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धूम्रपान और मोटापे जितना ही खतरनाक है अकेलापन, जो जिंदगी कम कर रहा है

    • आईचौक
    • Updated: 14 जनवरी, 2020 01:27 PM
  • 14 जनवरी, 2020 01:27 PM
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हालिया शोध अकेलेपन (Loneliness status) को लेकर लोगों को चेताने की कोशिश कर रहे हैं. शोध में पाया गया है कि अकेला जीवन जीने या अकेलापन महसूस करने से आप विकलांगता, यहां तक कि असमय मृत्यु के ज्यादा करीब पहुंच जाते हैं.

आपकी नजर में मोटापा और शराब पीना या धूम्रपान भले ही बीमारी न हो लेकिन ये बीमार होने का कारण जरूर है. इनकी वजह से आप बीमार होते हैं और जीवन के कुछ साल कम भी कर लेते हैं. लेकिन आपको जितना नुकसान मोटापा, शराब और सिगरेट से होता है, उतना ही नुकसान अकेले रहने से भी होता है. अकेलापन (Loneliness) भी आपको बीमारी नहीं लगेगा, लेकिन शोधकर्ताओं की मानें तो स्वास्थ्य के मामले में ये चिंता का विषय बन गया है, खासकर बड़ी उम्र के उम्र वयस्कों में.

हालिया शोध अकेलेपन को लेकर लोगों को चेताने की कोशिश कर रहे हैं. शोध में पाया गया है कि अकेला जीवन जीने या अकेलापन महसूस करने से आप विकलांगता, यहां तक कि असमय मृत्यु के ज्यादा करीब पहुंच जाते हैं. एक अध्ययन के मुताबिक अकेले रहने से ज्यादा अकेलापन या अलगाव की भावना ज्यादा मायने रखती है. जो लोग अकेलापन महसूस करते हैं, उनमें खराब मानसिक स्वास्थ्य, दिल संबंधी बीमारियों के होने की संभावना ज्यादा होती है और वे अकेले रहने वालों की तुलना में मरते भी जल्दी हैं.

बढ़ती उम्र के साथ अकेलापन भी बढञता है

niversity of California San Diego School of Medicine में शोध के जरिए ये जानने की कोशिश की गई कि जो वयस्क अकेले रहते हैं, रिटायर हो चुके हैं उनपर अकेलेपन का असर किस तरह होता है. जर्नल 'एजिंग एंड मेंटल हेल्थ' में प्रकाशित नए अध्ययन में पाया गया कि जो अकेले रहने वाले लोगों के अनुभव कई व्यक्तिगत और पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित होते हैं. अकेलेपन का सबसे पहला कारण उम्र बढ़ने पर होने वाले बदलाव और सामाजिक कौशल का न होना ही माना जाता है. बुढापे में लोग अक्सर खुद को बहिष्कृत महसूस करने लगते हैं. वहीं नए जमाने के साथ वो खुद को काफई पीछे समझते हैं इसलिए भी अकेलेपन की भावन उनमें जन्म ले लेती है. बढ़ती उम्र में अकेलापन महसूस करने का दूसरा कारण अपने साथी, या करीबी की मौत होता है और खास बात ये भी होती है कि इस उम्र में लोग नए दोस्त नहीं बना सकते. अकेलेपन की भावना ज्यादातर जीवन में उद्देश्य की कमी के साथ भी जुड़ी होती है.

आपकी नजर में मोटापा और शराब पीना या धूम्रपान भले ही बीमारी न हो लेकिन ये बीमार होने का कारण जरूर है. इनकी वजह से आप बीमार होते हैं और जीवन के कुछ साल कम भी कर लेते हैं. लेकिन आपको जितना नुकसान मोटापा, शराब और सिगरेट से होता है, उतना ही नुकसान अकेले रहने से भी होता है. अकेलापन (Loneliness) भी आपको बीमारी नहीं लगेगा, लेकिन शोधकर्ताओं की मानें तो स्वास्थ्य के मामले में ये चिंता का विषय बन गया है, खासकर बड़ी उम्र के उम्र वयस्कों में.

हालिया शोध अकेलेपन को लेकर लोगों को चेताने की कोशिश कर रहे हैं. शोध में पाया गया है कि अकेला जीवन जीने या अकेलापन महसूस करने से आप विकलांगता, यहां तक कि असमय मृत्यु के ज्यादा करीब पहुंच जाते हैं. एक अध्ययन के मुताबिक अकेले रहने से ज्यादा अकेलापन या अलगाव की भावना ज्यादा मायने रखती है. जो लोग अकेलापन महसूस करते हैं, उनमें खराब मानसिक स्वास्थ्य, दिल संबंधी बीमारियों के होने की संभावना ज्यादा होती है और वे अकेले रहने वालों की तुलना में मरते भी जल्दी हैं.

