• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

एड्स के बहाने केरल की बेतुकी 'संस्कारी' सेक्स एजुकेशन

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 06 मार्च, 2019 05:22 PM
  • 06 मार्च, 2019 05:22 PM
offline
10वीं के बच्चों को समझाया जा रहा है कि शादी से पहले सेक्स और शादी के बाद किसी और से सेक्स करने से एड्स फैलता है. इस खबर के बाद फिलहाल तो केरल की साक्षरता पर सवाल उठ रहे हैं.

अगर सवाल हो कि देश का सबसे साक्षर राज्य कौन सा है, तो जवाब होगा केरल. लेकिन केरल के बच्चे पढ़ क्या रहे हैं उसका नमूना यहां देख लीजिए.

10वीं क्लास के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि HIV या एड्स शादी से पहले सेक्स करने और विवाहेत्तर संबंधों से फैल सकता है. और ये सब बाकायदा बायोलॉजी की पाठ्य पुस्तक में लिखा हुआ है. ये पाठ्यपुस्तक SCERT यानी State Council of Education Research and Training की पुस्तकें हैं.

एक पेज पर ग्राफिक चित्र बना हुआ है जिसमें बताया गया है कि ये बीमारी किन किन वजहों से फैलती है. जिनके बाकी कारणों के साथ एक कारण बताया गया है- through premarital/ extra marital sexual contact' यानी विवाहपूर्व या विवाहेतर यौन संबंधों से.

एड्स का कारण असुरक्षित यौन संबंध होते हैं. जो पढ़े-लिखे नहीं होते उन्हें भी एड्स से बचने के लिए यही समझाया जाता है कि असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं. लेकिन यहां पढ़े-लिखे लोग ही बच्चों को ये समझा रहे हैं कि एड्स के फैलने की वजह अनसेफ सेक्स नहीं बल्कि शादी से पहले सेक्स और शादी के बाद किसी और से सेक्स करने से फैलता है. यहा भी संस्कारी 'सेक्स एजुकेशन' दी जा रही है.

HIV के लिए कहीं असुरक्षित संबंधों की बात नहीं लिखी गई है

फिलहाल मामले की जानकारी SCERT को दी गई है और वहां से जवाब आया है कि उन्होंने भूल सुधार ली है, और अगले साल छपने वाली किताबों में इसे हटा लिया जाएगा.

इसे भूल कहें या मोरल पुलिसिंग?

इस तरह की बात का बच्चों की पाठ्य पुस्तक में छपा होना. इसे भूल कहें, अज्ञानता कहें या फिर व्यक्ति विशेष की सोच. लेकिन जो भी है बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है. क्योंकि 10वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे उम्र और बदलाव के उस दौर से गुजर रहे होते हैं जो बेहद...

अगर सवाल हो कि देश का सबसे साक्षर राज्य कौन सा है, तो जवाब होगा केरल. लेकिन केरल के बच्चे पढ़ क्या रहे हैं उसका नमूना यहां देख लीजिए.

10वीं क्लास के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि HIV या एड्स शादी से पहले सेक्स करने और विवाहेत्तर संबंधों से फैल सकता है. और ये सब बाकायदा बायोलॉजी की पाठ्य पुस्तक में लिखा हुआ है. ये पाठ्यपुस्तक SCERT यानी State Council of Education Research and Training की पुस्तकें हैं.

एक पेज पर ग्राफिक चित्र बना हुआ है जिसमें बताया गया है कि ये बीमारी किन किन वजहों से फैलती है. जिनके बाकी कारणों के साथ एक कारण बताया गया है- through premarital/ extra marital sexual contact' यानी विवाहपूर्व या विवाहेतर यौन संबंधों से.

एड्स का कारण असुरक्षित यौन संबंध होते हैं. जो पढ़े-लिखे नहीं होते उन्हें भी एड्स से बचने के लिए यही समझाया जाता है कि असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं. लेकिन यहां पढ़े-लिखे लोग ही बच्चों को ये समझा रहे हैं कि एड्स के फैलने की वजह अनसेफ सेक्स नहीं बल्कि शादी से पहले सेक्स और शादी के बाद किसी और से सेक्स करने से फैलता है. यहा भी संस्कारी 'सेक्स एजुकेशन' दी जा रही है.

