वैसे MeToo के जितने मामले जिस हिसाब से सामने आ रहे हैं उन्हें देखने और समझने के बाद यही कहा जा सकता है कि इसमें जरूरी नहीं कि अपने किए को स्वीकार करने और माफी मांग लेने वाला बंदा बच जाएगा. जो स्वीकार नहीं कर रहे उनकी इज्जत का बैंड तो बज ही रहा है साथ में माफी मांगने वालों का मजाक भी उड़ रहा है. तनुश्री दत्ता के सपोर्ट में आने वाले लेखक चेतन भगत के उस दिन तोते उड़ गए थे जब एक महिला ने उनके साथ अपनी चैट के स्क्रीनशॉट शेयर कर दिए. चेतन भगत के फैंस नाराज हो गए, उनकी आलोचनाएं होने लगीं. ये स्क्रीनशॉट्स जितनी तेजी से वायरल हुए उतनी ही तेजी से चेतन भगत की सफाई भी सामने आ गई.
चेतन भगत अक्सर महिलाओं के हक की बात करते हैं
चेतन भगत लेखक हैं और सोचते हैं कि उन्हें पढ़ने वाला भी उन्हें वैसे ही पढ़े जैसा वो खुद महसूस करते हैं. पर जरूरी नहीं कि चेतन की लिखी बातों से हर पढ़ने वाला सहमत हो. पहले बात करते हैं उनकी चैट की.
इस प्रेम निवेदन को सही कैसे ठहरा सकते हैं??
चेतन महिला के साथ जिस तरह से बात कर रहे थे वो उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करना चाह रहे थे. यूं कहें कि रिझा रहे थे. उन्होंने इसके लिए woo शब्द का इस्तेमाल किया है. जिसका अर्थ होता है प्यार पाने की कोशिश करना. हालांकि ये वो भी जानते थे कि वो शादीशुदा हैं और एक सेलिब्रिटी भी हैं इसलिए शब्दों की गरिमा को बनाए रखते हुए उन्होंने महिला के साथ फ्लर्ट किया, और कुछ पाने की इच्छा भी जताई. जबकि महिला द्वारा लिखे एक एक शब्द को पढने पर ये महसूस होता है कि वो उन्हें एवॉयड करने की कोशिश कर रही थीं. वो जवाब तो दे रही थीं लेकिन उनकी बात में कहीं स्वाकारोक्ति नहीं नजर आ रही.
ये रही उस महिला के साथ की गई चैट
ये संवाद गौर करने लायक है-
चेतन- तुम प्यारी हो, क्यूट हो, बहुत अच्छी इंसान हो इसलिए मैंने तुम्हें वू करने का निर्णय लिया है. प्लीज़ मान जाओ. कुछ तो कहो.
महिला- सारे शादीशुदा मर्दों की तरह मत बनो. आप इससे बेहतर हो.
चेतन- क्या सारे मर्दों की तरह? सच में? क्या सब यही करते हैं, क्योंकि मैं नॉर्मली नहीं करता.
महिला- बहुत से करते हैं.
चेतन- मैं तुम्हें पसंद करता था, तुमसे एक कनेक्शन महसूस किया बस इसलिए. तुमने मुझे उनसे बिलकुल भी अलग नहीं समझा?
महिला- शायद आप मजाक कर रहे हैं.
चेतन- मैं बस तुम्हें वू करना चाहता था.
अब माना कि चेतन ये सब स्वीकार कर चुके हैं और इसपर सफाई भी लिख चुके हैं. लेकिन उनकी लिखी बातों को समझने की जरूरत है.