बढ़ती उम्र के साथ अकेलापन भी बढञता है

niversity of California San Diego School of Medicine में शोध के जरिए ये जानने की कोशिश की गई कि जो वयस्क अकेले रहते हैं, रिटायर हो चुके हैं उनपर अकेलेपन का असर किस तरह होता है. जर्नल 'एजिंग एंड मेंटल हेल्थ' में प्रकाशित नए अध्ययन में पाया गया कि जो अकेले रहने वाले लोगों के अनुभव कई व्यक्तिगत और पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित होते हैं. अकेलेपन का सबसे पहला कारण उम्र बढ़ने पर होने वाले बदलाव और सामाजिक कौशल का न होना ही माना जाता है. बुढापे में लोग अक्सर खुद को बहिष्कृत महसूस करने लगते हैं. वहीं नए जमाने के साथ वो खुद को काफई पीछे समझते हैं इसलिए भी अकेलेपन की भावन उनमें जन्म ले लेती है. बढ़ती उम्र में अकेलापन महसूस करने का दूसरा कारण अपने साथी, या करीबी की मौत होता है और खास बात ये भी होती है कि इस उम्र में लोग नए दोस्त नहीं बना सकते. अकेलेपन की भावना ज्यादातर जीवन में उद्देश्य की कमी के साथ भी जुड़ी होती है.

क्या है अकेलापन (Loneliness)

अवसाद (Depression) और अकेलापन यूं तो अलग-अलग हैं लेकिन ये दोनों एक दूसरे की वजह से हो सकते हैं. अवसाद के कारण अकेलापन हो सकता है, लेकिन अकेलापन के कारण अवसाद हो ये जरूरी नहीं. अकेले होने का अर्थ केवल शारीरिक रूप से अकेले होना नहीं होता, बल्कि पूरे परिवार में भी आप अकेला महसूस कर सकते हैं. लोगों को लगता है कि कोई उनपर ध्यान नहीं देता और उनसे प्यार नहीं करता. अकेलेपन की वजह से नकारात्‍मक विचार पैदा होते हैं और ये मानसिक अवसाद को जन्म देता है.

अकेलापन महसूस करना अकेले रहने से ज्यादा मायने रखता है

अकेलापन शरीर के लिए अच्छा नहीं

अकेलेपन को तो वैसे भी कभी भी सकारात्मक तौर पर लिया ही नहीं गया. इसे हमेशा दुख के साथ ही जोड़ा गया है. और जो दुख के साथ जुड़ी हो वो शरीर पर अच्छा प्रभाव तो नहीं डाल सकती. जानिए क्या होते हैं अकेले रहने के प्रभाव-

* अकेले रहने वाले लोगों में दिल की बीमारी होने का खतरा बाकियों की तुलना में 29% ज्यादा होता है.

* अकेलेपन से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक होने का खतरा 32% ज्यादा होता है.

* डिप्रेशन होने के पीछे अकेलापन ही सबसे अहम कारण होता है. डिप्रेशन की वजह से स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचता है और व्यक्ति को आत्मघाती ख्याल भी आते हैं.

* जो लोग अकेलेपन से जूझते हैं वो ठीक से सो नहीं पाते. अच्छी नींद न होने की वजह से स्ट्रोक, दिल की बीमारी होने का खतरा होता है. साथ ही डायबिटीज का भी बढ़ जाता है.

* अकेलेपन से जूझ रहे लोग गलत आदतों में पड़ जाते हैं. अकेलापन दूर करने के लिए लोग नशा, धूम्रपान, आदि को अपनाते हैं और इसके दुष्प्रभावों का शिकार होते हैं.

एक शोध में पाया गया है कि अगर आप अकेलापन महसूस करते हैं तो आप किसी भी वायरल बीमारी का शिकार जल्दी होते हैं.

अकेलेपन से कैसे जीतें

अकेलापन खत्म करने के लिए लोगों से मिलना जुलना चाहिए, बातचीत करना चाहिए. सोशल मीडिया पर लोगों से जुड़ने के बजाए वास्तविक संसार में लोगों से मिलिए, पुराने मित्रों से मिलिए उनके साथ समय बिताइए. ये virtual संसार से काफी ज्यादा मददगार होगा. जब अकेले हों तो अपने शौक और प्रतिभा पर ध्यान दें, अपनी पसंद का काम करने में आप कभी बोर नहीं होंगे और अकेला भी महसूस नहीं करेंगे.

माना कि बहुत से लोगों को अकेले रहना अच्छा लगता हो, आज भले ही अकेले रहकर आप मन की करते हों, लेकिन उम्र बढ़ने पर यही अकेलापन आपके लिए परेशानी ला सकता है. इसलिए मिलजुलकर रहने में ही फायदा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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