HIV के लिए कहीं असुरक्षित संबंधों की बात नहीं लिखी गई है

फिलहाल मामले की जानकारी SCERT को दी गई है और वहां से जवाब आया है कि उन्होंने भूल सुधार ली है, और अगले साल छपने वाली किताबों में इसे हटा लिया जाएगा.

इसे भूल कहें या मोरल पुलिसिंग?

इस तरह की बात का बच्चों की पाठ्य पुस्तक में छपा होना. इसे भूल कहें, अज्ञानता कहें या फिर व्यक्ति विशेष की सोच. लेकिन जो भी है बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है. क्योंकि 10वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे उम्र और बदलाव के उस दौर से गुजर रहे होते हैं जो बेहद संवेदनशील होता है. ऐसे में सेक्स ऐसा विषय है जिसे लेकर वो पहले से ही असहज होते हैं. उसपर एड्स जैसे गंभीर विषय पर भ्रमित करने वाली जानकारी दी जा रही है. उन्हें unsafe sex या असुरक्षित यौन संबंध क्या होते हैं इस बारे में नहीं बताया जा रहा, बल्कि ये अभी से समझाा जा रहा है कि शादी से पहले सेक्स करोगो तो एड्स हो जाएगा. सोचिए बच्चों के दिमाग में क्या-क्या चल रहा होगा. जहां सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिए वहां संस्कार दिए जा रहे हैं.

बात सेक्स की नहीं सेक्स एजुकेशन की है, फिर यहां संस्कार क्यों?

जिन बातों के प्रति सरकार और बोर्ड को गंभीर होना चाहिए, वहीं पर लापरवाही की जाती है. ये कोई नया मामला नहीं है जब बच्चों की टेक्स्ट बुक में इस तरह की बातें लिखी गई हों या फिर मिसिंग हों. ज्ञात हो कि 2016 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक एक्सपर्ट पैनल को निर्देश देते हुए कहा था कि वो अपने एडोलेसेंट एजुकेशन प्रोग्राम से 'सेक्‍स' और 'सेक्शुअल' शब्‍द हटा दें. इस प्रोग्राम में करीब आधा पेज किशोर शिक्षा पर ही था, जिसमें मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध के खिलाफ विस्तृत जानकारी की वकालत की गई थी. लेकिन मंत्रालय के अधिकारियों ने चर्चा के आखिरी राउंड में इस पर आपत्ति दर्ज कराई. मिनिस्ट्री का कहना था कि 'सेक्स या सेक्सुअल जैसे शब्दों का इस्तेमाल न किया जाए और इस पूरे सेक्शन को एक ही वाक्य में समझा देना ही ठीक है'.

सरकारों को समझना चाहिए कि संस्कार देने के लिए बच्चों के माता-पिता हैं. स्कूल सिर्फ शिक्षा पर ध्यान दें.

सोशल मीडिया में खबर आते ही फिलहाल तो केरल की साक्षरता पर सवाल उठ रहे हैं. भला ऐसा राज्य जहां की साक्षरता दर 93.91 हो, वो कैसे हो गई. सरकार पर मोरल पुलिसिंग के आरोप लग रहे हैं. लोग एक सवाल और कर रहे हैं कि HIV वायरस को कैसे पता कि सेक्स करने वाले शादी शुदा हैं या नहीं?

केरल सरकार पर लोग इस तरह सवाल उठा रहे हैं

केरल सरकार को समझना चाहिए कि जिन गलतियों को छोटा समझकर उनपर ध्यान नहीं दिया जा रहा वो असल उतनी छोटी होती नहीं हैं. जो आरोप अभी सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे हैं, वो सरकार पर भारी न पड़ा जाएं. क्योंकि केरल में पढ़े-लिखे लोग रहते हैं.

ये भी पढ़ें-

'संस्कारी' सेक्स एजुकेशन का एक नमूना देखिए

...तो इसलिए पोर्न को ना माने सेक्स एजुकेशन का हिस्सा


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