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पंजाब के किसानों के लिए गेम चेंजर साबित होगी 'मालवा नहर', 250 गावों को मिलेगा भरपूर पानी

    • आईचौक
    • Updated: 11 नवम्बर, 2024 04:17 PM
  • 11 नवम्बर, 2024 04:17 PM
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पंजाब...ये शब्द जुबान पर आते ही लहलहाते खेत, खनखनाती पकी फसलें, खुशियों से झूमता किसान आखों में तैरने लगता है. वहीं कुछ सालों से पंजाब में वाटर लेवल का नीचे गिरना, अनियमित बारिश और मिट्टी के क्षरण जैसी समस्याओं ने किसानों का मनोबल गिराने का काम किया है. लेकिन, अब इस समस्‍या को कंट्रोल करने का काम पंजाब की भगवंत मान सरकार ने किया है.

पंजाब...ये शब्द जुबान पर आते ही लहलहाते खेत, खनखनाती पकी फसलें, खुशियों से झूमता किसान आखों में तैरने लगता है. वहीं कुछ सालों से पंजाब में वाटर लेवल का नीचे गिरना, अनियमित बारिश और मिट्टी के क्षरण जैसी समस्याओं ने किसानों का मनोबल गिराने का काम किया है. प्रदेश में भगवंत सिंह मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद पंजाब को अन्न का भंडार बनाने के लिए पहल की जाने लगी है. सीएम भगवंत सिंह मान के निर्देशन में 2,300 करोड़ रुपये की लागत वाली मालवा नहर बनाई जा रही है. 150 किमी लंबी इस नहर से 250 से अधिक गांवों को लाभ मिलेगा और 2 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई हो पाएगी.

पिछले दिनों नहर के काम की समीक्षा करने पहुंचे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा- 'आजादी के बाद पंजाब में ये पहली नहर बनेगी. राज्य एक नया इतिहास रचने के कगार पर है. पहली बार, दक्षिणी की सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नई नहर मालवा नहर खोदी जा रही है. करीब 150 किलोमीटर लंबी यह नहर राज्य में विशेषकर मालवा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करेगी.' मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के समग्र विकास और विशेषकर मालवा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना है.

मालवा नहर की जरूरत क्यों पड़ी?

दक्षिणी पंजाब के एक बड़े हिस्से को कवर करने वाला मालवा क्षेत्र कई सालों से पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहा है. मालवा क्षेत्र में अनियमित बारिश, घटते भू-जल भंडार के चलते खेती दम तोड़ने लगी है. किसान हताश-निराश हो रहे हैं. इस समस्या को खत्म कर इस क्षेत्र में विकास की हरियाली बिखरने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मालवा नहर परियोजना शुरूआत की है. ये नहर दक्षिणी मालवा के फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा और फरीदकोट में पानी की कमी को पूरा करेगी.

ऐसी बन रही नहर

हरिके पत्तन से निकलने वाली इस नहर की लंबाई 150 किमी, चौड़ाई 30 फीट होगी. नहर 12.5 फीट गहरी होगी और इसमें 500...

पंजाब...ये शब्द जुबान पर आते ही लहलहाते खेत, खनखनाती पकी फसलें, खुशियों से झूमता किसान आखों में तैरने लगता है. वहीं कुछ सालों से पंजाब में वाटर लेवल का नीचे गिरना, अनियमित बारिश और मिट्टी के क्षरण जैसी समस्याओं ने किसानों का मनोबल गिराने का काम किया है. प्रदेश में भगवंत सिंह मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद पंजाब को अन्न का भंडार बनाने के लिए पहल की जाने लगी है. सीएम भगवंत सिंह मान के निर्देशन में 2,300 करोड़ रुपये की लागत वाली मालवा नहर बनाई जा रही है. 150 किमी लंबी इस नहर से 250 से अधिक गांवों को लाभ मिलेगा और 2 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई हो पाएगी.

पिछले दिनों नहर के काम की समीक्षा करने पहुंचे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा- 'आजादी के बाद पंजाब में ये पहली नहर बनेगी. राज्य एक नया इतिहास रचने के कगार पर है. पहली बार, दक्षिणी की सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नई नहर मालवा नहर खोदी जा रही है. करीब 150 किलोमीटर लंबी यह नहर राज्य में विशेषकर मालवा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करेगी.' मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के समग्र विकास और विशेषकर मालवा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना है.

मालवा नहर की जरूरत क्यों पड़ी?

दक्षिणी पंजाब के एक बड़े हिस्से को कवर करने वाला मालवा क्षेत्र कई सालों से पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहा है. मालवा क्षेत्र में अनियमित बारिश, घटते भू-जल भंडार के चलते खेती दम तोड़ने लगी है. किसान हताश-निराश हो रहे हैं. इस समस्या को खत्म कर इस क्षेत्र में विकास की हरियाली बिखरने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मालवा नहर परियोजना शुरूआत की है. ये नहर दक्षिणी मालवा के फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा और फरीदकोट में पानी की कमी को पूरा करेगी.

ऐसी बन रही नहर

हरिके पत्तन से निकलने वाली इस नहर की लंबाई 150 किमी, चौड़ाई 30 फीट होगी. नहर 12.5 फीट गहरी होगी और इसमें 500 मुहाने होंगे. नहर में 2000 क्यूसेक पानी बहेगा. मालवा नहर के जरिए सतलुज नदी से पानी को सूखाग्रस्त मालवा क्षेत्र में मोड़ा जाएगा. इस परियोजना को उन क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है जो ऐतिहासिक रूप से मौजूदा नहर नेटवर्क से वंचित हैं. इस नहर के जरिए मालवा क्षेत्र का कृषि परिदृश्य फिर से जीवंत हो उठेगा. इस नहर से श्री मुक्तसर साहिब, फिरोजपुर, फरीदकोट, भठिंडा और फाजिल्का जिलों के 62 गावों समेत कुल 250 गावों को भरपूर पानी मिलेगा. इस नहर के बन जाने से फिरोजपुर फीडर क्षेत्र में नहरों को रोटेशन पर चलाने के जरूरत भी नहीं पड़ेगी.

(इम्पैक्ट फीचर)

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