सफाई नंबर 1-
चेतन ने कहा कि ''स्क्रीनशॉट्स एकदम सही हैं लेकिन अगर वो किसी को गलत लगे हों तो मैं माफी मांगता हूं. ये स्क्रीनशॉट्स कई साल पहले के हैं.'' चेतन भले ही इसे 'बहुत' पुराना मामला कहें लेकिन भारत में 2013 में वॉट्एप्प का चलन शुरू हुआ था. उस हिसाब से ये 5 साल से ज्यादा पुराने तो नहीं हो सकते. खैर चेतन का कहना था कि ''मुझे उस महिला से एक बेहद खास कनेक्शन महसूस होता था. वो महिला उन्हें अच्छी इंसान, स्वीट, क्यूट और फनी लगी थीं. और बातचीत के दौरान मुजे अहसास भी हो गया था कि मैं शादीशुदा हूं. इसलिए मैं कुछ और नहीं चाहता था. ये सब बस हो गया होगा. मैंने उनके साथ नॉवेल 'वन इंडियन गर्ल' को लेकर भी चर्चा की थी, जिसमें संबंधों और एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होने जैसे अहसासों का जिक्र था. ऐसा महसूस करना और महिला के साथ निजी बातचीत में इसे शेयर करना बेवकूफी थी. शायद मैंने महिला की दोस्ती को गलत परख लिया था.'' यानी वो खुद मान रहे हैं कि उन्होंने प्रेम निवेदन भेजा, जो शादीशुदा होने के नाते गलत था, और चूंकि महिला की तरफ से सिर्फ दोस्ती थी इसलिए वो यहां खुद गलत साबित हो जाते हैं.
माफी मांगने से दोष कम नहीं हो जाता
फिर चेतन बार-बार ये भी बता रहे थे कि उन्होंने अपनी पत्नी से इस बारे में बात की है. और उनसे माफी भी मांग ली है. और भरोसा दिलाया है कि उस महिला के साथ कुछ भी शारीरिक या आपत्तिजनक नहीं था. और महिला का नंबर भी उनके फोन में नहीं है और न ही वो कई सालों से उनसे मिले हैं. हां अच्छी बात है कि उन्होंने अपनी पत्नी से माफी मांगी, क्योंकि जो उन्होंने किया उसे चीटिंग कहते हैं. इसके लिए पत्नी की माफी चेतन के लिए बहुत मायने रखती है. क्योंकि वो एक नामी लेखक हैं और इल्जाम पत्नी से चीटिंग करने का है. इसलिए खुद को सेफ साइड रखते हुए उन्होंने माफी मांगने में ही अपनी भलाई समझी.
अब इस पूरे एपिसोड के बाद चेतन की बाहर जो फजीहत हुई सो हुई, लेकिन घर पर क्या हुआ होगा आप सोच ही सकते हैं. जब पतियों की चोरी पकड़ी जाती है तो पत्नियां क्या हाल करती हैं सबको पता है. खैर इस सफाई को 4 दिन बाद एक सफाई नंबर 2 भी पोस्ट हो गई. जिसकी कुछ बातों को छोड़ दूं तो पढ़कर बोरियत ही लगी. वो अब खुद को पाक साफ बता रहे हैं. इस पोस्ट से ऐसा लग रहा है मानो उन्होंने कुछ किया ही न हो और माफी मांगने के बाद उनपर लगे सारे इल्जाम खत्म हो गए.
सफाई नंबर 2-
आज चेतन भगत बड़े पाक साफ होकर लिख रहे हैं कि- ''मेरे नाम को बेकार के विवादों में घसीटा जा रहा है. मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है. मीटू जैसे मामलों के बीच मुझपर अटैक किया जा रहा है. मैं हैरेसर नहीं हूं और न कभी था, और न कभी हो सकता हूं. उन्होंने माना कि वो महिला के साथ चैट में फ्लर्ट कर रहे थे लेकिन उसमें दोस्ताना था और वो बहुत विनम्र बातचीत थी. शादीशुदा होने के नाते मैंने उस महिला और अपनी पत्नी से माफी भी मांग ली थी. और ये मेरा निजी मामला था. मेरा नाम ऐसे लोगों के साथ जोड़ा जा रहा है जिन्होंने सच में अपराध किए हैं. मुझे अखबार के फ्रंट पेज पर छापा जा रहा है क्योंकि हेडलाइन बनाने के लिए एक फेमस व्यक्ति चाहिए होता है. और मेरे साथ ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि मैंने उस महिला के साथ फ्लर्ट किया था जो मुझे जवाब भी दे रही थी.'' पर जवाब देने का मतलब ये जरा भी नहीं कि वो चेतन की बात के लिए हामी भर रही थीं. महिला बचने की कोशिश करती दिख रही थी, कम बोल रही थी. लेकिन वू के लिए निवेदन चेतन कर रहे थे.
