तुम सबसे बेशकीमती सौगात हो.

तुम्हारी मां.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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