परिवार वालों की फक्र पहले क्यों न थी?
चेतन ने ये भी कहा है कि चेतन ने कहा है कि #Metoo अच्छा है, लेकिन इसके साथ #FakeMetoo भी चल रहा है. आधारहीन आरोपों से वो, उनकी पत्नी, 70 साल की मां, सास-ससुर, किशोर बेटे प्रभावित हो रहे हैं. हर व्यक्ति किसी न किसी तरह कष्ट झेल रहा है. उन्होंने कहा है कि वे परफेक्ट नहीं हैं, लेकिन कभी भी उत्पीड़न करने वाले नहीं हो सकते. अब सवाल ये उठता है कि चोतन को अपने परिवार वालों की इतनी फिक्र तब हो रही है जब मामला खुल गया. जब वो ये सब कर रहे थे तब क्यों उन्हें अपनी 70 साल की मां, किशोर बच्चे और बीवी नहीं दिखाई दी? शादीशुदा होकर फ्लर्ट करना ok है, लेकिन शादीशुदा होकर बदनाम होना not ok. चेतन गलत नहीं कह रही थी वो महिला. आप ज्यादातर शादीशुदा आदमियों की तरह हैं और ये उतना ही सच है जितना कि ये कि ज्यादातर महिलाएं बेवकूफ होती हैं.
चेतन खुद को सही और महिला को गलत साबित करना चाह रहे हैं
सच स्वीकार करने के बाद महिला पर कीचड़ क्यों उछाला?
यहां तक तो सब सही था, समझ भी आ रहा था. लेकिन चेतन ने जो आगे लिखा वो थोड़ा अजीब है. चेतन ने कहा है कि सबसे पहले महिला ने खुद को इरोटिका राइटर बताते हुए उनसे संपर्क किया था. इरोटिक राइटर यानी कामोत्तेजक लेख लिखने वाला. चेतन ने महिला के लिखे एक ईमेल का जिक्र किया है और कुछ सैंपल भी सार्वजनिक कर दिए हैं. वो सेंपल ऐसे हैं जिन्हें यहां लिखा नहीं जा सकता. चेतन बता रहे थे इस तरह की भाषा को वो इरोटिक नहीं, पॉर्न समझते हैं. कुल मिलाकर चेतन खुद को पवित्र और उस महिला के चरित्र को उसकी लेखनी की वजह से नीचा दिखा रहे थे. मकसद ये बताना था कि वो महिला तो पोर्न राइटर थी, लिहाजा उसकी सोच भी वैसी ही थी. लेकिन यहां चेतन ने गलती कर दी. ये बताकर कि एक महिला के चरित्र का आकलन उसके काम से किया जा सकता है. पहली बात तो ये कि वो ईमेल जिसमें ये सैंपल लिखे गए वो उसी महिला के थे ये कैसे माना जाए. और मान भी लें कि वो उनके थे तो भी यगलत क्या है? तो महिला भी एक राइटर है जिसतरह से चेतन एक राइटर हैं. आप किसी की लेखन शैली पर उंगली कैसे उठा सकते हैं?
चेतन का पहला सफाई नामा स्वीकार करने लायक था, हो सकता है कि कुछ दिन बाद इन बातों को भुला भी दिया जाता. लेकिन दूसरे साफाईनामें में चेतन ने इतना लिख डाला कि लिखते-लिखते ये भी भूल गए कि वो अपनी ही फजीहत करवा रहे हैं. दूसरों पर जो कीचड़ उछाल रहे हैं उससे उनके हाथ भी गंदे दिखाई दे रहे हैं. पहले मान रहे थे कि उन्हेंने महिला की दोस्ती को गलत समझ लिया था और अब कह रहे हैं कि वो तो पोर्न राइटर थी. चेतन अब अपनी ही बातों में फंस गए हैं. वो लोगों के सामने महिलाओं के अधिकारों की बात करते हैं और प्राइवेट चैट में प्रेम निवेदन देते हैं. फिलहाल चेतन ने अब तक जो भी लिखा उसका रिव्यू यही है कि चेतन तुम वाकई गलत हो और बार-बार लिख-लिखकर इसे साबित भी कर रहे हो !
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